किसी कार्य को करने वाला कारक यानि जो भी क्रिया को करने में मुख्य भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है। कारक क्या है , कारक की परिभाषा, कारक किसे कहतें है, कारक के भेद कितने होते हैं। इन सभी को आप इस ब्लॉग में जानेंगे। आइए विस्तार से जानते हैं karak के बारे में। Show
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कारक किसे कहते हैं?Karak किसे कहते हैं नीचे बताया गया है:
कारक की परिभाषाKarak की परिभाषा नीचे दी गई है-
ये भी पढ़ें : काल किसे कहते है ? PPTये भी पढ़ें : 150 पर्यायवाची शब्द कारक के भेदहिंदी में Karak के भेद नीचे दिए गए हैं-
कर्ता कारकसंज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से क्रिया के करने वाले का बोध हो, उसे कर्ता कारक कहते हैं। इसका चिन्ह ’ने’ कभी कर्ता के साथ लगता है, और कभी वाक्य में नहीं होता है,अर्थात लुप्त होता है। कर्ता कारक उदाहरण –
ये भी पढ़ें :अनुस्वर किसे कहते हैं ? कर्मकारकसंज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप पर क्रिया का प्रभाव या फल पङे, उसे कर्म कारक कहते हैं। कर्म के साथ ’को’ विभक्ति आती है। इसकी यही सबसे बड़ी पहचान होती है। कभी-कभी वाक्यों में ’को’ विभक्ति का लोप भी होता है। कर्म कारक के उदाहरण –
’कहना’ और ’पूछना’ के साथ ’से’ प्रयोग होता हैं। इनके साथ ’को’ का प्रयोग नहीं होता है , जैसे –
यहाँ ’से’ के स्थान पर ’को’ का प्रयोग उचित नहीं है। ये भी पढ़ें : सर्वनाम और उसके प्रकार करण कारकजिस साधन से अथवा जिसके द्वारा क्रिया पूरी की जाती है, उस संज्ञा को करण कारक कहते हैं। इसकी मुख्य पहचान ’से’ अथवा ’द्वारा’ है। करण कारक के उदाहरण –
यहाँ ’गेंद से’,’लाठी द्वारा’ और ‘गाड़ी चलाता’ करणकारक है। ये भी पढ़ें : उपसर्ग और प्रत्यय सम्प्रदान कारकजिसके लिए क्रिया की जाती है, उसे सम्प्रदान कारक कहते हैं। इसमें कर्म कारक ’को’ भी प्रयुक्त होता है, किन्तु उसका अर्थ ’के लिये’ होता है। करण कारक के उदाहरण –
उपरोक्त वाक्यों में ’मोहन के लिये’ ’पढ़ने के लिए’ और बच्चे को सम्प्रदान है। अपादान कारकअपादान का अर्थ है- अलग होना। जिस संज्ञा अथवा सर्वनाम से किसी वस्तु का अलग होना मालूम चलता हो, उसे अपादान कारक कहते हैं। करण कारक की तरह अपादान कारक का चिन्ह भी ’से’ है, परन्तु करण कारक में इसका अर्थ सहायता होता है और अपादान में अलग होना होता है। अपादान कारक के उदाहरण –
इन वाक्यों में ’हिमालय से’, ’वृक्ष से’, ’छत से ’ अपादान कारक है। ये भी पढ़ें : 200+ हिंदी मुहावरे सम्बन्ध कारकसंज्ञा अथवा सर्वनाम के जिस रूप से एक वस्तु का सम्बन्ध दूसरी वस्तु से जाना जाये, उसे सम्बन्ध कारक कहते हैं। इसकी मुख्य पहचान है – ’का’, ’की’, के। सम्बन्ध कारक के उदाहरण –
सम्बन्ध कारक क्रिया से भिन्न शब्द के साथ ही सम्बन्ध सूचित करता है। ये भी पढ़ें : उपवाक्य : परिभाषा, भेद, प्रकार, उदाहरण अधिकरण कारकसंज्ञा के जिस रूप से क्रिया के आधार का बोध होता है, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। इसकी मुख्य पहचान है ’में’, ’पर’ होती है । अधिकरण कारक के उदाहरण –
