हार्ट बाईपास सर्जरी कैसे होती है - haart baeepaas sarjaree kaise hotee hai

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Abhilash Srivastava Updated Wed, 29 Sep 2021 12:05 AM IST

Medically reviewed by-
डॉ उत्कर्ष अग्रवाल
(यूनिट हेड)
उजाला सिग्नस हॉस्पिटल

हृदय रोग दुनियाभर में तेजी से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। एक आंकड़े के मुताबिक हर साल हृदय संबंधी तमाम बीमारियों के चलते लाखों लोगों की मौत हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो यदि समय रहते हृदय रोगों का निदान हो जाए तो तमाम तरह की जटिलताओं और हृदय रोग के कारण होने वाली मृत्युदर को कम किया जा सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक हार्ट अटैक और एनजाइना जैसी गंभीर समस्याओं के बाद भी कई उन्नत तकनीक के माध्यम से रोगियों की जान बचाई जा सकती है। रोग की गंभीरता को देखते हुए बाईपास सर्जरी या कोरोनरी आर्टरी बाईपास (सीएबी) की सलाह दी जा सकती है, जिससे रोगी की जान बचाना आसान हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक तमाम तरह के उपायों को प्रयोग में लाकर हृदय रोगों से बचाव किया जा सकता है। इसके अलावा जिन लोगों ने बाईपास जैसी सर्जरी करा ली हो उनके लिए देखभाल और भी आवश्यक हो जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि बाईपास सर्जरी की जरूरत किन लोगों को होती है और इसके बाद रोगियों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

बाईपास सर्जरी की कब होती है जरूरत?
अमर उजाला से बातचीत में डॉ उत्कर्ष अग्रवाल बताते हैं, रक्त वाहिकाओं में रुकावट के कारण कई बार हृदय की मांसपेशियों में रक्त और ऑक्सीजन का संचार रुक या कम हो जाता है, यह स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है। रोगी की गंभीरता को देखते हुए उसे बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी जाती है। इस सर्जरी के माध्यम से हृदय की मांसपेशियों में रक्त की आपूर्ति को बाईपास किया जाता है। हार्ट अटैक और एनजाइना जैसी गंभीर रोगों की स्थिति में इस तरह की सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जरी के बाद हृदय की देखभाल और भी आवश्यक हो जाता है। 

बाईपास सर्जरी के बाद देखभाल
डॉक्टरों के मुताबिक सर्जरी के बाद रोगी को ठीक होने में चार से छह सप्ताह का समय लग सकता है। इस दौरान कुछ समस्याएं होना सामान्य है, इनसे घबराना नहीं चाहिए।

  • सर्जरी के आसपास या पूरे छाती में दर्द।
  • 2 से 4 सप्ताह तक भूख न लगने की समस्या
  • मूड स्विंग होना और उदास महसूस करना
  • पैरों में सूजन
  • शरीर में कमजोरी महसूस होना, रात को सोते समय दिक्कत महसूस होना।

बाईपास सर्जरी से रिकवरी के दौरान किन बातों का रखें ध्यान?
डॉक्टरों के मुताबिक बाईपास सर्जरी हो जाने के बाद आपको कमजोरी लग सकती है हालांकि समय के साथ आपको शारीरिक गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू कर देनी चाहिए।

  • एक ही स्थान पर ज्यादा देर तक खड़े या बैठें न रहें, समय-समय पर थोड़ा घूमें।
  • सर्जरी के बाद वॉकिंग, फेफड़ों और हृदय के लिए एक अच्छा व्यायाम है। आप धीमी गति से चलने की शुरुआत कर सकते हैं।
  • रिकवरी के दौरान घर के हल्के काम करें जिससे शरीर सक्रिय अवस्था में बना रहे, बिस्तर पर लेटे न रहें। 
  • रिकवरी के दौरान पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करना बहुत आवश्यक है।

सर्जरी के बाद इन बातों का रखें ध्यान
बाईपास सर्जरी के बाद यदि आपको लगातार सांस लेने में दिक्कत, सीने में तेज़ दर्द, टांको में सूजन या खून निकलने जैसी परेशानी हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सर्जरी के बाद किसी भी तरह की ऐसी गतिविधि न करें जिससे शरीर को कोई नुकसान हो, तेजी से सीढ़ियां चढ़ने या चलने की कोशिश न करें। सर्जरी के बाद शराब-धूम्रपान का सेवन बिल्कुल भी न करें। बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी तरह की दवाइयों का सेवन न करें।

