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INTRODUCTION MEANING IN HINDI - EXACT MATCHESintroduction इंट्रोडक्शन / इंट्रोड्यूक्शन / इन्ट्रोड्यूक्शन INTRODUCTION = प्रस्तावना [pr.{prastavana} ](Verb) Usage : they looked forward to the debut of their new product line INTRODUCTION = परिचय [pr.{parichay} ](Noun) उदाहरण : Anjuta परिचय INTRODUCTION = शुरूआत [pr.{shuruAt} ](Noun) उदाहरण : मुलाकात की शुरूआत INTRODUCTION = प्रस्तुति [pr.{prastuti} ](Noun) उदाहरण : प्रस्तुति मोड में चला रहा है INTRODUCTION = प्रस्तुतीकरण [pr.{prastutikaraN} ](Noun) उदाहरण : यह सरल दृश्य के प्रस्तुतीकरण की अनुमति देनेवाले किरण अनुरेखण का शोधन है। This page is about English Meaning of इंट्रोडक्शन to answer the question, "What is the Meaning of इंट्रोडक्शन in English, (इंट्रोडक्शन ka Matlab kya hota hai English me)?". जाने इंट्रोडक्शन का मतलब क्या होता है हिंदी में इस पृष्ठ पर, इंट्रोडक्शन kise kahte hai, इंट्रोडक्शन kya hai, इंट्रोडक्शन kya hota hai, इंट्रोडक्शन नाम मीनिंग, इंट्रोडक्शन Naam ka Matlab, इंट्रोडक्शन Nam Arth, इंट्रोडक्शन Name Meaning, Kyo, kya, kab, kaise, kaun, kha, kaha, naam mean words word shabd arth, kitna, kidhar, kisne, kisase, kisliye Introdakshan जानें इंट्रोडक्शन Introdakshan Meaning in English Hindi , what is meaning of introdakshan ka Matlab kya hai क्या है kise kahte hai किसे कहते हैं इंट्रोडक्शन की परिभाषा और उदाहरण Introdakshan kya hai INTRODAKSHAN kya hota hai INTRODAKSHAN matlab kya hota hai INTRODAKSHAN ka arth अर्थ इंट्रोडक्शन Meaning in English, इंट्रोडक्शन in English, इंट्रोडक्शन Translate, what is meaning of इंट्रोडक्शन in English, introduction ka Matlab English Me इंट्रोडक्शन ka Matlab Hindi Me इंट्रोडक्शन Meaning in हिंदी, paryavachi vilom shabd पर्यावाची विलोम शब्द Shabd ka Arth ka English ka Hindi MTLB introduction इंट्रोडक्शन Introdakshan Meaning Hindi Introduction Matlab Kya Hai English अर्थ परिभाषा पर्यावाची विलोम क्या है Arth Vilom Prayavachi introdakshanImportant Dictionary Termswhich - कौन कौन से kaun kaun se, जो , If, कौन | which one - कौनसा kaun sa | which is - जो है jo hai | whichever - इनमें से जो भी inamen se jo bhi कोई भी koi bhi, any, whichever, anybody जो जो, whatever, whatsoever, whichever, whoever | what - क्या kya, जो that, what, जो वस्तु, कैसा kaisa, of what sort, की तरह, के रूप में, जब कि as till what, की भांती, कितना kitna how, जो कुछ kuchh, whatever, whatsoever | how - किस तरह kis tarah, कैसे kaise, how, whence, where, किस प्रकार kis prakar | whose - किसका kiska, जिसका jiska, whereof, जिस किसी का jis kisi ka | who - कौन kaun | whom - किसको kisko, किसे kise, जिसे jise, जिसको jisko where - कहा पे kaha pe, जहां jahan, कहां kahan, जिस जगह jis jagah, किस जगह, किधर kidhar | when - कब kab, जब कि jab ki, किस समय kis samay, उस समय