कंपनी बनाने की प्रक्रिया को समझाइए - kampanee banaane kee prakriya ko samajhaie

भारत में एक कंपनी शुरू करने की प्रक्रिया: समय और लागत का विश्लेषण

भारत में अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना भारतीय एवं विदेशी उद्यमियों के लिए हमेशा से ही एक बहुत बड़ी परेशानी का कारण रहा है | यही कारण है कि भारत विश्व बैंक की व्यापार सूचकांक में आसानी (Ease of Doing Business) रैंकिंग में 189 देशों में 142 वें स्थान पर खड़ा है| इस लेख में भारत में एक कंपनी किस प्रकार खोली जा सकती है इस पर विचार किया गया है |

कंपनी बनाने की प्रक्रिया को समझाइए - kampanee banaane kee prakriya ko samajhaie

भारत में अपनी कंपनी का पंजीकरण कराना भारतीय एवं विदेशी उद्यमियों के लिए हमेशा से ही एक बहुत बड़ी परेशानी का कारण रहा है | यही कारण है कि भारत विश्व बैंक की व्यापार सूचकांक में आसानी (Ease of Doing Business) रैंकिंग  में 189 देशों में 142 वें स्थान पर खड़ा है; यही नही व्यवसाय शुरू करने में आसानी (Ease of Starting a Business) की रैंकिंग में भारत 158 वें स्थान पर है | इन रैंकों से पता चलता है कि भारत में व्यवसाय शुरू करना या व्यवसाय चलाना कितना कठिन है | भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री मोदी इन दोनों रैंकों को 50वें स्थान  के भीतर लाना चाहते हैं | यही कारण है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद जुलाई से सितंबर 2015 के बीच नई कंपनियों के रजिस्ट्रेशन में जबरदस्त उछाल आया है। सितंबर, 2015 में जहां 6,864 कंपनियां रजिस्टर्ड हुईं। वहीं, जुलाई से सितंबर के बीच 3 महीनों में 20 हजार से ज्यादा नई कंपनियों का रजिस्ट्रेरशन हुआ।

ऐसे में अब यह प्रश्न उठाना लाजिमी है कि आखिर भारत में एक नई कंपनी किस तरह से शुरू की जा सकती है, इसमें कितना समय लगेगा और कितनी लागत आयेगी | इस प्रकार के सभी प्रश्नों का उत्तर इस लेख में देने का प्रयास किया गया है |

एक कंपनी को खोलने के लिए निम्नलिखित चरणों को पूरा करना पड़ता है :

स्टेप 1. निर्देशक पहचान संख्या प्राप्त करना ( To obtain Director Identification Number (DIN))

समय : 1 दिन

लागत: रु. 100

कारपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) की वेबसाइट पर एक आवेदन पत्र DIN-1 ऑनलाइन दाखिल करके निर्देशकों की (प्रस्तावित निर्देशक भारतीय या विदेशी) एक पहचान संख्या अनिवार्य रूप से प्राप्त कर लेनी चाहिये | शुरू में एक काम चलाऊ संख्या जारी की जाती है लेकिन पूरे दस्तावेजों की जाँच के बाद लगभग 4 सप्ताह में एक स्थायी निर्देशक पहचान संख्या मिल जाती है |

एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलने के लिए कम से कम 2 लोगों की जरूरत होती है। प्राइवेट लिमिटेड में कम से कम दो डायरेक्‍टर और अधिक से अधिक 15 डायरेक्‍टर हो सकते हैं। इसमें कम से कम 2 शेयर होल्‍डर्स हो सकते हैं, जबकि आपको ज्‍यादा से ज्‍यादा 200 शेयर होल्‍डर्स रखने की इजाजत कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (एमसीए) देता है।

स्टेप 2. डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र (DSC) प्राप्त करना

समय : 3 दिन

लागत: रु. 1,500 (लगभग)

कंपनी को अपने कामों को ऑनलाइन करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेना चाहिये | इसे किसी निजी एजेंसी (जो कि कारपोरेट मामलों के मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है) से भी प्राप्त किया जा सकता है | कंपनी के निर्देशकों को आवेदन पत्र को पहचान और निवास प्रमाण पत्रों के साथ इस एजेंसी के पास जमा कराना होता है|

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स्टेप 3. कंपनी का नामकरण

निर्देशकों को कंपनी का नाम "कंपनी रजिस्ट्रार" के पास रजिस्टर करने के लिए कंपनी का नाम इस तरह से रखना चाहिए कि वह नाम पहले से ही किसी और कंपनी के नाम से दर्ज ना हो | इसलिए सावधानी के लिए कम से कम 4 या 5 वैकल्पिक नाम आवेदन पत्र में लिखे जाने चाहिए |