----------------
नोट:
यह लेख डॉ उत्कर्ष अग्रवाल (यूनिट हेड, उजाला सिग्नस हॉस्पिटल)  के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

बाईपास सर्जरी दिल के रोगियों के लिए कारगर उपाय साबित हो रही है क्योंकि इसके माध्यम से वे बेहतर ज़िदगी जी सकते हैं। यह बात जगजाहिर है कि इन दिनों बहुत सारी समस्याएं बढ़ रही हैं, जिनका सीधा असर दिल पर पड़ता है। सौभाग्यवश मेडिकल सांइस में दिल से संबंधित समस्याओं का इलाज करने के कई सारे तरीके हैं, उन्हीं में से एक बाईपास सर्जरी भी है। चूंकि, ज्यादातर लोगों को बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) की पूरी जानकारी नहीं होती है, इसलिए वे इस सर्जरी का लाभ नहीं उठा पाते हैं।

यदि आप भी बाईपास सर्जरी कराना चाहते हैं, तो आपको इससे पहले इसकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए।

  • बाईपास सर्जरी क्या है? (Bypass Surgery-in Hindi)
  • बाईपास सर्जरी कराने के संकेत कौन-कौन से होते हैं? (Indications for Bypass Surgery-in Hindi)
  • बाईपास सर्जरी कैसे होती है? (Procedure of Bypass Surgery-in Hindi)
  • दिल्ली-NCR में बाईपास सर्जरी का खर्च (Cost of Bypass Surgery in Delhi NCR)
  • बाईपास सर्जरी को कराने के लाभ (Cost of Bypass Surgery-in Hindi)
  • बाईपास सर्जरी के जोखिम (Risks/ Side-Effects of Bypass Surgery)
  • बाईपास सर्जरी के बाद कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (Post-Precautions Bypass Surgery in Hindi)

बाईपास सर्जरी का पूरा नाम कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग सर्जरी (Coronary Artery Bypass Grafting surgery) है, जिसका तात्पर्य ऐसी सर्जरी है, जिसे मुख्य रूप से हृदय की मांसपेशियों के रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। बाईपास सर्जरी में दिल में मौजूद ब्लॉकेज (Blockage) के आसपास के रक्त-प्रवाह (Blood Flow) को सही किया जाता है।

आप नीचे दी गई वीडियो को देखकर भी बाईपास सर्जरी के बारे में विस्तार से जान सकते हैं-

बाईपास सर्जरी कराने के संकेत कौन-कौन से होते हैं? (Indications for Bypass Surgery-in Hindi)

जिस व्यक्ति के शरीर में निम्नलिखित संकेत होते हैं, उसे डॉक्टर बाईपास सर्जरी कराने की सलाह देते हैं-

  • छाती में दर्द होना- जब किसी व्यक्ति को दिल की धमनियों में ब्लॉकेज होने के कारण एनजाइना की समस्या होती है, तो डॉक्टर उसे बाईपास सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।

  • कोरोनरी धमनी का रोग होना- कोरोनरी धमनी में परेशानी होने की स्थिति में बाईपास सर्जरी की सलाह दी जाती है।

  • दिल का दौरा पड़ना- यदि किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ा हो, तो उस स्थिति में बाईपास सर्जरी की जाती है।

  • कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary Heart Disease) के लक्षण को रोकना-  किसी व्यक्ति में कोरोनरी हार्ट डिजीज के लक्षण होने की स्थिति में बाईपास सर्जरी को किया जाता है।

  • कोरोनरी धमनी का ब्लॉक होना- बाईपास सर्जरी को कोरोनरी धमनी की ब्लॉक होने की स्थिति में किया जाता है।

बाईपास सर्जरी कैसे होती है? (Procedure of Bypass Surgery-in Hindi)

