कान की जांच कैसे की जाती है? - kaan kee jaanch kaise kee jaatee hai?

घर में बैठे मरीज डाक्टर से करा सकेंगे कान की जांच

Author: JagranPublish Date: Mon, 08 Oct 2018 01:45 AM (IST)Updated Date: Mon, 08 Oct 2018 01:45 AM (IST)

कान से कम सुनाई देने के कारणों की जांच करवाने के लिए गांव के मरीजों को दिल्ली व लखनऊ जैसे बड़े शहरों तक नहीं जाना होगा।

जागरण संवाददाता, कानपुर : कान से कम सुनाई देने के कारणों की जांच करवाने के लिए गांव के मरीजों को दिल्ली व लखनऊ जैसे बड़े शहरों तक नहीं जाना होगा। वह मेट्रो सिटी के विशेषज्ञों से घर पर रहकर ही जांच कराकर बहरेपन की समस्या से निजात पा सकेंगे। आइआइटी के 1974 बैच के पूर्व छात्र परेश पटेल ने दो साल के शोध के बाद ऐसा ऑडियो मीटर बनाया है। इंटरनेट के जरिए इस ऑडियो मीटर से कान की जांच की जा सकती है।

इंटरनेट के माध्यम से दूर बैठे मरीज के कान की जांच करने के बाद उसके कान की मशीन का नंबर क्या है। इससे पता लगाकर उसके बहरेपन का इलाज किया जा सकता है। मशीन यह भी बताती है कि कान में सुनाई देने की ऐसी वजह तो नहीं है जिसके लिए सर्जरी करने की जरूरत है।

परेश पटेल ने बताया कि शोध के बाद तैयार किया गया ऑडियो मीटर एक सर्किट बोर्ड व 300 एंपियर की बैटरी से बना है। इस उपकरण से दस हजार मरीजों की जांच की जा चुकी है। इसकी कीमत 40 हजार रुपये है। उन्होंने आइआइटी में हुए स्टार्टअप सेमिनार में इस तकनीक के बारे में बताते हुए इसका डेमो भी दिया।

पर्दे व हड्डियों के जरिए सुनता है मनुष्य :

मनुष्य दो तरह से सुनता है। यह मशीन उन दोनों प्रकार के माध्यम की जांच करती है। पहला कान के पर्दे की जांच करने के लिए एक हेडफोन लगाकर मरीज के सुनने की क्षमता देखी जाती है। दूसरा इस मशीन में ऑडियो जैक लगा होता है, जो कान के पीछे की हड्डी पर लगाकर मरीज के बहरेपन की जांच करता है।

मोबाइल बनाएं कान की मशीन :

आइआइटी के पूर्व छात्र ने इसके अलावा डिजिटल इयर फोन भी विकसित किया है। इसके लिए उन्होंने क्यू प्लस मोबाइल एप बनाया है। इस एप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने के बाद वह कान की मशीन की तरह काम करने लगेगा। उन्होंने बताया कि मोबाइल स्पीकर की लीड को कान में लगाकर आप अपने अनुसार उसकी आवाज सेट कर सकते हैं।

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'ऑडियो मीटर मशीन उस जगह रखी जाती है जहां मरीज की जांच की जानी है। दूसरे स्थान पर बैठे चिकित्सक अपने कंप्यूटर पर सीडी के माध्यम से ऑडियो मीटर का सॉफ्टवेयर डाउनलोड करके ऑनलाइन कान की जांच कर सकते हैं।'

परेश पटेल, पूर्व छात्र आइआइटी व उपकरण के शोधकर्ता

Edited By: Jagran

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कान की कौन कौन सी जांच होती है?

मनुष्य दो तरह से सुनता है। यह मशीन उन दोनों प्रकार के माध्यम की जांच करती है। पहला कान के पर्दे की जांच करने के लिए एक हेडफोन लगाकर मरीज के सुनने की क्षमता देखी जाती है। दूसरा इस मशीन में ऑडियो जैक लगा होता है, जो कान के पीछे की हड्डी पर लगाकर मरीज के बहरेपन की जांच करता है।

कान में कैंसर होने के क्या लक्षण है?

हेल्थ डेस्क: कैंसर शरीर में कहीं भी हो सकता है लेकिन कान में होने वाले कैंसर के शुरुआती लक्षण काफी मामूली है जिसे देखकर अक्सर लोग इग्नोर ही कर देते हैं। ... .
कान के कैंसर के लक्षण.
कान से पानी निकलना ... .
डैमेज ईअरड्रम ... .
कान की इंफैक्शन ... .
कान बंद होना ... .
कान में खुजली ... .
कान में तेज दर्द होना.

कान में आवाज आना कौन सी बीमारी है?

कुछ लोग इसे बोलचाल की भाषा में कान बजना भी कहते हैं। यह आम समस्या नहीं है, बल्कि टिनिटस नाम की बीमारी है। इस बीमारी में कानों के अंदर बिना किसी कारण आवाज सुनाई देती है। हालांकि यह समस्या स्थाई नहीं होती, लेकिन सही उपचार न किए जाने पर लंबे समय तक और लगातार परेशानी का कारण बन सकती है।

कान की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?

Al-Eartone इयर ड्रॉप कान की समस्याओं के लिए एक एनोडीन, शामक, एंटीसेप्टिक और कीटाणुनाशक के रूप में कार्य करता है. यह कान श्लेष्म झिल्ली की सूजन की स्थिति में अत्यधिक प्रभावी है. यह एंटीसेप्टिक सॉल्यूशन एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों के साथ एक शक्तिशाली इयर टॉनिक है.

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