प्रश्न 1 आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसा मत दिखाई देना? - prashn 1 aapake vichaar se maan ne aisa kyon kaha ki ladakee hona par ladakee jaisa mat dikhaee dena?

One Line Answer

Theorem

आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना?

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Solution

इन पंक्तियों में लड़की की कोमलता तथा कमज़ोरी को स्पष्ट किया गया है। लड़की की कोमलता को उसका सबसे बड़ा गुण माना जाता है, परन्तु लड़की की माँ उसे लड़की जैसा दिखने अर्थात् अपनी कमज़ोरी को प्रकट करने से सावधान करती है क्योंकि कमज़ोर लड़कियों का शोषण किया जाता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 A)

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Chapter 8: ऋतुराज - कन्यादान - प्रश्न-अभ्यास [Page 51]

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APPEARS IN

NCERT Class 10 Hindi - Kshitij Part 2

Chapter 8 ऋतुराज - कन्यादान
प्रश्न-अभ्यास | Q 1 | Page 51

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आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की?

अपने अनुभव के अनुसार माँ अपनी बेटी को विवाहित जीवन में आने वाली कठिनाइयों के प्रति सचेत कर रही थी। ''लड़की होना पर लड़की जैसी दिखाई मत देना” यह माँ ने इसलिए कहा जिससे उसकी बेटी विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सके और अत्याचार का शिकार न होने पाए।

लड़की जैसा न दिखाई देने से कवि का क्या तात्पर्य है कन्यादान कविता के आधार पर लिखिए?

Question. 2: लड़की जैसी न दिखाई देने से कवि का तात्पर्य है ? Solution: माँ कन्यादान के समय बेटी से कहती है कि तुम लड़की होते हुए भी लड़की जैसी मत दिखाई देना। माँ द्वारा ऐसा कहने का भाव यह है कि वह लड़कियों की तरह सौंदर्य व कोमलता के गुणों से युक्त होते हुए भी सामाजिक मान्यता के अनुरूप 'अबला' बने।

लड़की को दुख बाँचना क्यों नहीं आता था?

कन्यादान कविता में ऐसा इसलिए कहा गया है कि लड़की को दुख बाँचना नहीं आता क्योंकि लड़की अभी सयानी नहीं हुई है। उसे दुनियादारी का अनुभव नहीं है। उसे जीवन के एक ही पक्ष का ज्ञान है। वह दुखों से अनभिज्ञ है क्योंकि माँ के घर पर दुखों से उसका कभी सामना नहीं हुआ था

मां ने बेटी को सचेत करना क्यों जरूरी समझा कन्यादान कविता के आधार पर प्रश्न का उत्तर दीजिए?

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नारी का जीवन कष्टों से भरा होता है। (ख) बेटी अभी सयानी नहीं थी, उसकी उम्र भी कम थी और वह समाज में व्याप्त बुराईयों से अंजान थी। माँ यह नहीं चाहती थी कि उसके साथ जो अन्याय हुए हैं वो सब उसकी बेटी को भी सहना पड़े। इसलिए माँ ने बेटी को सचेत करना ज़रुरी समझा

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