झारखंड में कौन सा उद्योग है? - jhaarakhand mein kaun sa udyog hai?

झारखंड की राजधानी रांची, तीव्र गति से बढ़ रही है और विस्तार कर रही है। वृद्धि हुई आर्थिक गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के विकास के कारण व्यापक शहरीकरण हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों का विस्तार हो रहा है। भूमि उपयोग नीतियों में बदलाव के कारण शहर के आसपास के इलाकों में अधिक क्षेत्रों को जोड़ा जा रहा है। रांची को पूंजी की स्थिति के साथ सम्मानित होने के बाद, बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने की आवश्यकता है।

आसानी से उपलब्ध जनशक्ति , प्रतिष्ठित तकनीकी , प्रबंधन और शैक्षिक संस्थानों , अच्छी परिवहन और संचार सुविधाएं और बिजली की स्थिति में सुधार, उद्यमियों के लिए आरआईए (रांची औद्योगिक क्षेत्र) क्षेत्र आकर्षक बनाता है लोगों के लाभ के लिए पर्याप्त रोजगार , ढांचागत और संस्थागत सुविधाओं को उत्पन्न करने के प्रयास किए जा रहे हैं। शहरीकरण के इस युग में, औद्योगिकीकरण और आधुनिकीकरण , वर्तमान पर्यावरण को संरक्षित और संरक्षित करने के लिए नहीं भूलना चाहिए । रांची शहर के लिए एक सतत और पर्यावरण -अनुकूल विकास का तरीका आवश्यक है।

रांची में व्यापार, वाणिज्य और व्यापार

झारखंड की राजधानी होने के नाते रांची राज्य में व्यापार और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। उच्च साक्षरता दर , मेहनती लोगों, स्थिर राजनीतिक वातावरण और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होने से इस क्षेत्र में व्यवसाय के विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण बना है। सरकार रांची शहर में निवेश आकर्षित करने के लिए आकर्षक योजनाएं दे रही है। सभी प्रकार के व्यवसाय छोटे-से-दैनिक ज़रूरत की दुकानों , चिकित्सा दुकानों , उच्च अंत ब्रांडेड स्टोरों के लिए तैयार वस्त्रों से रांची में मिल सकते हैं। कई प्रीमियम ब्रांड, फास्ट-फेड चेन और मल्टीप्लेक्स ने रांची में दुकान लगाई है। उपभोक्ता के बढ़ते खर्च की शक्ति के साथ कई मॉल और मल्टीप्लेक्स भी रांची में अच्छा कारोबार कर रहे हैं। रांची में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों , सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और निजी लिमिटेड कंपनियां हैं , जो अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं। रांची शहर इस प्रकार नए उद्यमियों के लिए पर्याप्त व्यावसायिक अवसर प्रदान करता है कामकाजी पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर .

रांची में खनिज और प्राकृतिक संसाधन

रांची जिला समृद्ध प्राकृतिक और खनिज संसाधन है। रांची शहर एक बड़े और हरे जंगल क्षेत्र से घिरा हुआ है, जो निर्माण, फर्नीचर, मैच बॉक्स, पेपर, रेयान, रेलवे चप्पल, लकड़ी के ध्रुव आदि जैसे बड़ी संख्या में उद्योगों को कई बुनियादी कच्चे माल प्रदान करता है। वन उत्पादन हो सकता है दो श्रेणियों में वर्गीकृत: प्रमुख उत्पाद जिसमें लकड़ी से लकड़ी, जैसे बांस, महुआ, शिशम, कुसुम, आम, जामुन, साल, इम्ली, गामर आदि शामिल हैं। छोटे उत्पाद हैं हर, बेहर, केंडू पत्ता, साल बीज, करंज बीज, महुआ पट्टा, आदि, इन उत्पादों में औषधीय और वाणिज्यिक मूल्य है। रांची के ग्रामीण इलाके की उपजाऊ भूमि में लाल और पीले मिट्टी के साथ-साथ कुछ मात्रा में रेत शामिल है। सिंचाई उद्देश्य के लिए पानी स्वर्णरेखा, कोयल और दामोदर जैसे नदियों से खींचा जाता है।

