कुंभ राशि वाले परेशान क्यों होते हैं? - kumbh raashi vaale pareshaan kyon hote hain?

अक्षर तालिका : गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा।

विशेषत : उग्र, दृढ़निश्चयी, मेहनती, वैज्ञानिक बुद्धि, समाजसेवी।


कुंभ राशि (Aquarius) का स्थान पिंडली में होता है। इसके कारक ग्रह गुरु, शुक्र और शनि माने गए हैं। वायु तत्व प्रधान कुंभ राशि का स्वामी शनि है। भाग चर है और कुंभ लग्न की बाधक राशि सिंह तथा ग्रह सूर्य है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है।

लाल किताब अनुसार ग्यारहवें भाव में कुंभ राशि मानी गई है जिसके शनि का पक्का घर आठ और दस माना जाता है। इसमें शनि के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप कुंभ राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब की सामान्य सलाह दी जा रही है।

अशुभ की निशानी : शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। गृहकलह बना रहता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह नाश होता है। समय पूर्व दाँत और आँख की कमजोरी।


सावधानी व उपाय : सर्वप्रथम भगवान भैरव की उपासना करें। तिल, उड़द, भैंस, लोहा, तेल, काला वस्त्र, काली गौ, और जूता दान देना चाहिए। कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलावे। छायादान करें अर्थात् कटोरी में थोड़ा-सा सरसों का तेल लेकर अपना चेहरा देखकर शनि मंदिर में अपने पापों की क्षमा माँगते हुए रख आएँ।

दाँत साफ रखें। तहखानें की हवा को मुक्त न करें। अंधे-अपंगों, सेवकों और सफाईकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें। कुंडली का प्रथम भाव यानी लग्न में हो तो भिखारी को ताँबा या ताँबे का सिक्का कभी दान न करें अन्यथा पुत्र को कष्ट होगा। यदि आयु भाव में स्थित हो तो धर्मशाला का निर्माण न कराएँ। अष्टम भाव में हो तो मकान न बनाएँ न खरीदें आदि।

शनि की शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कर सकते हैं।

न्याय के देवता शनि महाराज का दो राशियों पर अधिपत्य है, पहला है मकर और दूसरा कुंभ। पहले हम मकर राशि के बारे में बता चुके हैं, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंभ राशि के बारे में। कुंभ राशि के लोग आमतौर पर आकर्षक और मजबूत व्यक्तित्व के होते हैं। साथ ही इस राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय व चतुर्थ चरण, शतभिषा के चारों चरण और पूर्वाषाढ़ा के प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण शामिल हैं। इस राशि के लोग काफी रचनात्मक स्वभाव के होते हैं और दुनिया से सभी बेकार चीजों को हटाकर अच्छी जगह बनाना चाहते हैं, जिससे हर कोई एक साफ हवा सांस ले सके। इस राशि के देखने पर ही पता चलता है कि एक आदमी हाथ में घड़ा लिए हुए है, जिसमें से पानी निकल रहा है। अर्थात ये मानवीय गुणों से भरपूर होते हैं और इनके सामाजिक दायरा काफी बड़ा होता है।

कुंभ राशि वाले परेशान क्यों होते हैं? - kumbh raashi vaale pareshaan kyon hote hain?

समाज की बेहतरी के लिए करते हैं कार्य
कुंभ राशि के लोग क्रियाशील, ईमानदार और नियम-कानून के पक्के सज्जन होते हैं। ज्यादातर लोग शर्मीले भी होते हैं और संवेदनशील भी। इनको दिखावटी चीजें बिल्कुल पंसद नहीं है। इनके चरित्र में काफी गहराई छिपी हुई है। यह हमेशा मानव कल्याण के कार्यों और समाज में बेहतरी के लिए कुछ भी कर सकते हैं। ये किसी भी विधा को बहुत जल्द सीख लेते हैं। कला, संगीत और साहित्य में इनती सुप्त रुचि होती है। भावनात्मक उतार-चढ़ाव से इन्हें कष्ट प्राप्त होता है।

