किन्नर पैदा होने का कारण क्या है? - kinnar paida hone ka kaaran kya hai?

लोगों के मन में किन्नरों को लेकर आज भी तरह-तरह के सवाल आते हैं, जिनके बारे में जानने की उनमें तीव्र उत्सुकता होती है। इनमें एक सवाल बेहद कॉमन है और वह ये कि आखिर ये पैदा किन वजहों से होते हैं? एक मां के पेट से बच्चा किन्नर कैसे पैदा होता है? आखिर मां-बाप से ऐसी भी क्‍या गलती हो जाती है जिससे कि उनके घर एक किन्‍नर का जन्‍म होता है?

आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों किन्नर का जन्म होता है? इस बात को जानने के बाद आप हमेशा इन बातों का ध्यान रखेंगे और इन गलतियों को करने से बचेंगे।

 

किन्नर पैदा होने का कारण क्या है? - kinnar paida hone ka kaaran kya hai?

मेडिकल साइंस के अनुसार, महिला के गर्भवती होने के तीन महीने के अंदर ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होना प्रारंभ हो जाता है।

इस दौरान शरीर के अंदर कई तरह की हारमोनल चेंजेस होते हैं जिससे बच्चे के किन्नर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।

बता दें, गर्भावस्था के बाद का तीन महीना काफी अहम होता है। कभी-कभार मां को बुखार की समस्या भी होती है जिससे राहत पाने के लिए कई बार हम अपनी जानकारी के मुताबिक कोई भी दवा ले लेते हैं।

इन दवाओं के हैवी डोज का असर मां के गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है। इसीलिए गर्भावस्था में गलती से भी हैवी डोज की दवाईयां न लें।

 

किन्नर पैदा होने का कारण क्या है? - kinnar paida hone ka kaaran kya hai?

प्रेग्नेंट महिला को अपने खानपान पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। इस समय केमिकली टिट्रेड या पेस्टिसाइड्स वाले फल और सब्जियों का सेवन ना करना ही बेहतर है।

प्रेग्नेंसी में व्यायाम या एक्सरसाइज जरूर करें, लेकिन बस इतना ध्यान रखें कि कही शरीर में चोट न लगे और अगर ऐसा होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें क्योंकि एक छोटी सी चोट बच्चे के जेंडर पर बुरा असर डाल सकता है।

इन सबके अलावा अगर मधुमेह, थायराइड या मिर्गी जैसी किसी भी समस्या से ग्रस्त होने पर इस बारे में डॉक्टर से खुलकर बात करें। हालांकि कभी-कभार सावधानियां बरतने के बावजूद घर में किन्नर बच्चे का जन्म होता है और ऐसा होना जेनेटिक डिसआॅर्डर के अन्तर्गत आता है।

तो इन कारणों से पैदा होते हैं किन्नर

राकेश झा/अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Wed, 08 Jun 2016 05:07 PM IST

प्रकृत‌ि में नर नारी के अलावा एक अन्य वर्ग भी है जो न तो पूरी तरह नर होता है और न नारी। ऐसे लोगों में जननांग व‌िकस‌ित नहीं होता है पुराणों में इन्हें क‌िन्नर कहा गया है। पौराण‌िक कथाओं में कई क‌िन्नरों का ज‌िक्र क‌िया गया है। महाभारत में भीष्म की मृत्यु का कारण एक क‌िन्नर को बताया गया है ज‌िसका नाम श‌िखंडी था। अर्जुन पुरुष होते हुए भी कुछ समय के ल‌िए नपुंसक हो गए थे। लेक‌िन सवाल उठता है क‌ि स्‍त्री पुरुष के बीच एक अलग वर्ग कैसे जन्म ले लेता है। इस व‌िषय में ज्योत‌िषशास्‍त्र और पुराण क्या कहते हैं जरा यह भी देख लीज‌िए।

तो इन कारणों से पैदा होते हैं क‌िन्नर

ज्योत‌िषशास्‍त्र के अनुसार जन्मपत्री के आठवें घर में शुक्र और शन‌ि मौजूद हों और इन्हें गुरू, चन्द्र नहीं देख रहे हैं तो व्यक्त‌ि नपुंसक हो सकता है। 

तो इन कारणों से पैदा होते हैं क‌िन्नर

कुंडली में ज‌िस घर में शुक्र बैठा है उससे छठे या आठवें घर में शन‌ि है तो व्यक्त‌ि में प्रजनन क्षमता की कमी हो सकती है। अगर क‌िसी शुभ ग्रह की दृष्ट‌ि है तो इस तरह की समस्या से बचाव होता है।

तो इन कारणों से पैदा होते हैं क‌िन्नर

जन्म के समय कुंडली में शन‌ि छठे या बारहवें घर में कुंभ या मीन राश‌ि पर हों और ऐसे में कोई शुभ ग्रह शन‌ि को नहीं देख रहा हो तो व्यक्त‌ि में प्रजनन क्षमता की कमी हो जाती है और व्यक्त‌ि क‌िन्नर हो सकता है।

तो इन कारणों से पैदा होते हैं क‌िन्नर

मेष, म‌िथुन, स‌िंह, तुला, धनु, कुंभ लग्न हो और वृष, कर्क, कन्या, वृश्च‌िक, मकर, मीन राश‌ि में मंगल हो और इसकी दृष्ट‌ि लग्न स्‍थान यानी पहले घर या पहले घर के स्वामी पर हो तो व्यक्त‌ि में अव‌िकस‌ित जननांग हो सकता है।