रांची में उद्योग

झारखंड राज्य में रांची एक महत्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र बन गया है। वन और खनिज संसाधनों के अच्छे भंडार की उपस्थिति के कारण मध्यम और बड़े पैमाने पर उद्योग स्थापित करने के लिए एक अच्छी जगह माना जाता है। रांची में मौजूद बड़ी संख्या में इंजीनियरिंग और खनन उद्योग, रांची की आबादी के एक बड़े हिस्से को रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। मौजूदा ग्रामीण उद्योग जैसे सिरीकल्चर, हैंडलूम, हस्तशिल्प, खादी, वस्त्र इत्यादि को ग्रामीण और आजीविका देने के लिए भी बढ़ावा दिया और विकसित किया जा रहा है। जनजातीय आबादी जिला प्रशासन उद्योगों को आधुनिकीकरण / तकनीकी उन्नयन के मामले में मदद करता है, जो आवश्यक सामान्य सुविधाएं, उत्पाद डिजाइन, विपणन सहायता इत्यादि प्रदान करता है ताकि उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। रांची से कुछ प्रमुख निर्यात योग्य वस्तुओं भारी मशीनरी और उपकरण, लाख, खनिज, मिट्टी के बरतन, आईटी और परामर्श सेवाएं हैं।

रांची में बड़े पैमाने पर उद्योग/सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम

भारी इंजीनियरिंग निगम, धुरु,रांची

सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड,रांची

मेटलर्जिकल कंसल्टेंट लिमिटेड,दोरांडा, रांची

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड,हिनो, रांची

केंद्रीय खनन & amp; योजना डिजाइन लिमिटेड,कंक रोड, रांची

रांची अशोक बिहार होटल कॉर्पोरेशन लिमिटेड,डोरंडा, रांची

भारत संचार निगम लिमिटेड, रांची

रांची में मेजर स्टेट पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स

सिकिडिरी हाइड्रो पावर प्लांट (झारखंड राज्य विद्युत बोर्ड), रांची

रांची औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण, रांची

झारखंड राज्य पर्यटन विकास निगम, रांची

झारखंड राज्य जनजातीय विकास निगम, रांची

झारखंड राज्य अनुसूचित जनजाति विकास सहकारी समिति, रांची

झारखंड राज्य अनुसूचित जनजाति विकास सहकारी समिति, रांची

झारखंड सरकार टूल रूम एंड ट्रेनिंग सैंटर, तातिसिल्वा रांची

HomeJharkhand Gkझारखण्ड के उद्योग Industries OF Jharkhand : SARKARI LIBRARY

झारखण्ड के उद्योग

झारखण्ड में खनिज आधारित उद्योग 

1. लौह एवं इस्पात उद्योग (Iron and Steel Industry) 

(a) टाटा आयरन एण्ड स्टील कंपनी (टिस्को) 

 (Tata Iron & Steel Company - TISCO) 

  • इसकी स्थापना 1907 ई. में दोराबजी टाटा द्वारा साकची (जमशेदपुर) में की गई थी तथा 1911 ई. में इस संयंत्र से लोहे का तथा 1914 ई. में इस्पात का उत्पादन प्रारंभ हुआ। 

  • टाटा स्टील की स्थापना का प्रारंभिक विचार जमशेदजी नौशेरवानजी टाटा का था, जिनकी मृत्यु 1904 ई0 में हो गयी।  इन्हें टाटा स्टील का  संस्थापक माना जाता है।

