जीवन में आगे बढ़ना क्यों महत्वपूर्ण है? - jeevan mein aage badhana kyon mahatvapoorn hai?

-हरीश

प्रकृति ने हमारे शरीर का ढांचा इस प्रकार बनाया है कि वह हमेशा आगे बढ़ने के लिए ही हमें प्रेरित करता है। हमारे पैर आगे की ओर बने हुए हैं। हमारी बाहें हैं, जो आगे पड़ी हुई चीज को उठाने में सक्षम हैं। इसी प्रकार हमारी आंखें वे भी आगे देखने के लिए लालायित रहती हैं। तो जीवन का जो यह ढांचा प्रकृति ने हमें दिया है या उस परम शक्ति ईश्वर ने हमें दिया है, उसमें आगे बढ़ने का भेद छुपा हुआ है।

आगे बढ़ना ही मनुष्य के जन्म की नियति है तो हम क्यों पीछे लौटें?

हम क्यों पीछे की ओर देखें?

और हम क्यों अतीत में जीकर अपने मन को प्रभावित करें?

अतीत में देखना बुरा नहीं होता लेकिन अतीत की दु:खद घटनाओं को बार-बार याद करना हमेशा ही दु:खद होता है। हां, अतीत की सुखद घटनाओं को याद करना ज्यादा अच्छा है, क्योंकि वे हमें प्रोत्साहन देती हैं, हमें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं। हमारे मन-मस्तिष्क को प्रसन्नचित विचारों से भर देती हैं।

भारतीय पौराणिक ग्रंथों में एक कथा है भगवान शिव की। कहते हैं कि जब भगवान शिव और सती जो उनकी पत्नी थीं और आपस में वे दोनों बहुत प्रेम करते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से सती अपने पिता से नाराज हो गईं और उन्होंने यज्ञ की अग्नि में कूदकर आत्मदाह कर लिया। इस घटना से भगवान शिव बहुत क्रोधित हुए और सती की मृत्यु की खबर सुनकर एक गहरे वैराग्य में डूब गए। उन्होंने सती के जले हुए शरीर को अपने कंधे पर उठा लिया। वे पूरी सृष्टि के चक्कर लगाने लगे, क्योंकि भगवान शिव संसार के ऐसे देवता हैं, जो सृष्टि को चलाने और सृष्टि का नियंत्रण व मैनेज करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं।

तो सभी देवताओं को यह चिंता हुई कि अगर भगवान शिव को इस वैराग्य या निराशा से मुक्त न किया गया तो सृष्टि का सारा काम रुक जाएगा। तो कहते हैं कि भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के सभी जले हुए अंगों को एक-एक करके अलग कर दिया। भगवान शिव को उस शव से मुक्त कर दिया। इस प्रकार भगवान शिव दोबारा अपने वास्तविक कार्य पर लौट आए और अपने दु:ख को त्यागकर संसार और मनुष्य की भलाई के कामों में लग गए।

अब आप इस कथा की प्रतीकात्मकता देखिए। मनुष्य का जीवन क्या है? हमारे जीवन की जो दु:खद घटनाएं हैं, जब हम उन्हें लगातार अपने जीवन में अपने कंधों पर ढोते रहते हैं, उठाए रहते हैं या उनके बारे में बार-बार बातें करके स्वयं और दूसरे को दुःख देते हैं, तो हमारा जीवन कठिन हो जाता है, हमारा जीवन दु:खद हो जाता है। तो क्या हमें भी बीत गए दु:खों या बीत गई दु:खद घटनाओं के शवों को अपने कंधों से उतारने की जरूरत नहीं है? 

हमें नई आशाओं के साथ, नई उमंगों के साथ व नए सपनों के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें धरती पर ईश्वर ने उत्सव के लिए भेजा है। आप सोचिए कि आपकी चेतना को ही मनुष्य होने के लिए क्यों चुना गया? किसी और जीव या प्रजाति के रूप में धरती पर क्यों नहीं भेजा? हमें ईश्वर ने एक खास प्रयोजन के लिए इस धरती पर भेजा है और वह भी मनुष्य जीवन देकर ताकि हम जीवन में नई चुनौतियों का सामना करें, नए आविष्कार करें, नई संभावनाएं खोजें, इस धरती को और भी सुंदर बनाएं, अपने जीवन को सुंदर बनाएं, अपने समाज को सुंदर बनाएं।

और यही हुआ है। आप देखिए, जबसे मनुष्य का धरती पर अवतरण हुआ है, तब से लेकर आज तक धरती बहुत सारे नए आविष्कारों, बहुत सारी नई खोजों, बहुत सारी नई विचारधाराओं को जन्म दे चुकी है। और इसी का परिणाम है कि आज हमारे बीच जो सुख-सुविधाएं हैं, आज हमारे बीच जो उपलब्धियां हैं, आज हमारे बीच जो नए-नए संसाधन सामने आ रहे हैं, उनके पीछे एक बड़ा कारण है मनुष्य की सकारात्मक सोच का, मनुष्य की विकासवादी सोच का।