कहते है कि एक स्वस्थ और तंदरुस्त बच्चे को जन्म देने की जिम्मेदारी माँ के कंधो पर होती है. जी हां क्यूकि अगर एक माँ अपना और अपने होने वाले बच्चे का ध्यान नहीं रखेगी तो यकीनन उसके बच्चे पर कोई भी मुसीबत कभी भी आ सकती है. शायद यही वजह है कि जब एक औरत माँ बनती है या माँ बनने वाली होती है, तब उसका खास ख्याल रखा जाता है. बता दे कि जब एक औरत माँ बनने वाली होती है, तब वह समय उसके लिए बेहद खास होता है. वो इसलिए क्यूकि यही वो दिन होते है, जब वह अपने बच्चे को अपने गर्भ में ही अच्छी अच्छी बातें सीखा सकती है और उसकी सही परवरिश कर सकती है. ताकि जब वह बच्चा इस दुनिया में आएं तब उसे यह दुनिया केवल खूबसूरत ही लगे.

वैसे आपको यह जान कर हैरानी होगी कि प्रेगनेंसी के दौरान कई बार कुछ गलतियां ऐसी भी हो जाती है, जिसके कारण किसी भी औरत को किन्नर बच्चा पैदा हो सकता है. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि प्रेगनेंसी के दौरान आपको किन किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. अब यूँ तो किन्नर बच्चा देना भगवान् के हाथो में होता है और किन्नर भी वास्तव में इंसान ही होते है. मगर हमारा समाज आज भी किन्नरों को बुरी नजर से ही देखता है. शायद यही वजह है कि कोई भी माता पिता अपने घर में किन्नर बच्चा नहीं चाहते. वही अगर इस बारे में विज्ञानं की माने तो उनके अनुसार प्रेगनेंसी के दौरान तीन महीने के अंदर ही बच्चे का विकास होना शुरू हो जाता है.

किन्नर पैदा होने का कारण क्या है? - kinnar paida hone ka kaaran kya hai?

गौरतलब है कि इस दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव भी होते है. जिसके कारण किन्नर बच्चा पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए आपकी जानकारी के लिए बता दे कि गर्भवती होने के बाद किसी भी औरत के लिए शुरुआत के तीन महीने काफी अहम होते है. इसलिए शुरुआत के तीन महीनो में एक गर्भवती महिला को अपना और अपने बच्चे का खास ध्यान रखना चाहिए. दरअसल इस दौरान कई बार महिला को बुखार या किसी भी तरह के दर्द की समस्या हो सकती है. जिससे राहत पाने के लिए वह दवा ले लेती है.

मगर हम आपको बता दे कि प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी दवा का असर केवल आप पर ही नहीं बल्कि आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है. जी हां इसलिए जब आप गर्भवती हो तब फालतू में किसी भी दवा का सेवन न करे. इसके साथ ही अपने खान पान का भी पूरा ध्यान रखे. गौरतलब है कि इस दौरान केमिकल रहित और शुद्ध फलो का ही सेवन करे.

किन्नर पैदा होने का कारण क्या है? - kinnar paida hone ka kaaran kya hai?

इसके इलावा इस दौरान थोड़ा सा व्यायाम भी जरूर करे और इस बात का ध्यान रखे कि व्यायाम करते समय आपको कही भी चोट न लगे. जी हां अगर गलती से कही चोट लग भी जाएँ तो फ़ौरन डॉक्टर को दिखा दे, क्यूकि इसका असर भी बच्चे पर पड़ता है. इसके साथ ही अगर आपको कोई बीमारी है तो इस बारे में भी अपने डॉक्टर से खुल कर बात करे. बरहलाल अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान इन सब बातों का ध्यान रखेंगी तो यक़ीनन आपके घर एक स्वस्थ बच्चा ही पैदा होगा.

हालांकि कई बार बेहद सावधानी रखने के बावजूद भी घर में किन्नर बच्चे का जन्म हो सकता है और इसकी वजह जेनेटिक डिसऑर्डर हो सकती है.

किन्नर क्यों पैदा होते हैं?

मेडिकल साइंस के अनुसार, महिला के गर्भवती होने के तीन महीने के अंदर ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास होना प्रारंभ हो जाता है। इस दौरान शरीर के अंदर कई तरह की हारमोनल चेंजेस होते हैं जिससे बच्चे के किन्नर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है।

किन्नर के पैर छूने से क्या होता है?

- जब भी किन्नर दिखे तो उसे श्रृंगार का सामान और धन का दान करें। उनके पैर को छूकर आशीर्वाद लें। उससे एक रुपए का सिक्का भी ले मांग कर उसे हमेशा अपने पास रखें। इस उपाय से सभी तरह की परेशानी दूर हो जाती हैं साथ ही घर में कभी भी पैसों की किल्लत नहीं होती है।

क्या किन्नर प्रेग्नेंट होते हैं?

इसी कड़ी में आज हम आपको किन्नरों से जुड़ी एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़ने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। आमतौर पर यदि कोई आपसे सवाल करे कि क्या कोई किन्नर गर्भवती हो सकता है? तो आपका सीधा-सा जवाब होगा- नहीं।

किन्नर की उत्पत्ति कैसे हुई?

1. ज्योतिष के अनुसार ऐसा माना जाता है कि 'वीर्य(Sperm) की अधिकता से बेटा होता है और रज यानि रक्त की अधिकता से बेटी. अगर रक्त और वीर्य दोनों बराबर रहें, तो किन्नर पैदा होते हैं'. ऐसा भी माना जाता है कि ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की उत्पत्ति हुई है.