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कोई भी नौकरी जॉइन करने से पहले आख़िर क्यों इंटर्नशिप की जाती है? क्या कभी आपने इस बारे में सोचा है? नहीं..? चलिए, हम आपको बताते हैं कि आख़िर क्यों करियर की शुरुआत करने से पहले इंटर्नशिप ज़रूरी होती है. सोशल स्किल प्रैक्टिकल
नॉलेज टाइमिंग एटीकेट्स वर्क कंप्लीशन कम्युनिकेशन स्किल – श्वेता सिंह इस लेख में हम आपको इंटर्नशिप क्या है? कैसे प्राप्त करें? इंटर्नशिप के फायदे What is Internship in hindi? How to get Internship? Advantages of Internship से सम्बंधित पूरी जानकारी देंगे । आपको यह लेख पसंद आयेगा । Contents
इंटर्नशिप क्या है? What is Internship?पहले मेडिकल स्टूडेंट्स को एमबीबीएस का कोर्स करते समय इंटर्नशिप दी जाती थी। पर आजकल यह सभी कोर्सेज में दी जाती है। यह पूरी हो जाने पर स्टूडेंट को थीसिस भी लिखकर जमा करनी होती है। उसने इंटर्नशिप के दौरान कौन सी बातें सीखी इसका लिखित विवरण देना होता है। इंटर्नशिप के अंतर्गत किसी स्टूडेंट को 2 से 6 महीने के लिए किसी कंपनी, फैक्ट्री या संस्था के साथ काम करने का अनुभव मिलता है। इस काम का लक्ष्य व्यवहारिक ज्ञान (Practical knowledge) प्राप्त करना होता है। आजकल मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट जैसे कोर्सेज में इंटर्नशिप का प्रचलन काफी अधिक बढ़ गया है। आज के समय में कंपनियां ऐसे लोगों को नौकरी देना चाहती हैं जिनके पास किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान भी हो। ऐसी बहुत सी बातें होती हैं जो किताबों में नहीं लिखी होती हैं। इंटर्नशिप करने के बहुत से फायदे हैं। इससे करने से मालूम हो जाता है कि किस तरह इंडस्ट्री में काम किया जाता है। इंटर्नशिप से तकनीकी ज्ञान, सॉफ्ट स्किल, टीम में कैसे काम करते हैं जैसी चीजे सीखने को मिलती है। कॉरपोरेट्स वातावरण समझ में आता है। इंटर्नशिप दो प्रकार की होती है पेड (Paid) और अनपेड (Unpaid) पेड इंटर्नशिप में एक निश्चित धनराशि दी जाती है। अनपेड इंटर्नशिप में कोई धनराशि नहीं दी जाती है। सिर्फ सर्टिफिकेट दिया जाता है। इंटर्नशिप के फायदे Advantages of Internshipप्रैक्टिकल नॉलेज मिलती हैइंटर्नशिप करने से व्यवहारिक ज्ञान (प्रैक्टिकल नॉलेज) मिलती है। बहुत सी बातें किताबों में नहीं लिखी होती हैं, पर बिजनेस में उसे अपनाया जाता है। इसके साथ ही सोशल स्किल, बिजनेस एक्स्पोसर, सॉफ्ट स्किल, वर्कप्लेस कंपनी में कैसे काम करते हैं, टीम के सदस्यों के साथ कैसे व्यवहार करते हैं यह सब सीखने को मिलता है। टाइमिंग एटीकेट्स सीखने को मिलते हैइंटर्नशिप करने से टाइमिंग एटीकेट्सकी जानकारी मिलती है। ऑफिस में किस समय आना है, ऑफिस में सही समय पर आना जरूरी होता है। काम को समय पर सबमिट करना होता है। कॉलेज के समय स्टूडेंट्स समय को लेकर पाबंद नहीं होते हैं पर जब नौकरी कर रहे होते हैं तो उन्हें हर काम समय पर करना होता है। जॉब पाने में मदद मिलती हैयदि आपको किसी बड़ी कंपनी के साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिलता है तो उसका अनुभव आपके रिज्यूम में भी जुड़ जाता है। इससे आपको अच्छी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है। कई बार इन्टर्नशिप करते हुए स्टूडेंट्स को उसी कंपनी में नौकरी मिल जाती है। विभिन्न सर्वे में यह पाया गया है कि बेहतर प्रैक्टिकल नॉलेज से नौकरी पाने की संभावना 50% तक बढ़ जाती है। नए दोस्त और नेटवर्क बनता हैइन्टर्नशिप का एक बड़ा फायदा है कि आपको कई अच्छे दोस्त मिल जाते हैं। आपका नेटवर्क पहले से बड़ा और स्ट्रांग हो जाता है। कई बार नेटवर्क की मदद से आपको अच्छी नौकरी भी मिल जाती है। कम्युनिकेशन स्किल सीखने को मिलती हैइंटर्नशिप का एक बड़ा फायदा है कि कम्युनिकेशन स्किल सीखने को मिलती है। जैसे अपने बॉस या टीम मेंबर से किस तरह बात करना है, फोन पर कैसे बात करना है, क्लाइंट या कस्टमर को कैसे डील करना है, कैसे ईमेल का जवाब देना है, क्लाइंट को कैसे कोटेशन देना, डील को कैसे क्लोज करना। यह सारी चीजें सीखने को मिलती हैं। आत्मविश्वास बढ़ता हैइंटर्नशिप करने का सबसे बड़ा फायदा है कि इसके स्टूडेंट्स के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है। इससे यह भी पता चलता है कि नौकरी करते समय कंपनी, ऑफिस, वर्क प्लेस में किस तरह काम किया जाता है।। इससे जानकारी भी बढ़ती है इंटर्नशिप कैसे प्राप्त करें? How to get Internship?