Formulae Handbook for Class 10 Maths and Science NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 8 कन्यादान is part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT
Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 8 कन्यादान. प्रश्न 1. You can also download
Science Class 10 to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. प्रश्न 2. (ख) माँ ने बेटी को इसलिए सचेत करना उचित समझा क्योंकि उसकी बेटी अभी भोली और नासमझ थी जिसे दुनियादारी और छल-कपट का पता न था। वह लोगों की शोषण प्रवृत्ति से अनजान थी। इसके अलावा वह शादी-विवाह को सुखमय एवं मोहक कल्पना का साधन समझती थी। वह ससुराल के दूसरे पक्ष से अनभिज्ञ थी। प्रश्न 3.
प्रश्न 4. प्रश्न 5.
रचना और अभिव्यक्ति प्रश्न 6. अन्य पाठेतर हल प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. More Resources for CBSE Class 10
We hope the given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 8 कन्यादान will help you. If you have any query regarding NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 8 कन्यादान, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. कन्यादान कविता में सबसे अधिक दुखी कौन है?लड़की की माँ दुखी थी क्योंकि उसकी कन्या ही उसकी एकमात्र क्या थी?
कन्यादान कविता में माँ द्वारा जो सीख दी गई है वर्तमान परिस्थितियों में वह कितनी प्रासंगिक है स्पष्ट कीजिए?'कन्यादान' कविता में माँ द्वारा जो सीख दी गई हैं, वे वर्तमान परिस्थितियों में कितनी प्रासंगिक हैं, स्पष्ट कीजिए। 'कन्यादान' कविता में माँ द्वारा अपनी बेटी को जो सीख दी गई है वह उसके अनुभव की उपज है। माँ को दुनियादारी और ससुराल वालों द्वारा किए गए व्यवहार का अनुभव है। उन्हें ध्यान में रखकर भावी जीवन के लिए सीख देती है।
कन्यादान कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहते हैं?Solution : कन्यादान कविता का सन्देश यह है कि हमारे समाज में स्त्रियों के लिए कुछ प्रतिमान स्थापित कर दिए जाते हैं। समाज उनको कमजोर समझता है और अत्याचार करता है।
कन्यादान कविता में मां के दुख को प्रामाणिक क्यों कहा गया है?➲ कवि ने माँ के दुखों को प्रामाणिक इसलिए कहा है क्योंकि माँ की बेटी अभी इतनी समझदार नहीं हुई है कि वह अपनी जिम्मेदारियों को संभाल सके। अभी माँ अपनी बेटी का कन्यादान कर रही है। माँ का को चिंता है कि उसकी बेटी को जब पराए घर जाकर जीवन के यथार्थ से सामना करना पड़ेगा, तब वो इन सब परिस्थितियों से कैसे निपटेगी।
|