इसे सुनेंरोकेंमहाराजा सूरजमल (1755-1763) भरतपुर राज्य के दूरदर्शी जाट महाराजा थे। उनके पिता बदन सिंह ने डीग को सबसे पहले अपनी राजधानी बनाया और बाद में सूरजमल ने भरतपुर शहर की स्थापना की। Show
पहले दिल्ली का क्या नाम था?इसे सुनेंरोकेंइस शहर को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, जहां कभी पांडव रहे थे। समय के साथ-साथ इंद्रप्रस्थ के आसपास आठ शहर : लाल कोट, दीनपनाह, किला राय पिथौरा, फिरोज़ाबाद, जहांपनाह, तुगलकाबाद और शाहजहानाबाद बसते रहे। भरतपुर रियासत कब बनी? इसे सुनेंरोकेंकिशनसिंह के देहांत के बाद अप्रैल, 1929 में बृजेन्द्रसिंह शासक बने। इनके समय 1938 में भरतपुर प्रजामण्डल की स्थापना की गई। दिल्ली का सबसे बड़ा राजा कौन है? पढ़ना: फाइलम सीलेन्ट्रेटा के दो उदाहरण क्या है? दिल्ली सल्तनत के शासकों की सूची – GK Notes व List का PDF डाउनलोड करें!
हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा?इसे सुनेंरोकेंदिल्ली के ही पुराने नाम इंद्रप्रस्थ को पांडवों की बसाई नगरी कहा जाता है, जो उनकी राजधानी थी। जानें दिल्ली के नाम से लेकर दिल्ली की खास बातें.. कुछ इतिहासकार कहते हैं कि तोमरवंश के एक राजा धव ने इलाके का नाम ढीली रख दिया था क्योंकि किले के अंदर लोहे का खंभा ढीला था और उसे बदला गया था। यह ढीली शब्द बाद में दिल्ली हो गया। जाट वंश का संस्थापक कौन था?इसे सुनेंरोकेंबदनसिंह (1722-56 ई) बदनसिंह ने ही 1722 ई. में भरतपुर नामक नवीन रियासत का गठन कर डीग के किले व जलमहलों का निर्माण शुरू करवाया । बदनसिंह को ही ‘जाट राजवंश का वास्तविक संस्थापक’ माना जाता है । पढ़ना: सोवियत संघ का औपचारिक विखंडन कब हुआ था? भरतपुर का पहला राजा कौन था? इसे सुनेंरोकेंराजा सूरजमल को ही भरतपुर रियासत की नींव रखने का श्रेय जाता है. जो आज राजस्थान के भरतपुर शहर के नाम से जाना जाता है. साल 1733 में भरतपुर रियासत की स्थापना की थी. साल 1753 तक महाराजा सूरजमल ने दिल्ली और फिरोजशाह कोटला तक अपना राजपाठ बढ़ा लिया था. इंद्रप्रस्थ से पहले दिल्ली का क्या नाम था? इसे सुनेंरोकेंखांडवप्रस्थ : आज का दिल्ली प्राचीनकाल का इंद्रप्रस्थ था। इंद्रप्रस्थ से पहले यह खांडवप्रस्थ था, जहां एक भव्य नगर बसा हुआ था। नगर के बीचोबीच एक महल था और नगर के चारों और वन था जिसे खांडव वन कहते थे। यमुना नदी के किनारे बसे खांडवप्रस्थ को एक प्राचीन राजा ने बसाया था। दिल्ली का निर्माण कब हुआ?इसे सुनेंरोकेंदिल्ली का इतिहास बहुत पुराना है। 1450 ई. पू. महाभारत काल में दिल्ली का नाम इन्द्रप्रस्थ था जिसका निर्माण पाण्डवों ने करवाया था । हस्तिनापुर का वर्तमान नाम क्या है?इसे सुनेंरोकेंमहाभारत में सबसे ज्यादा महत्व हस्तिनापुर को दिया गया है, क्योंकि हस्तिनापुर कौरवों का राज्य था और पूरी महाभारत की कथा हस्तिनापुर के आज-पास ही घूमती है। हस्तिनापुर के लिए ही महाभारत का युद्ध हुआ था। यह स्थान वर्तमान में मेरठ शहर के पास बसा है। तक्षशिला जो महाभारत काल में गांधार प्रदेश की राजधानी थी। दोस्तों यदि आपको Bharatpur ka Jat Vansh in Rajasthan In Hindi यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इस Bharatpur ka Jat Vansh in Rajasthan In Hindi पोस्ट को Like & Comment करे तथा Share भी करे और हमे बताये भी ये पोस्ट आपको केसी लगी धन्यवाद – Pankaj Taakइस पोस्ट में हम आप को राजस्थान में भरतपुर के जाटों का इतिहास, bharatpur ka itihas, भरतपुर की स्थापना किसने की, भरतपुर रियासत का इतिहास, bharatpur riyasat, maharaja surajmal ke vanshaj, जाट राजाओं का इतिहास, jaton ka itihas in hindi, भरतपुर का इतिहास दिल्ली की लड़ाई, rajaram jat history in hindi, के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी। भरतपुर के जाटों का इतिहास | Bharatpur HistoryTable of Contents
चूड़ामन जाट (1695-1721 ई.) | bharatpur riyasat
दनसिंह (1723-1755 ई.)
महाराजा सूरजमल (1755-1764 ई.)
महाराजा जवाहर सिंह (1764-1768 ई.)
महाराजा केसरी सिंह (1769-1777 ई.)
महाराजा रणजीत सिंह (1777-1805 ई.)
महाराजा रणधीर सिंह (1805-1823 ई.)
महाराजा बलवंत सिंह (1826-1853 ई.)
महाराजा जसवंत सिंह (1853-1893 ई.)
किशनसिंह (1900-1929 ई.)
बृजेन्द्र सिंह (1929-1948 ई.)
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सबसे पहले जाट कौन था?वीरभद्र ने राजा दक्ष के सिर काट दिया. फिर भगवान विष्णु, ब्रह्मा और सभी देवी देवता भगवान शिव को मनाने पहुंचे और उनसे राजा दक्ष को क्षमा करने की याचना की. भगवान शिव ने शांत होकर दक्ष को पुनर्जीवित कर दिया. इस मान्यता के अनुसार, वीरभद्र से ही जाट समाज की उत्पत्ति हुई है.
जाटों का राजा कौन था?महाराजा सूरजमल या सूजान सिंह (13 फरवरी 1707 – 25 दिसम्बर 1763) राजस्थान के भरतपुर के हिन्दू जाट राजा थे।
सबसे ज्यादा जाट कौन से राज्य में है?जाटों की चौपाल Jaato ki chaupal. पंजाब (35% सिख जाट + 3% हिन्दू जाट = 38% जाट ). हरयाणा ( 31% हिन्दू जाट + 5% सिख जाट + 1% विष्नोई जाट और मुस्लिम्स जाट = 37 % जाट ). पश्चिमी उत्तर प्रदेश ( 17% हिन्दू जाट + 2% सिख जाट + 2% मुस्लिम्स जाट = 21-22% जाट ). जाटों का सबसे बड़ा गोत्र कौन सा है?दहिया सोनीपत में बहुत हैं, हरियाणा का सबसे बड़ा गोत्र है। दहिया को पूरे भारत में "दहिया बादशाह" के रूप में जाना जाता है। जम्मू कश्मीर में जोहल, संधु, बाजवा, ढिल्लो, रंधावा, गिल बहोत है।
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