किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं (Gods and Goddesses) को समर्पित होते हैं. इस दिन भक्‍त अपने भगवान (God) की पूजा, आराधना करते हैं. ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

सप्ताह के सातों दिनों के नाम भी ग्रहों के आधार पर रखें गए हैं. ऐसे में अगर इनके अनुसार देवी देवताओं की पूजा की जाए तो उनकी कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख शांति रहती है. अगर आप भी चाहते हैं कि आप पर भगवान (God) की कृपा बनी रहे तो आपको जरूर जानना चाहिए कि सप्‍ताह का कौन सा दिन किन देवी देवताओं (Gods and Goddesses) को समर्पित है और उस दिन किनकी पूजा की जानी चाहिए.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

रविवार का दिन सूर्य नारायण को समर्पित है. इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाए तो भक्‍त को सूर्य के समान तेज प्राप्त होगा. साथ ही उसकी यश-कीर्ति भी बढ़ेगी.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. भोले भंडारी अपने भक्तों के सारी मनोकामनाएं दूर करते हैं. सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का दिन है. मान्‍यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने और चालीसा पढ़ने से वह प्रसन्‍न होते हैं और भक्तों को भय से मुक्ति मिलती है.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

बुधवार का दिन बुध ग्रह का दिन भी माना गया है. मान्‍यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से सारे दुख दूर होते हैं. साथ ही उनसे बुद्धि का वरदान मिलता है.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

गुरुवार का दिन गुरु ग्रह का दिन माना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्‍यता है कि गुरुवार के दिन पूजा करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

मान्‍यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से भक्‍तों पर उनकी विशेष कृपा होती है. शुक्र ग्रह को भौतिक सुखों का कारक माना गया है. शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी, मां संतोषी और मां दुर्गा की पूजा करनी चाहिए.

किस दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए? - kis din kaun se bhagavaan kee pooja karanee chaahie?

शनिवार का दिन न्याय के देव शनिदेव को समर्पित है. इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार 33 करोड़ देवी-देवता हैं, पर इन सभी की पूजा एक-साथ करना संभव नहीं है। इसलिए हर दिन का अपना एक महत्व होता है, जिसके अनुसार लोग उस दिन किसी विशिष्ट देवी-देवता की पूजा करते हैं। इसी प्रकार सप्ताह के सातों दिनों का भी विशेष महत्व होता है।

हालांकि हिन्दू धर्म के अनुसार लोग इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि कौन सा दिन किस देवी-देवता को समर्पित है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सप्ताह के दिनों के मुताबिक कौन से देवी या देवता का पूजन करना चाहिए और शुभ फल प्राप्त करने के लिए किस देवी-देवता का उपाय करना चाहिए।

रविवार

नव ग्रह के राजा सूर्यदेव की पूजा रविवार के दिन होती है। इनकी पूजा करने के लिये सुबह गायत्री मंत्र पढ़ कर जल चढ़ाना होगा। रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित है। ऐसे में रविवार को सूर्यदेव की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन कराने से समस्त प्रकार के शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

सोमवार

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस दिन भगवान नीलकंठ की पूजा की जाती है। उन्‍हें दूध, चावल और चीनी चढ़ाया जाता है। वैसे तो सोमवार का दिन भोलेनाथ यानी भगवान शंकर का दिन है। लेकिन अगर आपकी सम्पत्ति प्राप्ति की इच्छा है तो सोमवार के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करें और ब्राह्मणों को सपत्नीक घी से पका हुआ भोजन कराएं।

मंगलवार

हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था, इसलिए मंगलवार के दिन उनकी पूजा का विशेष महत्व है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही मंगलवार को रोग की शांति के लिए काली मां की पूजा कर, उड़द, मूंग और अरहर की दाल से युक्त भोजन ब्राह्मण को कराने से लाभ मिलता है।

बुधवार

बुधवार का दिन बुद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की उपासना का दिन है। बुधवार को श्री गणेश पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही बुधवार को दही युक्त अन्न से भगवान विष्णु की पूजा करने से पुत्र सुख मिलता है।

