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हनुमान जी की पूजा में हमेशा लाल रंग के फूलों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. Image-shutterstock.comLord Hanuman Puja: हनुमान जी उपासना शुरू करने के लिए किसी विशेष मुहूर्त को देखने की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके लिए मंगलवार (Tuesday) का दिन ही अपने आप में सर्वश्रेष्ठ होता है.
Lord Hanuman Puja: हनुमान जी (Hanuman Ji) एक ऐसे देवता हैं जो कलयुग में भी पृथ्वी पर विराजमान हैं. भगवान हनुमान की पूजा आराधना करने से मनुष्य हर प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है. इनकी पूजा करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. ज्यादातर लोग हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं. यह तो फायदेमंद होता ही है साथ ही अगर बजरंग बाण (Bajrang Baan) का पाठ किया जाए तो इससे भक्तों को बजरंगबली की असीम कृपा प्राप्त होती है. मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि मंगलवार की पूजा से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. हनुमान जी को संकट मोचक कहा गया है. हनुमान जी भगवान श्रीराम के परम भक्त है. हनुमान जी शिव के अवतार माने गए हैं. हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति मिलती है. मंगलवार के दिन पवनपुत्र हनुमान जी की साधना से जीवन में मंगल ही मंगल होता है, लेकिन हनुमान जी की पूजा के कुछ नियम भी होते हैं, जिनका पालन न करने पर पूजा का फल नहीं मिलता है. आइए जानते हैं हनुमान जी की पूजा करते समय कौन से 10 नियमों का पालन करना चाहिए. इसे भी पढ़ेंः मंगलवार को हनुमान जी को क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर का चोला, जानें क्या है कारण -हनुमान जी साधना या विशेष अनुष्ठान हमेशा सुबह या शाम को करना चाहिए. इसे भी पढ़ेंः मंगलवार को इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, सारे कष्ट होंगे दूर -मंगलवार के दिन हनुमान जी की उपासना करने वाले साधक को मांस-मदिरा से बिल्कुल दूर रहना चाहिए. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Lord Hanuman, Religion FIRST PUBLISHED : September 07, 2021, 07:37 IST हनुमान जी को क्या पसंद नहीं है?महिलाओं को कभी भी हनुमान जी को वस्त्र या चोला नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करना ब्रह्मचारी का अपमान माना जाता है. महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं. लेकिन स्त्रियों के लिए बजरंगबाण का पाठ निषेध माना गया है.
सुबह सुबह हनुमान जी का नाम क्यों नहीं लेना चाहिए?रामचरित मानस के सुंदरकांड में हनुमानजी कहते हैं कि 'प्रात लेइ जो नाम हमारा। तेहि दिन ताहि न मिलै अहारा॥' अर्थात मैं जिस कुल से यानी वानर कुल से हूं अगर सुबह-सुबह उसका नाम ले लेता है तो उस दिन उसको भोजन भी मुश्किल से मिलता है। इसलिए सुबह बिना अन्न जल ग्रहण किए वानर नाम नहीं लेना चाहिए।
हनुमान चालीसा पढ़ते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?चालीसा में से किसी भी एक पंक्ति का चुनाव अपनी आवश्यकता के अनुसार करें और नित्य प्रातः तुलसी की माला पर , मंत्र की तरह तीन से लेकर ग्यारह माला तक जाप करें. जितने समय तक यह प्रयोग किया जाय , खान पान और आचरण की शुद्धता पर ध्यान दिया जाय. बिना श्रीराम की पूजा के हनुमान जी की पूजा न करें.
हनुमान जी को सबसे प्रिय क्या है?रामायण के अनुसार वे श्रीराम के अत्यधिक प्रिय हैं।
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