9 Class Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes In Hindi IS MATTER AROUND US PURE ?TextbookNCERTClassClass 9SubjectScienceChapterChapter 2Chapter Nameक्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैंCategoryClass 9 Science NotesMediumHindi Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं Notes In Hindi जिसमे हम पदार्थ , मिश्रण , विलयन , तत्व , यौगिक आदि के बारे में पड़ेंगे । Show Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं IS MATTER AROUND US PURE ? Notes In Hindi📚 Chapter = 2 📚 ❇️ पदार्थ :- 🔹 एक प्रकार का द्रव्य है जो कि भौतिक प्रक्रमों द्वारा अन्य प्रकार के द्रव्य में पृथक नहीं किया जा सकता है । एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों का बना होता है । ❇️ मिश्रण :- 🔹 मिश्रण एक पदार्थ है जो दो या अधिक तत्वों अथवा यौगिकों का , ( रासायनिक रूप से संयुक्त हुए बिना ) बना होता है । उदाहरण :- वायु ❇️ मिश्रण के प्रकार :- 🔹 मिश्रण दो प्रकार के होते हैं ।
❇️ संमागी मिश्रण :- 🔹 वे मिश्रण जिनमें पदार्थ परस्पर पूर्ण रूप से मिश्रित होते हैं और एक दूसरे से अविभेद्य होते हैं , संमागी मिश्रण कहलाते हैं । 🔹 सम्पूर्ण द्रव्यमान में एक समान संघटन होता है । 🔹 उदाहरण :- जल में शर्करा और ( चीनी ) का विलयन संमागी मिश्रण है । ❇️ विषमांगी मिश्रण :- 🔹 वे मिश्रण जिसमें पदार्थ पृथक रहते हैं और एक पदार्थ छोटे कणों , छोटी – छोटी बूँदों अथवा बुलबुले के रूप में , दूसरे पदार्थ में हर जगह फैला रहता है , विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं । 🔹 विषमांगी मिश्रण में , उसके पूरे द्रव्यमान में एक – सा संघटन नहीं होता है । 🔹 उदाहरण :-
❇️ विलयन :- 🔹 विलयन दो या दो से अधिक पदार्थों का समांगी मिश्रण है । 🔹 उदाहरण :- नींबू जल , सोड़ा जल आदि विलयन के उदाहरण हैं । ❇️ विलयन के प्रकार :- 🔹 किसी विलयन को दो भागों विलायक और विलेय में बाँटा जाता है । ❇️ विलायक :- 🔹 विलयन का वह घटक जो अधिक मात्रा में उपस्थित होता है , विलायक कहलाता है । ❇️ विलेय :- 🔹 विलयन का वह घटक जो कम मात्रा में उपस्थित होता है विलेय कहलाता है । ❇️ विलयन के गुण :-
❇️ विलयन की सान्द्रता :- 🔹 किसी विलयन के प्रति लीटर आयतन में घुले विलेय पदार्थ की मात्रा को ही विलयन की सान्द्रता कहते हैं । ❇️ संतृप्त विलयन :- 🔹 दिए गए निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं । ❇️ असंतृप्त विलयन :- 🔹 यदि एक विलयन में विलेय पदार्थ की मात्रा संतृप्तता से कम है तो इसे असंतृप्त विलयन कहा जाता है । ❇️ अतिसंतृप्त विलयन :- 🔹 यदि विलयन में विलेय पदार्थ की सान्द्रता , संतृप्त स्तर से अधिक हो तो उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते हैं । ❇️ निलम्बन :- 🔹 निलम्बन एक विषमांगी मिश्रण है जिसमें विलेय पदार्थ के कण घुलते नहीं , अपितु माध्यम की समष्टि में निलम्बित रहते हैं । ये निलम्बित कण आँखों से देखे जा सकते हैं ; जैसे- आटा जल मिश्रण , बालु जल आदि । ❇️ निलंबन के गुणधर्म :-
❇️ कोलॉइड :- 🔹 वह विलयन जिसमें कणों का आकार 1nm से 1000nm के बीच हो , कोलॉइड कैहलाता है । 🔹 जैसे :- स्टार्च विलयन , दूध , रक्त आदि । ❇️ कोलाइड के गुणधर्म :-
❇️ टिण्डल प्रभाव :- 🔹 कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश की किरणों का फैलना टिण्डल प्रभाव कहलाता है । ❇️ मिश्रण को पृथक करने के तरीके :- 🔶 1. वाष्पीकरण :- 🔹 मूल उद्देश्य :- मिश्रण के दो पदार्थों में से एक पदार्थ का वाष्पीकरण होना ( जैसे एक पदार्थ का क्वंथनांक दूसरे से कम होता है । 🔶 2. अपकेन्द्रीकरण :- 🔹 मूल उद्देश्य ( सिद्धान्त ) :- कणों या पदार्थों के घनत्व के कारण पृथक्करण जब किसी पदार्थ को तेजी से घुमाया जाता है तो ( denser particle ) भारी कण नीचे की तरफ दबाव डालते हैं तथा हल्के कण ऊपर चले जाते हैं । 🔶 3. पृथक्करण कीप :- 🔹 मूल सिद्धान्त :- दो अघुलनशील द्रव ( जो दोनों एक साथ नहीं घुल सकते ) को आसानी से पृथक्करण कीप द्वारा अलग कर सकते हैं । में पृथक्कारी कीप का स्टॉप कार्क खोलने से पानी दूसरे बीकर में इकट्ठा कर सकते हैं तथा दूसरे बीकर में बचा तेल इकट्ठा कर सकते हैं । 