कौन सा ग्रह आलसी बनाता है? - kaun sa grah aalasee banaata hai?

Reason Of Laziness: हमारे जीवन में घट रही घटनाओं के पीछे ग्रहों का हाथ होता है. व्यक्ति का स्वभाव, भविष्य और व्यक्तित्व सभी कुछ ग्रहों पर निर्भर करता है. कई बार आपने देखा होगा कि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट होते हुए भी आलस और सुस्ती से भरा होता है. इसके पीछे भी व्यक्ति की कुंडली की ग्रह दशा होती है. ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के ग्रहों की कुछ विशेष दशा व्यक्ति को आलसी बना देती है. आइए जानें ग्रहों की कौन सी दशा व्यक्ति को आलसी और सुस्त बनाती हैं. 

शनि की दशा

सभी ग्रहों में शनि बहुत ही धीमी चाल से चलता है. जिन जातकों के जीवन में शनि की अशुभ दशा होती है, वे जीवन में आलसी बन जाते हैं. इसका अर्थ ये नहीं है शनि आलस को बढ़ाते हैं. बल्कि शनि देव तो व्यक्ति को अनुशासन में रहना और मेहनत करना सिखाते हैं. लेकिन शनि के शत्रु भाव में होने के कारण व्यक्ति सुस्त हो जाता है. 

सूर्य की दशा

सूर्य ग्रह को वैसे तो एनर्जी का स्रोत माना जाता है. लेकिन किसी भी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर ये व्यक्ति को बहुत आलसी बना देता है. व्यक्ति इस हद  तक आलसी हो जाता है कि उसका बिस्तर से उठने तक का मन नहीं करता. 

राहु की दशा

व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु के लग्न भाव में होने पर जातक आलसी हो जाता है. ऐसे लोग आसानी से कोई निर्णय नहीं ले पाते. और सही-गलत में अंतर नहीं कर पाते. ऐसे लोगों का दिमाग बहुत धीरे काम करता है. 

चंद्रमा की दशा

ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा किसी भी जातक की कुंडली में अगर केंद्र यानी पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर का स्वामी होता है. यानी जिन जातकों की कुंडली में इन घरों की कर्क राशि होती है, वे बहुत आलसी स्वभाव के होते हैं. ऐसे लोग ख्यालों में रहते हैं और मेहनत नहीं करना चाहते. 

गुरु की दशा

अगर कुंडली में गुरु की दशा कमजोर होती है, तो व्यक्ति के आलस में बढ़ोतरी होती है. गुरु की कृपा से व्यक्ति को ये अहसास होने लगता है कि उसने जीवन में सब कुछ पा लिया है और उसे अब किसी भी तरह की मेहनत की जरूरत नहीं है. इसलिए ये लोग कभी आगे नहीं बढ़ पाते. 

यूं दूर करें आलस्य

- किसी भी तरह से चंदन का इस्तेमाल व्यक्ति के आलस को दूर करने में मदद करता है. 

- राहु के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए शुक्रवार और रविवार को भैरव बाबा की पूजा करें. 

- रंगों का भी व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है. स्वंय को एक्टिव रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा नारंगी रंग का प्रयोग करें. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

किस्मत कनेक्शन: आलस्य में किन ग्रहों की भूमिका होती है?

किस्मत कनेक्शन: आलस्य में किन ग्रहों की भूमिका होती है?

किस्मत कनेक्शन में आज हम बात करेंगे आलस्य के बारे में. कुंडली में तीसरा, छठा, ग्यारहवां भाव पराक्रम का होता है, ये भाव मजबूत हों तो व्यक्ति कर्मठ होता है. इन भावों के कमजोर होने पर व्यक्ति आलसी होता है. शनि कमजोर हो तो आलस्य की समस्या होती है. अग्नि तत्व कमजोर होने पर व्यक्ति आलसी हो जाता है. चंद्रमा, शुक्र भी आलस्य में बड़ी भूमिका निभाते हैं. जल और वायु की राशियों में आलस्य की संभावना ज्यादा होती है.

In today Kismat connection, we will talk about laziness. In the horoscope, the third, sixth, eleventh bhav is of mighty power, if the bhav becomes strong, then the person is a workman. When these feelings are weak, one becomes lazy. If Saturn is weak, there is a problem of laziness. When the fire element weakens, the person becomes lazy. Moon, Venus also play a big role in laziness. There is more chance of laziness in the zodiacs of water and air.

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  • कौन सा ग्रह आलसी बनाता है? - kaun sa grah aalasee banaata hai?

  • कौन सा ग्रह आलसी बनाता है? - kaun sa grah aalasee banaata hai?

