हिचकी आने के नुकसान क्या है? - hichakee aane ke nukasaan kya hai?

हिचकी आने के नुकसान क्या है? - hichakee aane ke nukasaan kya hai?

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जब पहली बार हिचकी आती है तो अक्सर लोगों के चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है. दूसरी बार हिचकी आने पर लोग इसे मजाक में लेते हैं लेकिन जब ये लगातार आने लगती है तो परेशानी का सबब बन जाती है. पर क्या आप जानते हैं कि आखिर हिचकी आती क्यों है और ये किस बात का संकेत देती है. आइए जानते हैं इसके बारे में.

हिचकी आने के नुकसान क्या है? - hichakee aane ke nukasaan kya hai?

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हिचकी आपके शरीर के सबसे निचले हिस्से डायाफ्राम से आनी शुरू होती है. ये फेफड़ों और पेट के बीच गुंबद के आकार की मांसपेशियां होती हैं. आमतौर पर, जब आप सांस लेते हैं तो डायाफ्राम इसे नीचे की तरफ खींचता है. सांस छोड़ने पर ये वापस आराम की स्थिति में आ जाता है. 
 

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डायाफ्राम एक तय तरीके से अपना काम करता है लेकिन जब इसे कोई दिक्कत महसूस होती है तो इसमें ऐंठन होने लगती है. इसकी वजह से हवा गले में अचानक रुक जाती है जिससे आवाज निकलने में दिक्कत होती है. वोकल कॉर्ड में अचानक आई इस रुकावट से 'हिच' जैसी आवाज बाहर निकलती है.  
 

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हिचकी क्यों आती है- हिचकी आने की कई वजहें हो सकती हैं, इसमें कुछ शारीरिक होती हैं तो कुछ मानसिक. ऐसा इसलिए होता है कि तंत्रिका में आई दिक्कत दिमाग और डायाफ्राम से जुड़ी है. बहुत ज्यादा और जल्दी खाने की वजह से भी हिचकी आती है. ज्यादा नर्वस या उत्साहित होने, कार्बोनेटेड ड्रिंक या बहुत अधिक शराब पीने से भी हिचकी आती है. तनाव, तापमान में अचानक बदलाव या फिर कैंडी-च्युइंग गम चबाते समय मुंह में हवा भर जाने की वजह से भी हिचकी आती है. 
 

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लंबे समय तक रहने वाली हिचकी- आमतौर पर हिचकी बस थोड़े समय के लिए आती है और अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कभी-कभी ये ज्यादा देर तक भी आ सकती है. ऐसा डायाफ्राम से जुड़ी नसों को पहुंचे नुकसान की वजह से होता है. कान की दिक्कत से लेकर गले में खराश आने जैसी चीजें डायाफ्राम की नसों को प्रभावित करती हैं. 
 

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लंबे समय तक रहने वाली हिचकी नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर से भी जुड़ी हो सकती है. जैसे कि एन्सेफलाइटिस, मैनिंजाइटिस, मेटाबॉलिक डिसऑर्डर, डायबिटीज या फिर किडनी फेलियर. स्टेरॉयड या ट्रैंक्विलाइजर जैसी कुछ दवाओं की वजह से भी हिचकी लंबे समय तक रह जाती है.
 

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हिचकी को कैसे रोकें- हिचकी को रोकने के कई घरेलू नुस्खे बताए जाते हैं लेकिन कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि सांस को थोड़ी देर तक रोक कर रखने से हिचकी से आराम मिल सकता है. इसके अलावा, पेपर बैग में सांस लेने से भी हिचकी रुक जाती है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ये दोनों तकनीकें फेफड़ों में कार्बन डाइऑक्साइड बनाती हैं, जिससे डायाफ्राम को आराम मिलता है.
 

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कब करें डॉक्टर से संपर्क- अगर आपको 2 दिनों से अधिक समय से हिचकी आ रही हो, या फिर हिचकी की वजह से आपको खाने, सांस लेने या फिर सोने में दिक्कत हो रही हो, हिचकी की वजह से आपकी परेशानी बहुत बढ़ गई तो आपको डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा अगर आपको किसी भी तरह का पेट दर्द, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी या खांसी के साथ खून आता हो तो इसके बारे में भी तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं.
 