गुरुवार

भगवान विष्‍णु की पूजा गुरुवार के दिन की जाती है। इस दिन भगवान विष्‍णु की पत्‍नी यानी लक्ष्‍मी जी की भी पूजा की जाती है। भाग्‍य बदलना हो या फिर खूब सारा पैसा पाना हो तो इनकी जोड़े से पूजा करें। जो श्रद्धालु दीर्घायु होने की इच्छा रखते हैं वे गुरुवार को वस्त्र, यज्ञोपवीत और घी मिश्रित खीर से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करें।

शुक्रवार

शुक्रवार का दिन देवी दुर्गा को समर्पित है, इसलिए इस दिन दुर्गा जी के साथ ही उनके सभी अवतारों की पूजा की जाती है। समस्त प्रकार के भोगों की प्राप्ति के लिए शुक्रवार को एकाग्रचित्त होकर देवी दुर्गा के साथ ही अन्य देवताओं का पूजन करने से और यथासंभव ब्राह्मणों को अन्न दान करने से पुण्य फल की प्रप्ति होती है।

शनिवार

शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित है इसलिए यदि आपकी शनि की दशा खराब चल रही है तो आप इस दिन म‍ंदिर में शनी देव की पूजा कर उन्‍हें शांत कर सकते हैं। इस दिन भगवान हनुमान और काली माता की भी पूजा की जाती है। शनिवार अकाल मृत्यु का निवारण करने वाला है। इस दिन शनिदेव के साथ ही भगवान रुद्र की पूजा करें। तिल से होम कर जरुरतमंदों को दान करें और ब्राह्मणों को तिल मिश्रित भोजन कराएं।

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लोकप्रिय पेरेंटिंग एंड अर्ली चाइल्डहुड लर्निंग कोच डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने कैडबरी बॉर्नविटा की पहल 'तैयारी जीत की' के तहत पेरेंटिंग पर अपनी पहली किताब 'योर पार्टनर इन पेरेंटिंग' की प्रस्तुत

डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारत की सबसे तेजी से बढ़ती पेरेंटिंग रिसोर्स ऑर्गनाइजेशन'गेट सेट पेरेंट विद पल्लवी' की संस्थापक और प्रसिद्ध पेरेंटिंग एवं अर्ली चाइल्डहुड लर्निंग कोच डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदीने हाल ही में 'योर पार्टनर इन पेरेंटिंग' शीर्षक से एक ई-बुक प्रस्तुत की है जो कि कैडबरी बॉर्नविटा की वेबसाइट 'तैयारी जीत की' पर उपलब्ध कराई जा रही है। यह 7-14 साल के बच्चों वाले माता-पिता के लिए एक पेरेंटिंग बाइबल का कार्य करेगी।

इस ई-बुक का उद्देश्य अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए एक मजबूत नींव का निर्माण करते हुए पेरेंटिंग की चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ उन्हें सशक्त बनाना है। प्रभावी पालन-पोषण के लिए ई-बुक में 4 महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है जिनमें मानसिक स्वास्थ्य, शारीरिक स्वास्थ्य, पोषण स्वास्थ्य और शिक्षा शामिल हैं।

डॉ पल्लवी पेरेंट्स को अपने दिमाग को खुले रखने और सामाजिक दबावों के आगे झुके बिना अपनी समझ के अनुसार कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। 'योर पार्टनर इन पेरेंटिंग' पेरेंट्स को प्रेरित करने का प्रयास करती है, और साथ ही आत्मनिरीक्षण को बढ़ावा देती है ताकिउन्हें पालन-पोषण की अपनी यात्रा के लिए बेहतर तरीके से तैयार कर सकें।