कॉलेज की मदद से इंटर्नशिप पायेजिस कॉलेज में आप पढ़ रहे हैं उस कॉलेज मैं बहुत ही कंपनियां समर इंटर्नशिप के लिए आती रहती हैं। उन्हें कुछ होनहार युवाओं की जरूरत होती है। इंटर्नशिप से उन कंपनियों का भी कुछ फायदा हो जाता है। इसलिए वे खुद भी इंटर्नशिप देती है। इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट कॉलेज में कॉलेज ही इंटर्नशिप के लिए दूसरी कपनियों से सम्पर्क करते है। स्वयं भी किसी कंपनी में अप्लाई कर सकते हैंआप जिस कंपनी में इंटर्नशिप करना चाहते हैं उसमें सीधे जाकर संपर्क करें और इंटर्नशिप के लिए बात करें। आपको अपना रेस्यूम (Resume) अच्छी तरह बनाना होगा। एक छोटे से इंटरव्यू के बाद आपको इंटर्नशिप करने का मौका मिल जाएगा। काउंसलर / जॉब प्लेसमेंट एजेंसीज की मदद लेंयदि आपको इंटर्नशिप पाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है तो आप किसी प्रोफेशनल काउंसलर या जॉब प्लेसमेंट एजेंसीज की मदद ले सकते हैं। उनका संपर्क बहुत सी कंपनियों से होता है। आपको तुरंत ही इंटर्नशिप मिल जाएगी। सही इंटर्नशिप का चयन कैसे करें? How to select right Internship for you?इंटर्नशिप का चयन करने के लिए आपको अपनी रुचियों (Interest) पर ध्यान देना होगा। उदाहरण के लिए यदि आप MBA का कोर्स कर रहे हैं और मार्केटिंग में स्पेशलाइजेशन लिया है तो आपको ऐसी कंपनी में इंटर्नशिप करनी चाहिए जहां पर आपको मार्केटिंग का अनुभव प्राप्त हो। ठीक इसी तरह यदि आप फाइनेंस से MBA कर रहे हैं तो आपको उस कंपनी का चुनाव करना चाहिए जहां पर आपको फाइनेंस से संबंधित चीजें सीखने को मिले। इंटर्नशिप के दौरान आपको अपनी रुचियों के अनुसार काम करना है। आप जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उसी क्षेत्र में इन्टर्नशिप का चयन करें। उदाहरण के लिए इंटरनेशनल बिजनेस, मार्केटिंग, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, रिटेल मैनेजमेंट आदि। इंटर्नशिप का उद्देश्य Aim of Internshipआजकल लगभग सभी बड़ी कंपनियां इंटर्नशिप की सुविधा देती हैं। उनका मानना है कि भावी पीढ़ी को सिर्फ किताबी नॉलेज नहीं बल्कि व्यवहारिक ज्ञान भी देना चाहिए। इसलिए पेप्सी, कोकोकोला, डिटॉल, रेकिट बेंकाइजर, HUL, Nestle जैसी बड़ी कंपनियां पढ़ने वाले छात्रों को इंटर्नशिप की सुविधा देती हैं। इससे उन्हें भविष्य में अच्छे युवा काम करने के लिए मिल जाते हैं। इसका अन्य उद्देश्य ज्ञान को बांटना भी है। इंटर्नशिप का क्या महत्व है?इंटर्नशिप का महत्व की बात हो तो सबसे पहला पॉइंट है कि ये आपके फील्ड को बेहतर समझने के लिए इंटर्नशिप आपकी खास मदद करती है। इंटर्नशिप आपको जरूरी प्रैक्टिकल अनुभव देती है साथ ही, आप ये भी समझ पाते हैं कि आपके डिग्री कोर्स में मिलने वाली शिक्षा को आप रियल लाइफ सिचुएशन में किस तरह लागू कर सकते हैं।
इंटर्नशिप क्या है इसके फायदे लिखिए?इंटर्न एक अंग्रेज़ी शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है कैद। इस क्रिया को इंटर्नशिप कहा जाता है। यह उनके लिये एक ऐसा अवसर होता है, जो उनके लिए आकर्षक व्यवसाय की राह को सुगम बनाता है। इस काल के दौरान उन्हें व्यावसायिक कार्यों का व्यावहारिक अनुभव मिलता है, जो वे अब तक मात्र अपनी पाठय़पुस्तकों में ही पढ़े हुए होते हैं।
इंटर्नशिप कितने प्रकार की होती है?इंटर्नशिप के प्रकार क्या है?. वर्क रिसर्च किसी कॉलेज में अपने ग्रेजुएशन के अंतिम साल में जो विद्यार्थी पहुंच जाते हैं, वही वर्क रिसर्च की इंटर्नशिप करते हैं। ... . वर्चुअल इंटर्नशिप ... . Paid इंटर्नशिप ... . Unpaid इंटर्नशिप ... . समर इंटर्नशिप. इंटर्नशिप के दौरान क्या किया जाता है?इंटर्नशिप करते समय छात्रों को विषय की जानकारी देने और मार्गदर्शन के लिए एक इंस्ट्रक्टर नियुक्त किया जाता है. जो छात्रों को इंटर्नशिप के समय प्लांट, मशीनरी सहित डिपार्टमेंट की जानकारी देता है, और उससे संबंधित परिचय कराता है. वहीं पत्रकारिता के छात्रों को भी अपनी स्टडी के दौरान एक इंटर्न के रूप में काम करना होता है.
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