ग्राम सभा में कितनी बैठक होती है? - graam sabha mein kitanee baithak hotee hai?

ग्रामसभा की बैठक हर तीन माह में जरूरी

जहानाबाद। ग्राम पंचायत सरकार का सफल संचालन के लिए ग्रामसभा की बैठके हर तीन महीने पर आयोजि

जहानाबाद। ग्राम पंचायत सरकार का सफल संचालन के लिए ग्रामसभा की बैठके हर तीन महीने पर आयोजित करना अनिवार्य है। पंचायती राज अधिनियम 2006 की धारा तीन के तहत हर तीन महीने में ग्रामसभा की बैठक कराना जरूरी है। इसका अर्थ हुआ कि एक ग्रामसभा से दूसरी ग्रामसभा के बीच की बैठक का अंतराल तीन महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए। एक कैलेंडर वर्ष में ग्रामसभा की कम से कम चार बैठकें जरूरी है। आवश्यकता अनुसार इससे अधिक बैठकें भी बुलाई जा सकती है। बैठकों में विकास कार्यो का रूपरेखा के साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं से संबंधित मामलों पर सर्वसम्मति से निर्णय एवं पिछले कार्यो के कार्यान्वयन की समीक्षा किया जाता है।

मुखिया की रहती है जिम्मेदारी

हर साल ग्रामसभा की चार बैठकों के आयोजन की जिम्मेदारी मुखिया की रहती है। मुखिया तीन महीने के अंतराल पर बैठक बुला सकता है। बैठक की सूचना डुगडुगी बजाकर, माइक से या ग्राम पंचायत कार्यालय के सूचना पट पर नोटिस चिपकाकर या अन्य माध्यमों से आम जनता को दिए जाने का प्रावधान है। ग्रामसभा की प्रत्येक बैठक की अध्यक्षता उस ग्राम पंचायत का मुखिया या मुखिया के अनुपस्थित में उप मुखिया करता है।

बीडीओ भी बुला सकता है बैठक

अगर मुखिया ग्रामसभा की बैठक नहीं बुलाए तो पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी यानी बीडीओ भी बैठक बुला सकता है। ग्रामसभा की बैठक मुखिया द्वारा नहीं बुलाए जाने पर कोई भी ग्रामीण या वार्ड सदस्य इसकी जानकारी बीडीओ एवं अन्य वरीय पदाधिकारियों को दे सकता है। ऐसी परिस्थिति में बीडीओ को भी बैठक बुलाने का अधिकार दिया गया है।

ग्रामसभा की बैठक का आवश्यक कोरम

ग्रामसभा की बैठक का कोरम पूरा करने के लिए ग्रामीणों की पांच फीसद उपस्थिति जरूरी है। कोरम पुरा नहीं होने पर ग्रामसभा की बैठक का निर्णय मान्य नहीं होगा। यदि बैठक आरंभ हो जाए एवं कोरम पूरा नहीं होता है तो पीठासीन पदाधिकारी इसके लिए एक घंटे तक इंतजार करेगा। इस अवधि में भी अगर कोरम पूरा नहीं हो तो पीठासीन पदाधिकारी बैठक को अगले दिन या आने वाले किसी दिन के लिए स्थगित कर सकता है।

2.5 फीसद की उपस्थिति अनिवार्य

ग्रामसभा की बैठकों में 2.5 फीसद यानी सदस्य संख्या का 40 वां भाग की उपस्थित आवश्यक होता है। 2000 की जनसंख्या वाले ग्राम पंचायतों में दुबारा बैठक में कम से कम 50 लोगों की उपस्थिति अनिवार्य है। इसके बाद ही कोरम पूरा किया जा सकता है।

ग्राम सभा (Gram Sabha) और ग्राम पंचायत (Gram Panchayat) ऐसा विषय है जिसमे कई बार लोग भ्रम की स्थिति में होते है | ग्राम सभा और पंचायत दोनों अलग अलग है परन्तु एक दूसरे के पूरक है | ग्राम सभा पंचायती राज की एक मूलभूत इकाई के रूप मानीजाती है | वही ग्राम पंचायत को ग्राम स्तर पर कार्यपलिका के रूप में जाना जा सकता है, जिसके निश्चित सदस्य होते है जो प्रत्येक 5 साल में ग्राम प्रधानचुनाव द्वारा चयनित होते है |

ग्राम का मुखिया ग्राम प्रधान, सरपंच अथवा मुखिया के नाम से जाना जाता है | ग्रामीण क्षेत्र के विकास में ग्राम सभा व ग्राम पंचायत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है | ग्राम स्तर पर रोजगार, शिक्षा, विकास और अन्य मुद्दों पर कार्य भारतकी उन्नति के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज भी देश की 60 फीसदी जनता ग्रामीण क्षेत्र में रहती है और देश में रोजगार के रूप में भी ग्राम क्षेत्र आगे है | भारत में ग्रामीण स्तर देश के कुल रोजगार में आज भी यह 40 फीसदी का योगदान देता है | इस लेख के माध्यम से आज आपको ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी जायेगी |