  • जबकि दोराबजी टाटा, इन्हें टाटा स्टील का वास्तविक संस्थापक माना जाता है।

  •  यह भारत का पहला तथा सबसे बड़ा लौह एवं इस्पात संयंत्र है।

  • यह पूर्वी सिंहभूम जिले* में स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी के संगम पर स्थित है। 

टिस्को को विभिन्न खनिजों की प्राप्ति निम्न प्रकार होती है


  1. कच्चा लोहा

मयूरभंज ,(उड़ीसा) से

नोआमुंडी (पश्चिमी सिंहभूम)

  1. कोकिंग कोयला

रानीगंज (उड़ीसा) से

झरिया से,धनबाद 

  1. चूना पत्थर एवं डोलोमाइट

सुंदरनगर (उड़ीसा) से

  1. मैंगनीज एवं नोमाइट

चाईबासा खान से(पश्चिमी सिंहभूम)

  • सन् 1945  में टाटा समूह ने अपने उद्योगों का विस्तार करते हुए जमशेदपुर में 'टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव'(TELCO) की स्थापना की थी।  (TELCO) का नाम बदल कर TATA MOTORS कर दिया गया है। 

  • वर्ष 2005 में टिस्को का नाम बदल कर टाटा स्टील (Tata Steel) कर दिया गया है। 

  • TATA GROUP Founded by Jamsetji Nusserwanji Tata in 1868 

(b) बोकारो स्टील प्लांट(Bokaro Steel Plant) 

  • 1964 ई. (29 जनवरी) में स्थापित यह झारखण्ड का दूसरा लौह-इस्पात उद्योग है।

  • 1972 ई. (2 अक्टूबर) में इस संयंत्र में आग की प्रथम भट्टी स्थापित की गयी थी। 1974 ई. से इस संयंत्र से उत्पादन प्रारंभ हुआ तथा 26 फरवरी, 1978 को यहाँ से 1.7 मीट्रिक टन इगनट स्टील (Ignot Steel) का उत्पादन पूर्ण हुआ।

  • यह भारत का पहला स्वदेशी स्टील संयंत्र है। 

  • यह बोकारो के माराफारी नामक स्थान पर स्थित है। 

  • इसकी स्थापना रूस (सोवियत यूनियन) की सहायता से की गई है।

  • यह भारत का चौथा बड़ा लौह-इस्पात संयंत्र है। 

  • संयंत्र दामोदर नदी घाटी के तेनुघाट और गरगा डैम के समीप अवस्थित है।

  • यह सेल (Steel Authority of India Limited - SAIL) के अंतर्गत कार्यरत है। 

इस संयंत्र को विभिन्न खनिजों की प्राप्ति निम्न प्रकार होती है:

  1. कोकिंग कोयला - झरिया से 

  2. लौह अयस्क - क्योंझर की खान से ,ODISHA

  3. चूना पत्थर - मध्य प्रदेश से 

Bokaro Steel Plant - the fourth integrated plant in the Public Sector - started taking shape in 1965 in collaboration with the Soviet Union. It was originally incorporated as a limited company on 29th January 1964, and was later merged with SAIL, first as a subsidiary and then as a unit, through the Public Sector Iron & Steel Companies (Restructuring & Miscellaneous Provisions) Act 1978. The construction work started on 6th April 1968.

  • Iron ore and fluxes are sourced from the captive mines of SAIL situated at 

Kiriburu(IRON ORE)

WEST SINGHBHUM

Meghahataburu(IRON ORE)

WEST SINGHBHUM

Bhawanathpur

(LIMESTONE)/(DOLOMITE)

GARHWA

Tulsidamar (DOLOMITE)

GARHWA

Kuteshwar(LIMESTONE)

MP

  • Washed coal is supplied from different washeries at Dugda, Kathara, Kargali and Giddi, while raw coal is obtained from Jharia coalfields.

