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जन्माष्टमी के व्रत को व्रतराज कहा जाता है और इस व्रत में खानपान के कुछ विशेष नियम होते हैं, जिसका पालन हर व्रती के लिए करना अनिवार्य होता है। जन्माष्टमी का व्रत कुछ लोग बिना जल के यानी निर्जला रखते हैं तो कुछ लोग दिन भर उपवास रखकर शाम के वक्त फलाहार कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिन में 2 बार फलाहार करके भी जन्माष्टमी (janmashtami) का व्रत कर लेते हैं। जन्माष्टमी के दिन हर घर में बहुत काम होता है। कान्हाजी का भोग लगाने के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। लोग अपना घर सजाते हैं तो ऐसे में व्रत करने पर आपका शरीर कमजोर पड़ सकता है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं व्रत के खानपान को लेकर ऐसी चीजें जो आपको ऊर्जा देंगी और आपका व्रत भी पूर्ण माना जाएगा। ऊर्जा और इम्यून सिस्टम के लिए ऐसा करेंकोरोना के दौर में व्रत भी करना है और इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाकर चलना है तो इसके लिए आपको कुछ ऐसा आहार लेना चाहिए कि जो अल्प भी हो और ऊर्जा से भरपूर हो। इसके लिए व्रत शुरू करने से पहले आपको एक मुट्ठी बादाम या फिर अखरोट खा लेना चाहिए। इससे आपको जरूरत भर की एनर्जी भी मिलेगी और आपका इम्यून सिस्टम भी कमजोर नहीं पड़ेगा। फलों का सेवनजन्माष्टमी के व्रत में खूब फल खा सकते हैं। रसीले फलों के सेवन से आपके शरीर में पानी कमी नहीं होने पाती, जिस वजह से आपको डिहाइड्रेशन नहीं होता। जन्माष्टमी के व्रत में आप तरबूज ककड़ी और खरबूज जैसे अधिक पानी वाले फलों का सेवन करें तो आपको विशेष लाभ होगा। इसके अलावा आप केला, सेब और अमरूद भी खा सकते हैं। ऐसे फल आपको अधिक समय तक भूख नहीं लगने देते। जन्माष्टमी पर धन वद्धि योग, इन उपायों से देवी लक्ष्मी आएंगी आपके घर दही की लस्सीकान्हाजी को छाछ और दही अतिप्रिय माना जाता है। आप चाहें तो जन्माष्टमी के शुभ दिन अपने परिवार के सभी सदस्यों को एक गिलास लस्सी देकर व्रत की शुरुआत कर सकते हैं। लस्सी पीने से आपको व्रत में अधिक प्यास नहीं लगती और आपका पेट भी भर जाता है। आपको बार-बार भूख भी नहीं लगती। साबूदाना और कुट्टू का आटाजन्माष्टमी के व्रत में जो लोग फलाहार रहकर व्रत करते हैं वे दिन में या फिर शाम के वक्त साबूदाने की खिचड़ी या फिर कुट्टू के आटे की पूरी बनाकर खा सकते हैं। ये दोनों ही चीजें काफी हल्की होती हैं और पेट भी भर जाता है। देवी लक्ष्मी को नहीं पसंद ये 6 चीजें, अमीरों को भी कंगाल बना देती हैं व्रत तोड़ने के लिएव्रत पूर्ण होने के बाद जब पारण करने का वक्त आए तो आपको अचानक से बहुत भारी भोजन नहीं करना चाहिए। इससे आपको गैस बन सकती है या फिर चक्कर आ सकते हैं। व्रत तोड़ने के लिए सबसे पहले गुड़ और पानी या फिर खीर जैसे भोज्य पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?जन्माष्टमी के व्रत में जो लोग फलाहार व्रत करते हैं वो दिन या फिर शाम को साबूदाने की खिचड़ी या कुट्टू के आटे की पूरी बनाकर खा सकते हैं। व्रत पूर्ण करने के बाद बहुत भारी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपको गैस की समस्या हो सकती है।
जन्माष्टमी व्रत में क्या खा सकते है?जन्माष्टमी के व्रत में खूब फल खा सकते हैं। रसीले फलों के सेवन से आपके शरीर में पानी कमी नहीं होने पाती, जिस वजह से आपको डिहाइड्रेशन नहीं होता। जन्माष्टमी के व्रत में आप तरबूज ककड़ी और खरबूज जैसे अधिक पानी वाले फलों का सेवन करें तो आपको विशेष लाभ होगा। इसके अलावा आप केला, सेब और अमरूद भी खा सकते हैं।
जन्माष्टमी के व्रत में चाय पी सकते हैं क्या?जन्माष्टमी के व्रत में चाय पी सकते हैं
जन्माष्टमी में पानी कब पीना चाहिए?जन्माष्टमी के दिन व्रत करने वाले जातक दिनभर फलाहार व जल ग्रहण कर सकते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि इस दिन सूर्यास्त के बाद पानी नहीं पीना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जन्माष्टमी के दिन सूर्यास्त के बाद जल ग्रहण करना वर्जित होता है. रात 12 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होने के बाद ही जल ग्रहण किया जा सकता है.
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