आज के आर्टिकल में हम हिंदी व्याकरण के अंतर्गत वाच्य का अर्थ (Vachya Ka Arth) ,वाच्य के भेद (Vachya Ke Bhed) विस्तार से पढेंगे । Show
वाच्य – Vachya in Hindi
वाच्य का अर्थ – वाक्य में कथन की प्रधानता अब बात करें कि वाक्य में कर्ता ,कर्म या भाव किसकी प्रधानता है ,वाक्य में इसका पता चलता है ,इसे वाच्य (Vachya) कहते है वाच्य से यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता , कर्म और भाव में से किसकी प्रधानता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया के लिंग, वचन तथा पुरुष – कर्ता , कर्म या भाव में से किसके अनुसार है। वाच्य की परिभाषा – Vachya ki Pribhashaवाच्य क्रिया के उस रूपान्तर को कहते हैं, जिससे कर्ता , कर्म और भाव के अनुसार क्रिया के परिवर्तन ज्ञात होते हैं। यथा –
ऊपर के वाक्यों में उनकी क्रियाएँ क्रमशः कर्ता , कर्म और भाव के अनुसार हैं। पहले वाक्य में रमा कर्ता है और उसके अनुसार क्रिया हैं – पढ़ती है। दूसरे वाक्य में कर्म पुस्तक के अनुसार क्रिया है -पढ़ी जाती है। अन्तिम वाक्य में पढ़ा नहीं जाता है से न पढ़ने का भाव स्पष्ट है। अतः यहाँ क्रिया भाव के अनुसार है। वाच्य के भेद – Vachya ke kitne bhed hote hainवाच्य के तीन भेद होते हैं-
ऊपर के तीनों वाक्यों से वाच्य के ये तीनों भेद स्पष्ट है। कर्तृवाच्य – Krit Vachyaजिस वाक्य में क्रिया कर्ता के अनुसार हो, उसे ’कर्तृवाच्य’ कहते हैं। यथा –
ऊपर के इन दो वाक्यों की क्रियाएँ लिखता और पढ़ती कर्ता राम और सीता के अनुसार है। अतः ये वाक्य कर्तृवाच्य में है। कर्मवाच्य – Karm Vachyaवाक्य में कर्म की प्रधानता होती है। जिस वाक्य में क्रिया कर्म के अनुसार हो, उसे ’कर्मवाच्य’ कहते हैं। यथा –
ऊपर के दोनों वाक्यों में पत्र और पुस्तक कर्म है और इनके अनुसार क्रियाएँ हैं – लिखा जाता और पढ़ी जाती। अतः ये वाक्य कर्मवाच्य के उदाहरण हैं। नोट : ज्यादातर सकर्मक क्रिया के उदाहरण कर्म वाच्य में आते है भाववाच्य – Bhav Vachyaजिस वाक्य में क्रिया कर्ता और कर्म को छोङकर भाव के अनुसार हो, उसे ’भाववाच्य’ कहते हैं। उदाहरण –
ऊपर के वाक्यों में बैठा नहीं जाता, खाया नहीं जाता से एक भाव स्पष्ट होता है। इन सब वाक्यों में न कर्ता की प्रधानता है, न कर्म की। इनमें निहित सभी क्रियाएँ भाव के अनुसार हैं। अतः भाव के अनुसार क्रिया होने से ये सभी भाववाच्य के उदाहरण हैं। टिप्पणी: कर्तृवाच्य में सकर्मक और अकर्मक दोनों क्रियाएँ होती है। कर्मवाच्य में क्रिया केवल सकर्मक होती हैं। क्रिया का लिंग, वचन और पुरुष कर्म के अनुसार होता है। कर्मवाच्य का प्रयोग विधान और निषेध दोनों स्थितियों में होता है। भाववाच्य में क्रियाएँ प्रायः अकर्मक होती हैं। इसकी क्रिया सदा एकवचन, अन्य पुरुष और पुल्लिंग में होती है। इसमें असमर्थता और निषेध होने से वाक्य प्रायः नकारात्मक होते हैं। नोट : क्रिया सदा एकवचन में होगी। कर्मवाच्य के प्रयोगअंग्रेजी व्याकरण में कर्तृवाच्य को कर्मवाच्य में बदलने की प्रक्रिया होती है। परन्तु, हिन्दी में ऐसा नहीं होता। हिन्दी में कुछ सामान्यतः कर्तृ रूप में ही चलते हैं और कुछ कर्म रूप में ही। हिन्दी में
’राम श्याम द्वारा पीटा गया’ जैसा वाक्य नहीं चलता। हिन्दी की प्रकृति के अनुसार सही वाक्य ’श्याम ने राम को पीटा’ होगा। यथा – (1) जब कर्ता अज्ञात हो अथवा ज्ञात कर्ता का उल्लेख करने की आवश्यकता न हो –
(2) कानूनी तथा सरकारी व्यवहार में अधिकतर व्यक्त करने के लिए –
(3) कर्ता पर जोर देने के लिए –
(4) अशक्यता के प्रसंग में –
(5) अपना प्रभाव व्यक्त करने के लिए –
(6) सम्भावना व्यक्त करने के लिए –
वाच्य के महत्त्वपूर्ण प्रश्न – Vachya Class 101. ’’मैं यह भाषा नहीं पढ़ सकूँगा।’’ इस वाक्य को ’कर्मवाच्य’ में बदलें ? 2. निम्नलिखित वाक्य का वाच्य बताइए – 3. ’’क्या तुमने खाना खा लिया है ?’’ इस वाक्य को ’कर्मवाच्य’ में बदलें ? 4.