2. तांबा उद्योग (Copper Industry) 

  • झारखण्ड के घाटशिला (EAST सिंहभूम जिला) में भारत का प्रथम तांबा उद्योग 1924 ई. में स्थापित किया गया था। 

  • इन खानों से तांबा के अयस्क को रज्जुमार्ग द्वारा मउभण्डरा,East singhbhum भेजा जाता है जहाँ इनसे शुद्ध तांबा निकाला जाता है। 

  •  इंडियन कॉपर कॉरपोरेशन (Indian Copper Corporation) ने 1930 ई. में घाटशिला के पास तांबा शोधन केन्द्र स्थापित किया है।

 झारखण्ड में तांबा उद्योग के अन्य महत्वपूर्ण केन्द्र

  • हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड(HCL)- जादूगोड़ा ,(EAST सिंहभूम)

  • इंडियन केबल कंपनी लिमिटेड - जमशेदपुर 

3. एलुमिनियम उद्योग (Aluminium Industry) 

  • भारत में एलुमिनियम अयस्क (एलुमिना) का 16% भाग झारखण्ड से प्राप्त होता है।

  • झारखण्ड के मुरी (राँची) में इंडियन एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड द्वारा 1938 ई. में एल्युमिनियम उद्योग की स्थापना की गई है।

  • यह भारत का दूसरा सबसे पुराना एवं दूसरा सबसे बड़ा संयंत्र है।

  • इस संयंत्र को लोहरदगा और पलामू से बॉक्साइट के रूप में कच्चे माल की प्राप्ति होती है।

  • बॉक्साइट से एलुमिना बनाकर इसे अलमपुरम एवं अलवाय (केरल), बेलूर (कोलकाता) और लेई (मुंबई) के कारखानों में भेज दिया जाता है।

  •  एलुमिनियम का उपयोग बर्तन, बिजली के तार, मोटर, रेल एवं वायुयान बनाने में किया जाता है।

 4. सीमेंट उद्योग (Cement Industry)

  •  झारखण्ड में चूना पत्थर के प्रचुर भंडार उपलब्ध होने के कारण यहाँ सीमेंट उद्योग का पर्याप्त विकास संभव हुआ है।

  •  झारखण्ड के जपला (पलामू), झींकपानी (पश्चिमी सिंहभूम), खलारी (राँची), सिंदरी (धनबाद), जमशेदपुर (पूर्वी सिंहभूम), डोमोटांड (हजारीबाग) आदि क्षेत्रों में सीमेंट उद्योग स्थापित किए गए हैं। 

  • सिंदरी, बोकारो, झींकपानी एवं जमशेदपुर के कारखानों में स्लैग (Slag) एवं स्लज (Sludge) का उपयोग सीमेंट निर्माण हेतु किया जाता है। 

  • स्लैग तथा स्लेज सीमेंट कारखानों के उपउत्पाद हैं। 

  • झारखण्ड में झींकपानी एवं जमशेदपुर का लाफार्ज सीमेंट कारखाना लौह-इस्पात उद्योग के अवशिष्ट पर आधारित सीमेंट संयंत्र हैं। , झारखण्ड में प्रथम सीमेंट उद्योग की स्थापना 1921 ई. में जपला (पलामू) में की गयी थी।

5. इंजीनियरिंग उद्योग (Engineering Industry)

 (a) हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन

(Heavy Engineering Corporation - HEC) 

  • इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा रूस एवं चेकोस्लोवाकिया के सहयोग से 1958 ई. (31 दिसंबर) में राँची के हटिया नामक स्थान पर की गई है। 

  • इसकी स्थापना कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत की गयी थी। 

  • देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपने राँची यात्रा के दौरान 15 नवंबर, 1963 को इस संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया था। 

  • इस संयंत्र में 1964 ई. में उत्पादन प्रारंभ हुआ। 

  •  इस संयंत्र में कल-कारखानों के लिए मशीनों, कल-पुर्जे आदि इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। 

  • एच० ई०सी० के द्वारा तीन संयंत्रों की स्थापना की गई है:


