लेखक की हिम्मत टूटने का क्या कारण था? - lekhak kee himmat tootane ka kya kaaran tha?

लेखक की हिम्मत कब टूट जाती?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब भाई साहब उन्हें डाँटते।

छोटे भाई को अपनी गलती का अहसास कब हुआ और उसने क्या किया?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी यह प्रतिक्रिया हुई कि तुम इस वर्ष उत्तीर्ण हो गए तो क्या दिमाग में अभिमान (अहंकार) आ गया। अहंकार बड़े चक्रवर्ती राजा रावण, शैतान का भी नहीं रहा।

लेखक की हिम्मत क्यों टूट जाती थी?

We have provided बड़े भाई साहब Class 10 Hindi Sparsh MCQs Questions with Answers to help students understand the concept very well….Primary Sidebar.

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लेखक की हिम्मत टूटने का क्या कारण था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में बहुत निपुण थे। वे लेखक को समझाने के लिए ऐसे-ऐसे सूक्ति बाणों का प्रयोग करते थे कि लेखक के पास उनका कोई जवाब नहीं होता। लेखक की हिम्मत टूट जाती थी और उसका दिल पढ़ाई से उचट जाता था। उनकी बातों और डाँट के भय के कारण ही लेखक उनके साये से भी भागता था।

मौन धारण कैसे करें?

इसे सुनेंरोकेंकैसे रखें मौन व्रत जैसा कि आपको पहले बात चुके हैं कि मौन व्रत का हमारी भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है। हालांकि इस व्रत के लिए कोई भी विशेष विधि नहीं है फिर भी ससप ईद व्रत को किसी भी समय से शुरु कर सकते हैं। आप आरंभ में इसे 1 दिन से शुरू कर सकते हैं और इसके बाद अपनी क्षमता अनुसाए इसकी समय सीमा बढ़ा सकते हैं।

लेखक की अपने बारे में क्या धारणा बन गई थी *?

Q25- लेखक की अपने बारे में क्या धारणा बन गई थी?…CBSE Class 10 Hindi Chapter-wise MCQs.

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निराशा के बादल फटने पर लेखक क्या करता था?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: Explanation: बड़े भाई साहब पाठ में जब लेखक यानी छोटे भाई का मन निराश हो जाता था तो उस पर निराशा के बादल छा जाते थे और वह खुद को दुखी महसूस करता था। लेकिन थोड़ी देर बाद जब निराशा के बादल छंट जाते तो वह जोश में आकर इरादा करता कि आगे से खूब जी लगाकर पढ़ाई करूंगा।

मौन व्रत कैसे खोलते हैं?

इसे सुनेंरोकेंइस व्रत का पालन समयानुसार किसी भी दिन, तिथि व क्षण से किया जा सकता है। अपनी इच्छाओं व समय की मर्यादाओं के अंदर व उनसे बंधकर किया जा सकता है। योगशास्त्र कहता है कि जो मनुष्य शरीर रूपी पिंड को बराबर जानता है उस मनुष्य को समष्टी रूप ब्रह्माण्ड जानना कुछ मुश्किल नहीं। शरीर में चार वाणी हैं।

साधु मौन धारण क्यों करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंजिसका उत्तर ढोंगी साधु के पास न हो। इस स्थितिमे साधु के सामने धर्मसंकट उत्पन्न हो जाता है। इस धर्मसंकट से बचने के लिए ढोंगी साधु मौनव्रत धारण करते है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे ?
उत्तर:
बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में पाँच साल बड़े थे और वे नौवीं कक्षा में पढ़ते थे।

प्रश्न 2. बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे ?
उत्तर: 
बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए कापी, किताब के हाशियों पर जानवरों-पक्षियों के चित्र बनाया करते थे।

प्रश्न 3. कथानायक की रुचि किन कार्यों में थी ?
उत्तर: 
कथानायक की रुचि मैदान में कंकरियाँ उछालने, तितलियाँ उड़ाने और चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने आदि खेलों में थी।

प्रश्न 4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे ?
उत्तर:
‘कहाँ थे?’ बड़े भाई साहब छोटे भाई से हर समय पहला सवाल यही पूछते थे-‘कहाँ थे ?’

प्रश्न 5. बड़े भाई ने पहले-पहल लेखक को किसलिए डाँटा?
उत्तर:
लेखक का मन पढ़ाई में बिलकुल नहीं लगता था। वह होस्टल से निकलकर मैदान में अपने मित्रों के साथ खेलता रहता था। बड़े भाई साहब लेखक के इस व्यवहार से परेशान रहते थे। इसलिए लेखक को पढ़ाई न करने तथा समय व्यर्थ गँवाने के लिए सदैव डाँटते रहते थे। 

प्रश्न 6. अपने फेल होने पर बड़े भाई साहब ने क्या तर्क दिया?
उत्तर:
अपने फेल होने पर बड़े भाई साहब ने यह तर्क दिया कि मेरे फेल होने पर मत जाओ, मेरे दरजे में आओगे तो दाँतों पसीना आ जाएगा।

