फ़ादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?
फ़ादर बुल्के एक सन्यासी थे, वे चोगा पहनते थे, लोगों की सहायता करते थे तथा सभी मानवीय गुणों का पालन करते थे। परन्तु सन्यासी जीवन के परंपरागत गुणों से अलग भी इनकी भूमिका रही है; जैसे - इन्होंने सन्यास ग्रहण करने के पश्चात् अपना अध्ययन जारी रखा, कुछ दिनों तक ये कालेज में भी पढ़ाते रहे तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। इसलिए फ़ादर बुल्के की छवि परंपरागत सन्यासियों से अलग है।
Concept: गद्य (Prose) (Class 10 A)
Is there an error in this question or solution?
फ़ादर बुल्के ने सं यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्ततु की है कैसे?
परन्तु सन्यासी जीवन के परंपरागत गुणों से अलग भी इनकी भूमिका रही है; जैसे - इन्होंने सन्यास ग्रहण करने के पश्चात् अपना अध्ययन जारी रखा, कुछ दिनों तक ये कालेज में भी पढ़ाते रहे तथा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते रहे। इसलिए फ़ादर बुल्के की छवि परंपरागत सन्यासियों से अलग है।
फादर संकल्प से संन्यासी थे मन से संन्यासी नहीं थे इस पंक्ति द्वारा लेखक क्या बताना चाहता है?
वे हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में देखना चाहते थे । प्रसिद्ध अंग्रेजी - हिंदी कोश फादर बुल्के द्वारा ही तैयार किया गया है । फादर बुल्के पारंपरिक अर्थ में संन्यासी नहीं थे ।
फ़ादर बुल्के की स्मनत को ृ यज्ञ की पवित्र आग की आँ च ि क्यों क ा गया ै?
जिस प्रकार यज्ञ की अग्नि पवित्र होती है तथा उसके ताप में उष्णता होती है उसी प्रकार फादर बुल्के को याद करना शरीर और मन में ऊष्मा, उत्साह तथा पवित्र भाव भर देता है। अतः फादर की स्मृति किसी यज्ञ की पवित्र आग और उसकी लौ की तरह आजीवन बनी रहेगी।
फादर बुल्के ने संन्यासी बनने के लिए क्या शर्त रखी थी?
“और सचमुच इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष की पढ़ाई छोड़कर फादर बुल्के संन्यासी होने जब धर्मगुरु के पास गए और कहा कि मैं संन्यास लेना चार तथा एक शर्त रखी (संन्यास लेते समय संन्यास चाहने वाला शर्त रख सकता है कि मैं भारत जाऊँगा।”