जहां ये सोच प्रभावित हुई अवसाद, कुंठा और ईर्ष्या से, वहीं युद्ध, हिंसा और विध्वंस पैदा हुआ, क्योंकि मनुष्य का जन्म प्रसन्नता और निर्माण के लिए हुआ है, न कि तबाही के लिए। सच मानिए जब भी उसने अपने इस स्वभाव से उल्टा काम किया, संकट पैदा हुए। 

जंगल में अगर आप चले जाएं तो वहां पर ऐसा विकास आपको नहीं दिखेगा। वहां कोई भी बदलाव नहीं होता। वहां की व्यवस्था जैसी थी, वैसी ही है और उनके लिए प्रकृति का यही नियम है कि वे अपने जीवन में प्राकृतिक रूप में ही रहें। वहां पर भी एक जीवन है, जो सदियों से वैसे ही चल रहा है जैसा वह है, क्योंकि उनका जो ढांचा है, वह उसी प्रकार विकसित है। उन्हें वैसा ही होने के लिए डिजाइन किया गया है।  

जीवन में आगे बढ़ना क्यों महत्वपूर्ण है? - jeevan mein aage badhana kyon mahatvapoorn hai?
लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए हमें खुद का आकलन और तैयारियों में सुधार करते जाना जरूरी है। अगर हम सकारात्मक रवैये के साथ लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं तो उसे पाना कठिन नहीं है।

जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें लक्ष्य की जरूरत होती है। बिना किसी लक्ष्य के किसी भी दिशा में आगे बढ़ना मुश्किल है। अपने सामने कोई लक्ष्य न हो तो बोरियत भी महसूस होती है। जिस रुख के साथ हम अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हैं वही हमें दूसरों से अलग करता है और हमारी पहचान को कायम करने में मदद भी करता है।

इसलिए महत्वपूर्ण यही है कि आगे बढ़ते हुए हमारे सामने लक्ष्य हों और हम सही दिशा को पहचानकर उनकी तरफ बढ़ सकें। लक्ष्यों को पाने के लिए सही दिशा में कदम बढ़ाना भी बहुत जरूरी है। अगर हमारे कदम सही दिशा में आगे बढ़ते हैं तो हमें उसके संकेत भी मिल जाते हैं।

अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए अगर हम कुछ बातों को ध्यान में रखें तो यह सफर अच्छे से तय किया जा सकता है। ये विभिन्ना चरण हैं जिन पर नजर रखकर आप लक्ष्यों का संधान कर सकते हैं।

भावनाएं विचारों का आईना हैं

अगर आप बुरा महसूस कर रहे हैं या फिर बोरियत हो रही है या खुद को अवसाद की स्थिति में पा रहे हैं तो समझिए कि आपका मन नकारात्मक विचारों से भरा है। आप पूरे मन से लक्ष्यों की तरफ अग्रसर नहीं हैं। संभवत: इस समय आप उन चीजों के बारे में सोच रहे हैं जिन्हें आप नहीं पसंद करते हैं या आप जिस राह पर हैं वह आपके मन से मेल नहीं खाती है।

ऐसे में अपने विचारों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए अपनी भावनाओं को दिशासूचक की भांति उपयोग में लाएं। जब यह पता चल जाए कि हमारा मन ठीक महसूस नहीं कर रहा है तो अपनी दिशा में थोड़ा परिवर्तन किया जाना चाहिए।

प्रसन्नता के लिए काम करें

अगर आप अपनी भावनाओं को समझ पाते हैं तो उनके अनुरूप अपनी गतिविधियों में भी परिवर्तन लाएं। याद रहे कि प्रसन्नता की स्थिति कोई भी आपको नहीं देगा बल्कि वह तो आपको स्वयं ही हासिल करनी होगी। यह प्रसन्नाता आपको अपने कार्यों से ही मिलेगी।

जब काम को लेकर आपके मन में संतोष होगा तो आपका मन प्रसन्नता को महसूस करेगा। इसलिए आप हर काम को यह मानकर करें कि आप उसे अपनी प्रसन्नता के लिए कर रहे हैं। अगर आप ऐसा मानकर कार्य करेंगे तो उसके लिए भीतर से प्रेरित भी रहेंगे।

आगे की ओर बढ़ें

जब आप अपने जीवन में प्रेरित और ऊर्जायित महूसस करते हैं तो पाते हैं कि आपको प्रेरणा के लिए कहीं और देखने की जरूरत नहीं होती। तब आप ज्यादा बेहतर तरीके से और सही दिशा में आगे बढ़ते हैं। किसी भी काम को जब आप ऊर्जा और प्रसन्न्ता से करेंगे तो पाएंगे कि आपको उसे पूरा करने में बहुत ज्यादा अतिरिक्त प्रयास नहीं करना पड़ रहे हैं और चीजें बहुत स्वाभाविक रूप से होती दिखाई देंगी।

लेकिन यह तभी होगा जब आपके पास अंत:प्रेरणा हो। इस स्थिति में आपको नए विचार भी सहजता से मिलने लगते हैं। ये नए विचार आगे बढ़ने में आपकी मदद करते हैं।