us samay | why - क्यूं कर kyu kar, क्यों kyo, किस लिये kis liye, किस कारण से kis karan se whence | why not - क्यों नहीं kyon nahin | why is that - ऐसा क्यों है aisa kyon hai | whether and whatsoever - चाहे और जो भी हो chahe aur jo bhi ho | meaning - अर्थ, मतलब, प्रयोजन, माने arth, matalab matlab mtlb, prayojan, maane mane, व्याख्या, विवेचन, vyakhya, vivechan, Interpretation, significance, महत्व, महत्ता, अभिप्राय abhipray, signification, तात्पर्य tatpary, अभिप्राय, शब्द shabd, परिभाषा paribhasha, definition, term, explanation | ko kya bolte hai क्या बोलते हैं, ka ulta sabd h उल्टा Reverse प्रतिलोम, pratilom, pratilom, उलटा opposite अपोजिट apojit, synonyms समानार्थक शब्द, पर्यायवाची paryayavachi, Ko kya kahege kahenge को क्या कहेंगे, me kya kehte kahte hai में क्या कहते हैं , hote h
अर्थ और पर्यायवाचीपरिचय: परिचय संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] 1. किसी व्यक्ति के नाम, धन, गुण तथा कार्य आदि से संबंध रखने वाली बातें ; पहचान ; (इंट्रोडक्शन) 2. जानकारी ; जान-पहचान। परिचय: पुलिंग - ऐसी स्थिति जिसमें दो व्यक्ति एक दूसरे को प्राय: प्रत्यक्ष भेंट के आधार पर जानते और पहचानते हों, जान पहचान ; परिचय: पुलिंग - किसी व्यक्ति के नाम धाम या गुण कर्म आदि से संबंध रखने वाली सब या कुछ बातें जो किसी को बतलाई जाएं। परिचय: परिचय- संज्ञा पुलिंग [संस्कृत] 1. किसी विषय या वस्तु के संबंध की प्राप्त की हुई अथवा मिली हुई जानकारी । ज्ञान । अभिज्ञता । विशेष जानकारी । जैसे,-थोड़े दिनों से मुझे भी उनके स्वभाव का परिचय हो गया है । 2. प्रमाण । लक्षण । जैसे,- उस पद पर थोड़े ही दिनों तक रहकर उन्होंने अपनी योग्यता का अच्छा परिचय दिया था । 3. किसी व्यक्ति के नामधाम या गुणकर्म आदि के संबंध की जानकारी । जैसे,- मुझे आपका परिचय नहीं मिला । क्रिया प्र०-कराना ।-देना ।-दिलाना ।-पाना ।- मिलना ।-होना । 4. जान पहचान । जैसे,-यहाँ तो बहुत से आदमियों के साथ आपका परिचय है । 5. अभ्यास । मश्क । 6. हठयोग में नाद की चार अवस्थाओं में से तीसरी अवस्था । 8. इकट्ठा करना । एकत्र करना । जमा करना (को कहते हैं) । प्रस्तुति: प्रस्तुति संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] 1. प्रस्तुत होने की अवस्था या भाव 2. भूमिका ; प्रस्तावना 3. प्रशंसा 4. तैयारी ; निष्पत्ति 5. उपस्थिति ; मौजूदगी। प्रस्तुति: प्रस्तुति - संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत] 1. प्रशंसा । स्मृति उदाहरण - प्रस्तुति सुरन्ह कीन्हि अति हेतू । प्रगटेउ विषमवान झषकेतू । - मानस, 1 ।83 । 2. प्रस्तावना । 3. उपस्थिति । 4. निष्पत्ति । तैयारी । प्रस्तुति: प्रस्तुति - संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत] झरना । गिरना [को कहते हैं] । भूमिका: भूमिका संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] 1. आमुख ; प्राक्कथन 2. पृष्ठभूमि 3. योगदान 4. नाटकों आदि में किसी पात्र की भूमिका ; (रोल) 5. भूमि 6. जगह ; स्थान 7. मकान के वे खंड जो एक दूसरे के ऊपर-नीचे होते हैं। [मुहावरा] -निभाना : सहायक होना। भूमिका: स्त्रीलिंग - ग्रंथ आदि की प्रस्तावना ; भूमिका: स्त्रीलिंग - अभिनय ; भूमिका: स्त्रीलिंग - किसी क्षेत्र विशेष में किसी व्यक्ति द्वारा किया गया कार्य। भूमिका: भूमिका 1 - संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत] 1. रचना । 