क्या एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना की जा सकती है नगर बहुप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं - kya ek prakaary vaale nagar kee kalpana kee ja sakatee hai nagar bahuprakaaryaatmak kyon ho jaate hain


एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि कोई भी नगर एक प्रकार्य पर आश्रित नहीं रह सकता। सभी नगर बहु-प्रकार्य होते हैं अर्थात् प्रत्येक नगर एक से अधिक प्रकार्य करता है। कुछ नगर अपने एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए अवश्य जाने जाते हैं। अत: उसके प्रधान व्यवसाय के आधार पर ही नगर का वर्गीकरण किया जा सकता हैं। जैसे कुरुक्षेत्र एक धार्मिक नगर है और फरीदाबाद एक शैक्षणिक नगर है, लेकिन यह वर्गीकरण एक सामान्य अवलोकन है। वैज्ञानिक विषलेषण पर आधारित तथ्य-परक अवलोकन नहीं है।

अपनी केंद्रीय अथवा नोडीय स्थान की भूमिका के अतिरिक्त अनेक शहर और नगर विशेषीकृत सेवाओं का निष्पादन करते हैं। कुछ शहरों और नगरों को कुछ निश्चित प्रकार्यों में विशिष्टता प्राप्त होती हैं और उन्हें कुछ विशिष्ट क्रियाओं, उत्पादनों अथवा सेवाओं के लिए जाना जाता है। फिर भी प्रत्येक शहर अनेक प्रकार्य करता है। उनके प्रमुख अथवा विशेषीकृत प्रकार्यों के आधार पर उसका वर्गीकरण किया जाता है; उच्चतर कम के प्रशासनिक मुख्यालयों वाले शहरों को प्रशासन नगर कहते हैं, जैसे कि चंडीगढ़, नई दिल्ली, भोपाल, शिलांग, गुवाहाटी, इंफाल, श्रीनगर, गांधी नगर, जयुपर, चेन्नई इत्यादि। मुंबई सेलम, कोयंबटूर, मोदीनगर, जमशेदपुर, हुगली, भिलाई इत्यादि औद्योगिक नगरों के रूप में प्रसिद्ध है। मसूरी, शिमला, पचमढ़ी, जोधपुर, जैसलमेर, उडगमंडलम (ऊटी), माउंट आबू , पर्यटन नगरों के रूप में प्रसिद्ध है।

विशेषीकृत नगर भी महानगर बनने पर बहुप्रकार्यात्मक बन जाते हैं जिनमें उद्योग व्यवसाय, प्रशासन, परिवहन इत्यादि महत्त्वपूर्ण हो जाते हैं। ये प्रकार्य इतने अंतर्ग्रथित हो जाते हैं कि नगर को किसी विशेष प्रकार्य वर्ग मेंवर्गीकृत नहींकिया जा सकता।


क्या एक प्रकार वाले नगर की कल्पना की जा सकती है नगर बहू प्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं?

नगर बहुप्रकार्यात्मक क्यों हो जाते हैं? एक प्रकार्य वाले नगर की कल्पना नहीं की जा सकती क्योंकि कोई भी नगर एक प्रकार्य पर आश्रित नहीं रह सकता। सभी नगर बहु-प्रकार्य होते हैं अर्थात् प्रत्येक नगर एक से अधिक प्रकार्य करता है। कुछ नगर अपने एक महत्वपूर्ण कार्य के लिए अवश्य जाने जाते हैं

महानगर क्या होते हैं ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं?

(iv) महानगर क्या होते हैं? ये नगरीय संकुलों से किस प्रकार भिन्न होते हैं? उत्तर: 10 लाख से 50 लाख की जनसंख्या वाले नगरों को महानगर कहा जाता है जबकि नगरीय संकुल कई विशेषीकृत नगरों व महानगरों के विकास तथा विस्तार के परिणामस्वरूप उनके आपस में प्रकार्यात्मक अंतर्संबंध बन जाने के कारण विकसित होते हैं

गैरिसन नगर क्या होते हैं उनका कार्य प्रकार क्या होता है?

छावनी नगरों को गैरिसन नगर कहते हैं। इन नगरों का उदय मुख्य रूप से ब्रिटिश शासन काल में हुआ था। इनका प्रकार्य सैनी छावनी से संबंधित होता है । अंबाला महू एवं जालंधर गैरिसन नगरों के उदाहरण है।

गुच्छित बस्तियों की क्या विशेषता है?

गुच्छित बस्तियों की विशेषताएँ क्या हैं? ये बस्तियाँ प्रायः खेतों के मध्य किसी ऊँचे और बाढ़ आदि से सुरक्षित स्थानों पर बसी होती हैं। इनमें सभी मकान एक-दूसरे से सटाकर बनाए जाते हैं। ये बस्तियाँ एक स्थान पर संकेन्द्रित होती हैं।