#TayyariParentsKi पेरेंटिंग कोच के रूप में अपने वर्षों के अनुभव की झलक डॉ पल्लवी ने अपनी इस पुस्तक में दिखाई है जो माता-पिता के लिए दृढ़ता, लचीलापन और धीरज में निहित प्रेरणा के रूप में कार्य करती हैं और हर दिन बच्चों को सफलता के लिए तैयार करने के प्रयास में सहायक बनती है। पुस्तक का उद्देश्य माता-पिता में अपने बच्चे की आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने की क्षमता को समझने के लिए विश्वास पैदा करना है।

पुस्तक पर बात करते हुए डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने कहा, “कैडबरी के बोर्नविटा जैसे ब्रांड के साथ कार्य करना एक सम्मान की बात है जिसने हमेशा प्रगतिशील पेरेंटिंग को आगे बढ़ाया है। उनके साथ कार्य करना एक बेहतरीन अनुभव है। अपने बच्चे के साथ हर माता-पिता की पेरेंटिंग की यात्रा अनोखी और चुनौतियों से भरी होती है। हम गेट सेट पेरेंट के माध्यम से माता-पिता के साथ इसी पहलू पर काम कर रहे हैं ताकि उन्हें जानकारियां देकर और जागरुक बनाकर सचेत पेरेंटिंग के लिए सक्षम बनाया जा सके। पेरेंटिंग कोच के रूप में हमारे कार्य ने कई अभिभावकों को दैनिक चुनौतियों निपटने और सकारात्मक पेरेंटिंग को बढ़ावा देने में मदद की है। मेरी किताब इन्हीं सीखों को सामने रखने का एक प्रयास है, जो मुझे विश्वास है कि माता-पिता को वास्तविक जीवन की स्थितियों में मदद करेगी। 'योर पार्टनर इन पेरेंटिंग' उपलब्धियों, चुनौतियों और पेरेंटिंग के प्रयासों पर अधिक प्रभावी ढंग से ध्यान केंद्रित करते हुए बच्चों की आत्मविश्वास से पूर्ण और स्वस्थ परवरिश को बढ़ावा देती है तथा सकारात्मक पालन-पोषण की नींव रखती है।

डॉ. पल्लवी के साथ सहयोग पर बात करते हुए विकासदीप कात्याल, मार्केटिंग डायरेक्टर, जीसीबीएम, मोंडेलेज़ इंडिया ने कहा, ''बच्चों के लिए भारत का सबसे पसंदीदा हेल्थ ड्रिंक होने की अपनी सात दशक लंबी विरासत के साथबॉर्नविटा वास्तव में माता-पिता के साथ साझेदारी करने के उद्देश्य को आगे बढ़ा रहा है जिससे वे अपने बच्चों की वास्तविक क्षमता को अनलॉक कर सकें। “तैयारी जीत की... वेबसाइट का मंच उन माता-पिता के लिए बनाया गया है जो अपने बच्चों को आज की दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार करने के तरीकों की तलाश कर रहे हैं।

हमने डॉ पल्लवी राव चतुर्वेदी के साथ कई वर्षों के पेरेंटिंग के अनुभव और आधुनिक माता-पिता-बच्चे के संबंधों की गतिशीलता में उनकी अनूठी अंतर्दृष्टि से लाभ उठाने के लिए भागीदारी की है। उनकी पुस्तक 'योर पार्टनर इन पेरेंटिंग'7-14 वर्ष के बीच बच्चों के माता-पिता के लिए एक संसाधन के रूप में कार्य करेगी। वास्तव में बोर्नविटा के उद्देश्यसकारात्मक और प्रगतिशील पेरेंटिंग पर ध्यान देने के साथ माता-पिता और बच्चों को उनकी “तैयारी जीत की” में मदद करता है।

