इस पोस्ट में हम बिहार बोर्ड के वर्ग 10 के पद्य भाग के पाठ 1 (Hundru Ka Jalprapat) “ हुंडरू का जलप्रपात” के व्याख्या को जानेंंगे इस पाठ के कवि कामता प्रसाद सिंह “काम” है | प्रस्तुत पाठ मेंं लेखक ने छोटानागपुर के एक झरना की विशेषता को बताया है, जो प्राक़तिक द़ष्टि से एक स्वर्ग के टुकड़ा जैसा प्रतित होता है।Hundru Ka Jalprapat Show
5 हुंडरू का जलप्रपातसामान्यतः यात्रा वृतांतों में पारंपरिक रूप से महत्त्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों का वर्णन किया जाता है। ’हंडरू का जलप्रपात’ आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता को उभारने वाला यात्रा वृतांत है। इस दृष्टि से पाठ उल्लेखनीय है। पहाड, नदी, जंगल की सुंदरता के साथ ही, उस इलाके में आसानी से उपलब्ध अबरक और कोयला खदानों का भी वर्णन है। यानी प्रकृति के साथ हो, मनुष्य की जिजीविषा और श्रम की महत्ता का भी संयोजन है। पाठ में बहुलवादी
संस्कृति (सामासिक संस्कृति) के प्रति विश्वास प्रकट किया गया है। झरने की सुंदरता और प्राकृतिक दृश्यों की विशिष्टता के उद्घाटन से पाठ रोचक बन गया है। Hundru Ka Jalprapat video – click hereRead More – Click Here Read Class 10 Hindi – Click Here Read Class 10 Non Hindi – Click Here Post Views: 221 हुन्डरू जलप्रपात की विशेषता क्या है?हुंडरू जलप्रपात 98 मीटर यानी क़रीब 320 फीट की उंचाई से गिरता है। यह झारखण्ड का दूसरा सबसे ऊँचा जलप्रपात है, जिसकी छटा देखते ही बनती है। वर्षा के दिनों में इस जलप्रपात की धारा मोटी हो जाती है। इन दिनों में तो इसका दृश्य और भी सुंदर व मनमोहक हो जाता है।
हुंडरू प्रसिद्ध क्यों है?हुंडरू प्रपात झारखंड राज्य में सर्वाधिक ऊँचाई से गिरने वाला प्रपात है, अत: पर्यटन पटल पर सर्वाधिक प्रसिद्ध भी यही है। स्वर्णरेखा नदी की जलराशि से प्रस्फ़ुटित इस प्राकृतिक झरने के ऊँचाई से गिरने का लाभ झारखंड राज्य को पनबिजली के रूप में विगत 50 वर्षों से प्राप्त होता आ रहा है।
हुंदरू जलप्रपात की ऊंचाई कितनी है?हुंडरू जलप्रपात रांची सुवर्णरेखा नदी के दौरान बनाई गई है, जहां 320 फीट की ऊंचाई से गिरती है जो राज्य के उच्चतम जलप्रपात मे से एक है।
हुंडरू का जलप्रपात के रचयिता कौन है?-कामता प्रसाद सिंह ' काम '
हुंडरू झारखण्ड राज्य के छोटा नागपुर जिले में पड़ता है । सूची से 27 मील की दूरी पर स्थित है – हुंडरू का जलप्रपात । अत्यन्त सुन्दर , मनमोहक यह जलप्रपात है ।
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