कर्णेश्वर मंदिर - मान्यता है कि इसके शिवलिंग की स्थापना स्वयं महाभारत के कर्ण ने की थी हस्तिनापुर (Hastinapur), जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2] इतिहास[संपादित करें]महाभारत काल में हस्तिनापुर कुरु वंश के राजाओं की राजधानी थी। हिन्दू इतिहास में हस्तिनापुर के लिए पहला सन्दर्भ सम्राट भरत की राजधानी के रूप में आता है। महा काव्य महाभारत में वर्णित घटनाएँ हस्तिनापुर में घटी घटनाओं पर आधारित है। वर्तमान स्थिति[संपादित करें]वर्तमान में हस्तिनापुर उत्तर प्रदेश के दोआब क्षेत्र में स्थित एक शहर, हस्तिनापुर है, जो मेरठ से ३७ किलोमीटर और दिल्ली से ११० किमी दूर है। यह २९ डिग्री ०९'३१.५०" डिग्री उत्तर और ७७ डिग्री ५९'१९.४६" पूर्व (29.17°N 78.02°E) में स्थित है। यह समुद्र तल से २०२ मीटर (६६२ फीट) की औसत ऊँचाई है। हस्तिनापुर दिल्ली से १०६ किलोमीटर दिल्ली-मेरठ-पौड़ी (गढ़वाल) राष्ट्रीय राजमार्ग ११९ पर है। यह पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा 6 फ़रवरी १९४९ को पुनर्स्थापना हुई एक एक छोटी सी बस्ती है, जहाँ लगभग ३३,००० लोगों की आबादी है। संक्षिप्त इतिहास[संपादित करें]ऐतिहासिक विवरण: हस्तिनापुर का इतिहास महाभारत के काल से शुरू होता है। यह भी शास्त्रों में गजपुर, हस्तिनापुर, नागपुर, असंदिवत, ब्रह्मस्थल, शांति नगर और कुंजरपुर आदि के रूप में वर्णित है। सम्राट अशोक के पौत्र, राजा सम्प्रति ने यहाँ अपने साम्राज्य के दौरान कई मंदिरों का निर्माण किया है। प्राचीन मंदिर और स्तूप आज यहाँ नहीं हैं। हस्तिनापुर शहर पवित्र नदी गंगा के किनारे पर स्थित था। हस्तिनापुर में खुदाई १९५० के दशक में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बी.बी. लाल द्वारा किया गया। जनांकिक[संपादित करें]2001 की जनगणना के रूप में, हस्तिनापुर की आबादी २१,२४८ थी जिसमे पुरुषों का प्रतिशत ५३ ओउर महिलाओं का ४७ था। हस्तिनापुर की साक्षरता दर ६८% है जो औसत साक्षरता ५९.५% के राष्ट्रीय औसत से ऊपर की दर है। स्थानीय नरेश[संपादित करें]प्रमुख राजाओं की सूचीः
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
हस्तिनापुर किसका पुराना नाम है?महाभारत काल में हस्तिनापुर कुरु वंश के राजाओं की राजधानी थी। हिन्दू इतिहास में हस्तिनापुर के लिए पहला सन्दर्भ सम्राट भरत की राजधानी के रूप में आता है।
हस्तिनापुर को आज क्या कहते हैं?महाभारत कालिन इंद्रप्रस्थ वर्तमान में भारत की राजधानी दिल्ली है। महाभारत में सबसे ज्यादा महत्व हस्तिनापुर को दिया गया है, क्योंकि हस्तिनापुर कौरवों का राज्य था और पूरी महाभारत की कथा हस्तिनापुर के आज-पास ही घूमती है। हस्तिनापुर के लिए ही महाभारत का युद्ध हुआ था। यह स्थान वर्तमान में मेरठ शहर के पास बसा है।
दिल्ली का पहला नाम क्या था?शहर का इतिहास महाभारत के जितना ही पुराना है। इस शहर को इंद्रप्रस्थ के नाम से जाना जाता था, जहां कभी पांडव रहे थे।
हस्तिनापुर का नाम दिल्ली क्यों पड़ा?इन्द्रप्रस्थ,हस्तिनापुर का ही अधिकार क्षेत्र था। इसलिए दिल्ली को ही हस्तिनापुर कहा गया है।
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