ऐश्वर्या 47 साल की हो चुकी हैं और इस उम्र में नैचुरल तरीके से मां बनने की संभावना कम ही होती है। आइए जानते हैं कि इस उम्र में कंसीव करने की संभावना कितनी होती है? जी हां, 45 साल की उम्र के बाद भी महिलाएं प्रेगनेंट हो सकती हैं। हालांकि, इस एज में नैचुरली कंसीव करना थोड़ा मुश्किल होता है। 20 साल की उम्र के बाद महिलाओं की फर्टिलिटी सबसे ज्यादा अच्छी होती है और 30 के मध्य की उम्र में आने के बाद फर्टिलिटी पॉवर घटना शुरू हो जाती है। 40 के बाद इसमें तेजी से गिरावट आती है क्योंकि महिला की ओवरी में एक तय संख्या में एग होते हैं और उम्र बढ़ने पर एग की संख्या घटने लगती है। इन बचे हुए एग में क्रोमोसोमल असामान्यता हो सकती है या मिसकैरेज का खतरा हो सकता है। उम्र जितनी ज्यादा होगी प्रेगनेंसी में उतनी ही ज्यादा समस्याएं आने की आशंका रहेगी। इसका मतलब यह है कि 45 की उम्र में कई महिलाओं के लिए नैचुरली कंसीव करना मुश्किल होगा लेकिन नामुमकिन नहीं है। यह भी पढ़ें : कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो आज ही छोड़ दें ये बुरी आदतें 47 के बाद प्रेगनेंट होने के चांसहेल्दी कपल्स में महिला के 20 और 30 की शुरुआती उम्र में प्रेगनेंट होने के चांस 25 से 30 प्रतिशत होते हैं। 35 की उम्र के बाद नैचुरली प्रेगनेंट होने की संभावना 15 प्रतिशत होती है और 40 के बाद यह घटकर 5 फीसदी रह जाती है। 45 की उम्र के बाद नैचुरली कंसीव करना मुश्किल होता है और किसी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की मदद लेनी पड़ती है। 47 के बाद प्रेगनेंट होने के विकल्पअगर आप 45 साल की उम्र के बाद प्रेगनेंट होना चाहती हैं तो आपको
आईवीएफ की मदद लेनी पड़ सकती है। इसके अलावा कई एक्ट्रेसेस एग फ्रीजिंग करवाती हैं और अधिक उम्र में प्रेगनेंट होती हैं। एग फ्रीजिंग में कम उम्र
की महिलाओं के अच्छी क्वालिटी वाले एग्स फ्रीज कर दिए जाते हैं और जब वो मां बनना चाहती हैं तो इन्हीं एग्स को इंप्लांट किया जाता है। 40 के बाद आईवीएफ से प्रेगनेंट होने पर भ्रूण की क्रोमोसोमल स्क्रीनिंग की सलाह दी जाती है। यह भी पढ़ें : एग फ्रीजिंग के लिए सही उम्र पर भी दें ध्यान 47 में प्रेगनेंसी के लक्षणकिसी भी उम्र में प्रेगनेंट होने के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। आपको
प्रेगनेंट होने पर मॉर्निंग सिकनेस (मतली और उल्टी), थकान, क्रेविंग, प्रेगनेंसी में कब्ज और पेट फूलना, सीने में जलन, ब्रेस्ट में दर्द, दर्द और कमर
दर्द, सूजन और बार बार पेशाब आना शामिल है। उम्र जितनी ज्यादा होगी दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी उतनी ही ज्यादा आएंगीं। यह भी पढ़ें :
