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दोस्तों, कपड़े ना सिर्फ शरीर ढकने के काम आते है बल्कि हमारे व्यक्तित्व,व्यवसाय,स्तर के साथ साथ हमारे चरित्र व्यवहार,आत्मविश्वास को भी दर्शाने के काम आते हैं किसी भी व्यक्ति को उसके कपड़े पहनने के तरीके से,कपड़ो के रंग से,कपड़ो की गुणवत्ता से अर्थात पहनावे से सरलता से पहचाना जा सकता हैं की उसका सामाजिक स्तर उसकी सोच व व्यवसाय किस प्रकार का है। लेकिन आप ये नही समझते कि आप जिस रंग के कपड़े पहन रहे हो आपके लिये कितने सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दे रहे है । जब एक पत्थर याने नग का छोटा सा टुकड़ा अंगूठी में पहना जाता हैं और उसका असर होता हैं तो क्या शरीर पर जो कपड़े पहने जाते उसका कितना असर जिंदगी पर होगा । आइये आज ज्योतिष अनुसार आपको कुछ नया सिखाते हैं । कभी भी फ़टे पुराने कपड़े नही धारण करे क्योंकि फटे-पुराने कपड़े पहनना हमारी संस्कृति के अनुसार नहीं है लेकिन इससे भी अधिक ऐसे कपड़े शुक्र ग्रह को भी प्रभावित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फटे उपवस्त्र हमारी शारीरिक क्षमता एवं ऊर्जा को नष्ट कर देते हैं तथा तन-मन को शिथिल बनाकर अनेक बीमारियों को जन्म देने वाले होते हैं। फ़टे पुराने जले और गंदे कपड़े पहनने से शुक्र खराब होकर बुरा असर देता है । शुक्र ऐश्वर्य प्रदान करता है, और गंदे कपड़े पहनने से ऐश्वर्य खत्म हो जाता है । एक खास बात ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भी वस्त्र जो
बुनकर बनाया जाता है, उसके धागों पर बुध ग्रह अपना अधिपत्य रखता है। वह धागे जब एकत्रित करके बुने जाते हैं एवं आखिरकार जब उनसे एक वस्त्र तैयार किया जाता है तब वो वस्त्र शुक्र की श्रेणी में आ जाता। परंतु जो वस्त्र नए तथा बिना धुले हुए अर्थात कोरे हों उन्हें पहनकर हम शनि, मंगल, बुध, शुक्र और शनि से संबंधित समस्याओं को अपने ऊपर ले लेते हैं क्योंकि कपड़ों को सिलते समय सुई का इस्तेमाल होता है जो शनि के समान हैं इसी कारण कपड़े जब तक धुलते नहीं हैं वो कीलक की श्रेणी में आ जाते हैं। इसी कारण नए बिना धुले कपड़ों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। नए कपड़े कब धारण करे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार, वीरवार एवं शुक्रवार को ही नवीन वस्त्र पहनने चाहिएं। शनिवार को पहनने से वस्त्र शीघ्र फटता है। रविवार को पहनने से वस्त्र के जलने का डर रहता है तथा सोमवार को नवीन वस्त्र पहनने से पहनने वाले की आयु क्षीण होती है।
सोने के लिए दूसरा वस्त्र होना चाहिए। सड़कों पर घूमने के लिए दूसरा और देवताओं की पूजा करने के लिए दूसरा वस्त्र रखना चाहिए।कभी भी सोने के वस्त्र पहन कर भगवान की पूजा नही क्या हम कपड़े दान कर सकते कपड़ो का दान शुभ बताया गया किन्तु किसी पंडित को पुराने कपड़े दान में देना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से लक्ष्मी जी आपसे रूठ सकती है और आपको पैसों की परेशानी झेलनी पड़ सकती है। लेकिन किसी जरूरतमंद को हम अपने पहने हुए कपड़े दे सकते हैं, परन्तु दान के रूप में नही। खास सलाह ज्योतिषशास्त्र के अनुसार विवाह के इच्छ़ुक युवक युवतियों को काले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि काला रंग शनि, राहु और केतु इन तीनों ग्रहों का प्रतिनिधित्व करता है जो विवाह में बाधक होते हैं। अक्सर लोग घरों की अलमारी या दीवान में फटे-पुराने कपड़ों की एक पोटली रखते हैं। हालांकि कुछ लोग जो कपड़े अनुपयोगी हो गए हैं उनको कबर्ड या अलमारी के निचले हिस्से में रख छोड़ते हैं। फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से भी घर में नकारात्मक मानसिकता और ऊर्जा का निर्माण होता है। इस तरह के वस्त्रों को किसी को दान कर देना चाहिए या इसका किसी और काम में उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा कभी फटी बनियान, जांघिये या फटे कपड़े न