जानें हीरा क्यों चमकता है?हीरा है सदा के लिए! इसका मतलब है कि हीरे की चमक सदा के लिए एक जैसी बनी रहती है. यह पारदर्शी रत्न और कार्बन का शुद्धतम रूप होता है. सबसे ठोस होने के कारण यह पदार्थ चमकता है. इसके अन्दर प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध द्वारा जुड़े होते है. इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि हीरा क्यों ठोस होता है और क्यों चमकता है, कौन सा गुण होने के कारण यह चमकदार आदि बनाता है? Show
Why are Diamonds shiny? हीरा यानी डायमंड कार्बन का एक एलोट्रोप (allotrope) है, ये पारदर्शी है और सबसे कठोर पदार्थों में से एक है. यह प्रकृति में क्रिस्टल रूप में पाया जाता है और इसके अन्दर प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बन्ध (covalent bonds) द्वारा जुड़े रहते है. लेकिन हीरा
क्यों चमकता है और क्यों कठोर होता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं. हीरे को इस प्रकार काटकर बनाया जाता है कि जब कोई प्रकाश की किरणें इसमें प्रवेश करती हैं तो इसके क्रांतिक कोण (critical angle) कम होने के कारण इसमें प्रकाश का पूर्ण परिवर्तन होता है जिससे हीरा ज्यादा चमकदार दिखाई देता है. इसे निम्नानुसार समझाया जा सकता है: हम जानते हैं कि हीरे छोटे, जटिल प्रिज्म हैं जिसमें प्रकाश उपरी हिस्से के माध्यम से प्रवेश करता है और अन्दर से इसको एक क्रांतिक कोण पर काटता है. जिसके कारण इंद्रधनुष के भाति प्रकाश का फैलाव होता है और इसे चमकता हुआ बनाता है. यानी हीरे का चमकना निर्भर करता है कि प्रकाश हीरे के कौन से हिस्से से गुजरता है, अपवर्तन, विक्षेपण होता है और कुछ अंधेरे क्षेत्रों (dark areas) का निर्माण होता है. बर्फ पानी पर क्यों तैरती है Source: www. qph.ec.quoracdn.net.com क्या आप जानते हैं कि इन अंधेरे क्षेत्रों के कारण ही हीरे में प्रतिभा होती है की वह चमकता है? अंधेरे में प्रकाश की तीव्रता बढ़ जाती है, जिस प्रकार किसी प्रकाश वाले कमरे की तुलना में मोमबत्ती की लौ एक अंधेरे कमरे में उज्ज्वल दिखाई देती है. एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता हीरे में विभिन्न प्रकार के कट या डिज़ाइन होते है. यदि आकृति को बहुत गहरा या बहुत उथला बनाया जाए, तो जब प्रकाश हीरे में प्रवेश करेगा तो इसी में खो जाएगा, नाकि इससे पास होगा. अपवर्तन के लिए क्रांतिक कोण का होना अनिवार्य होता है. ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि हीरे का आकार उसकी चमक को निर्धारित करता है. हीरे का त्रिकोणी डिजाईन हीरे की प्रतिभा को बढ़ाता है. हीरे में समरूपता और स्पष्टता होना भी अनिवार्य है हीरे में कट के साथ समरूपता को बनाए रखना भी महत्वपूर्ण होता है, जिससे कि उसमें इष्टतम चमक रहती है. हीरे का आकार सभी कोणों में समान रहना चाहिए. यदि समरूपता उचित नहीं है तो प्रकाश का अपवर्तन ठीक से नहीं होगा. दूसरी तरफ हीरे में स्पष्टता का होना भी अनिवार्य है जो कि हीरे की चमक को प्रभावित करता है. अगर हीरे की सतह पर किसी प्रकार का दाग हो तो प्रकाश सही से प्रवेश नहीं कर पाएगा. जिसके कारण अपवर्तन सही से नहीं होगा. अगर हीरे में स्पष्टता अच्छी होगी तो यह अधिक प्रतिभाशाली होगा. हीरे को सही प्रकार से काटने और आकार देने के बाद उसे ठीक से पॉलिश करना भी जरूरी होता है. पोलिश से हीरे की प्रतिभा पर स्थायी प्रभाव पड़ता है. अगर हीरा बनाने में किसी भी प्रकार की त्रुटी रह जाती है तो उसे पॉलिश के जरिये खत्म किया जा सकता है. उपरोक्त लेख से ज्ञात होता है कि हीरा चमकदार और कठोर क्यों होता है. यह आभूषणों में सबसे खूबसूरत रत्न है. हीरे में कटाई, सही आकर,क्रांतिक कोण,पोलिश आदि इसे और अधिक शानदार बनाते हैं. किस गैस को ड्राई आइस कहते हैं और क्यों? क्या हीरा अंधेरे में चमकता है?क्या आप जानते हैं कि इन अंधेरे क्षेत्रों के कारण ही हीरे में प्रतिभा होती है की वह चमकता है? अंधेरे में प्रकाश की तीव्रता बढ़ जाती है, जिस प्रकार किसी प्रकाश वाले कमरे की तुलना में मोमबत्ती की लौ एक अंधेरे कमरे में उज्ज्वल दिखाई देती है. एक अन्य महत्वपूर्ण विशेषता हीरे में विभिन्न प्रकार के कट या डिज़ाइन होते है.
हीरा कब चमकता है?जब प्रकाश कटे हुये तल वाले हीरे में प्रवेश करता है तो क्रांतिक कोण का मान कम होने के कारण ही बार-बार उसका पूर्ण आंतरिक परावर्तन होता है । प्रवेश हुआ प्रकाश केवल कुछ बिन्दुओं से बाहर निकलता है। जहाँ पर आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से कम होता है। इस दिशा में सभी किरणें निकलती हैं, जिससे हीरे की चमक बढ़ जाती है।
क्या हीरा रात में चमकता है?नहीं, हीरे जब तक प्रकाश न पड़े नहीं चमकते । उच्च अपवर्तनांक के कारण प्रकाश की किरणें आतरिक रूप से परावर्तित होती है।
हीरे का चमकना क्या है?हीरे का अत्याधिक चमकना
जब कोई प्रकाश की किरण हीरे के अंदर प्रवेश करती है तो क्रांतिक कोण, आपतन कोण से बहुत कम केवल 24° हो जाता है। इस कारण हीरे में से तब ही प्रकाश किरण बाहर निकलती है। जब आपतन कोण का मान 24° से कम हो जाता है। अतः यह निकलता हुआ प्रकाश ही चमकता हुआ प्रतीत होता है।
|