2. अभिनय करना । भेस बदलना । 3. वक्तव्य के संबंध में पहले की हुई सूचना । 4. किसी ग्रंथ के आरभ की वह सूचना जिससे उस ग्रंथ के संबंध की आवश्यक और ज्ञातव्य बातों का पता चले । मुखबध । दीवाचा । 5. स्थान । प्रदेश (को कहते हैं) । 6. मरातिब । मंजिल । तल्ला । खंड (को कहते हैं) । 8. लिखने की तखती या पाटी (को कहते हैं) । 8. नाटक में प्रयुक्त वेशभूषा (को कहते हैं) । 9. वेदांत के अनुसार चित्त की पाँच अवस्थाएँ जिनके नाम ये हैं - क्षिप्त, मूढ़ विक्षिप्त एकाग्र और निरुद्व । विशेष - जिस समय मन चंचल रहता है, उस समय उसकी अवस्था क्षिप्त ; जिस समय वह काम, क्रोध आदि के वशी- भूत रहता है और उसपर तम या अज्ञान छाया रहता है, उस समय मूढ़ ; जिसे मन चंचंल होने पर भी बीच में कुछ समय के लिये स्थिर होता है, उस समय विक्षिप्त ; जिस समय मन बिलकुल निश्चल होकर किसी एक वस्तु पर जम जाता है, उस समय एकाग्र ; और जिस समय मन किसी आधार की अपेक्षा न रखकर स्वतः बिलकुल शांत रहता है, उस समय निरुद्ध अवस्था कहलाती है । 1०. पृथ्वी । जमीन । भूमि । धरती । उदाहरण - रसा अनंता भूमिका विलाइला कह जाहि । - नंददास (शब्द०) । मुहावरा - भूमिका बाँधना = किसी बात को कहने के लिये पृष्ठ- भूमि तैयार करना । किसी बात को थोड़े में न कहकर उसमें इधर उधर की बहुत सी बातें लाकर जोड़ तोड़ भिड़ाना । यौगिक शब्द - भूमिकागत = अभिनय में निर्दिष्ट नाटकीय वस्त्र पहननेवाला । भूमिकाभाना = कुट्टिम । (1) फर्श । (2) किसी ग्रंथादि का वह अंश जिसमें प्रस्तावना लिखी हो । उपक्रमणिका: उपक्रमणिका संस्कृत [संज्ञा स्त्रीलिंग] अनुक्रमणिका ; विषयसूची (पुस्तक)। उपक्रमणिका: उपक्रमणिका- संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत] 1. किसी पुस्तक के आदि में दी हुई विषयसूची । किसी पुस्तक के विषयों का संक्षिप्त विवरण । 2. एक पुस्तक जिसमें वेद के मंत्रों और सूक्तों के ऋषि, छंद और देवता लिखे रहते हैं । उपक्रमणिका : स्त्रीलिंग [संज्ञा शब्द - उपक्रमण+ङीष्+कन्-टाप्, हस्व] 1. अनुक्रमणिका। 2. वह वैदिक ग्रंथ जिसमें वेदों के मन्त्रों और सूक्तों के ऋषियों छंदों आदि का उल्लेख है। उपक्रमणिका : स्त्रीलिंग [संज्ञा शब्द - उपक्रमण+ङीष्+कन्-टाप्, हस्व] 1. अनुक्रमणिका। 2. वह वैदिक ग्रंथ जिसमें वेदों के मन्त्रों और सूक्तों के ऋषियों छंदों आदि का उल्लेख है। Introduction को हिन्दी में क्या कहते हैं?[सं-पु.] - 1. परिचय 2. प्रवेश; आमुख; भूमिका; प्रस्तावना।
परिचय को इंग्लिश में क्या कहा जाता है?परिचय देना {transitive verb}
introduce {v.t.}
इंस्टिट्यूट हिंदी में कैसे लिखते हैं?[सं-पु.] - किसी विशेष उद्देश्य से निर्मित की गई संस्था; संस्था का भवन।
इंट्रोडक्शन की स्पेलिंग क्या है?When you make an introduction, you tell two people each other's names so that they can get to know each other.
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