“तैयारी जीत की” पेरेंटिंग सपोर्ट के लिए कैडबरी बॉर्नविटा का एक प्लेटफॉर्म है, जो लगातार आगे बढ़ने की फिलॉसफी में विश्वास करते हुए जो मां-बच्चे के रिश्तों को विकसित करने और बच्चों को जीवन में जीतने में मदद करता है। उनके हालिया वायरल अभियान 'फोर्स्ड पैक्स' ने समाज के हर बच्चे की व्यक्तिगत क्षमता को पहचानने और उसका पोषण करने के लिए एक मजबूत संदेश भेजा है। पेरेंटिंग पर केंद्रित यह प्लेटफॉर्म माता-पिता को अपने बच्चों को लगातार दबाव के बावजूद उनकी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने के लिए तैयार करने में मदद करता है।
ई-बुक डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक करें: https://www.tayyarijeetki.in/download-e-book/

लेखक की प्रोफ़ाइल के लिंक पर क्लिक करें: https://docs.google.com/document/d/1gcUeIm9JP6tZCWmn0rOFXugn2RLP1xI6O30pkp8ZeYo/edit?usp=sharing

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आईसेक्ट द्वारा प्राणिक हीलिंग पर विशेष सत्र का आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करते हुए कार्य क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईसेक्ट द्वारा अपने एम्पलॉइज के लिए प्राणिक हीलिंग पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इसमें ऑडियो विजुअल के माध्यम से ट्रेनर और सलाहकार निकुंज डिडवानिया ने ऊर्जा क्या होती है, ऊर्जा के स्त्रोत क्या है, ऊर्जा को महसूस कैसे करते है एवंऊर्जा विज्ञान का डेमो सेशनदेते हुए विभिन्न जानकारियां साझा की। उन्होंने बताया कि प्राणिक हीलिंग की प्रक्रिया स्वस्थ जीवन प्रदान करने के साथ व्यक्गित और व्यावसायिक उन्नति का रास्ता भी खोलती है। इससे शरीर एवं पर्यावरण की ऊर्जा का प्रयोग कर शारीरिक एवं मानसिक क्षमता का विकास किया जा सकता है, निर्णय लेने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है, करियर ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है, आपसी संबंधों को सुधारने में भी सहायक है। इस दौरान आईसेक्ट संस्थान समूह से 35 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और प्राणिक हीलिंग को जाना। 

आईसेक्ट की इस पहल पर बात करते हुए निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और आगे भी ऐसी व्यक्तित्व विकास उन्मुख कार्यक्रमों को आयोजित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराया। इस विशेष सत्र के आयोजन में आईसेक्ट कॉर्पोरेट एचआर टीम से अर्चना जैन और अभिषेक यादव का सहयोग रहा। 

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नवागंतुकों के लिए फ्रेशर पार्टी का हुआ आयोजन

डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में सत्र 2022 - 23 के लिये प्रवेशित छात्र - छात्राओं के स्वागत में रंगारंग  कार्यक्रम - " फ्रेशर पार्टी 2022 - 23" का आयोजन किया गया। संस्था की परम्पराओं को निभाते हुये कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुई।

कार्यक्रम में उपस्थित संस्था के ग्रुप संचालक डॉ. देवेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि सुश्री अदिती चतुर्वेदी, सभी प्राध्यापकों, अभिभावकों एवं छात्र - छात्राओं इत्यादि का स्वागत किया।  उन्होंने कहा की सभी छात्रों को अनुशासन में रह कर ही अपनी पढ़ाई करना चाहिए तथा प्रायोगिक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुंचना चाहिए।

मुख्य अतिथि सुश्री अदिती चतुर्वेदी ने सभी नवागंतुक छात्र - छात्राओं का स्वागत किया तथा उन्हें बधाई दी कि वे अपने जीवन के सबसे अच्छे समय से गुजर रहे है और इस मोड़ पर सिर्फ अनुशासन व लगन से अपने आगामी भविष्य को सँवार सकते हैं। आगे उन्होंने कहा कि छात्रों को स्वयं से ईमानदार रहना होगा तथा पढ़ाई को सर्वोपरि रखते हुए अपने लक्ष्य को बनाना व पाना होगा। उन्होंने आईसेक्ट ग्रुप के बारे में संझिप्त में बताते हुए कहा कि नवागंतुक छात्रों ने प्रतिष्ठित स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश लेकर अपने भविष्य को संवारने की एक उत्तम पहल की है।