कृतज्ञता के महत्व से रूबरू

अपने लक्ष्यों की ओर कदम दर कदम बढ़ते हुए रोजमर्रा के जीवन में खुद को यह बात याद दिलाने की जरूरत है कि अगर आप लोगों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते हैं तो जीवन में हमेशा अच्छा ही महसूस करेंगे। आगे बढ़ते हुए अगर आप दूसरों की मदद करने या उनके प्रति आभार व्यक्त करने का भाव महसूस करते हैं तो अपने जीवन में इस सकारात्मक बदलाव को आने दीजिए।

दूसरों के प्रति कुछ करने का भाव आपके जीवन में परिवर्तन लाएगा और आपको अधिक बेहतर इंसान भी बनाएगा। जब आप दूसरों को महत्व देते हैं तो आपके भीतर सकारात्मक बदलाव होते हैं।

समय को खींचने की कोशिश

अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते हुए समय-सीमा तय करके चलना हमेशा आपकी मदद करेगा लेकिन समय को खींचने की कोशिश न करें। कई बार हम बहुत छोटी समय-सीमा तय कर लेते हैं और उसमें चीजें पूरी नहीं हो पाने पर हतोत्साहित हो जाते हैं। इसलिए अगर आप अपने भीतर के किसी गुण को बदलने का प्रयास कर रहे हैं तो उसके लिए समय को बंधन की तरह न रखें।

समय को इस तरह देखने पर आपके लिए चिंताएं और हताशा ही बढ़ेंगी। समय और लोगों के प्रति अपने सभी पूर्वाग्रहों और पूर्व मान्यताओं को एकतरफ रखकर ही आगे बढ़ें।

नकारात्मकता से दूरी

लक्ष्यों की तरफ बढ़ते हुए यह ध्यान रखें कि अगर आपके मित्र नकारात्मक लहजे में बात कर रहे हैं या फिर उनके मन में आगे बढ़ने को लेकर बहुत सारे संशय और दुविधाएं हैं तो उनसे दूरी बनाना जरूरी है ताकि आप स्पष्टता के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ सकें।

हमारे आसपास के लोगों से भी हमारी सकारात्मकता में बहुत ज्यादा इजाफा होता है और अगर आसपास नकारात्मक वातावरण है तो वह हमें पीछे की ओर खींचता है। इसलिए ऐसे लोगों से जितना दूर रहेंगे वह लक्ष्यों की ओर बढ़ने में आपकी मदद करेगा।

सीखना जारी रखें

अपने रोज के जीवन में कुछ आगे बढ़ने के लिए पढ़ना हमारी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए। अगर हम रोज अपनी रुचि के विषयों के बारे में थोड़ा-बहुत भी पढ़ते हैं तो हम रोज कुछ कदम आगे की ओर बढ़ते हैं। इस तरह हम बड़े और कठिन लक्ष्यों को हासिल करने की योग्यता भी अर्जित करते जाते हैं।

खुद को रोज थोड़ा मांजते जाना हमें हमेशा लक्ष्य के लिए तैयार बनाएगा। हम अगर अपनी योग्यता पर काम करते हैं तो नए लक्ष्यों की चुनौती को भी हल कर पाएंगे।

जीवन में आगे बढ़ना क्यों जरूरी है?

हमें रुकना नहीं है, लगातार आगे बढ़ते रहना है। तभी तो हम उन्हें हल कर पाएंगे। आगे बढ़ते रहेंगे तो समस्याओं के हल मिलते जाएंगे। अगर रुक जाएंगे तो एक भी बाधा पार नहीं हो पाएगी।

जिंदगी में आगे बढ़ना है तो क्या करना चाहिए?

लाइफ में आगे बढ़ने के लिए क्या करे | लाइफ में आगे कैसे बढे.
1 1. एक लक्ष्य बनाये और उस पर अटल रहे.
2 2. फेल होने से ना डरे ना अपने लक्ष्य बदले.
3 3. खुद पर विश्वाश रखे और उसे बनाये रखे.
4 4. मेहनत करने के लिए तैयार रहे.
5 5. खुद को बार बार मोटीवेट करते रहे.
6 6. कुछ नया सीखते रहे.
7 7. भावनाओ पर काबू रखे, ज्यादा ना सोचे.

जीवन में लक्ष्य का क्या महत्व है?

लक्ष्य व्यक्ति को एक सही दिशा देता है. उसे बताता है कि कौन सा काम उसके लिए जरूरी है और कौन सा नहीं. यदि goals clear हों तो हम उसके मुताबिक अपने आप को तैयार करते हैं. हमारा subconscious mind हमें उसी के अनुसार act करने के लिए प्रेरित करता है.

लाइफ में कुछ करना है तो क्या करना चाहिए?

जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए 10 तरीके.
1.1 1. दुसरों पर भरोसा मत करो।.
1.2 2. अपने आज का पूरा लाभ उठाए।.
1.3 3. दुसरों से अपनी तुलना ना करे।.
1.4 4. जो है उसी में संतुष्ट हो जाएं।.
1.5 5. अपने समय का सही इस्तेमाल करे।.
1.6 6. अपनी आमदनी के हिसाब से खर्चा करे।.
1.7 7. खुद को सही वातावरण में रखें।.
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