  • हैवी मशीन बिल्डिंग प्लांट (HMBP)

रूस की सहायता से

  • हैवी मशीन टूल्स प्लांट (HMTP)

चेकोस्लोवाकिया की सहायता से

  • फांउड्री फोर्ज प्लांट (FFP)

चेकोस्लोवाकिया की सहायता से 

(b) अन्य इंजीनियरिंग इकाईयाँ 

इकाई का नाम

स्थान

गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एण्ड इंजीनियर्स लिमिटेड 

धुर्वा (राँची) 

भारत वेस्टफालिया लिमिटेड

नामकुम (सूची) 

ऊषा मार्टिन ब्लैक वायर रोप्स लिमिटेड

टाटीसिलवे (राँची) 

एशियन रिफ्रक्ट्रीज लिमिटेड

बोकारो 

इंडियन एक्सप्लोसिव फैक्ट्री

गोमिया (बोकारो)

टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को)

जमशेदपुर 

इंडियन स्टील एण्ड वायर प्रोडक्ट्स लि०

जमशेदपुर 

इंडियन ट्यूब कंपनी लिमिटेड 

जमशेदपुर 

रेलवे इंजीनियरिंग वर्कशॉप

जमशेदपुर 

धनबाद इंजीनियरिंग वर्क्स 

कुमारधुबी (धनबाद)

हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड 

(धनबाद)

न्यू स्टैंडर्ड इंजीनियरिंग

(धनबाद)

6. कोयला धोवन उद्योग (Coal Washeries Industry)

  • कोयला धोवन गृहों के द्वारा कोयले से शेल, फायरक्ले आदि अशुद्धियों को दूर किया जाता है। 

  • झारखण्ड में जामाडोबा, बोकारो, लोदला, करगाली, दुगदा, पाथरडीह, कर्णपुरा आदि प्रमुख कोयला धोवन केन्द्र हैं।

  •  करगाली कोल वाशरी (बोकारो) एशिया की सबसे बड़ी कोल वाशरी है। 

7. उर्वरक उद्योग (Fertilizer Industry) 

  • भारत का प्रथम उर्वरक कारखाना 1951 ई. में सिंदरी (धनबाद) में फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा स्थापित किया गया था। 

  • यह पूर्वी भारत का सबसे बड़ा उर्वरक कारखाना है।

  • यहाँ से अमोनियम सल्फेट, नाइट्रेट एवं यूरिया का उत्पादन किया जाता है। 

7. काँच उद्योग (Lead Industry) 

  • जापान के सहयोग से भुरकुंडा (रामगढ़) में अत्याधुनिक काँच कारखाना स्थापित किया गया है।

  •  इसे इण्डो-आशाई ग्लास फैक्ट्री (Indo-Ashai Glass Factory) के नाम से जाना जाता है।

  •  झारखण्ड में काँच उत्पादन के अन्य प्रमुख क्षेत्र कतरासगढ़ व अम्बोना (धनबाद) और कान्द्रा (सिंहभूम) हैं। 

  • इसे कच्चे माल की प्राप्ति राजमहल पहाड़ी क्षेत्र, मंगल घाट एवं पत्थर घाट से होती है।

8. रिफ्रैक्ट्री उद्योग (Refractory Industry) 

  • इस उद्योग के अंतर्गत उच्च ताप सहन करने वाली धमन भट्टियों का निर्माण किया जाता है जिसका प्रयोग लौह-इस्पात उद्योग सहित विभिन्न उद्योगों में किया जाता है। 

  • झारखण्ड में चिरकुंडा, कुमारधुबी, धनबाद, राँची रोड, मुग्मा आदि में इस प्रकार के उद्योगों का विकास हुआ है। 

  • दामोदर घाटी क्षेत्र में पायी जाने वाली मिट्टी इस उद्योग की स्थापना हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है।