प्रश्न 7. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया ?
उत्तर: 
दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में यह परिवर्तन आया कि उसकी स्वच्छंदता बढ़ गई और वह बड़े भाई की सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा तथा उसके मन में बड़े भाई साहब का भय खत्म हो गया।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?
उत्तर:
(i) कापियों के किनारे पर जानवरों की तस्वीरें बनाते थे।
(ii) कोई शेर या वाक्य दस-बीस बार लिख डालते।
व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब कहानी में भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए अपनी कापियों के किनारों पर जानवरों के चित्र बनाते थे तथा कोई वाक्य या शेर दस-बीस बार कापी में लिख डालते थे।

प्रश्न 2. बड़ा भाई लेखक को उम्र भर एक दरजे में पड़े रहने का डर क्यों दिखाता था? बड़े भाई साहब पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
बड़ा भाई अपने अज्ञान और अयोग्यता के कारण पढ़ाई से डरा हुआ है। उसे लगता है कि इतनी मेहनत के बाद भी मैं फेल हो गया तो जरूर यह पढ़ाई बहुत कठिन है।
व्याख्यात्मक हल:
लेखक का बड़ा भाई अपने अज्ञान और अयोग्यता के कारण पढ़ाई से डरा हुआ है। उसे लगता है कि इतनी मेहनत के बाद भी जब वह फेल हो गया तो जरूर यह पढ़ाई बहुत कठिन है। इसी कारण वह लेखक को उम्र भर एक दरजे में पड़े रहने का डर दिखाता है।

प्रश्न 3. बड़े भाई साहब ने छोटे भाई पर रौब जमाने के लिए किस बात की दुहाई दी?
उत्तर:
बड़े भाई साहब ने छोटे भाई पर रौब जमान के लिए अपने अनुभवों व आयु की दुहाई दी कि वे आयु में उससे पाँच साल बड़े हैं।

प्रश्न 4. बड़े भाई साहब उपदेश की कला में माहिर थे, पर छोटा भाई मेहनत से घबराता था, उसे क्या अच्छा लगता था?
उत्तर: 
(i) छोटा भाई मस्तमौल था।
(ii) उसे खेलों का शौक था।
व्याख्यात्मक हल:
बड़े भाई साहब उपदेश की कला में माहिर थे परन्तु छोटा भाई मेहनत से घबराता था। वह मस्तमौला था उसे सैर-सपाटा, गप्पबाजी और मटरगश्ती में आनन्द आता था। वह खेलों का शौक रखता था।
प्रश्न 5. बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में निपुण थे, कैसे ?
उत्तर:
बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में बहुत निपुण थे। वे लेखक को समझाने के लिए ऐसे-ऐसे सूक्ति बाणों का प्रयोग करते थे कि लेखक के पास उनका कोई जवाब नहीं होता। लेखक की हिम्मत टूट जाती थी और उसका दिल पढ़ाई से उचट जाता था। उनकी बातों और डाँट के भय के कारण ही लेखक उनके साये से भी भागता था।

प्रश्न 6. ‘बड़े भाई साहब’ कहानी में छोटा भाई अपने बड़े भाई से किस प्रकार डरता था?
उत्तर:
(i) प्राण सूख जाना।
(ii) नंगी तलवार सिर पर लटकना।
व्याख्यात्मक हल:
‘बड़े भाई साहब’ कहानी में छोटा भाई अपने बड़े भाई से समय-समय पर रोकने-टोकने व डाँटने के कारण डरता था। बड़े भाई साहब को देखते ही छोटे भाई के प्राण सूख जाते थे। उन्हें देखकर उसे लगता था कि जैसे उसके सिर पर नंगी तलवार लटक रही है।

प्रश्न 7. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है ?
उत्तर:
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ जिदंगी के अनुभवों (तजुर्बे) से आती है। समझ किताब पढ़ने से नहीं आती, दुनिया देखने से आती है। जो व्यक्ति उम्र में अधिक है, कम पढ़ा-लिखा है परन्तु वह जीवन के लम्बे अनुभवों के आधार पर जीवन की समझ रखता है, वह कम उम्र के पढे़-लिखे व्यक्तियों से ज्यादा श्रेष्ठ है और परिस्थितियों का सामना करने की समझ रखता है।

प्रश्न 8. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फायदा उठाया ?
उत्तर: 
छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का यह फायदा उठाया कि उसे विश्वास हो गया कि भाई साहब उससे कुछ नहीं कहेंगे, जिससे उसकी स्वच्छंदता बढ़ गई, वह बड़े भाई साहब की सहिष्णुता का अनुचित लाभ उठाने लगा। उसे अपनी तकदीर पर अभिमान हो गया, उसके मन में धारणा बन गई कि मैं पढ़ूँ या न पढ़ूँ, मैं पास हो जाऊँगा। उसने पढ़ना छोड़ दिया और आवारा लड़कों के साथ कनकौए उड़ाने में समय बर्बाद करने लगा।

