ज्ञान को उर्दू में क्या कहते हैं - gyaan ko urdoo mein kya kahate hain

ज्ञान-गुन

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ज्ञान-योग

ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप को जानने का योग, ब्रह्म प्राप्ति के लिए की गई ज्ञाननिष्ठा वाली साधना, वह योग या साधना जिसमें परमात्मा या ब्रह्म के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान प्राप्त करके मनुष्य मोक्ष का अधिकारी बनता है

ज्ञानी

ज्ञानवान व्यक्ति; समझदार; योग्य

ज्ञान-वंती

बुद्धी वाली, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-वंता

बुद्धि वाला, बुद्धिमान, अक़लमंद

ज्ञान-सखी

ज्ञान-मार्ग

ज्ञान का मार्ग या तरीक़ा

ज्ञान-कांड

वेद के तीन कांडों या विभागों में से एक जिसमें जीव और ब्रह्म के पारस्परिक संबंधों, स्वरूपों आदि पर विचार किया गया है

ज्ञान-चौसर

ज्ञान-चर्चा

ज्ञान-चालीसी

ज्ञान-गुदड़ी

ज्ञान में आना

ज्ञानी-मानी

ज्ञानी-ओ-दानी

ज्ञान होना

ज्ञानवान

जिसे बहुत-सी बातों, विषयों आदि की जानकारी हो, योग्य तथा समझदार, अक़लमंद, जिसने आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया हो, ज्ञानी, बुद्धिमान, पंडित, आलिम, फ़ाज़िल, हुनरमंद

ज्ञान बढ़े सोच से, रोग बढ़े भोग से

बुद्धि सोचने से बढ़ती है और बीमारी संभोग करने से

गुण-ज्ञान

अनंत-ज्ञान

मन-ज्ञान

गुर-ज्ञान

वह दीन का ज्ञान जो गुरु अपने शिष्य को बताए, गुरु की सीख, बड़ों का उपदेश

तत-ज्ञान

खरक-ज्ञान

चतुर-ज्ञान

पर्म-ज्ञान

ध्यान-ज्ञान

उपासना का ध्यान, पूजा का ख़याल, इबादत की तरफ़ तवज्जो

भेद-ज्ञान

द्वैतभाव का ज्ञान

धर्म-ज्ञान

केवल-ज्ञान

(जैन धर्म) परब्रह्म या परमात्मा के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान, जो बहत बड़े-बड़े महात्माओं, योगियों आदि को ही होता है, तौहीद, यकताई, एक होना, जैन दर्शन के अनुसार केवल विशुद्धतम ज्ञान को कहते हैं। इस ज्ञान के चार प्रतिबंधक कर्म होते हैं- मोहनीय, ज्ञानावरण, दर्शनवरण तथा अंतराय

चित्तीन-ज्ञान

अश्नान-ज्ञान

ब्रह्म-ज्ञान

ब्रह्म को जानना, तत्वबोध का ज्ञान; परमतत्व का ज्ञान

शुद्ध-ज्ञान

मूरख के समझाए ज्ञान गाँठ जाए

बेवक़ूफ़ को समझाने से इलम-ए-सनाए होता है

मान का आँकस ज्ञान है

इलम से एतिक़ाद और यक़ीन पैदा होता है

उल्टी खोपड़ी अंधा ज्ञान

उल्टी खोपड़ी ,औंधा ज्ञान

भूल गए सब ज्ञान शास्त्र पढ़ कर सभी डबोया

लिखे पढ़े बेअमल की निसबत बोला करते हैं

गुर गुर बिद्दया सुर सुर ज्ञान

हर शख़्स की समझ बोझ ओराक़ल जुदागाना होती है

गुर गुर बिद्या, सुर सुर ज्ञान

हर गुरु का जुदागाना इलम-ओ-अमल और हर एक सर में मुख़्तलिफ़ अक़ल और हर शख़्स की राय अलग होती है , हर उस्ताद के सिखाने का तरीक़ा अलग होता है और हर इंसान की अक़ल मुख़्तलिफ़ होती है