आमतौर पर, बाईपास सर्जरी को करने में तीन से छह घंटों का समय लगता है। इसमें कई सारे स्टेप शामिल होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  • स्टेप 1: व्यक्ति को एनेस्थीसिया देना: इस सर्जरी की शुरूआत व्यक्ति को एनेस्थीसिया देने के साथ होती है।

  • स्टेप 2: श्वास नली को मुंह में डालना: व्यक्ति को एनेस्थीसिया देने के बाद, उसके मुंह में श्वास नली को डाला जाता है। यह ट्यूब एक वेंटिलेटर से जुड़ी होती है, जो सर्जरी के दौरान और तुरंत बाद उस व्यक्ति को सांस प्रदान करती है।

  • स्टेप 3: छाती के बीच में कट लगाना: इसके बाद छाती के मध्य भाग में एक कट को लगाया जाता है।

  • स्टेप 4: दिल की धड़कनों को रोकने की दवाई देना: छाती के मध्य भाग में कट लगाने के बाद व्यक्ति को दिल की धड़कनों को रोकने की एक दवाई दी जाती है, ताकि इस प्रक्रिया को सही से किया जा सके।

  • स्टेप 5: स्वस्थ रक्त वाहिका को लेना: इसके बाद शरीर के अन्य भागों से स्वस्थ रक्त वाहिकाओं (Blood Vessel) को लिया जाता है और उन्हें दिल की धमनियों के आस-पास लगाया जाता है।

  • स्टेप 6: दिल की धड़कनों को समान्य स्थिति में लाना: इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, सर्जन आपके दिल की धड़कन को सामान्य गति में ले आते हैं और वेंटिलेटर मशीन में लगी गई श्वास नली को हटा देते हैं।

दिल्ली-NCR में बाईपास सर्जरी का खर्च (Cost of Bypass Surgery in Delhi NCR)

बाईपास सर्जरी (CABG) को कराने से पहले इसमें लगने वाले खर्च के बारे में जानना जरूरी होता है। यह जानकारी आपको इस निर्णय को लेने में सहायता करती है कि आपको इस सर्जरी को कराना है या नहीं।

आमतौर पर हार्ट बाईपास सर्जरी का खर्च 1.5 लाख से 2.75 लाख होता है। यह खर्च मुख्य रूप से कई सारे तत्वों पर निर्भर करता है,जो इस प्रकार हैं-

  1. अस्पताल
  2. जगह
  3. व्यक्ति के स्वास्थ की स्थिति
  4. इलाज का तरीका

बाईपास सर्जरी को कराने के लाभ (Cost of Bypass Surgery-in Hindi)

बाईपास सर्जरी दिल के रोगियों के लिए एक लाभदायक सर्जरी है, जिसके निम्नलिखित लाभ होते हैं-

  1. नई ज़िदगी देना- यह सर्जरी दिल की रोगी को नई ज़िदगी देती है।
  2. दिल के दौरे के खतरे को कम करना- इस सर्जरी के द्वारा दिल के दौरे (Heart Attack) के खतरों को कम किया जाता है।
  3. एनजाइना का इलाज करना- बाईपास सर्जरी से एनजाइना का इलाज किया जाता है।
  4. शारीरिक गतिविधि करने की ऊर्जा प्रदान करना- बाईपास सर्जरी का अन्य लाभ यह है कि इसके बाद व्यक्ति को शारीरिक गतिविधि करने की ऊर्जा प्राप्त होती है।

बाईपास सर्जरी के जोखिम (Risks/ Side-Effects of Bypass Surgery)

दिल की बाईपास सर्जरी निश्चित रूप से एक लाभकारी प्रक्रिया है, लेकिन इसके भी अपने कुछ जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  1. किडनी की समस्या का होना- कई बार बाईपास सर्जरी के बाद व्यक्ति को किडनी की समस्या हो सकती है। हालांकि, उस स्थिति में किडनी डायलिसिस या किडनी ट्रांस्प्लांट को किया जा सकत है।
  2. स्ट्रोक का खतरा होना- बाईपास सर्जरी के दौरान स्ट्रोक होने का भी खतरा रहता है।
  3. छाती की चोट का संक्रमण होना- इस सर्जरी के दौरान किए गए कट का संक्रमण भी हो सकता है।
  4. सूजन होना- कुछ लोगों के उस अंग पर सूजन हो जाती है, जहां पर इस सर्जरी को किया गया था।

