कविता में प्रयुक्त एक कम कौन है - kavita mein prayukt ek kam kaun hai

कविता में बार-बार प्रयुक्त 'हम' कौन है और उसकी चिंता क्या है?

कविता में हम शब्द ऐसे लोगों का सूचक है, जो सारी उम्र सत्य की खोज के लिए मारे-मारे फिरते हैं। वे सत्य को पहचानना तथा जानना चाहते हैं। उनकी मुख्य चिंता यह है कि वे सत्य का स्थिर रूप-रंग और पहचान नहीं खोज पा रहे हैं। यदि वे इन्हें खोज लेते हैं, तो वे सत्य को स्थायित्व प्रदान कर सकेगें। परन्तु सत्य की पहचान और स्वरूप तो घटनाओं, स्थितियों तथा लोगों के अनुरूप बदलती रहती है। कहीं पर वे किसी के लिए सत्य है, तो कहीं पर किसी के लिए कुछ भी नहीं। हम इसी चिंता में ग्रस्त होकर उसकी पहचान पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। परन्तु हर बार उनको निराशा हाथ लग रही है।

कविता में प्रयुक्त हम कौन हैं?

कविता में हम शब्द ऐसे लोगों का सूचक है, जो सारी उम्र सत्य की खोज के लिए मारे-मारे फिरते हैं। वे सत्य को पहचानना तथा जानना चाहते हैं। उनकी मुख्य चिंता यह है कि वे सत्य का स्थिर रूप-रंग और पहचान नहीं खोज पा रहे हैं

सत्य कविता में प्रयुक्त रस कौन सा है?

सत्य की विजय कविता :- वीर रस की एक प्रेरणादायक कविता | Satya Ki Vijay Kavita.

प्रस्तुत पंक्तियों के कवि कौन हैं?

(ग) प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ अंतरा भाग-2 नामक पुस्तक में संकलित कवित्त से ली गई हैं। इसके रचयिता रीतिकाल के प्रसिद्ध कवि घनानंद है। प्रस्तुत पंक्तियों में कवि संयोग तथा वियोग अवस्थाओं का आपस में तुलनात्मक अध्ययन कर रहा है। व्याख्या- घनानंद कहते हैं कि जब तक मैं तुम्हारे साथ था, तब तक तुम्हारी छवि देखकर मैं जीवित था।

क्यों कविता के कवि कौन है?

क्यों 'राष्ट्रकवि' रामधारी सिंह दिनकर जैसा कोई नहीं! - BBC News हिंदी