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डेली न्यूज़
माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत, लैंसेट रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु, माल्थस
सिद्धांत, जनसंख्या वक्र, राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग और जनसंख्या नीति, 2000 जनसंख्या वृद्धि के प्रभाव एवं इसके नियंत्रण हेतु प्रयास हाल ही में लैंसेट द्वारा 195 देशों एवं क्षेत्रों के लिये वर्ष 2017 से वर्ष 2100 तक प्रजनन क्षमता, मृत्यु दर और प्रवास एवं जनसंख्या परिदृश्य के संदर्भ में वैश्विक पूर्वानुमान विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
इस विश्लेषण के अनुसार, वर्ष 2048 में भारत की जनसंख्या 1.6 बिलियन आबादी के साथ अपने शीर्ष स्तर पर होगी
वृद्धि के प्रमुख कारण:
जनसंख्या के संदर्भ में वृद्धि वक्र:
जनसंख्या वृद्धि के विभिन्न चरण:
माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत:
जनसंख्या वृद्धि से उत्पन्न समस्याएँ:
जनसंख्या वृद्धि के कारण उत्पन्न समस्याओं को रोकने हेतु प्रयास:
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, 2000:
राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग
निष्कर्ष:लैंसेट अध्ययन के आधार पर कहा जा सकता है कि महिलाओं के शैक्षिक स्तर में सुधार एवं गर्भनिरोधक कार्यक्रमों तक महिलाओं की पहुँच के चलते प्रजनन क्षमता एवं जनसंख्या वृद्धि में गिरावट आएगी। चीन और भारत जैसे कई देशों में प्रतिस्थापन स्तर से कम TFR के आर्थिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और भू-राजनीतिक परिणाम देखने को मिलेंगे । महिला प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने में आने वाले वर्ष जनसंख्या वृद्धि के संदर्भ में महत्वपूर्ण साबित होंगे। स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस× जनसंख्या वृद्धि से क्या तात्पर्य है?जनसंख्या वृद्धि किसी भी क्षेत्र में लोगों की संख्या बढ़ने को कहा जाता है। पूरे दुनिया में मनुष्य की जनसंख्या हर साल लगभग 8.3 करोड़ या 1.1% की दर से बढ़ती जा रही है। वर्ष 1800 को पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग एक अरब थी, जो 2017 तक बढ़ कर 7.6 अरब हो गई है।
जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं भारत में जनसंख्या वृद्धि का कारण बताएं?जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु-दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं?लैंसेट अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2048 में भारत की जनसंख्या विश्व सर्वाधिक होने का अनुमान लगाया गया है जो वर्ष 2017 की 1.38 बिलियन जनसंख्या से बढ़कर लगभग 1.6 बिलियन हो जाएगी। वर्ष 2100 में भारत की जनसंख्या 1.09 बिलियन अनुमानित की गई है। अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2100 में भारत विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होगा।
जनसंख्या वृद्धि पर निबंध कैसे लिखें?आबादी की बढ़ती दर कई समस्याओं का कारण है। विकासशील देश विकसित देशों के स्तर तक पहुंचने में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और इन देशों में जनसंख्या में तेजी से वृद्धि इस दिशा में मुख्य बाधाओं में से एक है। बढ़ती आबादी के कारण बेरोजगारी की समस्या उच्चतम स्तर पर है। नौकरियों की तलाश में कई लोग हैं लेकिन रिक्तियां सीमित हैं।
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