यहाँ ’घर पर’, ’घोंसले में’, और ’सङक पर’, अधिकरण है :- ज़रूर पढ़ें: क्या होते हैं शब्द-युग्म, जानिए सम्बोधन कारकसंज्ञा या जिस रूप से किसी को पुकारने तथा सावधान करने का बोध हो, उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसका सम्बन्ध न क्रिया से और न किसी दूसरे शब्द से होता है। यह वाक्य से अलग रहता है। इसका कोई कारक चिन्ह भी नहीं है। सम्बोधन कारक के उदाहरण –
कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतरकर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर निम्नलिखित है :-
करण और अपादान कारक में अंतरकरण और अपादान कारक में अंतर निम्नलिखित है :-
जैसे – विभक्तियों का प्रयोगहिंदी व्याकरण में विभक्तियों के प्रयोग की विधि निश्चित होती है। विभक्तियां 2 तरह की होती हैं
विभक्तियों की प्रयोगिक विशेषताएंविभक्तियों की प्रयोगिक विशेषताएं निम्नलिखित है :-
विभिन्न भाषाओं में कारकों की संख्याविभिन्न भाषाओं में Karak की संख्या नीचे दी गई है-
कारक अभ्यास प्रश्ननिम्नलिखित वाक्य पढ़कर प्रयुक्त कारकों में से कोई एक कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :- राम अयोध्या से
वन को गए। इस वाक्य में ‘से’ किस कारक का बोधक है? उत्तर :(c) अपादान ‘मछली पानी में रहती है’ इस वाक्य में किस कारक का चिह्न प्रयुक्त हुआ है? उत्तर : (c) अधिकरण ‘राधा कृष्ण की प्रेमिका थी’ इस वाक्य में की’ चिह्न
किस कारक की ओर संकेत करता है? उत्तर : (b) संबंध ‘गरीबों को दान दो’ ‘गरीब’ किस कारक का उदाहरण है? उत्तर : (c) सम्प्रदान ‘बालक छुरी से खेलता है’ छुरी किस कारक की ओर संकेत करता है? उत्तर :(a) करण सम्प्रदान कारक का चिह्न किस वाक्य में प्रयुक्त हुआ है? उत्तर : (c) प्यासे को पानी देना चाहिए। इन वाक्यों में से किसमें करण कारक का चिह्न प्रयुक्त हुआ
है? उत्तर : (b) बच्चे पेंसिल से लिखते हैं किस वाक्य में कर्म–कारक का चिह्न आया है? उत्तर : (b) पिता ने पुत्र को बुलाया
अपादान कारक किस वाक्य में आया है? उत्तर : (c) लड़का छत से कूद पड़ा था इनमें से किस वाक्य में ‘से’ चिह्न कर्ता के साथ है? उत्तर :(b) मुझसे चला नहीं जाता कारक WorksheetSource : PinterestSource – BrainlySource – PinterestSource – PinterestMCQs“पेड़ से कई आम गिरे ” में कौन से कारक का प्रयोग है? A. करण कारक उत्तर: C किसी भाषा के साहित्य को समझने के लिए उसके विकास ——— परिचित होना आवश्यक है? A. में उत्तर: D कालान्तर ——- भाषा को जब लिखित रूप से दे दिया जाता है,तब वह साहित्य का रूप धारण कर लेती है? A. में उत्तर: A एक व्यक्ति द्वारा चाकू दिकने पर बाजार ——–भगदड़ मच गई? A. से उत्तर: B सोवियत संघ ने भारतीय उपग्रह को बैकानूर केंद्र —- छोड़ा? A. पर उत्तर: C इस रोग ——— मनुष्य कमजोर हो जाता है? A. में उत्तर: A गुट निरपेक्ष देशों ———- प्रथम सम्मेलन बेलग्रेड में आयोजित किया गया था? A. में उत्तर: B नील आर्मस्ट्रांग चन्द्रमा ———- पैर रखने वाला प्रथम व्यक्ति था? A. में उत्तर: A मैंने बच्चों को मिठाई खिलाई? A. कर्म उत्तर: B लड़को इधर आओ? A. कर्ता