इस दौरान कार्यक्रम में छात्र - छात्राओं ने गायन, नृत्य, नाटक इत्यादि की प्रस्तुति दी जिनका मूल्यांकन अनुभवी शिक्षकों के पैनल द्वारा किया गया। सभी प्रतिभागी छात्रों ने पूरे उत्साह से समारोह में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में अलग-अलग विधाओं में छात्र–छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया। इसमें बतौर मिस्टर फ्रेशर गोपाल पवार (बीई- सीएस), मिस फ्रेशर मुस्कान गौर (बीई-सीएस), बेस्ट परफॉर्मेंस मेल नीतेश राजपूत (एमबीए), बेस्ट परफॉर्मेंस फीमेल मुस्कान चौहान (बीई- सीएस), बेस्ट पर्सनेलिटी मेल आलेख (एमसीए), बेस्ट पर्सनेलिटी फीमेल श्रेया ओगले (एमबीए), बेस्ट टैलेंट मेल – सुजल चौधरी (डिप्लोमा- ईएक्स), बेस्ट टैलेंट फीमेल शिवानी चौहान (बीई - सीएस) और सांत्वना पुरस्कार अभिलाषा दुबे तथा प्रतिक्षा ठाकुर को नाट्य प्रस्तुति के लिए दिया गया।

कार्यक्रम में उपस्थित सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग श्री अनिल सोनी ने सभी प्रवेशित छात्र- छात्राओं को बधाई दी और बताया कि पढ़ाई क साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेना भी अति आवश्यक है जिससे छात्रों का सर्वांगीम व्यक्तित्व का विकास होता है। साथ ही स्वयं पर विश्वास भी बढ़ता है। कार्यक्रम में उपस्थित टैगोर अंतरराष्ट्रीय कला एवं संस्कृति केंद्र के संचालक श्री विनय उपाध्याय ने छात्र-छात्रों का मनोबल बढ़ाया। विनय उपाध्याय को आवाज के जादूगर के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने बड़े ही उत्कृष्ट अंदाज में छात्र-छात्राओं को संबोधित किया।

कार्यक्रम का आयोजन संस्था की टी. एंड पी. संचालिका डॉ. मोनिका सिंह द्वारा किया गया। मंच संचालन छात्र - छात्राओं ने बड़े ही सुचारू रूप से किया। इस कार्यक्रम में स्कोप ग्रुप के सभी सहयोगी संस्थानों के प्राचार्य व प्राध्यापक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में डॉ. मोनिका सिंह ने सभी छात्र- छात्रो को बधाई दी तथा उनके आगामी भविष्य के लिए शुभाशीष भी दी।

कौन से दिन कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए?

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शिवपुराण में सातों दिनों के हिसाब से देवताओं के पूजन का महत्व बताया है। रविवार को सूर्य, सोमवार को चंद्र, मंगलवार को मंगल, बुधवार को बुध, गुरुवार को बृहस्पति, शुक्रवार को शुक्र और शनिवार को शनि का पूजन करना श्रेष्ठ रहता है।

बुधवार के दिन कौन से भगवान का दिन रहता है?

बुधवार का दिन बुद्धि के दाता भगवान श्री गणेश की उपासना का दिन है। बुधवार को श्री गणेश पूजा का विशेष महत्व है। साथ ही बुधवार को दही युक्त अन्न से भगवान विष्णु की पूजा करने से पुत्र सुख मिलता है। भगवान विष्‍णु की पूजा गुरुवार के दिन की जाती है।

भगवान श्री कृष्ण का कौन सा दिन होता है?

कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था । कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के नाम से भारत, नेपाल, अमेरिका सहित विश्वभर में मनाया जाता है।

किस्मत के देवता कौन है?

हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार, अगर आपकी भाग्य रेखा खंडित हो और उसमें दोष भी हो तो इन्हें लक्ष्मी माता की पूजा करनी चाहिए। साथ ही ओम श्रीं, ह्रीं, श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।