गुर बिन मिले न ज्ञान, भाग बिन मिले न सम्पत

बगै़र उस्ताद के इलम हासिल नहीं होता और बगै़र क़िस्मत के दौलत नहीं मिलती

वही मानस दे सके राजों को सीख ज्ञान जो ना राखे लाभ धन और धरे हाथ पर जान

राजों को मश्वरा वही दे सकता है जिसे दौलत का लालच ना हो और जान की पर्वा ना करे

प्लैट्स शब्दकोश

جنان ज्ञान jnān pop. gyān

S جنانज्ञान jnān (pop. gyān), s.m. Knowledge; understanding, intellect, intelligence; sacred or religious knowledge (such as is derived from meditation on the higher truths of religion and philosophy, and which teaches man his own nature, and how he may be reunited to the supreme spirit); cognizance; consciousness:—jnānādhikya (jnāna+adh˚), s.m. Superiority or pre-eminence in intelligence:—jnān-ćarćā, s.f. The pursuit or practice of wisdom:—jnān-ćakshu, s.m. The eye of intelligence, mind's eye; intellectual vision:—jnān-darpaṇ, s.m. 'Mirror of true knowledge'; a man of Manjuśrī, one of the Jain saints:—jnān-dr̤ishṭi, s.f. Clear vision or perception (untainted either by ignorance or by sin):—jnān-daśā, s.f. A state of intelligence or knowledge:—jnān dauṛānā, v.n. To meditate deeply:—jnān sīkhnā, v.n. To acquire knowledge:—jnān-knāṇḍ, s.m. That inner or esoteric portion of the Veda which relates to true spiritual knowledge or the knowledge of supreme spirit as distinguished from the knowledge of ceremonies:—jnān-mān, jnān-vān, adj. & s.m. Endowed with knowledge or science; knowing, familiar with, intelligent, wise, learned; having spiritual knowledge;—one who understands fully, &c. (=jnānī, q.v.):—jnān-vishay, s.m. The thing called jnān, q.v.:—jnān-vi-jnān, s.m. Sacred and miscellaneous knowledge; the Vedas with the supplementary branches of knowledge, medicine, arms, &c.:—jnānopadeś, vulg. jnān-upadeś, s.m. Wise instruction:—jnāneććhu (jnāna+ić˚), adj. Desirous of knowledge or wisdom:—jnānendriya (jnāna+in˚), s.m. An organ of perception or sensation (of which there are five, viz., the skin, tongue, eye, ear, and nose); mental power, intellect.

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ज्ञान

noun

  • वस्तुओं और विषयों की वह जानकारी जो मन या विवेक को होती है

  • دانش

    noun

    यह क्यों कहा जा सकता है कि आज सच्चा ज्ञान बढ़ गया है?

    ہم کیوں کہہ سکتے ہیں کہ ہمارے زمانے میں ”دانش افزون“ ہو گئی ہے؟

  • گیان

    noun

  • دانائی

    “सब चतुर तो ज्ञान से काम करते हैं”

    ”ہر ایک ہوشیار آدمی دانائی سے کام کرتا ہے“

Less frequent translations

علم

Stem

2:1-3) उसके बाद कई सदियों तक, ‘सच्चा ज्ञान’ छिपा रहा। ऐसा नहीं कि यह ज्ञान सिर्फ उन लोगों से छिपा रहा जिन्हें बाइबल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, बल्कि उनसे भी जो खुद को मसीही कहते थे।

یہاں تک کہ جو لوگ مسیحی ہونے کا دعویٰ کرتے تھے، اُن میں سے بھی بہت سے لوگ پاک کلام کی سچائیوں کو نہیں جانتے تھے۔

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आज भी बेथेल में बाइबल का ज्ञान हासिल करने और असरदार तरीके से सिखाने की कला बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाता है।

اب بھی بیتایل میں بائبل علم حاصل کرنے اور مؤثر تعلیمی طریقوں کو فروغ دینے پر زور دیا جاتا ہے۔

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क्या इसकी वजह यह तो नहीं कि हमें हमेशा तक ज्ञान लेने के लिए बनाया गया हो?