झारखण्ड में वन आधारित उद्योग 

1. लाह उद्योग (Lac Industry) 

  • भारत में कुल लाह का 60% उत्पादन झारखण्ड राज्य से होता है। लाह उत्पादन की दृष्टि से भारत में झारखण्ड का स्थान प्रथम* है। 

  • कुसुम, पलाश, बेर आदि के पौधों पर लाह के कीड़ों का पालन किया जाता है। 

  • पलामू प्रमण्डल लाह उत्पादन की दृष्टि से प्रथम स्थान पर है। इसके बाद क्रमशः राँची व पश्चिमी जिले का स्थान है।

  •  टोरी (लातेहार) का लाह निर्यात की दृष्टि से विश्व में प्रथम स्थान है। 

  • झारखण्ड में कुल लाह उत्पादन का 90% निर्यात कर दिया जाता है। लाह उत्पादन की दृष्टि से राज्य में खूटी का स्थान प्रथम है।*

  • 1925 ई. में नामकुम (राँची) में भारतीय लाह अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई थी। 

2. रेशम उद्योग (Silk Industry) 

  • झारखण्ड में देश का 76.4% तसर रेशम उत्पादित किया जाता है।

  • रेशम उत्पादन की दृष्टि से प्रमुख क्षेत्र सिंहभूम (40%) संथाल परगना (26%) तथा हजारीबाग (13%) हैं। 

  • राज्य में तसर रेशम का उत्पादन मुख्यत: चाईबासा, खरसावां, जमशेदपुर, मेदिनीनगर, हजारीबाग, लोहरदगा, दुमका आदि स्थानों पर किया जाता है।

  • राँची में नगड़ी नामक स्थान पर 'तसर अनुसंधान केंद्र' अवस्थित है।

3. तंबाकू उद्योग (Tobacco Industry)

  • झारखण्ड में मुख्यतः: बीड़ी उद्योग के रूप में तंबाकू उद्योग विकसित हुआ है।

  • बीड़ी का निर्माण केन्दु पत्ता एवं तंबाकू से किया जाता है 

  • झारखण्ड में बीड़ी उद्योग का विकास मुख्यतः सरायकेला, जमशेदपुर, चक्रधरपुर एवं संथाल परगना में हुआ है।

झारखण्ड में औद्योगिक पट्टी

औद्योगिक पट्टी 

विशेषता

अभ्रक औद्योगिक पट्टी

• भारत की सबसे बड़ी अभ्रक औद्योगिक पट्टी

• विस्तार - कोडरमा, झुमरी तिलैया, गिरिडीह 

दामोदर घाटी औद्योगिक पट्टी

अन्य नाम - बोकारो-धनबाद औद्योगिक पट्टी 

• झारखण्ड की सबसे विस्तृत औद्योगिक पट्टी

• विस्तार - खलारी से कुमारधुबी तक

• टुण्डू नामक स्थान पर जस्ता गलाया जाता है। 

राँची औद्योगिक पट्टी

• अन्य नाम - ऊपरी स्वर्णरेखा घाटी औद्योगिक पट्टी

• विस्तार - राँची से मुरी तक 

जमशेदपुर औद्योगिक पट्टी

• अन्य नाम - निचली स्वर्णरेखा घाटी औद्योगिक पट्टी

• विस्तार - चांडिल से बहरागोड़ा तक

झारखण्ड में औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण

  • BIADA - Bokaro Industrial Area Development Authority

  • RIADA - Ranchi Industrial Area Development Authority 

  • AIADA - Adityapur (Jamshedpur) Industrial Area Development Authority 

  • SPIADA - Santhal Pargana Industrial Area Development Authority

(Source - Indian Mineral Yearbook & Other Sources)

जिला

कंपनी का नाम 

जमशेदपुर

टाटा स्टील (टिस्को)

टाटा याडोगोवा 

टेल्को

टाटा टिमकेन

टाटा पिगमेंट

टिन प्लेट

टीआरएफ

एग्रिको







उषा मार्टिन लि.

