संतोषी मां को खुश कैसे करें? - santoshee maan ko khush kaise karen?

मौत के बाद अंतिम संस्कार में न करें जल्दबाजी, नहीं तो..

शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं। घर के ही किसी पवित्र स्थान पर संतोषी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। संपूर्ण पूजन सामग्री तथा किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर रखें। जल भरे पात्र पर गुड़ और चने से भरकर दूसरा पात्र रखें। संतोषी माता की विधि-विधान से पूजा करने के बाद माता संतोषी की यह नीचे दी गई स्तुति को श्रद्धा पूर्वक करें।

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संतोषी माता की स्तुति करते वक्त घी का दीपक एवं कपूर एक थाल में जलते रहना चाहिए। संतोषी माता की स्तुति पूरी होने के बाद सभी को गुड़-चने का प्रसाद बांटें । एवं स्वयं भी ग्रहण करें। अंत में पात्र के जल को पूरे घर में माता का नाम लेते हुये छिड़क दें तथा शेष जल को तुलसी के पौधे में डाल दें। शुक्रवार के दिन जो भी संतोषी माता के निमित्त उपवास रखे वे इस दिन खट्टी चीजों का सेवन न करे और ना ही स्पर्श करें।

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।। संतोषी माता की स्तुति ।।

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥

बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों में।
माँ की आँखों में।
बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों में।
माँ की आँखों में।
क्यूँ ना देखूँ मैं बारम्बार माँ की आँखों में।
माँ की आँखों में।
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार आँखों में।
माँ की आँखों में।
नृत्य करो झूम झूम, छम छमा छम झूम झूम,
झांकी निहारो रे॥

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ।।

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सदा होती है जय जय कार माँ के मंदिर में।
माँ के मंदिर में।
नित्त झांझर की होवे झंकार माँ के मंदिर में।
माँ के मंदिर में।
सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मंदिर में।
माँ के मंदिर में।
वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर में।
माँ के मंदिर में।
दीप धरो धूप करूँ, प्रेम सहित भक्ति करूँ,
जीवन सुधारो रे॥

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की।
जय जय संतोषी माता जय जय माँ॥

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संतोषी मां को खुश कैसे करें? - santoshee maan ko khush kaise karen?

Santoshi Mata Mantra आज शुक्रवार है। आज के दिन संतोषी मां की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर शुक्रवार के दिन संतोषी माता की पूजा की जाए तो माता प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करती हैं।

Santoshi Mata Mantra: आज शुक्रवार है। आज के दिन संतोषी मां की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर शुक्रवार के दिन संतोषी माता की पूजा की जाए तो माता प्रसन्न होकर शुभ फल प्रदान करती हैं। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, भगवान गणेश की पुत्री संतोषी माता को माना गया है। पुराणों में कहा गया है कि अगर शुक्रवार के दिन संतोषी माती की पूजा पूरे विधि-विधान के साथ की जाए और उनके मंत्रों का जाप किया जाए मां प्रसन्न होकर व्यक्ति के घर को धन-धान्य से भर देती हैं। तो आइए पढ़ते हैं संतोषी माता के मंत्र-

संतोषी माता की पूजा करते समय जरूर पढ़ें यह मंत्र:

ॐ श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी

शुक्रवार प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते!

मान्यता है कि इस मंत्र का जाप विशेष तौर पर संतोषी माता की पूजा के दौरान किया जाना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है। इस मंत्र का अर्थ है आनंद देने वाली संतोषी मां, जिनको शुक्रवार दिन, प्रिय है, आपको मैं प्रणाम करता हूं, मेरी रक्षा करें।

इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मकता आती है। साथ ही जीवन की सभी नकारात्मकता खत्म भी हो जाती है। ऐसा कहा जाता है कि मंत्र के उच्चारण के बाद व्यक्ति के अंदर आध्यात्मिक शांति महसूस होती है। इन मंत्रों का भी करें जाप-

संतोषी माँ महामंत्र:

  • जय माँ संतोषिये देवी नमो नमः
  • श्री संतोषी देव्व्ये नमः
  • ॐ श्री गजोदेवोपुत्रिया नमः
  • ॐ सर्वनिवार्नाये देविभुता नमः
  • ॐ संतोषी महादेव्व्ये नमः
  • ॐ सर्वकाम फलप्रदाय नमः
  • ॐ ललिताये नमः

