क पहली बोलती फिल्म के पोस्टरों पर कौन से वाक्य छापे थे? - ka pahalee bolatee philm ke postaron par kaun se vaaky chhaape the?

देश की पहली बोलती फिल्म के विज्ञापन के लिए छापे गए वाक्य इस प्रकार थे-

''वे सभी सजीव हैंसाँस ले रहे हैंशत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।''

पाठ के आधार पर ‘आलम आरा में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे। परन्तु इसमें कुछ मुख्य कलाकार नायिका जुबैदा, नायक विट्ठल, सोहराब मोदी, पृथ्वीराज कपूर, याकूब और जगदीश सेठी जैसे लोग भी मौजूद थे।

पहली बोलती फिल्म के पोस्टरों पर कौन से वाक्य छापे थे?

Solution : जब पहली बार बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर छापा गया-"वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं। अठहत्तर मुर्दा इन्सान जिन्दा हो गए। उनको बोलते, बातें करते देखो।" पोस्टर पढ़कर बताया जा सकता है कि उस फिल्म में अठहत्तर चेहरे थे

जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर कौन कौन से िाक्य छापे गए उस दिल्म में दकतने िेहरे थे?

उस फिल्म में कितने चेहरे थे? स्पष्ट कीजिए। उत्तर: जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर निम्नलिखित वाक्य छपे थे, “वे सभी सजीव है, सांस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इंसान जिन्दा हो गए, उनको बोलते बातें करते देखो”। इस वाक्य से पता चलता है कि उस फिल्म में अठहत्तर चेहरे थे

पहली बोलती फिल्म में कुल कितने चेहरे थे?

”वे सभी सजीव हैं, साँस ले रहे हैं, शत–प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इनसान जिंदा हो गए, उनको बोलते, बातें करते देखो।” पाठ के आधार पर 'आलम आरा' में कुल मिलाकर 78 चेहरे थे

जब पहली बोलती िफ प्रदिश त ई तो उसके पो रों पर कौन से वा िलखे थे उस िफ म िकतने चेहरेथे कीिजए?

जब पहली बोलती फिल्म प्रदर्शित हुई तो उसके पोस्टरों पर लिखा था-'वे सभी सजीव हैं. सांस ले रहे हैं, शत-प्रतिशत बोल रहे हैं, अठहत्तर मुर्दा इंसान जिंदा हो गए; उनको बोलते; बातें करते देखो। ' 'अठहत्तर मुर्दा इंसान जिंदा हो गए' यह पंक्ति दर्शाती है कि फिल्म में अठहत्तर चेहरे थे अर्थात् फिल्म में अठहत्तर लोग काम कर रहे थे