अक्‍सर हम देखते हैं कि कुछ लोग अपनी लाइफ में बहुत ऐक्टिव होते हैं और वहीं कुछ लोग बेहद आलसी किस्‍म के होते हैं। आखिर ऐसा क्‍या है जो कि एक व्‍यक्ति को इतना आलसी बना देता है और दूसरे को बहुत ऐक्टिव। कभी सोचा है इस बारे में आपने। इस बात का जवाब वैदिक ज्‍योतिष के जानकारों के पास है। ज्‍योतिष के अनुसार आपके ग्रहों की कुछ विशेष दशा आपको आलसी बनाने के लिए जिम्‍मेदार होती हैं। आइए जानते हैं ग्रहों की किन दशाओं की वजह से आप बनते हैं आलसी और इसके लिए आपको क्‍या उपाय करने चाहिए।

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शनि की दशा

शनि को बहुत ही धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। जिन जातकों की शनि की अशुभ दशा का प्रभाव होते हैं, वे अपनी लाइफ में आलसी बन जाते हैं। इसका अर्थ यह नहीं है कि शनि आलस्‍य को बढ़ावा देते है, बल्कि शनि तो उन ग्रहों में से हैं जो व्‍यक्ति को अनुशासन में रहना और मेहनत करना सिखाते हैं। लेकिन ऐसा माना जाता है कि कुंडली में शनि के शत्रु भाव में होने के कारण जातका को सुस्‍ती छाई रहती है।

सूर्य की दशा

वैसे तो सूर्य को पूरे ब्रह्मांड में एनर्जी का सबसे बड़ा सोर्स माना जाता है, लेकिन अगर यह आपकी कुंडली में खराब स्थिति में हों तो यह आपको इस कदर आलसी बना देते हैं कि आपका बिस्‍तर से भी उठने का मन नहीं करता।

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राहु की दशा

ऐसा माना जाता है कि आपके जन्‍म की कुंडली में राहु अगर लग्‍न भाव में होते हैं तो यह जातक में आलस्‍य को बढ़ावा देते हैं। ऐसे लोगों कोई जरूरी निर्णय लेने में भी अक्‍सर उलझन में रहते हैं और सही गलत का अंतर नहीं कर पाते हैं। ऐसे लोगों का दिमाग भी बहुत धीरे चलता है और यही वजह है कि इनका शरीर भी आलसियों की तरह व्‍यवहार करता है।

चंद्रमा की यह दशा

ज्‍योतिष के सिद्धांतों के अनुसार, चंद्रमा जिनकी कुंडली में केंद्र स्थान यानी पहले, चौथे, सातवें या दसवें घर के स्वामी होते हैं। यानी जिनकी कुंडली में इन घरों में कर्क राशि होती है। उनमें आलस का भाव अधिक होता है, ऐसे लोग ख्यालों में ज्यादा रहते हैं और मेहनत से दूर भागते हैं।

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गुरु की दशा

कुंडली में गुरु की अशुभ दशा की वजह से भी जातक के शरीर के आलस्‍य में वृद्धि होती है। ऐसा कहा जाता है कि गुरु की विशेष दशा की वजह से जातक को ऐसा लगने लगता है कि उसने जीवन में सब कुछ पा लिया है और उसे अब आगे मेहनत करने की जरूरत नहीं है। इसलिए ऐसे लोग एक ही स्‍थान पर जमे रहते हैं और आगे नहीं बढ़ते हैं।

कौन सा ग्रह आलसी बनाता है? - kaun sa grah aalasee banaata hai?

आलस्‍य दूर करने के उपाय

  • चंदन का किसी भी रूप में प्रयोग आपके आलस्‍य को दूर करने में कारगर होता है।
  • शुक्रवार और रविवार को राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए भैरव बाबा की पूजा करें। इससे आपके शरीर में तेजी आएगी।
  • रंगों का भी जीवन में काफी महत्‍व होता है और वह भी आपकी सक्रिया को बढ़ाते हैं। खुद को सदैव ऐक्टिव रखने के लिए नारंगी रंग का प्रयोग अधिक से अधिक करें। इसके साथ ही खाने में अधिक पोषण पदार्थों का सेवन करें।

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आलसी के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?

शनि को बहुत ही धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। जिन जातकों की शनि की अशुभ दशा का प्रभाव होते हैं, वे अपनी लाइफ में आलसी बन जाते हैं।

ज्यादा आलस आने का क्या कारण है?

आलस के जीवनशैली से जुड़े कारण (Lifestyle causes of laziness) उदाहरण के लिए एक खराब आहार, बहुत ज़्यादा शराब और अच्छी नींद की कमी ये सब आपको थका हुआ महसूस कराते हैं। ) से संबंधित लेख पढ़ें। तनाव कम नींद का कारण बन सकता है तो बदले में आपको थका हुआ महसूस करा सकता है और आपमें प्रेरणा की कमी हो सकती है।

ग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह कौन सा है?

बृहस्पति का चुम्बकीय क्षेत्र हमारे सौर मंडल के किसी भी अन्य ग्रह से अधिक शक्तिशाली है और वैज्ञानिक कहते हैं कि इसकी वजह बृहस्पति के अन्दर की धातु हाइड्रोजन है। बृहस्पति के वायुमंडल में मीथेन, जल वाष्प, अमोनिया और सिलिकॉन आधारित यौगिक मिले है।

झूठ बोलने से कौन सा ग्रह खराब होता है?

राहु अशुभ होने पर व्यक्ति को झूठ बोलने वाला बनाता है. इसके साथ ही ऐसा व्यक्ति गलत कार्यों में लिप्त रहता है.