कवि ने इस कविता के माध्यम से हमें क्या संदेश देना चाहा है? Show कवि ने इस कविता के माध्यम से संदेश देना चाहा है कि पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। यानी स्वतंत्रता सबसे अच्छी है। स्वतंत्र रहकर ही अपने सपने और अरमान पूरे किए जा सकते हैं। पराधीनता में सारी इच्छाएँ खत्म हो जाती हैं। पराधीन रहने से हमें अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी दूसँरों पर निर्भर हो जाना पड़ता है। अतः कवि ने इस कविता के माध्यम से स्वतंत्रता के महत्त्व को दर्शाया है। अतः हमें पक्षियों को बंदी बनाकर नहीं रखना चाहिए। उन्हें आजाद कर आसमान में उड़ान भरने देना चाहिए। इस कविता के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है? इस कविता के माध्यम से कवि ने आजादी के महत्त्व को बतलाने का प्रयास किया है। इसमें कवि ने बताने का प्रयास किया है कि आजादी के साथ आने वाली जिम्मेदारियों का अहसास हमें होना चाहिए। स्वतंत्र होना सभी को अच्छा लगता है लेकिन स्वतंत्रता का सही उपयोग कम ही लोग कर पाते हैं। इतना ही नहीं आज़ाद होने पर व्यक्ति को आत्मनिर्भर होना पड़ता है। आज़ादी पाने के बाद हमें अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं रहा जा सकता। अतः आजादी के बाद आत्मनिर्भर होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त अपनी आज़ादी को बनाए रखने के लिए कोशिश करते रहना पड़ता है। Solution : कवि ने इस कविता में हमें सन्देश दिया है कि हमारे मन में देश-प्रेम की भावना होनी चाहिए। हमें केवल अपने लिए ही नहीं, दूसरों के लिए भी जीना चाहिए। अपने रिश्ते-नातों से बढ़कर सभी देशवासियों के बारे में समान भाव से पूरित होकर सोचना चाहिए और आवश्यकता पड़ने पर देश के लिए सर्वस्व समर्पण करने को हमेशा तत्पर रहना चाहिए। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?Solution 'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना जीवन परोपकार में व्यतीत करना चाहिए। इस कविता में कवि ने दधीचि, करण, रंतिदेव और उशीनर क्षितिश का उदाहरण देकर मनुष्यता का सन्देश दिया हैं। सच्चा मनुष्य दूसरों की भलाई के काम को सर्वोपरि मानता है। हमें मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए। हमें उदार ह्रदय बनना चाहिए । हमें धन के मद में अंधा नहीं बनना चाहिए। मानवता वाद को अपनाना चाहिए। मृत्यु तो निश्चित है अतः ऐसा काम करके जाना चाहिए ताकि लोग हमारे कर्मो से हमें याद रखें। यह कविता मानवता का सन्देश देती है। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए- 'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना जीवन परोपकार में व्यतीत करना चाहिए। इस कविता में कवि ने दधीचि, करण, रंतिदेव और उशीनर क्षितिश का उदाहरण देकर मनुष्यता का सन्देश दिया हैं। सच्चा मनुष्य दूसरों की भलाई के काम को सर्वोपरि मानता है। हमें मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए। हमें उदार ह्रदय बनना चाहिए । हमें धन के मद में अंधा नहीं बनना चाहिए। मानवता वाद को अपनाना चाहिए। मृत्यु तो निश्चित है अतः ऐसा काम करके जाना चाहिए ताकि लोग हमारे कर्मो से हमें याद रखें। यह कविता मानवता का सन्देश देती है। 722 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - इस पंक्ति से अर्थ भाईचारे कि भावना से है। 'मनुष्य मात्र बंधु' का अर्थ है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। हम सभी एक ही पिता परमेश्वर कि संताने हैं इसलिए हम सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए तथा दुसरों की मदद करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ। कर्मों के कारण ऊँच -नीच, गरीब- अमीर के भेद तो हो सकते हैं परन्तु मूल रूप से हम एक ही हैं । 699 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
- कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए उदार होने तथा परोपकारी होने की प्ररेणा दी है। हमे अपने प्राण तक न्योंछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दधीचि ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी अस्थियॉ तथा कर्ण ने खाल तक दान कर दी। इससे यह सन्देश मिलता है कि इस नाशवान शरीर के प्रति मोह को त्यागते हुए, मानवता के कल्याण के लिए
मनुष्य को आवश्यकता पड़ने पर इसका बलिदान करने से भी पीछे नही हटना चाहिए। 485 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - जो व्यक्ति प्राणी मात्र से प्रेम की भावना रखता है तथा जिसका जीवन परोपकार और मनुष्यता की सेवा में व्यतीत होता है जो अपना पूरा जीवन पुण्य व लोकहित कार्यो में बिता देता है। किसी से भेदभाव नहीं रखता, आत्मीय भाव रखता है तथा जो निज स्वार्थों का त्याग कर जीवन का मोह भी नहीं रखता, वही उदार व्यक्ति कहलाता है। 441 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों के द्वारा इस भाव को व्यक्त करना चाहा है। 363 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए - जो व्यक्ति दूसरों के हित को सर्वापरि मानता हैं तथा जिसमे मानवता, दया, साहनुभूति आदि गुण होते हैं, जो मृत्यु के बाद भी औरों के द्वारा सम्मान की दृष्टि से याद किया जाता है, उसी की मृत्यु को कवि ने सुमृत्यु कहा है। 1016 Views इस कविता के माध्यम से कवि ने हमें क्या सन्देश दिया है?'मनुष्यता' कविता के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहता है कि हमें अपना जीवन परोपकार में व्यतीत करना चाहिए। इस कविता में कवि ने दधीचि, करण, रंतिदेव और उशीनर क्षितिश का उदाहरण देकर मनुष्यता का सन्देश दिया हैं। सच्चा मनुष्य दूसरों की भलाई के काम को सर्वोपरि मानता है। हमें मनुष्य-मनुष्य के बीच कोई अंतर नहीं करना चाहिए।
.मनुष्यता कविता के माध्यम से कवि क्या संदेश देना चाहता है?'मनुष्यता' कविता द्वारा कवि त्याग,बलिदान, मानवीय एकता, सहानुभूति, सद्भाव, उदारता और करुणा का संदेश देना चाहता है। कवि चाहता है कि समस्त मनुष्य एक-दूसरे के साथ अपनत्व की अनुभूति करें। वह दीन-दुखियों, जरुरतमंदों के लिए सहानुभूति का भाव रखते हुए त्याग करने के लिए सहर्ष तैयार रहे।
कवि इस कविता के माध्यम से क्या कहना चाहते हैं?इस कविता के माध्यम से कवि ने आजादी के महत्त्व को बतलाने का प्रयास किया है। इसमें कवि ने बताने का प्रयास किया है कि आजादी के साथ आने वाली जिम्मेदारियों का अहसास हमें होना चाहिए। स्वतंत्र होना सभी को अच्छा लगता है लेकिन स्वतंत्रता का सही उपयोग कम ही लोग कर पाते हैं।
इस कविता से हमें क्या सीख मिलती है?यह कविता पढ़कर हमें यह प्रेरणा मिलती है कि सभी प्राणियों को एक समान मानना चाहिए। जन्म को आधार मानकर किसी को अछूत कहना निन्दनीय अपराध हैं। किसी को निम्न जाति का मानकर मंदिर में प्रवेश न करने देना, मारपीट करना सरासर गलत है। मानव-मानव में भेद नहीं करना चाहिए।
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