कान में कट कट की आवाज आना - kaan mein kat kat kee aavaaj aana

Tinnitus: कान में आवाज आना हो सकता है खतरनाक, इसे न करें नजरअंदाज

कान में आवाज आना या कान बजना एक समस्या है, जिसमें रिंगिंग, बजिंग, चिर्पिंग, सीटी या अन्य तरह की आवाजें सुनाई देती हैं। कान में आवाज आने की समस्या रुक-रुक कर हो सकती है या लगातार भी हो सकती है। इसके अलावा, इसकी वॉल्यूम में भी भिन्नता हो सकती है। अक्सर, यह समस्या तब ज्यादा परेशान करने लगती है, जब आपके आसपास की आवाज बिल्कुल कम होती है। क्योंकि, इस समय कान में आवाज बिल्कुल अच्छी तरह सुनाई देती है और इर्रिटेट करती है। उदाहरण के लिए, रात में हमारे आसपास की आवाज बिल्कुल कम हो जाती है और सन्नाटा छा जाता है, लेकिन इस वक्त ही कान में आवाज आने से आपको सोने में दिक्कत हो सकती है। कान में आवाज आने की समस्या कई बार आपकी धड़कन के साथ उतार-चढ़ाव करने लगती है। किन यह बहुत रेयर केस होता है। कान में आवाज आने या कान बजने की समस्या को टिनिटस भी कहते हैं।

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कान में आवाज आना और बहरेपन में संबंध

कान बजना खुद में कोई बीमारी नहीं है। बल्कि, यह एक लक्षण है, जिससे पता चलता है कि आपके ऑडिटरी सिस्टम में कुछ खराबी आ गई है। ऑडिटरी सिस्टम में कान, इनर ईयर और दिमाग को जोड़ने वाली ऑडिटरी नर्व और साउंड को प्रोसेस करने वाला दिमाग का हिस्सा शामिल होता है। कान बजने की समस्या कान में वैक्स जमने जैसे सामान्य से कारण की वजह से हो सकती है। लेकिन, कई बार यह दूसरी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकती है। जैसे-

  • कान और साइनस का इंफेक्शन
  • ब्रेन ट्यूमर
  • महिलाओं में हॉर्मोनल चेंज
  • थायरॉइड असामान्यता
  • दिल या रक्त वाहिकाओं की बीमारी
  • तेज आवाज की वजह से होने वाला बहरापन

कान में आवाज आना तेज साउंड की वजह से होने वाले बहरेपन का संकेत भी हो सकता है। क्योंकि, कान में आवाज आने की समस्या का सबसे आम कारण तेज साउंड के संपर्क में आना होता है। कान में आवाज आने की समस्या से परेशान 90 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी स्तर का तेज साउंड की वजह से होने वाला बहरापन होता है।

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दरअसल, तेज आवाज की वजह से हमारे कान के अंदरुनी हिस्से में एक स्पाइरल शेप का अंग क्षतिग्रस्त हो जाता है, जिसे कोक्लिया (Cochlea) कहा जाता है। तेज साउंड के संपर्क में सिर्फ एक बार आने से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है। इसीलिए, जब हमारे कान के पास कोई तेज आवाज सुनाई देती है या कान पर किसी भी वजह से कोई चीज लगती है, तो हमें कान में सीटी बजने जैसी आवाज सुनाई देने लगती है।

इन लोगों में ज्यादा हो सकता है बहरापन

तेज साउंड की वजह से होने वाले बहरेपन का खतरा सबसे ज्यादा कारपेंटर, पायलट, रॉक म्यूजिशियन, स्ट्रीट रिपेयर वर्कर या गन व तेज आवाज डिवाइस के साथ काम करने वालों को ज्यादा होता है। इस वजह से निम्नलिखित लोगों को काफी टाइम तक ऐसी जगह कार्य करते रहने की वजह से आगे चलकर कम सुनाई देना शुरू हो जाता है। हालांकि, इसके अलावा कान में आवाज आने की समस्या बूढ़े लोगों में होने वाले बहरेपन की भी निशानी होती है। कान बजने की समस्या कुछ दवाओं का सेवन शुरू करने या रोकने की वजह से भी होती है और विशेषज्ञों ने ऐसी 200 दवाओं को चिन्हित किया है, जो कि इस समस्या का कारण बनती हैं।

कान में आवाज आने की वजह क्या है?

कान में आवाज आने का मुख्य स्रोत न्यूरल सर्किट (ब्रेन सेल्स का नेटवर्क) होता है, जिसकी वजह से हमें किसी भी तरह की आवाज सुनने का आभास होता है। इसका मतलब यह है कि, जिस समस्या को हम कान से जोड़कर देखते हैं, वो दरअसल दिमाग से जुड़ी होती है। कान में आवाज आने के दिमागी कारण के पीछे वैज्ञानिकों के बीच अभी भी मतभेद बना हुआ है। कुछ लोगों को लगता है टिनिटस क्रोनिक पेन सिंड्रोम की तरह ही होता है, जिसमें किसी घाव या टूटी हड्डी के जुड़ जाने के बाद भी दर्द रहता है। इसके अलावा, अंदरुनी कान के क्षतिग्रस्त होने की वजह से ऑडिटरी सिस्टम को भेजे जा रहे साउंड के सिंग्नल का न्यूरल सर्किट द्वारा संतुलन बिगड़ जाने से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है।

