काम की बात: क्या होता है 'सम एश्योर्ड' और 'सम इंश्योर्ड' का मतलब? इंश्योरेंस खरीदने से पहले जान लेंबिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सोनू शर्मा Updated Wed, 17 Nov 2021 03:19 PM IST एक समय था जब इंश्योरेंस यानी बीमा के बारे में ज्यादातर लोग जानते तक नहीं थे कि ये होता क्या है, लेकिन आज के समय में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह भविष्य में किसी नुकसान की आशंका से निपटने का सबसे प्रभावी हथियार बन गया है। दरअसल, इंसान को तो पता नहीं होता कि उसके साथ कल क्या होगा, इसलिए लोग बीमा पॉलिसी के जरिये भविष्य में होने वाले नुकसान की भरपाई करने की कोशिश करते हैं। इंश्योरेंस के मामले में अक्सर दो टर्म का इस्तेमाल खूब होता है, 'सम एश्योर्ड' और 'सम इंश्योर्ड'। आपने भी इनके बारे में सुना होगा, लेकिन क्या आप दोनों में अंतर जानते हैं? बहुत से लोग इन दोनों टर्म को एक ही समझने की गलती कर बैठते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। ये दोनों टर्म सुनने में भले ही एक जैसे लगें, लेकिन दोनों के अर्थ में काफी अंतर होता है। आइए जानते हैं इनके बारे में... सम एश्योर्ड की अगर बात करें तो इसका मतलब होता है बीमित राशि, यानी यह आपको होने वाले लाभ के बारे में बताता है, जबकि सम इंश्योर्ड का मतलब होता है बीमाकृत राशि, यानी यह बीमाकृत नुकसान की क्षतिपूर्ति से जुड़ा होता है। सम एश्योर्ड आमतौर पर लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा से जुड़ा होता है और मैच्योरिटी बेनिफिट वाला होता है। यह एक तरह से गारंटी वाली राशि होती है, जो पॉलिसीधारक को मिलती ही है। इसे कवरेज राशि के तौर पर भी जाना जाता है। सम एश्योर्ड ही वह कुल राशि होती है, जिसके लिए व्यक्ति पॉलिसी लेता है। वहीं सम इंश्योर्ड की अगर बात करें तो यह क्षतिपूर्ति से जुड़ा होता है, यानी इसमें इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति को हुए नुकसान को कवर किया जाता है। मान लीजिए कि अगर किसी व्यक्ति ने स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में एक लाख रुपये का सम इंश्योर्ड मिला हुआ है तो इसका मतलब यह है कि अगर वह व्यक्ति बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होता है तो उसके अस्पताल के एक लाख रुपये तक का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी। |