मां के पेट में क्या सबसे ज्यादा एंजॉय करते हैं बच्चे Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें महिला की प्रजनन उम्र-कैरियर के चलते कई महिलाएं 21 वीं सदी में बच्चे को जन्म देने के निर्णय का टालती हैं। इससे महिला की प्रजनन दर के मुकाबले उसकी उम्र में काफी वृद्धि हुई है। अधिकतर दंपति गर्भावस्था को प्राप्त करने के लिए एआरटी पर निर्भर हंै। अधिक उम्र के बाद भी सही प्रजनन दर डिम्बग्रंथि रिजर्व पर आधारित होती है यानी एक निश्चित उम्र में दोनों अंडाशय में स्वस्थ अंडों की संख्या। अंडों में उर्वरता की कमी, गिरावट, अनियमित चक्र रजोनिवृत्ति का संकेत देता है। अंडों की गुणवत्ता क्षय से प्रजनन क्षमता कम हो जाती है जिसे गर्भधारण करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया गया है। विषय विशेषज्ञों की तो उनके मुताबिक 20 वर्ष से 35 वर्ष के बीच की आयु गर्भधारण के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है। 30 से 40 साल की उम्र में प्रजनन उपचारों के बिना गर्भधारण करने की पूरी संभावना होती है। रजोनिवृत्ति की शुरूआत सभी महिलाओं में अलग-अलग है लेकिन औसतन इसकी उम्र 51 वर्ष मानी गई है। 31 साल की उम्र के बाद महिला की प्रजनन दर में कमी आने लगती है, एक कमी जो 37 साल की उम्र के बाद तेज हो सकती है और नि:संतानता की ओर ले जाती है। प्राकृतिक और सहायक प्रजनन क्षमता में कमी-मानव प्रजातियों में औसत मासिक उर्वर दर [ फेकुंडिटी दर ]लगभग 20 फीसदी है। बढ़ती उम्र के साथ ऊपजाऊपन कम हो जाता है। 45 वर्षों के बाद, यदि कोई महिला गर्भावस्था की योजना बना रही है, तो उसे पहले से ही चिकित्सकों के साथ जटिलताएं और आनुवंशिक काउंसलर के साथ आनुवंशिक असामान्यताएं होने के जोखिमों पर चर्चा करनी चाहिए। गर्भधारण के बाद कुछ परीक्षण किए जा सकते हैं जैसे यूएसजी, रक्त परीक्षण, एमनियोसेंटेसिस या सीवीएस (कोरियोनिक विलस सैंपलिंग) जैसे कुछ जन्म दोषों की जांच। उपचार के विकल्प उपलब्ध हैं-यदि 45 वर्ष की आयु की महिला बच्चे को जन्म देना चाहती है, तो उसे फर्टिलिटी विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए। कई अध्ययनों से पता चलता है उचित इनफर्टिलिटी कार्य होना चााहिए।-ओवेरियन रिजर्व का अनुमान महिला की उम्र से होता है, जिसके बाद यूएसजी के लिए एएफसी, एएमएच स्तर होता है। डिम्बग्रंथि रिजर्व आईवीएफ-अंडे को हटाने और उन्हें लैब में पुरुष साथी के शुक्राणु के साथ निषेचित करने और फिर परिणामस्वरूप भ्रूण को गर्भाशय में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया आईवीएफ है। हालांकि, आईवीएफ के साथ भी गर्भधारण करने की संभावना बढ़ती उम्र 40 साल से कम और इससे अधिक और 45 वर्ष से कम की उम्र में काफी कम है, खासकर जब महिला अपने ही अंडों से गर्भ धारण करने की कोशिश कर रही हो। एक महिला में 45 वर्ष से कम उम्र में यदि आईवीएफ उसके स्वयं के अंडे के साथ काम नहीं करता है, तो महिला दाता अंडे के साथ आईवीएफकरवा सकती है। डिंब दान चक्र में, अंडों को दूसरी महिला से प्राप्त किया जाता है, जो छोटी (20-30 वर्ष की आयु) है और साथी के शुक्राणु के साथ निषेचित होती है और परिणामस्वरूप भ्रूण वापस महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। दाता अंडे के साथ आईवीएफ के माध्यम से गभार्धान की संभावना बहुत अधिक है। जबकि दाता महिला को डिम्बाणुजन कोशिका या ऊसाइट पुनर्प्राप्ति के लिए हार्मोनल इंजेक्शन दिया जाता है, प्राप्तकर्ता महिला को निषेचित अंडे यानी भ्रूण प्राप्त करने के लिए उसके गर्भाशय को तैयार करने के लिए हार्मोनल थेरेपी दी जाती है। अतिरिक्त भ्रूण भविष्य में उपयोग के लिए क्रायोप्रेसिव हो सकते हैं। आईवीएफ से जन्म लेने वाले बच्चे का जन्म दाता के अंडे के साथ होता है, लेकिन यह माता से आनुवंशिक रूप से संबंधित नहीं होगा, केवल पिता और दाता महिला के साथ ही होगा। सुरक्षा– 45 साल की उम्र में गर्भावस्था