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इसके अलावा निम्नलिखित कारणों की वजह से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है। जैसे-

  • कानों में वैक्सहोने से भी कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है।
  • कान में आवाज आने की समस्या के पीछे एस्पिरिन, कुछ एंटीबायोटिक्स, एंटी डिप्रेशन दवाएं या कीमोथेरेपी से संबंधित दवाएं खाना भी हो सकता है।
  • सिर की चोट भी कान में आवाज आने का कारण बन सकती है। इसलिए, डॉक्टर टिनिटस का उपचार करते हुए आपकी मेडिकल हिस्ट्री भी पूछते हैं।
  • दांत दर्द (Toothache) के कारण भी टिनिटस की शिकायत हो जाती है। क्योंकि, कानों की कुछ नसें आपके जबड़ों से जुड़ी रहती है। जिसके कारण कान में आवाज आ सकती है।
  • कुछ बीमारियों के कारण भी कान में आवाज आने की समस्या होती है। सर्दी-जुकाम, साइनस आदि में कभी-कभी कान जाम हो जाता है और उसमें आवाज आने लगती है।

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कान में आवाज आने की समस्या का इलाज कैसे किया जाता है?

कान में आवाज आने की समस्या का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है। जैसे-

ईयरवैक्स रिमूवल

कान में वैक्स की वजह से ब्लॉकिंग हो जाती है, जिस वजह से कान में आवाज आने की समस्या हो सकती है। इसलिए, इसके इलाज के लिए ईयरवैक्स रिमूवल किया जाता है।

रक्त वाहिकाओं का ट्रीटमेंट

दवाइयों और सर्जरी की मदद से संकरी रक्त वाहिकाओं का इलाज किया जाता है।

साउंड थेरेपी

मशीन के द्वारा वाइट नॉइज (White Noise) या इन-ईयर डिवाइस की मदद से कान में आवाज आने की समस्या को मास्क किया जाता है।

दवाइयों में बदलाव

कई बार कुछ दवाइयों को शुरू करने या बंद करने से भी यह समस्या हो सकती है, इसलिए डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री को जांचकर दोबारा से दवाइयों में बदलाव कर सकता है।

कान की मशीन

बहरेपन की समस्या के कारण कान में आवाज आने की समस्या में कान की मशीन काफी कारगर साबित होती है। इससे, बाहरी आवाज के स्तर को नियंत्रित किया जाता है, जिससे आप जरूरी आवाज आसानी से सुन पाएं और इस समस्या पर कम गौर कर पाएं।

डिप्रेशन या चिंता की दवा

कई बार डॉक्टर आपको डिप्रेशन या चिंता से राहत दिलाने वाली दवाओं का सेवन करने को कहता है। ताकि, आपको पर्याप्त नींद मिल पाए और आपका मूड सही रहे।

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कान में आवाज आने की समस्या के घरेलू इलाज

कान में आवाज आने की समस्या के लिए आप निम्नलिखित घरेलू इलाज का उपयोग कर सकते हैं। जैसे-

  • रोजाना एक्सरसाइज करने से आपकी रक्त वाहिकाएं और दिमाग की कार्यक्षमता मजबूत होती है।
  • धीमी आवाज पर रेडियो या बैकग्राउंड म्यूजिक सुनें।
  • धनिया की चाय बना कर पीने से कान में आवाज आने की समस्या कंट्रोल हो सकती है।

कान में कट कट की आवाज क्यों आती है?

कान में अजीब-अजीब सी आवाज का आना टिनिटस बीमारी का लक्षण होता है। टिनिटस अमूमन एक कान में होता है और कुछ रेयर केस में दोनों काम में हो सकता है। टिनिटस बीमारी दो तरह की होती है। एक में कान के अंदरूनी, बाहरी या बीच के भाग में परेशानी होती है और दूसरी में खून की धमनियों में समस्या होती है।

कान में आवाज आए तो क्या करना चाहिए?

जानिए, टिनिटस का उपचार-.
कान को समय-समय पर साफ करते रहें। ... .
अत्यधिक शोर वाले स्थान से दूरी बनाएं रखें। ... .
आप चाहें तो कानों को ढंकने के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे शोर शराबे से सुरक्ष‍ित रह सकें।.
कुछ ऐसे यंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है, जो पर्यावरण संबंधी आवाजों के स्त्रोत होते हैं।.

टिनिटस कितने दिनों में ठीक होता है?

मरीजों को परामर्श सत्र दिए जाते हैं ताकि वे tinnitus की ध्वनि को अवचेतन स्तर पर सामान्य स्थिति के रूप में देखें तथा उससे परेशान न हो । यह उपचार काफ़ी प्रभावी माना जाता है । हालाँकि इसके उचित परिणाम मिलने के लिए इसका कम से कम 12-18 महीने तक पालन करना जरुरी होता है ।

टिनिटस का सफल इलाज क्या है?

टिनिटस के लिए कोई इलाज नहीं है, क्योंकि विकार एक अंतर्निहित स्थिति का संकेत है। टिनिटस के कारण को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर एक पूर्ण शारीरिक जांच की सिफारिश करते है। यदि यह परीक्षण समस्या को प्रकट नहीं करता है, तो आपको कान विशेषज्ञों और ऑडियोलॉजिस्ट के पास भेजा जा सकता है।