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Edited By: Shilpa Srivastava

Santoshi Mata Puja: शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ संतोषी माता को भी समर्पित है. शुक्रवार के दिन आदिशक्ति माता के विभिन्न रुपों की पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन सच्ची श्रद्धा से माता संतोषी की पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. और मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. शुक्रवार के व्रत के नियम कठोर होते हैं. इन नियमों का पालन करने के बाद ही व्रत का पूर्ण फल मिलता है. आइए जानते हैं संतोषी माता की पूजा विधि और महत्व के बारे में. 

संतोषी माता व्रत का महत्व

हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. शुक्रवार के दिन मां संतोषी माता की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि माता संतोषी की पूजा-अर्चना से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. साथ ही भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ती होती है.  मान्यता है कि अगर कोई अविवाहित कन्या 16 शुक्रवार के व्रत रखती है, तो उनकी शादी शीघ्र हो जाती है. वहीं, विवाहित महिलाओं को व्रत रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि माता संतोषी के पिता भगवान श्री गणेश हैं. और माता का नाम रिद्धि-सिद्धि है. 

शुक्रवार के दिन क्या न करें

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धार्मिक मान्यता है कि अगर कोई शुक्रवार के दिन व्रत रखता है तो उसे खट्टी चीजों को स्पर्श करने और खाने की मनाही होती है. इस दिन भूलकर भी खट्टी चीजों का सेवन न करें, वरना माता रुष्ठ हो जाती हैं. इस दिन तामसिक भोजन से परहेज करें. किसी को अपशब्द या कटु शब्द न करें. किसी से वाद-विवाद करने से बचें. 

संतोषी माता व्रत पूजा विधि

शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर संतोषी माता को स्मरण और प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें.इसके बाद स्नान आदि से निविर्त होककर लाल वस्त्र धारण करें. पूजा गृह में माता संतोषी की चित्र और कलश स्थापित कर पूजा करें. पूजा में गुड़, चना, फल, फूल, दूर्वा, अक्षत, नारियल फल माता को अर्पित करें. मां को लाल चुनरी चढ़ाएं. आखिर में आरती अर्चना और प्रसाद भेंट करें. शुक्रवार के दिन पूजा आदि करने के बाद दिनभर उपवास रखें. शाम के समय एक बार फिर से आरती करने के बाद ही व्रत का पारण करें और भोजन ग्रहण करें. इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें. 

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संतोषी माता की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?

माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किए जाने का विधान है। सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई आदि कर लें। स्नान करने के बाद घर में पवित्र स्थान पर माता संतोषी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

संतोषी माता को कैसे प्रसन्न कर सकते हैं?

शुक्रवार को प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर संतोषी माता को स्मरण और प्रणाम करके दिन की शुरुआत करें. इसके बाद स्नान आदि से निविर्त होककर लाल वस्त्र धारण करें. पूजा गृह में माता संतोषी की चित्र और कलश स्थापित कर पूजा करें. पूजा में गुड़, चना, फल, फूल, दूर्वा, अक्षत, नारियल फल माता को अर्पित करें.

संतोषी माता का कौन सा दिन होता है?

Santoshi Mata Vrat: शुक्रवार का दिन मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां संतोषी को समर्पित हैं. जो लोग 16 शुक्रवार तक विधि-विधान और भक्ति-भाव मां संतोषी का व्रत करते हैं मां उनके घर में धन-धान्‍य और खुशियों की बरसात करती हैं.

संतोषी माता की पूजा कैसे की जाती है?

सुबह उठकर स्नान करें और घर को साफ-सुथरा रखें..
गंगाजल से पूजा घर को साफ कर माता संतोषी की प्रतिमा अथवा तस्वीर को स्थापित कर लें..
पूजन की सभी सामग्री इकट्ठा कर लें और एक कलश में जल भर कर रख लें..
जल से भरे कलश के ऊपर गुड़ और चने से भरा दूसरा पात्र रख लें..
अब धूप-दीव, नैवेद्य आदि से माता की पूजा करें और कथा सुनें..