पहने। कपड़े लग्न अनुसार पहनने से सकारात्मक असर के साथ कई बीमारी से भी मुक्ति मिलती हैं, जैसे सिंह लग्न वाले व्यक्ति यदि काला औऱ नीला रंग ज्यादा पहनेगे तो बीमारी, मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, उलझन समस्या आदि का सामना करना पड़ सकता हैं । क्या आप जानते हो यदि आपके घर से आपके अंतःवस्त्र चोरी हुए या बार बार पाकिस्तान के कराची में रविवार को फुटपाथ पर वस्त्रों की बिक्री वस्त्र या कपड़ा एक मानव-निर्मित चीज है जो प्राकृतिक या कृत्रिम तंतुओं के नेटवर्क से निर्मित होती है। इन तंतुओं को सूत या धागा कहते हैं। धागे का निर्माण कच्चे ऊन, कपास (रूई) या किसी अन्य पदार्थ को करघे की सहायता से ऐंठकर किया जाता है। एक फ्लेक्सिबल सामग्री है जिसमें कृत्रिम फायबर धागे का समावेश रहता है। लंबे धागे का उत्पादन करने के लिए ऊन, फ्लेक्स, सूती अथवा अन्य कच्चे तंतु कपाट्या से तैयार किए जाते हैं। कपडे बुनना, क्रॉसिंग, गाठना, बुनाई, टॅटिंग, फेलिंग, ब्रेडिंग करके कपडा तैयार किया जाता है।
बायो वॉश क्लॉथ हमेशा मुलायम रहेंगे और इसकी मोटाई भी अच्छी होगी। और जब आप उस वस्त्र को अपने हाथ में पकड़ेंगे, तो आपके हाथमे एक अद्वितीय फिलिंग होगी। जैसे कि यह बहुत नरम और बहुत चिकना दिखता है और आपको लगता है कि यह कपड़ा अन्य सभी कपड़ों से अलग है। तो आप उन कपड़ों पर ज्यादा ध्यान देते है। कपड़ों में जीएसएम क्या होता है.[संपादित करें]और आपको यह भी जानना होगा कि जब आप टी-शर्ट या अन्य कोय कपड़े खरीदने जाते हैं, तो आपको कुछ मदद मिलेगी, क्यों कपड़े में जीएसएम शब्द का उपयोग किया जाता है। और GSM शब्द का पूरा नाम क्या है? उपयोग[संपादित करें]वस्त्रों का उपयोग विभिन्न वर्गों में होता है जिनमें से सबसे आम कपड़ों के लिए और बैग और टोकरी जैसे कंटेनरों के लिए है। घर में, वस्त्रों का उपयोग कालीन, गद्देदार फर्नीचर, पर्दों, तौलिये, टेबल, बेड और अन्य सपाट सतहों के लिए कवरिंग और कला में किया जाता है। [1]. कार्यस्थल में, वस्त्रों का उपयोग औद्योगिक और वैज्ञानिक प्रक्रियाओं जैसे फ़िल्टरिंग में किया जा सकता है। इसके विविध उपयोगों में झंडे, बैकपैक, टेंट, जाल, रूमाल, सफाई के कपड़े, और गुब्बारे, पतंग, पाल और पैराशूट जैसे परिवहन उपकरण शामिल हैं।[2] उपयोग:[संपादित करें]
आदि छपाई (प्रिन्ट)[संपादित करें]वस्त्रों पर कोई आवर्ती पैटर्न छापने को प्रिन्ट करना कहते हैं। ऐतिहासिक रूप से वस्त्रों पर छपाई दो हजार ईसा पूर्व से हो रही है। छपाई का आरम्भ भारत से हुआ। टिशू (उत्तक) एवं उनकी विशेषताएँ[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
कपड़े का हमारे जीवन में क्या क्या उपयोग है?कपड़े निजी या सांस्कृतिक पहचान का बयान या दावा, सामाजिक समूह के मानकों की स्थापना, अनुरक्षण या अवहेलना और आराम और कार्यक्षमता की सराहना सहित अन्य सामाजिक संदेश भी संसूचित कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, महंगे कपड़े पहनने से धन के होने का, धन की छवि का या गुणवत्ता वाले कपड़ों की सुलभता का पता चलता है।
वस्त्रों का हमारे जीवन में क्या उपयोग तथा महत्व है व्याख्या कीजिए?मनुष्य के लिए वस्त्रों का एक विशिष्ट महत्त्व है–शरीर को सजाना तथा सँवारना। विभिन्न प्रकार की आकर्षक एवं उत्तम वेशभूषा धारण करके स्त्री-पुरुष अपने शरीर को अधिक-से-अधिक सजाते-सँवारते हैं। उत्तम वेशभूषा से व्यक्तित्व में अतिरिक्त निखार आ जाता है। वस्त्र व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि करने वाले कारक भी हैं।
वस्त्र का मुख्य कार्य क्या है?वस्त्रों का उपयोग विभिन्न वर्गों में होता है जिनमें से सबसे आम कपड़ों के लिए और बैग और टोकरी जैसे कंटेनरों के लिए है। घर में, वस्त्रों का उपयोग कालीन, गद्देदार फर्नीचर, पर्दों, तौलिये, टेबल, बेड और अन्य सपाट सतहों के लिए कवरिंग और कला में किया जाता है।.
वस्त्र कितने प्रकार के होते हैं? मेन मेड फेब्रीक. |