एक उच्च जोखिम गर्भावस्था है। एआरटी की योजना बनाने से पहले कार्डियोलॉजिस्ट फिटनेस अनिवार्य रूप से लिया जाता वृद्ध महिलाओं में भी गर्भपात, प्रसव पूर्व जन्म और प्लेसेंटा प्रिविया, अचानक होने की दर अधिक होती है। लंबे समय तक प्रसव और सीजेरियन सेक्शन की संभावना अधिक होती है। जन्मजात असामान्यताओं के साथ एक बच्चा होने की संभावना बढ़ जाती है जब एक महिला अपने स्वयं के अंडे का उपयोग ओडी चक्रों की तुलना में करती है जहां अंडा दाता की उम्र बहुत कम होती है। ऊसाइट क्रायोप्रेजर्वेशन-यदि एक महिला 40 की उम्र तक प्रसव में देरी करना चाहती है, तो उसे प्रजनन सुरक्षा के कुछ तरीकों पर विचार करना चाहिए। ेर से मां बनने के लिए जैसे कि एग फ्रीजिंग तकनीक अपनाना। ऊसाइट फ्रीजिंग की सफलता अच्छी तरह से स्थापित है। जो महिला को गर्भावस्था को स्थगित करने का अवसर देती है। मसलन कैरियर, चिकित्सकीय कारण, कैंसर या सामाजिक कारण से मां नहीं बनना चाहती हो। कई अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि बांझपन की समस्या उम्र बढ़ने से संबंधित जर्म सेल के बिगड़ने के कारण होती है, हालांकि अधिकांश बुजुर्ग महिलाओं में गर्भाशय पूरी तरह कार्यात्मक रहता है। इसलिए बाद में 45 साल की उम्र में भी एक महिला अपने जैविक बच्चे को पा सकती है। निष्कर्षवैज्ञानिक प्रगति के चलते आईवीएफ से गर्भावस्था को
प्राप्त करने और पितृत्व का आनंद लेने के लिए 45 वर्ष की महिला के लिए भी बहुत अच्छे Articles2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 2022 क्या 40 की age में मां बन सकते हैं?एक स्वस्थ जीवनशैली, अनुभवी डॉक्टर की सलाह और आधुनिक चिकित्सा उपचार के ज़रिये अब आप 40 की उम्र में भी माँ बनने का सपना पूरा कर सकती हैं।
क्या 45 साल की उम्र में मां बन सकते हैं?क्या 40-45 की उम्र में प्रेग्नेंसी संभव है? 40-45 की उम्र में सामान्य गर्भावस्था (pregnancy after menopause in Hindi) प्राप्त की जा सकती है।
मां बनने के लिए सबसे अच्छी उम्र कौन सी है?नंदिनी पलशेतकर के मुताबिक मां बनने की सबसे अच्छी उम्र 25-35 है. उन्होंने बताया, ''35 की उम्र के बाद मां बनने में काफ़ी मुश्किलें आती हैं. इसलिए 25 से 35 साल के बीच के दस साल का सही समय होता है.
महिला कितनी उम्र तक मां बन सकती है?मां बनने के लिए अब उम्र की कोई सीमा नहीं रही. तकनीक और लाइफ स्टाइल में आए बदलावों ने अब कुछ देर से मां बनने के सपने को भी साकार करना शुरू कर दिया है यही वजह है कि 34-36 साल की उम्र में भी महिलाएं अब स्वस्थ बच्चे को जन्म दे रही हैं.
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