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प्रेगनेंसी को रोकने की यह एक परमानेंट प्रक्रिया है। इसमें फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है
जिससे महिला कंसीव नहीं करती है। 40 से 44 साल की महिलाएं नसबंदी अधिक करवाती हैं। इसमें दो तरह से नसबंदी की जाती है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल। यह भी पढ़ें : लॉकडाउन में नहीं लगवा पाएं हैं बच्चे को वैक्सीन तो अब क्या करें कब करवाएं महिला नसबंदीयदि आप प्रेगनेंट नहीं होना चाहती हैं और गर्भ निरोधक का कोई परमानेंट तरीका ढूंढ रही हैं या मां बनने
के बाद अब बच्चा नहीं चाहती हैं तो आप नसबंदी करवा सकती हैं। इसके अलावा पैंतीस से अधिक उम्र की महिलाएं जिनमें हाई रिस्क प्रेगनेंसी का खतरा हो या जो हाई ब्लड प्रेशर जैसी किसी स्वास्थ्य स्थिति से ग्रस्त हों, तो इस स्थिति में महिला को नसबंदी करवानी होती है। महिला नसबंदी कैसे की जाती हैनसबंदी करने से पहले डॉक्टर पेट और पेल्विक हिस्से की जांच करते हैं कि कहीं महिला को पीसीओडी जैसी कोई समस्या तो नहीं है। इसका इलाज होने तक सर्जरी को रोका जा सकता है। ट्यूबेक्टोमी में नाभि के आसपास एक छोटा कट लगाया जाता है और फिर एक पतली सी स्टिक पर लगे कैमरे को एक कट से अंदर डाला जाता है। इस उपकरण को लैप्रोस्कोप कहते हैं। इस स्टिक पर लगे कैमरे से डॉक्टर को फैलोपियन ट्यूबदेखने में मदद मिलती है। डॉक्टर फैलोपियन ट्यूबको आधा काटकर उसे दोनों सिरों से एकसाथ बांध सकते हैं। क्लिप के जरिए भी फैलोपियन ट्यूबको एक साथ बांधकर ब्लॉक किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में हो सकता है कि डॉक्टर पूरी फैलोपियन ट्यूब को ही निकाल दें। महिला नसबंदी के लाभ और जोखिम कारकगर्भ निरोधक गोलियों के साइड इफेक्ट होते हैं और अन्य गर्भ निरोधक के तरीकों की भी कोई गारंटी नहीं होती है। ऐसे में ट्यूबल लिगेशन सबसे कारगर तरीका है। इसका महिलाओं की सेक्स ड्राइव और हार्मोंस पर कोई असर नहीं पड़ता है। जो महिलाएं प्रेगनेंसी नहीं चाहती हैं, वो नसबंदी करवा सकती हैं और इसके बाद आपको गर्भ निरोधक गोली लेने या कंडोम का इस्तेमाल करने की भी जरूरत नहीं है। इस प्रक्रिया का कोई जोखिम कारक नहीं है लेकिन फिर भी सर्जरी की वजह से कुछ समस्याएं आ सकती हैं, जैसे कि पेट में बहुत तेज दर्द होना, टांके वाली जगह से खून आना, योनि से डिस्चार्ज होना, बुखार, सांस लेने में दिक्कत आदि। महिला नसबंदी के नुकसानहर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इसी तरह महिला नसबंदी के भी कुछ नुकसान हो सकते हैं। चूंकि, ये प्रेगनेंसी को रोकने की परमानेंट प्रक्रिया है, इसलिए महिलाएं इस ऑपरेशन के बाद मां नहीं बन सकती हैं। ऐसा न हो कि नसबंदी के बाद आपको पछतावा हो। अगर नसबंदी के बाद भी महिला प्रेगनेंट हो जाती है, तो उनमें एक्टोपिक प्रेगनेंसी का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। यह भी पढ़ें : 30 की उम्र के बाद मां बनीं ये टॉप एक्ट्रेसेस, जानिए देर से मां बनने पर क्या करना चाहिए Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें
खुलवाई भी जा सकती है नसबंदी
| Updated: Jul 20, 2011, 11:05 AM यह मुमकिन है लेकिन सर्जन की कुशलता, नसबंदी होने और खोलने के बीच के समय आदि पर निर्भर करता है...आपके साथ जो भी हुआ वह अफसोस की बात है। हमारी हमर्दी आपके साथ है। जो आप चाह रहे हैं, उसे उलटी
नसबंदी (reversal of vasectomy) करना कहते हैं। यह मुमकिन है लेकिन यह ऑपरेशन करने वाले सर्जन की कुशलता, नसबंदी होने और खोलने के बीच का समय, नसबंदी का तरीका और नसों को फिर से जोड़ने की तकनीक पर निर्भर करता है। उलटी नसबंदी के ऑपरेशन की कामयाबी इस बात पर भी निर्भर करती है कि यह नसबंदी के ऑपरेशन के कितने समय बाद किया गया। अंतराल जितना कम होगा, कामयाबी की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। हालांकि बेहतरीन माइक्रो सर्जरी तकनीक से की गई उलटी नसबंदी करने के बाद भी गर्भ ठहरने की संभावना 50 फीसदी ही होती है। आप किसी कुशल माइक्रो सर्जन से संपर्क करें। यह ऑपरेशन किसी भी बड़े सरकारी अस्पताल में मुफ्त भी करवा सकते हैं। अगर पैसा खर्च कर सकें तो प्राइवेट अस्पताल से भी करवा सकते हैं। इसमें कोई रिस्क वाली बात नहीं है, लेकिन ऑपरेशन करवाने के पहले डॉक्टर से यह समझ लेना जरूरी होगा कि ऑपरेशन किस तरह होगा, उसमें कितना वक्त लगेगा और बाद में क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी। ये सब जान लेने के बाद ही ऑपरेशन करवाएं। ये बातें जानना आपका हक है और बताना हर डॉक्टर का फर्ज है। दूसरा विकल्प यह है कि अगर इसमें कामयाबी न मिले तो और आप दोनों पति-पत्नी की सहमति हो तो किसी दूसरे आदमी का सीमेन लेकर भी गर्भाधान करवाया जा सकता है। यह सेवा किसी भी अच्छे अस्पताल के इनफर्टिलिटी डिपार्टमेंट में उपलब्ध होती है। इसके लिए अलग-अलग अस्पताल में अलग-अलग चाजेर्ज होते हैं। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें रेकमेंडेड खबरें
देश-दुनिया की बड़ी खबरें मिस हो जाती हैं?धन्यवादबच्चे बंद होने का ऑपरेशन कैसे होता है बताइए?प्रेगनेंसी को रोकने की यह एक परमानेंट प्रक्रिया है। इसमें फैलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है जिससे महिला कंसीव नहीं करती है। 40 से 44 साल की महिलाएं नसबंदी अधिक करवाती हैं। इसमें दो तरह से नसबंदी की जाती है सर्जिकल और नॉन सर्जिकल।
बच्चा रोकने के लिए क्या करना चाहिए?विटामिन सी का 1500 मिलीग्राम लें, इससे गर्भ रोका जा सकता है। संभोग के 3 दिन बाद तक इसे दिन में दो बार लें। अगर आपके पीरियड्स होने में 1-2 दिन की देरी हो गई है तो 5 दिनों के लिए 3000 एमएल की मात्रा में विटामिन सी का सेवन करें।
ऑपरेशन कैसे किया जाता है?ऑपरेशन के वक्त आप एनेस्थीसिया के प्रभाव में होते हैं और सो रहे होते हैं। लेकिन सर्जरी खत्म होते ही आप जाग जाते हैं। सर्जरी के बाद ऑपरेशन वाली जगह पर दर्द होता है। यह दर्द सर्जरी की परिमाण और चीरों की लंबाई पर निर्भर करता है।
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