کیا یہ ممکن ہے کہ ہمیں ہمیشہ تک علم حاصل کرتے رہنے کے لئے خلق کِیا گیا ہے؟

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हमें चाहिए कि ‘परमेश्वर के ज्ञान’ को “चान्दी” और “गुप्त धन” के बराबर अनमोल समझें।

ہمیں ”خدا کی معرفت“ کو ”چاندی“ اور ’پوشیدہ خزانہ‘ خیال کرنا چاہئے۔

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(1 कुरिन्थियों 15:33; फिलिप्पियों 4:8) जब यहोवा और उसके स्तरों के बारे में हमारा ज्ञान और समझ बढ़ती है और हम उनकी ज़्यादा कदर करने लगते हैं, तब विवेक यानी अच्छे-बुरे की समझ हमारी मदद करती है कि परमेश्वर के सिद्धांतों को हम हर हाल में, अपने निजी मामलों में भी लागू करें।

(۱-کرنتھیوں ۱۵:۳۳؛ فلپیوں ۴:۸) یہوواہ اور اُسکے معیاروں کی بابت علم، سمجھ اور قدردانی میں ترقی کرنے سے ہمارا ضمیر، ہماری اخلاقی حس نجی معاملات کے علاوہ تمام حالات میں الہٰی اُصولوں کا اطلاق کرنے میں ہماری مدد کریگی۔

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(यशायाह 55:9, फुटनोट; मीका 4:1) यहोवा का “ज्ञान ऊपर से आता है।”

(یسعیاہ ۵۵:۹؛ میکاہ ۴:۱) یہوواہ کی حکمت ”اُوپر سے آتی ہے۔“

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यीशु मसीह ने कहा: “हमेशा की ज़िंदगी पाने के लिए ज़रूरी है कि वे तुझ एकमात्र सच्चे परमेश्वर का और यीशु मसीह का, जिसे तू ने भेजा है, ज्ञान लेते रहें।”—यूहन्ना 17:3.

اِس سلسلے میں یسوع مسیح نے بتایا: ”ہمیشہ کی زندگی یہ ہے کہ وہ تجھ خدایِواحد اور برحق کو اور یسوؔع مسیح کو جسے تُو نے بھیجا ہے جانیں۔“—یوحنا ۱۷:۳۔

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इस ज्ञान और पतरस से सीखी बातों पर विश्वास करने से, उन्हें एक आधार मिला कि “पिता और पुत्र और पवित्रात्मा के नाम से बपतिस्मा” लें।

اس کے ساتھ ساتھ پطرس سے سیکھی ہوئی باتوں پر ایمان نے اُن کے لئے ”باپ اور بیٹے اور رُوحاُلقدس کے نام سے بپتسمہ“ لینے کی بنیاد فراہم کی۔

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क्रिप्टोनियन अभिलेखागार 100,000 अलग दुनिया से ज्ञान होता है ।

Kryptonian کی آرکائیو 100 ، 000 مختلف دنیاؤں سے علم پر مشتمل ہے.

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क्या स्वर्गदूतों ने उसकी मदद की थी या क्या उल्काओं की वर्षा हुई जिसे सीसरा के ज्ञानियों ने मुसीबत की निशानी समझा या क्या ज्योतिषियों की जिन भविष्यवाणियों पर सीसरा ने भरोसा रखा था, वे झूठी निकलीं?

بائبل یہ بیان نہیں کرتی کہ فرشتوں نے برق کی مدد کی تھی، شہابِثاقب (تاروں کا ٹوٹنا) کو سیسرا کے حکیموں نے بدشگونی سمجھا یا شاید سیسرا کے لئے علمِنجوم کی پیشینگوئیاں جھوٹی ثابت ہوئیں۔

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• किस तरह के ज्ञान और समझ से प्रौढ़ता ज़ाहिर होती है?