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कुंभ राशि का ऐसा है व्यक्तित्व
कुंभ राशि के व्यक्ति को कभी भी भेड चाल में चलना पसंद नहीं होता और न ही इनकी आदत होती है। इनको अपने काम में दखलअंदाजी बिल्कुल भी पसंद नहीं होती। इस राशि का नकारात्मक पक्ष केवल यही है कि इनको बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है लेकिन समूह में एक अच्छी लीडर बनकर उभरते हैं। ये अपनी भावनाओं को जल्दी किसी के सामने साझा नहीं करते। इनको जो चीज अच्छी और उचित लगती है, उसके लिए यह अंतिम क्षण तक लड़ना पसंद करते हैं। यह बहुत दूरदर्शी स्वभाव के होते हैं और मार्गदर्शक होते हैं।

दूसरों के विचार का करते हैं सम्मान
कुंभ राशि के व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को अच्छे से ध्यान रखते हैं, चाहें फिर इनका परिवार हो या मित्र। यह आर्दशवादी के साथ-साथ रोमांटिक स्वभाव के भी होते हैं और दूसरों के विचारों का सम्मान करते हैं। इनके मन में किसी के प्रति नकारात्मक भाव नहीं रहता। कभी-कभी ये अपने दायरे से बाहर जाकर भी लोगों की मदद करते हैं। ये अच्छे श्रोता होते हैं और विपरीत लिंगियों में इनका आकर्षण सिर चढ़कर बोलता है। इन्हें झूठी प्रशंसा से बहलाया नहीं जा सकता। बौद्धिक रूप से परिपक्व लोगों से मेलजोल इनके व्यक्तित्व को नया आयाम देता है।

कुंभ राशि वाले परेशान क्यों होते हैं? - kumbh raashi vaale pareshaan kyon hote hain?

कड़ी मेहनत करते हैं कुंभ राशि के व्यक्ति
कुंभ राशि के लोग अतीन्द्रिय क्षमता से ओतप्रोत होते हैं। गूढ़ विधाओं, योग, ध्यान और आध्यात्मिक मूल्यों से इन्हें लगाव होता है। करियर की बात करें तो इनको हमेशा चुनौतियों से खेलना पसंद होता है और हर कार्य को पूरा करके ही अंजाम देते हैं। इस वजह से यह अपने आस पास के लोगों के पसंदीदा होते हैं। साथ काम करने वाले लोगों की भी मदद करने के तैयार रहते हैं। शांत और गंभीर स्वभाव की वजह से कार्यस्थल पर इनकी विशिष्ट पहचान बनती है।

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परिवार के प्रति जिम्मेदार होते हैं मकर राशि के व्यक्ति
कुंभ राशि के व्यक्ति काफी खुले विचार के होते हैं और स्वतंत्र सोच वाले व्यक्ति इनकी पसंद होते हैं। शादी के प्रति इनका नजरिया काफी तार्किक और बौद्धिक होता है। ये लोग यर्थाथ में रहकर जीवन जीना पसंद करते हैं। एकबार यह किसी के प्रति कमिटमेंट कर दें तो जीवनभर उनका साथ नहीं छोड़ते। यह हमेशा बिगड़े को बेहतर और बेहतर को अधिक बेहतर बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। अपने पार्टरन की खुशी के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कभी किसी चीज की कमी नहीं होने देते। जो दूसरों को कभी परेशानी में नहीं डालते, वो अपने साथी को कैसे परेशानी में डाल सकते हैं। परिवार की हर जरूरत के लिए हमेशा आगे रहते हैं और माता-पिता की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म है।

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कुंभ राशि वालों को क्या बीमारी होती है?

कुंभ राशि के जातक बलिष्ठ शरीर के स्वामी होते हैं लेकिन पांव तथा घुटने दुर्बल होते है। पेट, गुर्दे तथा मज्जा तन्तु भी कमजोर रहते हैं। अधिकतर पांव में मोच, पेट के रोगी, रक्त की अल्पता, वायु विकार, खुजली, रक्त-विकार, त्वचा रोग, शीत विकार, हृदय रोग, पागलपन, गंजापन अपघात आदि रोगों या विकारों से परेशान रहते हैं।

कुंभ राशि वालों की परेशानी कब दूर होगी?

शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति- जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा।

कुंभ राशि हमेशा परेशान क्यों रहते हैं?

इसमें शनि के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप कुंभ राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब की सामान्य सलाह दी जा रही है। अशुभ की निशानी : शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। गृहकलह बना रहता है।

कुंभ राशि के शत्रु कौन है?

कुंभ राशि के जातकों की वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला व मकर राशि वालों के साथ मित्रता रहती है। इनकी मेष, कर्क, सिंह व वृश्चिक राशि वालों के साथ शत्रुता रहती है या हमेशा झगड़े चला करते हैं।