गांधीवादी अर्थव्यवस्था का आधार क्या था? - gaandheevaadee arthavyavastha ka aadhaar kya tha?

गांधीवादी अर्थव्यवस्था किस पर आधारित है?

(A) प्रतिस्पर्धा पर
(B) न्याय पर
(C) राज्य नियंत्रण पर
(D) इनमें से किसी पर नहीं

Question Asked : UPPSC 1993

गांधीवादी अर्थव्यवस्था न्याय पर आधारित थीं। न्याय सिद्धांत में यह निहित है कि​ व्यक्ति संपत्ति का मालिक न होकर सिर्फ उसका प्रंबधक है। गांधीवादी अर्थव्यवस्था एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था की संकल्पना पर आधारित है जिसमे “वर्ग” का कोई स्थान नही है; लेकिन इस तरह का गांधीवाद, मार्क्सवाद से भिन्न है। गाँधी का अर्थशास्त्र एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने की बात करता है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे का शोषण नही करता है। अर्थात गांधीवादी अर्थशास्त्र; सामाजिक न्याय और समता के सिद्धांत पर आधारित है। गाँधी जी मानते थे कि “प्रकृति हर व्यक्ति की जरूरत को पूरा कर सकती है लेकिन वह किसी के लालच को कभी भी पूरा नही कर सकती है।”....अगला सवाल पढ़े

Tags : अर्थव्यवस्था प्रश्नोत्तरी

Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams

Latest Questions

गांधीवादी अर्थव्यवस्था का आधार क्या है?

गांधीवादी अर्थशास्त्र एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था की संकल्पना पर आधारित है जिसमें “वर्ग” का कोई स्थान नही है. गाँधी का अर्थशास्त्र एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था स्थापित करने की बात करता है जिसमें एक व्यक्ति किसी दूसरे का शोषण नही करता है. अर्थात गांधीवादी अर्थशास्त्र सामाजिक न्याय और समता के सिद्धांत पर आधारित है.

गांधीवाद से आप क्या समझते हैं गांधीवाद की विशेषताओं का वर्णन कीजिए?

गांधीवाद के प्रमुख सिद्धांत हिंसा जीवन की पवित्रता तथा एकता के विपरीत है। 2. साध्य तथा साधन की पवित्रता गांधीजी का मत है कि साध्य पवित्र है तो उसे पा्रप्त करने का साधन भी पवित्र होना चाहिए इसलिए गांधीजी ने साध्य (स्वतंत्रता) प्राप्त करने के लिये पवित्र साधन (सत्य और अहिंसा) को अपनाया।

महात्मा गांधी के आर्थिक विचार क्या थे?

गांधीजी अपने आर्थिक विचारों में वर्ग संघर्ष के स्थान वर्ग सहयोग की अवधारणा में विश्वास करते थे। उनका कहना था कि पूंजीपति और श्रमिकों के हित परस्पर विरोधी नहीं हो सकते। यदि इनमें पारस्परिक सहयोग एवं सामूहित प्रयत्न किए जाए तो अर्थव्यवस्था को उच्च शिखर पर पहुंचाया जा सकता है।

विकास का गांधीवादी सिद्धांत क्या है?

गांधीवादी उपागम में स्वदेशी, श्रम का सम्मान, साधन और साध्य में संतुलन और अपरिग्रहिता जैसे नियमों का विशेष प्रभाव हैं जो व्यक्तिगत उद्देश्यों की जगह सामुदायिक एवं राष्ट्रीय उद्देश्यों को प्राप्त करने में और ऐसे सामाजिक जीवन का निर्माण करनें पर जोर देता हैं जहाँ समता, एकता, प्रेम, अहिंसा, और नैतिक एवं आध्यात्मिक रूप से ...