• کس قسم کا علم اور سمجھ پختگی کی عکاسی کرتا ہے؟

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(यूहन्ना 17:6) हमें परमेश्वर का ज्ञान लेने के साथ-साथ उसके मुताबिक काम भी करना चाहिए।

(یوحنا ۱۷:۶) لہٰذا ہمیں خدا کے کلام پر عمل بھی کرنا ہوگا۔

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बस एक ही पाबंदी थी कि उन्हें भले-बुरे के ज्ञान के पेड़ का फल नहीं खाना था।

صرف ایک ممانعت تھی—انہیں نیکوبد کی پہچان کے درخت کا پھل نہیں کھانا تھا۔

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यह बात सच है कि यशायाह ने जिस शान्ति का वर्णन किया, उसे पाने के लिए सिर्फ ज्ञान होना काफी नहीं है।

یہ سچ ہے کہ جس امن کی پیشینگوئی یسعیاہ نے کی اُسے محض علم کی بنیاد پر حاصل نہیں کِیا جا سکتا۔

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(फिलिप्पियों 1:9, NHT) पौलुस ने यहाँ ज़ोर देकर बताया कि परमेश्वर और कलीसिया के भाई-बहनों के लिए हमारे प्यार का गहरा नाता, परमेश्वर के बारे में सच्चा या सही ज्ञान लेने और उसकी मरज़ी को समझने के साथ है।

(فلپیوں ۱:۹) پولس یہاں خدا اور ساتھی ایمانداروں کیلئے محبت کو خدا کی مرضی کی بابت صحیح علم اور سمجھ کیساتھ منسوب کرتا ہے۔

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(यिर्मयाह 10:23) दरअसल, यहोवा से बढ़कर दुनिया में ऐसा कोई शिक्षक, कोई ज्ञानी या सलाहकार नहीं है जो हमें सच्चाई सिखाए, बुद्धिमान बनाए और एक खुशहाल ज़िंदगी दे।

(یرمیاہ ۱۰:۲۳) واقعی، ہمیں سچائی کی تعلیم دینے اور حکمت بخشنے اور خوش رہنے کے قابل بنانے کے لئے اُس سے بہتر کوئی اُستاد، ماہر یا مشیر نہیں ہے۔

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हो सकता है शुरू-शुरू में हमें बाइबल पढ़ना और अध्ययन करना इतना अच्छा न लगे। लेकिन अगर इसके लिए हमारे अंदर लगन होगी, तो ज्ञान हमें “मनभाऊ लगेगा” और हम अध्ययन के लिए तय किए गए समय का बेसब्री से इंतज़ार करेंगे।—नीतिवचन 2:10,11.

اگر ہمیں شروع شروع میں بائبل پڑھائی اور ذاتی مطالعہ کرنا اچھا نہ بھی لگے توبھی مستقلمزاجی سے ہم یہ دیکھینگے کہ علم ’ہماری جان کو اسقدر مرغوب ہوگا‘ کہ ہم مطالعے کے اوقات کا شدت سے انتظار کرینگے۔—امثال ۲:۱۰، ۱۱۔

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मसीही साहित्य, सभाओं, सम्मेलनों और अधिवेशनों के ज़रिए “समय पर” मिलनेवाले आध्यात्मिक भोजन को नियमित रूप से लेने से हम यकीन रख सकते हैं कि हम विश्वास और ज्ञान में बाकी मसीहियों के साथ “एक” हैं।—मत्ती 24:45.

مسیحی مطبوعات، اجلاسوں، اسمبلیوں اور کنونشنوں کے ذریعے ”وقت پر“ فراہم کی جانے والی روحانی غذا باقاعدگی کے ساتھ کھانے سے ہم ایمان اور علم میں ہمایمانوں کے ساتھ ”ایک“ ہو سکتے ہیں۔—متی ۲۴:۴۵۔

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यीशु के शिष्य “अनपढ़ और साधारण” लोग थे, मगर फिर भी वे गहरी आध्यात्मिक बातों को समझकर अमल में ला सके क्योंकि वे नम्र थे। लेकिन दूसरे लोग हालाँकि “सांसारिक दृष्टि से” ‘ज्ञानी और समझदार’ थे, मगर फिर भी वे इन गहरी बातों को बिलकुल भी समझ नहीं पाए।

فروتنی نے ہی یسوع کے ”اَنپڑھ اور ناواقف“ شاگردوں کو ایسی روحانی سچائیوں کو سمجھنے اور اُنکا اطلاق کرنے کے قابل بنایا جو ”جسم کے لحاظ“ سے ”داناؤں اور عقلمندوں“ کیلئے ناقابلِفہم تھیں۔

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(ख) समुद्र के बारे में और पृथ्वी पर उसके बँटवारे के बारे में जितना ज्ञान हमारे पास है, उससे क्या कबूल किया जाना चाहिए?