समय : 3 दिन

लागत : रु. 500

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image source:wikiHow

स्टेप 4. कम्पनी के दस्तावेजों का मुद्रण या तो राज्य सरकार के खजाने या किसी अधिकृत बैंक से ही होने चाहिए |

समय: 1 दिन

लागत: रु. 1,300

जब कंपनी के सभी दस्तावेजों पर निर्देशकों के हस्ताक्षर हो जाते है तो फिर इन पर कंपनी के प्रमोटरों और गवाहों के हस्ताक्षर भी होने चाहिए | इन दस्तावेजों में कंपनी से जुडी सभी जानकारियां जैसे नाम, इसके उद्येश्य, क्रियाएं और शेयर धारकों की संख्या साफ-साफ लिखी होनी चाहिए |

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स्टेप 5. "कंपनी रजिस्ट्रार" से निगमन प्रमाणपत्र (Certificate of Incorporation) को प्राप्त करना

समय:  7 दिन

लागत: रु.14,100

कंपनी को निम्नलिखित फॉर्म कारपोरेट मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट पर जाकर भरने होंगे:-

फॉर्म-1, फॉर्म-18  और फॉर्म-32 |

इन फार्मों के साथ निदेशक को 'ज्ञापन और लेख' (Memorandum and Articles) तथा 'संस्था के लेख' (Articles of Association) की सत्यापित कॉपी भी फॉर्म 1 के साथ लगानी होगी | इन सभी दस्तावेजों की एक कॉपी "कंपनी रजिस्ट्रार" के पास भी जमा करानी होगी |

पंजीकरण शुल्क (रजिस्ट्रेशन फीस) को "कंपनी रजिस्ट्रार" को क्रेडिट कार्ड के माध्यम से या किसी बैंक में नकद भी जमा कराया जा सकता है |

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कंपनियों के पंजीकरण शुल्क का निर्धारण कंपनी की अधिकृत पूंजी के अनुसार किया जाता है|

रू.1,00,000 या उससे कम पूंजी के लिए पंजीकरण शुल्क 4,000 रूपए: यदि कंपनी की नोमिनल शेयर पूंजी (Nominal Share Capital) 1,00,000 रूपए से अधिक है, तो 5, 00,000 रूपए तक के लिए अतिरिक्त फीस 300 रूपए तथा 5, 00,000 रूपए से लेकर 10, 00,000 रूपए तक के लिए अतिरिक्त फीस 50 रूपए निर्धारित है|

रजिस्ट्रार द्वारा कंपनी को पंजीकृत करते समय लिया जाने वाला शुल्क:

I. रू.1,00,000 से अधिक और रू. 5,00,000 से कम की शेयर पूंजी के लिए रू. 200
II. रू. 5,00,000 या इससे अधिक और रू. 25,00,000 से कम की शेयर पूंजी के लिए रू. 300
III. रू. 25,00,000 या इससे अधिक की शेयर पूंजी के लिए रू. 500

कंपनी शुरू में कितने रुपये की जरुरत होती है?

यदि आप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की शुरुआत करने जा रहे हैं, तो कैपिटल मनी के रूप वह राशि कुछ भी हो सकती है। हालांकि कंपनी शुरू करने के लिए सरकार को फीस के तौर पर कम से कम रु.100,000 शेयर के रूप में देना अनिवार्य है। ये पैसे ऑथराइज्‍ड कैपिटल फीस के तौर पर कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराने के दौरान देने होते हैं। वहीं, कंपनी का रजिस्‍ट्रेशन कराने के दौरान आपके लिए कैपिटल इन्‍वेस्‍टमेंट से संबंधित कोई प्रूफ देना भी जरूरी नहीं है। 

स्टेप 6. स्थायी खाता संख्या (Permanent Account Number) प्राप्त करना:  इसको नेशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड या किसी अधिकृत एजेंट की मदद से भी प्राप्त किया जा सकता है |

समय: 7 दिन

लागत : रु. 67

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image source:www.Financial Planning Demystified

स्टेप 7. टैक्स की खाता संख्या (Tax Account Number-TAN) को प्राप्त करना:

समय: 7 दिन

लागत: रु.57

आयकर अधिनियम की धारा 203A के तहत ऐसे सभी व्यक्ति जो कर जमा करते हैं या कर कटौती के लिए आवेदन करते हैं, उनके लिए टेन (TAN) जमा करना अनिवार्य है| आयकर अधिनियम की इस धारा में यह भी वर्णित है कि ऐसे व्यक्तियों को अपने सभी "कर कटौती के स्रोत" (TDS) और "कर एकत्र करने के स्रोत" (TCS) की जानकारी देना भी अनिवार्य है। TAN 10 अंकों का नंबर है जो कि उन लोगों को जारी किया जाता है जो कि या तो टैक्स को जमा करते हैं या टैक्स भरते हैं | TAN नंबर प्राप्त करने के लिए फॉर्म 49B भरा जाता है |