🔶 4. उर्ध्वपातन विधि :- 🔹 मूल सिद्धान्त :- दो पदार्थों के बीच एक पदार्थ उर्ध्वपातित हो जाता है ( सीधे ठोस से गैस में परिवर्तित हो जाना ) जबकि दूसरा ऐसे ही रहता है । 🔶 5. क्रोमेटोग्राफी :- 🔹 मूल सिद्धान्त :- किसी मिश्रण में रंगीन यौगिक , रंजित कणों को पृथक कर सकते हैं । किसी सोखने वाले फिल्टर पेपर की सहायता से जब पानी ( या किसी भी विलयन ) के कण ऊपर की ओर दो अलग – अलग रंग के साथ जाते हैं तो क्रोमेटोग्राफी पेपर द्वारा दोनों पृथक हो जाते हैं । क्योंकि दोनों रंग अलग – अलग गति से सोख लिये जाते हैं । 🔶 6. आसवन विधि :- 🔹 मूल सिद्धान्त :- दो संघटकों के बीच एक का क्वथनांक दूसरे से कम होता है । यह विधि दो या दो से अधिक घुलनशील द्रवों को अलग करने के लिए किया जाता है । 🔶 7. क्रिस्टलीकरण :- 🔹 मूल सिद्धान्त :- किसी मिश्रण से अशुद्धियों को दूर करने के लिए पहले किसी उपयुक्त विलयन में घोलना और क्रिस्टलीकरण द्वारा एक संघटक को पृथक करना । ❇️ भौतिक परिवर्तन :- 🔹 वह परिवर्तन जिसमें पदार्थ की अवस्थाओं का अन्तः रूपान्तरण तो होता है , परन्तु पदार्थ के संघटन तथा रासायनिक प्रकृति में कोई परिवर्तन नहीं होता , भौतिक परिवर्तन कहलाता है । 🔹 जैसे :- जल का नमक में घुलना , बल्ब जलना , मोम का पिघलना आदि । ❇️ रासायनिक परिवर्तन :- 🔹 वे परिवर्तन जिनमें एक या अधिक पदार्थ , किसी अन्य पदार्थ में परिवर्तित हो जाते हैं , रासायनिक परिवर्तन कहलाता है । 🔹 जैसे :- लोहे पर जंग लगना , कार्बन का जलकर कार्बन डाइऑक्साइड बनाना । ❇️ तत्व :- 🔹 पदार्थ का वह मूल रूप , जिसे रासायनिक अभिक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है , तत्व कहलाता है । 🔹 जैसे :- सोडियम , ताँबा , लोहा आदि । ❇️ तत्वों का वर्गीकरण :- 🔹 तत्वों को धातु , अधातु तथा उपधातुओं में वर्गीकृत किया जाता है । 🔶 धातु :- 🔹 वे तत्व जो सामान्य अभिक्रियाओं में अपने परमाणुओं से एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं , धातु कहलाते हैं । 🔹 जैसे :- ताँबा , लोहा , चाँदी आदि । 🔶 अधातु :- 🔹 वे तत्व , जो सामान्य अभिक्रियाओं में दूसरे तत्वों के परमाणुओं से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं अधातु कहलाते हैं । 🔹 जैसे :- ऑक्सीजन , क्लोरीन , आयोडीन , ब्रोमीन आदि । 🔶 उपधातु :- 🔹 कुछ तत्व धातु और अधातु के बीच के गुणों को दर्शाते हैं जिन्हें उपधातु कहते हैं । 🔹 जैसे :- बोरॉन , सिलिकन , जर्मेनियम आदि । ❇️ यौगिक :- 🔹 वह पदार्थ जो दो या दो से अधिक तत्वों के नियत अनुपात में रासायनिक तौर पर संयोजन से बनता है यौगिक कहलाता है । क्या हमारे आस पास के पदार्थ शुद्ध है?Class 9 Science Chapter 2 क्या हमारे आस – पास के पदार्थ शुद्ध हैं IS MATTER AROUND US PURE ? Notes In Hindi. 🔹 एक प्रकार का द्रव्य है जो कि भौतिक प्रक्रमों द्वारा अन्य प्रकार के द्रव्य में पृथक नहीं किया जा सकता है । एक शुद्ध पदार्थ एक ही प्रकार के कणों का बना होता है ।
कक्षा 9 विज्ञान पाठ 2 क्या हमारे आस पास के पदार्थ शुद्ध है?कक्षा 9 विज्ञान अध्याय 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
एक या एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना मिश्रण, पदार्थ कहलाता है। वे पदार्थ जो एक ही प्रकार के अणुओं और परमाणुओं से मिलकर बने होते हैं तथा सभी कणों की रासायनिक प्रकृति समान होती है, शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं।
शुद्ध पदार्थ से आप क्या समझते हैं?Solution : ऐसे पदार्थों को जो एक जैसी प्रकृति वाले रासायनिक कणों से मिलकर बने होते हैं, शुद्ध पदार्थ कहते हैं।
मिश्रण को शुद्ध पदार्थ क्यों कहा जाता है?Solution : मिश्रण के बनने में अवयवी तत्व अथवा यौगिक परस्पर रासायनिक संयोग नहीं करते हैं जिससे मिश्रण में अवयवी पदार्थों के गुणधर्म सदैव विद्यमान रहते हैं और मिश्रण से उन्हें सरल यान्त्रिक विधियों द्वारा अलग किया जा सकता है, इसलिए मिश्रण को अशुद्ध पदार्थ कहते हैं।
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