(ب) سمندر اور کُرۂارض پر اس کی تقسیم کے علم کی بابت کیا تسلیم کِیا جانا چاہئے؟

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2:8) आज ‘दुनियावी फलसफे और छलनेवाली खोखली बातें, जो इंसानों की परंपराओं के मुताबिक हैं,’ अकसर इस दुनिया के बड़े-बड़े ज्ञानियों की बातों में झलकती हैं, जो दुनियावी सोच को बढ़ावा देते हैं।

(کل ۲:۸) اکثر یونیورسٹیوں میں جو تعلیم دی جاتی ہے، وہ ’فیلسوفی اور اِنسانوں کی لاحاصل روایتوں‘ پر مبنی ہوتی ہے۔

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(भजन 119:105) जो लोग यहोवा की बात सुनने को तैयार थे, उन्हें यहोवा ने शिक्षा और ज्ञान की रोशनी दी।

(زبور ۱۱۹:۱۰۵) سننے پرآمادہ اشخاص کے لئے یہوواہ نے تعلیم اور روشنخیالی عطا فرمائی۔

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वह अपने ज्ञान की शेखी बघारने से अपने आप को रोकता है और इस तरह वह अपने ज्ञान को छिपाए रखता है।

وہ اپنے علم کا ڈھنڈورا پیٹنے کی بجائے اسے چھپاتا ہے۔

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कैथोलिक पत्रिका में धार्मिक शिक्षा के एक निर्देशक की बात छापी गई। उसने कहा कि जो कैथोलिक लोग बाइबल अध्ययन की कक्षाओं में जाने लगे हैं, उन्होंने महसूस किया कि “बाइबल में ज्ञान का एक बड़ा खज़ाना है, मगर हम कैथोलिक लोगों को इससे बिलकुल दूर रखा गया था।

کیتھولک مذہبی تعلیم کے ایک منتظم کا حوالہ دیتا ہے جس نے بیان کِیا کہ بائبل مطالعے کی کلاسز میں شرکت کرنے والے کیتھولک لوگوں نے محسوس کِیا کہ ”کیتھولکوں کے طور پر وہ بائبل میں پائے جانے والے بےپناہ خزانے سے محروم تھے۔

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मैंने जिन लोगों को परमेश्वर के मकसद के बारे में ज्ञान लेने में मदद दी, उनमें से एक जवान लड़का है, जो बिस्तर से उठ नहीं सकता था।

مَیں نے خدا کے مقاصد کا علم حاصل کرنے میں جن لوگوں کی مدد کی ہے ان میں ایک اپاہج نوجوان بھی شامل ہے۔

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ज्ञानी शब्द का अर्थ क्या है?

ज्ञानी के हिंदी अर्थ जिसे ज्ञान या जानकारी हो। योग्य तथा समझदार।

किताब को उर्दू में क्या कहते हैं?

पुस्तक, ग्रंथ, कापी, मियाज़ ।

विचार को उर्दू में क्या कहते हैं?

خیال ، رائے ۔ ۳۔ فکر ، سوچ ، غور ، تدبر ؛ بچار ۔

उर्दू में इतिहास को क्या कहते हैं?

‎History - تاریخ - इतिहास‎, ‎India - भारत - ﮨﻨﺪﻭﺳﺘﺎﻥ‎ में है. ﺍُﺭﺩُﻭ 'उर्दू' शब्द मूलतः तुर्की भाषा का है तथा इसका अर्थ है- 'शाही शिविर' या 'खेमा'(तम्बू)। तुर्कों के साथ यह शब्द भारत में आया और इसका यहाँ प्रारम्भिक अर्थ खेमा या सैन्य पड़ाव था।