उषा मार्टिन इंडस्ट्रीज 

बोकारो

बोकारो इस्पात लि०

राँची

CCL

HEC

GRSE-Garden Reach Shipbuilders & Engineers Ltd.

उषा बेल्ट्रान

हिंडालको इंडस्ट्रीज लि.,MURI


DHANBAD

BCCL

सिंदरी उर्वरक कारखाना 

ACC Ltd

झरिया फायर ब्रिक्स वर्क्स

एलायड रिफ्रक्ट्रीज प्रा. लि.

सरायकेला-

खरसावां

उड़ीसा मैंगनीज व मिनरल लि ,कान्द्रा

बिहार स्पंज  आयरन ,चांडिल 

पलामू

बिहार कास्टिक सोडा व केमिकल्स



झारखण्ड में हस्तशिल्प 

  • झारखण्ड राज्य के विभिन्न भागों में 40 से अधिक हस्तशिल्पों का निर्माण होता है। इनमें टेराकोटा, तसर प्रिंट, ढोकरा, अगरबत्ती, बांस के उत्पाद, चर्म शिल्प, चित्रकला, जनजातीय आभूषण, पिपली आदि प्रमुख हैं। 

  • राज्य के हजारीबाग, पलामू, धनबाद, राँची, दुमका तथा देवघर जिले में हस्तशिल्प संसाधन सह विकास केन्द्रों द्वारा हस्तशिल्प हेतु प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। 

  • राज्य में मिट्टी की शिल्पकारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 2017 में 'माटीकला बोर्ड' का गठन किया गया है। 

  • राज्य के बुनकरों एवं शिल्पकारों को समुचित प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय डिजाइन इंस्टीच्यूट, अहमदाबाद के सहयोग से राँची में 'क्राफ्ट एंड डिजाइन इंस्टीच्यूट' स्थापित किया जा रहा है। इस संस्थान के द्वारा क्रॉफ्ट एवं डिजाइन से संबंधित डिप्लोमा व डिग्री कोर्स का संचालन किया जाएगा। 

  • सी-डैक (C-DAC) की सहायता से राज्य के राँची, हजारीबाग, देवघर, सरायकेला-खरसावां व लातेहार में डिजाइन के क्षेत्र में कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षण की सुविधा प्रारंभ किये जाने का प्रस्ताव है। 

महत्वपूर्ण तथ्य

  • झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार 2005-06 से 2017-18 के बीच राज्य में कारखानों की संख्या  में 5% की दर से वृद्धि हुयी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह वृद्धि दर 4.5% रही है। 

  • झारखण्ड आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार औद्योगिक विकास की दृष्टि से राज्य के विभिन्न श्रेणियों में देश में स्थान इस प्रकार है

    • कारखानों की संख्या के आधार पर - 20 वाँ स्थान 

    • स्थायी पूंजी के आधार पर  - 13वाँ स्थान 

    • कार्यरत श्रमिकों की संख्या के आधार पर - 17वाँ स्थान

    • उत्पादन के आधार पर - 16वाँ स्थान

  •  विश्व बैंक द्वारा 'व्यापार सुगमता सूचकांक - 2018' मे भारत के राज्यों में झारखण्ड का स्थान चौथा ( 2017 में सातवां) है। प्रथम स्थान पर आंध्र प्रदेश, दूसरे स्थान पर तेलंगाना तथा तीसरे स्थान पर हरियाणा राज्य अवस्थित हैं। 

  • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस सूचकांक में 190 देशों की सूची में भारत का स्थान 100वाँ (2017 में 130वाँ) है। 

  • झारखण्ड देश में एकल हस्ताक्षर तकनीक लागू करने वाला पहला राज्य है। 

  • झारखण्ड देश का पहला तथा एकमात्र राज्य है जहाँ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 'कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी परिषद्' का गठन किया गया है।

