हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada

हस्तिनापुर
Hastinapur
हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada

कैलाश पर्वत रचना

हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada

हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada

हस्तिनापुर

उत्तर प्रदेश में स्थिति

निर्देशांक: 29°10′N 78°01′E / 29.17°N 78.02°Eनिर्देशांक: 29°10′N 78°01′E / 29.17°N 78.02°E
देश
हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada
 
भारत
राज्यउत्तर प्रदेश
ज़िलामेरठ ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल58,452
भाषाएँ
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

हस्तिनापुर का नाम दिल्ली कैसे पड़ा - hastinaapur ka naam dillee kaise pada

कर्णेश्वर मंदिर - मान्यता है कि इसके शिवलिंग की स्थापना स्वयं महाभारत के कर्ण ने की थी

हस्तिनापुर (Hastinapur), जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]

इतिहास[संपादित करें]

महाभारत काल में हस्तिनापुर कुरु वंश के राजाओं की राजधानी थी। हिन्दू इतिहास में हस्तिनापुर के लिए पहला सन्दर्भ सम्राट भरत की राजधानी के रूप में आता है। महा काव्य महाभारत में वर्णित घटनाएँ हस्तिनापुर में घटी घटनाओं पर आधारित है।

वर्तमान स्थिति[संपादित करें]

वर्तमान में हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के दोआब क्षेत्र में स्थित एक शहर, हस्तिनापुर है, जो मेरठ से ३७ किलोमीटर और दिल्ली से ११० किमी दूर है। यह २९ डिग्री ०९'३१.५०" डिग्री उत्तर और ७७ डिग्री ५९'१९.४६" पूर्व (29.17°N 78.02°E) में स्थित है। यह समुद्र तल से २०२ मीटर (६६२ फीट) की औसत ऊँचाई है। हस्तिनापुर दिल्ली से १०६ किलोमीटर दिल्ली-मेरठ-पौड़ी (गढ़वाल) राष्ट्रीय राजमार्ग ११९ पर है। यह पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा 6 फ़रवरी १९४९ को पुनर्स्थापना हुई एक एक छोटी सी बस्ती है, जहाँ लगभग ३३,००० लोगों की आबादी है।

संक्षिप्त इतिहास[संपादित करें]

ऐतिहासिक विवरण: हस्तिनापुर का इतिहास महाभारत के काल से शुरू होता है। यह भी शास्त्रों में गजपुर, हस्तिनापुर, नागपुर, असंदिवत, ब्रह्मस्थल, शांति नगर और कुंजरपुर आदि के रूप में वर्णित है। सम्राट अशोक के पौत्र, राजा सम्प्रति ने यहाँ अपने साम्राज्य के दौरान कई मंदिरों का निर्माण किया है। प्राचीन मंदिर और स्तूप आज यहाँ नहीं हैं। हस्तिनापुर शहर पवित्र नदी गंगा के किनारे पर स्थित था।

हस्तिनापुर में खुदाई १९५० के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बी.बी. लाल द्वारा किया गया।

जनांकिक[संपादित करें]

2001 की जनगणना के रूप में, हस्तिनापुर की आबादी २१,२४८ थी जिसमे पुरुषों का प्रतिशत ५३ ओउर महिलाओं का ४७ था। हस्तिनापुर की साक्षरता दर ६८% है जो औसत साक्षरता ५९.५% के राष्ट्रीय औसत से ऊपर की दर है।

स्थानीय नरेश[संपादित करें]

प्रमुख राजाओं की सूचीः

  • शान्तनु
  • भीष्म - शान्तनु और गंगा देवी के पुत्र
  • चित्रांगद
  • विचित्रवीर्य - चित्रांगद का छोटा भाई
  • पाण्डु - अम्बालिका (विचित्रवीर्य की छोटी रानी) का पुत्र
  • धृतराष्टृ - अम्बिका (विचित्रवीर्य की बडी रानी) का पुत्र
  • युधिष्ठिर - कुन्तीपुत्र
  • परीक्षित - अभिमन्युपुत्र (अर्जुन और सुभद्रा का पुत्र)
  • जनमेजय - परीक्षित् का पुत्र

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

  • मेरठ ज़िला

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  2. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the Wayback Machine," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975

हस्तिनापुर किसका पुराना नाम है?

महाभारत काल में हस्तिनापुर कुरु वंश के राजाओं की राजधानी थी। हिन्दू इतिहास में हस्तिनापुर के लिए पहला सन्दर्भ सम्राट भरत की राजधानी के रूप में आता है।

हस्तिनापुर को आज क्या कहते हैं?

महाभारत कालिन इंद्रप्रस्थ वर्तमान में भारत की राजधानी द‌िल्ली है। महाभारत में सबसे ज्यादा महत्व हस्त‌िनापुर को द‌िया गया है, क्योंक‌ि हस्त‌िनापुर कौरवों का राज्य था और पूरी महाभारत की कथा हस्त‌िनापुर के आज-पास ही घूमती है। हस्त‌िनापुर के ल‌िए ही महाभारत का युद्ध हुआ था। यह स्‍थान वर्तमान में मेरठ शहर के पास बसा है।

दिल्ली का पहला नाम क्या था?

शहर का इतिहास महाभारत के जितना ही पुराना है। इस शहर को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, जहां कभी पांडव रहे थे

हस्तिनापुर का नाम दिल्ली क्यों पड़ा?

इन्द्रप्रस्थ,हस्तिनापुर का ही अधिकार क्षेत्र था। इसलिए दिल्ली को ही हस्तिनापुर कहा गया है।