संसदीय व्यवस्था ने कार्यपालिका को नियंत्रण में रखने के लिए विधायिका को बहुत-से अधिकार दिए हैं। कार्यपालिका को नियंत्रित करना इतना जरूरी क्यों है? आप क्या सोचते हैं ? Show मंत्रिमंडल अपने सभी कार्यो के लिए व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से संसद के प्रति दायित्व उत्तरदाई होता है। संसद मंत्रियों से प्रश्न पूछकर, उनकी आलोचना करके तथा अविश्वास के प्रस्ताव द्वारा मंत्रिमंडल पर नियंत्रण रखती है। मंत्रिमंडल संसद में बहुमत रहने तक ही कार्यरत सकता है। संसदीय कार्यपालिका का अर्थ होता है:
D. ऐसी कार्यपालिका जो संसद के बहुमत के समर्थन पर निर्भर हो इस चर्चा को पढ़कर बताएँ कि कौन सा कथन भारत पर सबसे ज्यादा लागू होता है:
इन तीनों कर्तव्यों में बॉबी का कथन भारतीय परिपेक्ष्य में प्रधानमंत्री की स्थिति को व्यक्त करता हैं। भारत में, प्रधानमंत्री का सरकार में स्थान सर्वोपरि होता है। मंत्रि-परिषद् के प्रधान के रूप में प्रधानमंत्री अपने देश की सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण पदाधिकारी होता है। निश्चय ही प्रधान मंत्री को अत्यधिक शक्तियां प्राप्त है फिर भी लोकसभा में बहुमत को बनाए रखने के लिए और अन्य कारणों से भी उसके निर्णयों को राजनितिक दल के सदस्य, सहयोगी दल व तत्कालीन परिस्थितियाँ भी प्रभावित करती हैं। प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने में राष्ट्रपति:
D. गठबंधन अथवा उस दल के नेता को चुनाता है जिसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो। निम्नलिखित को सुमेलित करें
क्या मंत्रिमंडल की सलाह राष्ट्रपति को हर हाल में माननी पड़ती है ? आप क्या सोचते हैं ? अपना उत्तर अधिकतम 100 शब्दों में लिखें। भारत के संविधान के अनुच्छेद 74 में लिखा है कि राष्ट्रपति को उसके कार्यों में सलाह देने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक मंत्रिमंडल होगा जो उनकी सलाह के अनुसार कार्य करेगा। 42 वें संविधान संशोधन के अनुसार यह निश्चित किया गया था कि राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल की सलाह अनिवार्य रूप से माननी होगी। परंतु संविधान के 44 वे संविधान संशोधन में फिर यह निश्चित किया कि राष्ट्रपति प्रथम बार में मंत्रिमंडल की सलाह को मानने के लिए बाध्य नहीं है, परन्तु राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् द्वारा भेजी गई सलाह को पुनर्विचार के लिए भेज सकता है, लेकिन यदि मंत्रिपरिषद् पुन: उस सिफ़ारिश को राष्ट्रपति के पास भेजती है तो राष्ट्रपति उससे मानने के लिए बाध्य है। कार्यपालिका को नियंत्रित करना इतना जरूरी क्यों है?संविधान राष्ट्रपति को व्यापक शक्तियाँ देता है। राष्ट्रपति संसद में बहुमत वाले दल के सदस्यों में से प्रधानमंत्री चुनता है । यद्यपि मंत्रियों के लिए संसद का सदस्य होना अनिवार्य है, लेकिन राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्रियों को हटा सकता है।
कार्यपालिका को कैसे नियंत्रित करती है?संसद अनेक विधियों का प्रयोग कर कार्यपालिका को नियंत्रित करती है। लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि सांसदों और विधायकों को जनप्रतिनिधियों के रूप में प्रभावी और निर्भीक रूप से काम करने की शक्ति और स्वतंत्रता हो।
कार्यपालिका पर किसका नियंत्रण होता है?प्रधानमन्त्री कार्यपालिका का प्रमुख है और कार्यपालिका की सारी शक्तियां उसी के पास होती हैं। इसका चुनाव सांसदों के द्वारा प्रत्यक्ष विधि से संसद में बहुमत प्राप्त करने पर होता है। बहुमत बने रहने की स्थिति में प्रधानमंत्री का कार्यकाल ५ वर्षों का होता है।
संसदीय नियंत्रण के वे कौन से कारक है जो कार्यपालिका को अपने नियंत्रण में रखते हैं?वित्त पर संसदीय नियंत्रण
विधानमंडल की स्वीकृति के लिए बजट तैयार करना केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकारों, का संवैधानिक दायित्व है। कराधान पर विधायी विशेषाधिकार, व्यय पर विधायी नियंत्रण तथा वित्तीय मामलों पर कार्यपालिका द्वारा पहल संसदीय वित्तीय नियंत्रण प्रणाली के कुछ मूलभूत सिद्धान्त हैं।
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