स्टेप 8. मूल्य वर्धित कर (वैट) के लिए वाणिज्यिक कर कार्यालय में रजिस्ट्रेशन कराना

समय : 12 दिन

लागत : रु. 5,100

अप्रैल 1, 2005 से बिक्री कर फॉर्म की जगह अब वैट के रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म 101 का प्रयोग किया जाता है |

बिक्री कर कार्यालय में निम्न दस्तावेज जमा करने होते हैं:

I. मेमोरंडम ऑफ असोसीएशन  (Memorandum of Association) तथा 'संस्था के लेख' (Articles of Association) की सत्यापित कॉपी
II. निवास प्रमाण पत्र
III. कंपनी खोलने की जगह का प्रूफ
IV. अभ्यर्थी की वर्तमान की पासपोर्ट आकार का फोटोग्राफ
V. पैन कार्ड की एक प्रति और आयकर आकलन की एक कॉपी
VI. यदि किराये के मकान में कंपनी खोली जा रही है तो मकान मालिक द्वारा जारी किया गया अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC)
VII. भारतीय कंपनी अधिनियम के तहत कंपनी का रजिस्ट्रेशन नंबर का विवरण (1956)
VIII. कंपनी के प्रधान कार्यालय का विवरण
IX. कंपनी कर्म और अन्य प्रमाण पत्र

स्टेप 9. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ पंजीकरण

समय : 12 दिन

लागत : रु. 0

ऐसी सभी कंपनियां (जहाँ पर 20 या उससे अधिक लोग काम करते हो) को कर्मचारी भविष्य निधि और प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम- 1952 की शर्तों को मानना अनिवार्य होता है | जिन कर्मचारियों की सैलरी रु.15000/महीना से कम है उनको 'कर्मचारी भविष्य निधि' के साथ रजिस्टर कराना अनिवार्य होता है |

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image source:Jagranjosh.com

ऊपर दिए गए चरण केवल एक उदाहरण मात्र हैं | इसमें दिए गए दिनों की संख्या कम या अधिक हो सकती है क्योंकि प्रत्येक भारतीय राज्य की कार्य शैली अलग अलग होती है साथ ही व्यवसाय की प्रकृति भी इसमें लगने वाले दिनों और लागत का निर्धारण करती है |

कौन-कौन से बिज़नेस भारत सरकार की सहायता से शुरू किये जा सकते हैं?

कंपनी बनाने की प्रक्रिया क्या है?

कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सबसे पहले आपको फॉर्म आईएनसी-29 भरकर जरूरी डॉक्यूमेंट के साथ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के ऑफिस में जमा कराना जरूरी होता है। कंपनी को रजिस्टर्ड कराने के लिए फीस पैकेज भी बने हैं जिनमें पहला पैकेज बेसिक फास्ट ट्रैक 15899 रुपये का है। इसमें सभी जरूरी फीस भी शामिल है।

कंपनी कैसे करते हैं?

अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं होता कि एक कंपनी शुरू करने के लिए क्या (How To Start A Business in india) करें। यह भी नहीं पता होता कि कंपनी कहां और कैसे रजिस्टर (How to register company in india) होगी। लोग ये भी नहीं जानते की कंपनियां कितनी तरह (Types of companies in india) की होती हैं

कंपनी क्या है कंपनी के प्रकार?

कंपनी व्यक्ति व्यक्तियों का एक ऐच्छिक संगठन है तथा यह विधान द्वारा निर्मित की जाती है। इसका स्वयं का प्रबंध संचालक मंडल, पूंजी व स्वयं की सार्वमुद्रा होती है। कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार कंपनियां दो प्रकार की होती हैं- प्राइवेट कंपनी व सरकारी कंपनी

कंपनी से आप क्या समझते हैं?

कंपनी शब्द से आशय:- कंपनी शब्द लैटिन भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है कम +पनीस कम शब्द का मतलब आने से होता है पनीस शब्द से आशय है साथ-साथ से अतः कंपनी शब्द का मतलब साथ साथ आने से है अतः कंपनी एक ऐसे व्यक्ति का समूह है जो अपनी सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सामूहिक रूप से कार्य करते हैं .

भारत में कंपनी कैसे शुरू करें?

भारत में कंपनी रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज.
प्रस्तावित निदेशकों की पैन कार्ड प्रति.
पासपोर्ट / वोटर आईडी / राशन कार्ड / बिजली बिल / आधार कार्ड जैसे निदेशकों का पता प्रमाण.
उदाहरण के लिए आवासीय प्रमाण बैंक स्टेटमेंट, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, मोबाइल बिल आदि.
पंजीकृत कार्यालय प्रमाण.