घर की याद कविता में कवि सावन से अपने बारे में क्या क्या बताने का अनुरोध करता है? - ghar kee yaad kavita mein kavi saavan se apane baare mein kya kya bataane ka anurodh karata hai?

कवि सावन से अपने बारे में क्या-क्या बताने का अनुरोध करता है?


कवि भवानीप्रसाद मिश्र ‘पिता’ शीर्षक कविता में सावन को संदेशवाहक बनाकर भेजते हैं। कवि अपनी सुखात्मक अनुभूतियाँ सावन को बताना चाहता है। जिस बात से उनके पिता को सुख हो वह सब सावन को बताना चाहता है। वह सावन से कहता है कि पिताजी से कहना मैं यहाँ बिल्कुल सुखी हूँ मुझे यहां किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं है। मैं यहाँ पर अपना अध्ययन भी कर रहा हूँ और कभी-कभी कविताएँ भी लिख लेता हूँ। खूब खेलता-कूदता भी हूँ। सब प्रकार से मस्त और सुखी हूँ। कवि पिता के हृदय को कष्ट देने वाली बातें सावन को नहीं बताना चाहता है। कवि का अपने पिता से स्वाभाविक और आदर्श प्रेम है।

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कविता की अंतिम 12 पंक्तियों को पढ़कर कल्पना कीजिए कि कवि अपनी किस स्थिति व मनःस्थिति को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है?


कविता की अंतिम 12 पंक्तियों में कवि अपनी यथार्थ स्थिति व मन की दशा को अपने परिजनों से छिपाना चाहता है। इसका कारण यह है कि वह अपनी सत्य स्थिति को बताकर अपने परिवारजनों को और अधिक दुखी नहीं करना चाहता। अपने बेटे के दुखों को जानकर प्रत्येक माता-पिता दुखी होते हैं। यही स्थिति कवि के परिजनों की भी है। वह अपनी वास्तविकता को छिपा जाता है।

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निम्नलिखित पंक्तियों में ‘बस’ शब्द के प्रयोग की विशेषता बताइए।

मैं मजे में हूँ सही है

घर नहीं हूँ बस यही है

किंतु यह बस बड़ा बस है,

इसी बस से बस विरस है।


(1) बस-केवल - मैं केवल घर में नहीं हूँ।

(2) बस-बेबसी - यह बात मेरे बस की नहीं हैं।

बस-मात्र - बस पाँच रुपए चाहिए।

(3) बस-कारण - इसी बस से

बस-सब - सब बिना रस का हो रहा है।

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मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ क्यों कहा है?


मायके आई बहन के लिए कवि ने घर को ‘परिताप का घर’ इसलिए कहा है, क्योंकि वहाँ एक भाई का न होना घर के वातावरण को दुखी अवश्य बनाता होगा। बहन भी भाई को वहाँ घर में न देखकर दुखी होती होगी। यही कारण है कि कवि ने अपने घर को ‘परिताप का घर’ कहा है।

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ऐसी पाँच रचनाओं का संकलन कीजिए, जिसमें प्रकृति के उपादानों की कल्पना संदेशवाहक के रूप में की गई है।


1. मेघदूत  2. बादल राग  3. मेघ आए  4. जूही की कली  5. आ: धरती कितना देती है।

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पिता के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं को उकेरा गया है?


पिता के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं को उकेरा गया है

1. पिता पूर्णत: स्वस्थ हैं। बुढ़ापे ने उन्हें कभी नहीं सताया।

2. वे दौड़ लगाते तथा दंड लगाते हैं।

3. वे इतने साहसी हैं कि उनके आगे मौत भी घबराती है।

4. वे धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। प्रतिदिन गीता का पाठ करते हैं।

5. वे भावुक प्रवृत्ति के हैं। अपने पाँचवें बेटे को याद करके उनकी आँखें भर आती हैं।

6. वे अपने बेटों-बेटियों से बहुत स्नेह करते हैं।

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घर की याद कविता में कवि सावन से अपने बारे मे क्या क्या बताने का अनुरोध कर रहा है?

कवि सावन से निवेदन करता है कि तुम खूब बरसो, किंतु मेरे माता-पिता को मेरे लिए दुखी न होने देना। उन्हें मेरा संदेश देना कि मैं जेल में खुश हूँ। मुझे खाने-पीने की दिक्कत नहीं है। मैं स्वस्थ हूँ।

कवि सावन से क्या अनुरोध करता है?

कवि अपनी सुखात्मक अनुभूतियाँ सावन को बताना चाहता है। जिस बात से उनके पिता को सुख हो वह सब सावन को बताना चाहता है। वह सावन से कहता है कि पिताजी से कहना मैं यहाँ बिल्कुल सुखी हूँ मुझे यहां किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं है। मैं यहाँ पर अपना अध्ययन भी कर रहा हूँ और कभी-कभी कविताएँ भी लिख लेता हूँ।

घर की याद कविता घर के मर्म घर से विस्थापन की पीड़ा का उद्घाटन है कैसे?

घर की याद कविता में घर के मर्म का उद्घाटन है। कवि को जेल-प्रवास के दौरान घर से विस्थापन की पीड़ा सालती है। कवि के स्मृति-संसार में उसके परिजन एक-एक कर शामिल होते जाते हैं। घर की अवधारणा की सार्थक और मार्मिक याद कविता की केंद्रीय संवेदना है।

घर की याद शीर्षक कविता के कवि का क्या नाम है *?

भावार्थ – प्रस्तुत पंक्तियाँ भवानी प्रसाद मिश्र जी के द्वारा रचित कविता घर की याद से उद्धृत हैं। यह कविता भवानी प्रसाद मिश्र जी के जेल प्रवास के दौरान लिखी गई है।