बाईपास सर्जरी के बाद कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए? (Post-Precautions Bypass Surgery in Hindi)

बाईपास सर्जरी के दौरान या इसके बाद होने वाले जोखिमों को निम्नलिखित सावधानियों को बरतकर कम किया जा सकता है-

  1. सर्जरी वाले अंग की देखभाल करना- इस सर्जरी के बाद व्यक्ति को उस अंग का ख्याल रखना चाहिए, जहां पर इस सर्जरी को किया गया है।
  2. दर्द-निवारक दवाई लेना- यदि किसी व्यक्ति को बाईपास सर्जरी के बाद दर्द होता है, तो उसे दर्द-निवारक दवाई का सेवन करना चाहिए।
  3. पौष्टिक भोजन करना- इस सर्जरी के बाद व्यक्ति को पौष्टिक भोजन करना चाहिए।
  4. भरपूर नींद लेना- अक्सर डॉक्टर व्यक्ति को भरपूर नींद लेने की भी सलाह देते हैं क्योंकि ऐसा करना उसे जल्दी से ठीक होने में सहायता करता है।
  5. व्यायाम करना- बाईपास सर्जरी के बाद व्यक्ति को हल्के-फुल्के व्यायाम करने चाहिए ताकि वह जल्दी से ठीक हो सके।

जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि आज कल दिल से संबंधित समस्याएं काफी फैल रही हैं। सौभाग्यवश इन समस्याओं का समाधान के लिए कई सारी तकनीक मौजूद हैं। इन तकनीकों में बाईपास सर्जरी (Bypass Surgery) भी शामिल हैं, जिसे मुख्य रूप से दिल की धमनियों के आस-पास रक्त प्रवाह को ठीक किया जाता है। चूंकि, ज्यादातर लोगों को इस ह्दय की सर्जरी की पूर्ण जानकारी नहीं होती है, इसलिए वे इस सर्जरी का समय रहते लाभ नहीं उठा पाते हैं।

इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंकि हमने इस लेख में बाईपास सर्जरी से संबंधित आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।

यदि आप या आपकी जान-पहचान में कोई व्यक्ति बाईपास सर्जरी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह इसके लिए +91-8448398633 पर Call करके इसके बारे में मुफ्त सलाह प्राप्त कर सकता है।

बाईपास सर्जरी में कितना टाइम लगता है?

इस सर्जरी को करने में लगभग आठ घंटे का समय लगता है। सर्जरी के दौरान सीने की हड्डी स्टर्नम को काटा जाता है और सर्जन दिल पर काम करता है।

क्या बिना छाती खोले हार्ट बाईपास सर्जरी की जा सकती है?

मिनिमली इनवेसिव हार्ट सर्जरी में ब्रेस्टबोन को काटने के बजाय छाती के दाहिने हिस्से में पसलियों के बीच दिल तक पहुंचने के लिए छोटे चीरे लगाना शामिल है, जैसा कि ओपन-हार्ट सर्जरी में किया जाता है। दिल की विभिन्न स्थितियों के इलाज के लिए मिनिमली इनवेसिव हार्ट सर्जरी की जा सकती है।

बाईपास सर्जरी कैसे की जाती है?

बाईपास सर्जरी में दिल को रक्त पहुंचाने वाली ब्लॉक्ड धमिनियों को काटे या साफ किए बिना, ग्राफ्ट द्वारा एक नया रास्ता बनाया जाता है। इसके लिए एक स्वस्थ ब्लड वेसल (ग्राफ्ट) को हाथ, छाती या पैर से लिया जाता है और फिर प्रभावित धमनी से जोड़ दिया जाता है ताकि ब्लॉक्ड या रोग-ग्रस्त क्षेत्र को बाईपास कर सकें।

क्या बाईपास सर्जरी में कोई खतरा है?

कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट सर्जरी (सीएबीजी) के संभावित जोखिमों में शामिल हैं: सर्जरी के दौरान या बाद में रक्तस्राव । रक्त के थक्के जो दिल का दौरा, स्ट्रोक या फेफड़ों की समस्या पैदा कर सकते हैं। चीरा स्थल पर संक्रमण।

Toplist

नवीनतम लेख

टैग