बार-बार आ रही है हिचकी तो हल्के में न लें, हो सकते हैं खतरनाक बीमारी के लक्षण 

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Published by: ललित फुलारा Updated Thu, 13 Jun 2019 04:44 PM IST

हिचकी आना वैसे तो सामान्य है लेकिन अगर बार-बार लगातार एक दिन से ज्यादा वक्त से हिचकी आ रही है तो इसे हल्के में बिल्कुल भी न लें। 48 घंटे से ज्यादा वक्त से हिचकी आ रही है तो फौरन डॉक्टर की सलाह लें और इसका कारण जानें। दरअसल, ज्यादा देर से हिचकी आना सीरियस मेडिकल कंडिशन का लक्षण है। हालांकि, कई बार हिचकी कई दिनों तक बरकार रहती है। हिचकी आने की कई वजह हो सकती है। न्यूरो सर्जन डॉक्टर मनीष कुमार बताते हैं कि हिचकी आना सामान्य प्रक्रिया है लेकिन अगर ज्यादा दिनों से और लगातार हिचकी आ रही है तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें।

मनीष कहते हैं कि अगर हिचकी आने के साथ ही बहोशी भी आ रही है तो फौरन मरीज को डॉक्टर पर लेकर जाएं। वह कहते हैं आमतौर पर हिचकी गेस्टिक इरीटेशन या पेट में होने वाले मूवमेंट की वजह से होती है। डाइफार्म में इरीटेशन हिचकी की वजह होता है। ज्यादा मिर्च मसालेदार खाने और पेट की गड़बड़ी की वजह से भी हिचकी हो सकती है।

हालांकि हिचकी का कोई स्पष्ट दिखाई देने वाला कारण नहीं है। हिचकी कई वजहों से हो सकती है। हिचकी की वजह हम जो हवा का सेवन करते हैं उसका क्षणभर के लिए अवरुद्ध होना भी होता है। अक्सर हिचकी की समस्या अचानक शुरू हो जाती है।  हिचकी को चिकित्सकीय रूप में डायाफ्रामिक स्पंदन के रूप में जाना जाता है।  अगली स्लाइड में पढ़िए हिचकी आने की प्रमुख वजह..

हिचकी आने की वजह जीवनशैली की अनियमितता भी होती है। अर आप ज्यादा मिर्च-मसालेदार खाना खा लेते हैं तो हिचकी की समस्या हो सकती है। पेट में गैस होने और पाचन प्रक्रिया के गड़बड़ होने के चलते भी हिचकी आती है। सोडा पीने और ड्रींक करने से भी हिचकी आती है। अक्सर अवसाद की वजह से भी हिचकी आती है।

ज्यादा हिचकी आने से कौन सी बीमारी होती है?

हिचकी क्यों आती है- हिचकी आने की कई वजहें हो सकती हैं, इसमें कुछ शारीरिक होती हैं तो कुछ मानसिक. ऐसा इसलिए होता है कि तंत्रिका में आई दिक्कत दिमाग और डायाफ्राम से जुड़ी है. बहुत ज्यादा और जल्दी खाने की वजह से भी हिचकी आती है. ज्यादा नर्वस या उत्साहित होने, कार्बोनेटेड ड्रिंक या बहुत अधिक शराब पीने से भी हिचकी आती है.

हिचकी आने का मुख्य कारण क्या है?

कई कारणों से हिचकी आ सकती है जैसे जल्दी-जल्दी खाना, अत्यधिक खाना, अधिक मसालेदार खाना, गले में कुछ अटक जाना, एसिड रिफ्लक्स आदि. कुछ गंभीर बीमारियों जैसे किडनी फेलियर, एन्सेफलाइटिस, ब्रेन ट्रॉमा, स्ट्रोक, नर्व डैमेज, ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रेस, मेटाबॉलिक समस्या से भी हिचकी आ सकती है.

लगातार हिचकी आने पर क्या करना चाहिए?

3) रह-रह का आने वाली हिचकियों को रोकने के लिए आप नींबू और शहद को मिलाकर ले सकते हैं। इसके अलावा एक छोटा नींबू का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से भी हिचकी में लाभ होगा। 4) हिचकी आने पर गहरी सांस लेकर, उसे कुछ देर तक रोक कर रखें, फि छोड़ दें। इस प्रयोग को दोहराने से भी हिचकियां आना रूक जाती है।

हिचकी आने पर कौन सी दवा लेनी चाहिए?

1- एक गि‍लास ठंडा पानी पिएं ऐसा माना जाता है कि हिचकी आने पर तुरंत ठंडा पानी पिया जाए तो यह रुक जाती है. कुछ लोग का कहना है कि पानी पीते समय आपको अपनी नाक भी बंद करनी चाहिए.