  • गार्डन रीच सीप बिल्डर्स एंड इंजीनियर लिमिटेड भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत एक सार्वजनिक उपक्रम है। इसके द्वारा राँची के अरगोड़ा में 06.10.1969 को 'मरीन डीजल इंजन प्रोजेक्ट' के नाम से उद्योग की स्थापना की गयी थी। 1988 में इसका नाम परिवर्तित करके 'मरीन डीजल इंजन प्लांट' कर दिया गया। 

  • हस्तशिल्प एवं रेशम आधारित स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु राँची में राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद के सहयोग से 'क्राफ्ट एंड डिजाइन संस्थान' की स्थापना की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर विकसित किए जा रहे 'ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर' तथा 'अमृतसर-दिल्ली इंडस्ट्रियल कॉरिडोर' का 196 किलोमीटर मार्ग झारखण्ड राज्य से होकर गुजरता है। 

  • हजारीबाग के बरही को 'इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर' के ग्रोथ सेंटर के रूप में चिन्हित किया गया है। 

  • राँची में 'सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलॉजी , CIPET की स्थापना 2017 में UNDP की सहयोग से की गयी है। 

  • राज्य सरकार ने देवघर को ‘प्लास्टिक हब' के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की है। 

  • इसके लिए राज्य के देवघर जिले में 150 एकड़ भूमि पर 120 करोड़ रूपये की लागत से 'प्लास्टिक पार्क' की स्थापना प्रस्तावित है। इसके साथ-साथ यहाँ भी 'सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलॉजी' (CIPET) की स्थापना की जानी है।

  •  भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आदित्यपुर (जमशेदपुर ) में एक विश्व स्तरीय इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है। 

  • वर्ष 1945 में धनबाद में केन्द्रीय ईंधन एवं शोध संस्थान(CIFR) की स्थापना की गयी थी। 2007 CIMFR(CIFR + CIMR) 

झारखंड में कौन कौन से उद्योग हैं?

झारखण्ड के कुछ बडे उद्योग हैं:.
सार्वजनिक क्षेत्र का बोकारो स्टील प्लांट.
जमशेदपुर में निजी क्षेत्र की टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को).
अन्य प्रमुख उद्योग हैं: टाटा इंजीनियरिंग एंड लोकोमोटिव कंपनी (टेल्को).
टिमकेन इंडिया लिमिटेड (जमशेदपुर).
भारत कुकिंग लिमिटेड (धनबाद).
खिलाडी सीमेंट फैक्टरी (पलामू).

झारखंड में कितने उद्योग हैं?

झारखंड में वृहद उद्योग की संख्या 167 है, जो राज्य के 15 जिला में स्थापित है। ➧ पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे अधिक 85 उद्योगों की स्थापना हुई है।

Jharkhand में लोहा इस्पात उद्योग कहाँ कहाँ है?

पूर्वी सिंहभूम जिले में स्वर्णरेखा एवं खरकाई नदी के संगम स्थित भारत का प्रथम और एकमात्र निजी क्षेत्र का लौह इस्पात कारखाना है । टिस्को की स्थापना साकची (जमशेदपुर) नामक स्थान पर 1907 ई में की गई थी । भारत का सबसे बड़ा लोहा इस्पात कारखाना टिस्को ही है ।

झारखंड में सबसे ज्यादा क्या पाया जाता है?

कोयला :- 76712 मिलियन टन.
हेमेटाइट (लौह अयस्क) :- 4036 मिलियन टन.
मैग्नेटइट (लौह अयस्क) :- 1026 मिलियन टन.
ताम्र अयस्क :- 226 मिलियन टन.
चूना पत्थर :- 746 मिलियन टन.
बाॅक्साइड :- 118 मिलियन टन.
कायनाइट :- 5.7 मिलियन टन.
चाइनाक्ले :- 190.14 मिलियन टन.