निम्नलिखित वाक्य का वाच्य बताइए – 5. ’’गायिका द्वारा गीत गाया जा रहा है ?’’ इस वाक्य को ’कर्तृवाच्य’ में बदलें ? 6. निम्न वाक्य का वाच्य बताइए – 7.
’’पक्षी से उङा गया।’’ इस वाक्य को ’कर्तृवाच्य’ में बदलें ? 8. निम्नलिखित वाक्य को कर्तृवाच्य में बदलिए- 9. ’’रमेश के द्वारा सब्जी खरीदी जा रही थी।’’ इस वाक्य को ’कर्तृवाच्य’ में बदलें ? 10. निम्नलिखित वाक्य को भाववाच्य में बदलिए – 11. भाववाच्य वाला वाक्य इनमें से कौनसा है ? 12.
निम्नलिखित वाक्य का वाच्य बताइए- 13. कर्मवाच्य का उदाहरण वाक्य है – 14. ’अध्यापक ने कक्षा में गणित की परीक्षा ली’ वाक्य है- 15. कर्तृवाच्य का प्रयोग नहीं हुआ
है ? 16. ’मोहन से पढ़ा नहीं जाता है’ वाक्य है- 17. ’पुस्तक पढ़ी जाती है।’ में प्रयुक्त वाच्य का चयन करें – 18. इनमें से किस वाक्य में ’कर्मवाच्य’ है ? 19. ’स्वामी विवेकानंद ने सभा में उपदेश दिया’ यह किस प्रकार का वाच्य है ? 20. इनमें से कौनसा वाक्य कर्तृवाच्य में नहीं है ? 21. निम्नलिखित प्रश्न का निर्देशानुसार उत्तर दीजिए – 22. इनमें से कौनसा वाक्य कर्मवाच्य में है ? 23. निम्नलिखित वाक्य का वाच्य भेद विकल्पों से चुनिए- 24. इनमें से
कौनसा वाक्य भाववाच्य में नहीं है ? 25. निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर विकल्पों से चुनें – 26. इनमें से कौनसा कथन सही नहीं है – 27. वाच्य का शाब्दिक अर्थ क्या होता है ? 28. निम्नलिखित कर्तृवाच्य वाक्य को कर्मवाच्य वाक्य में बदलिए – 29. निम्नलिखित वाक्य का वाच्य भेद विकल्पों से चुनिए- 30. ’मैं रामायण नहीं पढ़ सका।’ वाक्य में कौनसा वाच्य है ? 31. निम्नलिखित प्रश्न का निर्देशानुसार उत्तर दीजिए- 32. निम्नलिखित में से ’कर्तृवाच्य’ का उदाहरण है- 33. ’राम नहीं जाता है’ वाक्य का भाववाच्य में परिवर्तित रूप होगा – 34. ’मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गई।’ वाक्य में कौनसा वाच्य है ? 35. निम्न में से कर्मवाच्य का उदाहरण है- 36. ’अध्यापक ने कक्षा में गणित की परीक्षा ली’ वाक्य है- 37. ’वह लङाई में मारा गया।’ वाक्य में प्रयुक्त वाच्य है ? 38. कर्तृवाच्य का उदाहरण है – ये भी अच्छे से जानें ⇓⇓ समास क्या होता है ? परीक्षा में आने वाले मुहावरे महत्वपूर्ण विलोम शब्द देखें विराम चिन्ह क्या है ? परीक्षा में आने वाले ही शब्द युग्म ही पढ़ें पर्यायवाची शब्द साहित्य के शानदार वीडियो यहाँ देखें आज का आर्टिकल Kvs exam,Reet Exam,Pgt exam,Tgt exam,Ctet Exam,Htet Exam ,Gset exam,class 10,class 12,b.a.exam,Patwari exam,Constable exam,SSc Exam,Bank Exam सभी एग्जाम के लिए उपयोगी है Hindi Sahity Patr Patrikae Click Here For Visit मीरा के द्वारा पुस्तक पढ़ी गई कौन सा वाक्य है?कर्मवाच्य : मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गई। वाच्य का वह रूप जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के ना अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार हो उन्हें 'कर्मवाच्य' कहते हैं।
राम ने पुस्तक पढ़ी में कौन सा वाच्य है?Key Points. मीरा शब्द का वाच्य क्या है?– पहले वाक्य में 'मीरा' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु 'पीया'क्रिया का एकवचन, 'पुल्लिंग'रूप 'दूध'(कर्म) के अनुसार आया है। – दूसरे वाक्य में भी 'मीरा' (कर्ता) स्त्रीलिंग है परन्तु 'लिखा'क्रिया का एकवचन, 'पुल्लिंग'रूप 'पत्र'(कर्म) के अनुसार आया है। अतः स्पष्ट है कि यहाँ कर्मवाच्य है।
वाच्य कैसे पहचाने?वाच्य (Voice) की परिभाषा
क्रिया के उस परिवर्तन को वाच्य कहते हैं, जिसके द्वारा इस बात का बोध होता है कि वाक्य के अन्तर्गत कर्ता, कर्म या भाव में से किसकी प्रधानता है। दूसरे शब्दों में- क्रिया के जिस रूपान्तर से यह ज्ञात हो कि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया का प्रधान विषय कर्ता, कर्म अथवा भाव है, उसे वाच्य कहते हैं।
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