प्रश्न 9. छोटे भाई के मन में कौन-सी कुटिल भावना उदित हुई और क्यों? 
उत्तर: छोटे भाई के मन में अपने बड़े भाई के अगले साल भी फेल हो जाने की कुटिल भावना उदित हुई क्योंकि उसके फेल हो जाने से वे दोनों एक ही कक्षा में हो जाएँगे जिससे बड़ा भाई बात-बात पर उसका अपमान नहीं कर पायेगा।

प्रश्न 10. आदर्श स्थिति बनाए रखने के लिए बड़े भाई साहब का बचपन कैसे तिरोहित हो जाता है ?
उत्तर: 
आदर्शवादी बड़े भाई में भी अन्य बच्चों की तरह खेलने, पतंगबाजी करने की स्वाभाविक इच्छा है, किन्तु छोटे भाई के समक्ष मिसाल कायम करने के लिए वे अपने मन की इच्छाएँ दबाते हैं तथा सोचते हैं कि वे स्वयं बेराह चलेंगे तो छोटे भाई के लिए आदर्श नहीं बन पाएँगे।

प्रश्न 11. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं ?
उत्तर:
बड़े भाई साहब पर छोटे भाई की निगरानी का दायित्व था। वे अध्ययनशील थे, समय के पाबन्द थे, अहंकार रहित, अनुभवी और समझदार थे। छोटे भाई के हित के लिए उन्हें अपने मन की इच्छाएँ दबानी पड़ती थीं, क्योंकि यदि वे स्वयं गलत राह पर चलेंगे तो अपने छोटे भाई की रक्षा एवं देख-रेख कैसे कर सकेंगे, अपने छोटे भाई के भविष्य की चिन्ता एवं कर्तव्य के कारण उन्हें अपने मन की सारी इच्छाओं को दबाना पड़ता था।

प्रश्न 12. ‘बड़े भाई साहब’ नामक कहानी से आपको क्या प्रेरणा मिलती है ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
अथवा

‘बड़े भाई साहब’ पाठ से हमें क्या संदेश मिलता है ?
उत्तर: प्रस्तुत कहानी हमें यह प्रेरणा देती है कि हम अपनी स्थिति, शक्ति और सीमा को समझें, उसी के अनुरूप व्यवहार करें। यदि हम स्वयं योग्य नहीं हैं तो हम किसी को उपदेश देने का अधिकार भी खो बैठते हैं। इसके अतिरिक्त हमें यह भी प्रेरणा मिलती है कि हम पढ़ाई को सहज रूप से करें, रटने की बजाय समझने की कोशिश करें तथा खेलकूद भी पढ़ाई में सहायक हो सकते हैं।

प्रश्न 13. ‘बड़े भाई साहब’ कहानी के लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है ?
उत्तर: 
‘बड़े भाई साहब’ पाठ में लेखक ने शिक्षा की रटन्त प्रणाली पर तीखा व्यंग्य किया है। कहानी का बड़ा भाई एक बेचारा दीन पात्र है जो पाठयक्रम के एक-एक शब्द को तोते की तरह रटता रहता है। वह किसी भी शब्द को दिमाग तक नहीं पहुँचने देता। वह न तो विषय को समझता है, न समझे हुए विषय को अपनी भाषा में कहना जानता है। इस कारण वह चैबीसों घंटे पढ़ते-पढ़ते निस्तेज हो जाता है, फिर भी परीक्षा में पास नहीं हो पाता।

लेखक की हिम्मत टूटने के क्या कारण थे?

उत्तर: बड़े भाई साहब उपदेश देने की कला में बहुत निपुण थे। वे लेखक को समझाने के लिए ऐसे-ऐसे सूक्ति बाणों का प्रयोग करते थे कि लेखक के पास उनका कोई जवाब नहीं होता। लेखक की हिम्मत टूट जाती थी और उसका दिल पढ़ाई से उचट जाता था। उनकी बातों और डाँट के भय के कारण ही लेखक उनके साये से भी भागता था।

लेखक की हिम्मत कब टूट जाती 1 Point?

6. लेखक की हिम्मत कब टूट जाती?

छोटे भाई की हिम्मत टूटने का कारण क्या था *?

भाई सहाब उपदेश की कला में निपुण थे। ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकड़े-टुकड़े हो जाते और हिम्मत टूट जाती। वह जानलेवा टाइम-टेबिल, वह आँखफोड़ पुस्तकें, किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फ़जीहत का अवसर मिल जाता।

निराशा के बादल फट जाने पर लेखक ने क्या किया?

Answer: Explanation: बड़े भाई साहब पाठ में जब लेखक यानी छोटे भाई का मन निराश हो जाता था तो उस पर निराशा के बादल छा जाते थे और वह खुद को दुखी महसूस करता था। लेकिन थोड़ी देर बाद जब निराशा के बादल छंट जाते तो वह जोश में आकर इरादा करता कि आगे से खूब जी लगाकर पढ़ाई करूंगा।