उत्तर: B FAQsकारक किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं? संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य के किसी दूसरे शब्द के साथ जाना जाए, उसे कारक (Karak) कहते हैं। हिन्दी में ’आठ कारक’ होते हैं। कारक के आठ भेद कौन कौन से हैं? कर्ता कारक कर्म कारक का चिन्ह क्या है? कर्म के साथ ’को’ विभक्ति आती है। जैसे- उसने सुनील को पढ़ाया। वह घर से आया इसमें कौन सा कारक का प्रयोग हुआ है? करण कारक कर्म कारक को कैसे पहचाने? कर्म के साथ ’को’ विभक्ति आती है। इसकी यही सबसे बड़ी पहचान होती है। संप्रदान कारक का चिन्ह क्या है? इसमें कर्म कारक ’को’ भी प्रयुक्त होता है, किन्तु उसका अर्थ ’के लिये’ होता है। कर्म कारक और संप्रदान कारक में क्या अंतर है? इन दोनों कारक में ‘को’ विभक्ति का प्रयोग होता है। कर्म कारक में क्रिया के व्यापार का फल कर्म पर पड़ता है
और सम्प्रदान कारक में देने के भाव में या उपकार के भाव में को का प्रयोग होता है। कारक कितने प्रकार के होते हैं संस्कृत में? संस्कृत तथा अन्य प्राचीन भारतीय भाषाओं में आठ कारक होते हैं। कारक और विभक्ति का सोदाहरण परिचय दीजिए? संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उनका (संज्ञा या सर्वनाम) सम्बन्ध सूचित हो, उसे (उस रूप को) कारक कहते हैं। इसका तात्पर्य यह है कि संज्ञा या सर्वनाम के आगे जब ‘ने’, ‘से’, ‘को’ आदि विभक्तियाँ लगती हैं, तब उनका रूप ही कारक कहलाता है। आशा करते हैं कि आपको Karak के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800572000 पर कॉल करें और 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। कारक से आप क्या समझते हैं उदाहरण देकर समझाइए?संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य का सम्बन्ध अन्य शब्दों के साथ स्थापित हो उसे कारक कहते हैं। जैसे-राम ने रावण को वाण से मारा।
कारक किसे कहते हैं कारक कितने होते हैं?वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित होता है उसे कारक कहते हैं। कारक शब्द 'कृ' धातु में 'अक' प्रत्यय के जुड़ने से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ 'करने वाला' होता है। हिंदी व्याकरण में 8 कारक होते हैं, जिन्हें मूल शब्द से अलग करके कारक विभक्ति या कारक चिह्न के रूप में लिखा जाता है।
कारक को क्या कहा जाता है?संज्ञा अथवा सर्वनाम का वह रूप जिसके द्वारा वाक्य में आए क्रिया अथवा किसी दूसरे शब्द के साथ उसका संबंध जाना जाए कारक कहलाता है। इस संबंध को दर्शाने के लिए जिन विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उन्हें कारक चिन्ह या विभक्ति चिन्ह कहते हैं।
कारक के कितने भेद है नाम लिखें?कारक के कुल भेद आठ होते हैं, जिनके नाम हैं, कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, आपादान, सम्बन्ध अधिकरण और संबोधन कारक हैं। ऊपर दिए गए कारक के प्रकार में कर्ता कारक के द्वारा कार्य करने वाले का बोध होता है। कर्म कारक किये गए कार्य से प्रभावित व्यक्ति का बोध करवाता है।
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