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ग्राम सभा क्या है (Gram Sabha Kya Hai)

  • ग्राम सभा क्या है (Gram Sabha Kya Hai)
    • ग्राम सभा के सदस्य और बैठक
    • ग्राम सभा के कार्य व अधिकार
    • ग्राम पंचायत क्या है (What is Gram Panchayat)
    • ग्राम पंचायत के कार्य और अधिकार
    • निगरानी समिति

ग्राम सभा का मतलब, ग्राम पंचायत का गठन करने हेतु किसी एक गाँव या एक से अधिक गाँव के समूहों के मतदाताओ की सूची में शामिल कुल व्यक्तियों की संस्था है | ग्राम सभा की परिभाषा अनुसार कम से कम 200 या उससे ज्यादा लोगो की जनसंख्या होनी चाहिए |

ग्राम सभा के सदस्य और बैठक

ग्राम सभा की बैठक 3 महीने में 1 बार बुलाई जाती है और जिसके लिए 15 दिन पहले ही इसकी सूचना सबको दे दी जाती है | बैठक में कम से कम 5% ग्राम सभा का होना अनिवार्य है अन्यथा बैठक को स्थगित कर दिया जाता है और फिर से बैठक बुलाई जाती है |     

प्रत्येक ग्राम सभा का अध्यक्ष व अन्य सदस्य का समूह होता है जिसे ग्राम प्रधान, सरपंच अथवा मुखिया नाम से बुलाया जाता है | नियमानुसार 1000 की आबादी पर 1 ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य), 2000 की आबादी पर 11 सदस्य तथा 3000 की आबादी पर 15 सदस्य उस ग्राम पंचायत के सदस्य होंगे |

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ग्राम सभा के कार्य व अधिकार

  • ग्राम सभा ग्राम पंचायत द्वारा पारित बजट पर नियन्त्रण रखती है |
  • ग्राम सभा की बैठक में चर्च करके पारदर्शिता एवं जवाबदेही तय करती है |
  • गाँव में सभी वर्गो में विषमता समाप्त तथा समता का भाव स्थापित करना |
  • किसी भी लोकहित योजना, आय तथा व्यय के बारे में ग्राम पंचायत से सवाल करती है |
  • ग्राम पंचायत के समक्ष किसी अन्य मुद्दे को संज्ञान में लाती है |
  • योजना के लिए उचित लाभार्थी की पहचान करना |
  • निगरानी समिति की रिपोर्ट में कारवाही और अनुसंशा करना |

ग्राम पंचायत क्या है (What is Gram Panchayat)

ग्रामीण क्षेत्र में विकास के कार्य और मूलभूत योजनाये हेतु ग्राम सभा द्वारा एक कार्येकारी संस्था जिसे ग्राम पंचायत कहते है, का गठन या निर्माण किया जाता है | जिसका उम्मीदवार ग्राम सभा के सदस्य सूची से होता है और उचित चुनाव के माध्यम से ग्राम पंचायत के अध्यक्ष का चुनावकिया जाता है | ग्राम पंचायत को ग्राम स्तर पर कार्यपालिका की संज्ञा दी जाती है|

ग्राम पंचायत के 1/3 मतो के साथ किसी भी समय ग्राम सभा की बैठक बुलाने की मांग कर सकते है और ग्राम पंचायत अध्यक्ष को 15 दिनों के भीतर बैठक बुलानी होगी | ग्राम पंचायत में प्रधान के बाद उपप्रधान का चुनाव सिर्फ ग्राम पंचायत के सदस्य द्वारा किया जाता है और चुनाव सम्पन्न के होने पर नियत अधिकार भी उपप्रधान की नामित कर सकता है |

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ग्राम पंचायत के कार्य और अधिकार

  • गाँव में विकास कार्यो में सहायता करना |
  • किसी योजना को लागू करने हेतु गाँव के योग्य लाभान्वित होने वालों की पहचान करना (यदि ग्राम सभा नहीं कर पाती है तो) |
  • गाँव के भीतर रोजगार, शिक्षा व स्वास्थ्य सम्बन्धी विषयों पर कार्य करना |
  • गाँव में उर्जा, सड़क व ग्राम विकास से जुड़े सभी मुद्दों पर कार्य करना या उचित स्तर पर सरकार के समक्ष रखना |
  • पशुधन विकास सम्बंधी कार्य |
  • गाँव के योग्य बालक व बालिकाओ में छात्रवृतिका स्वीकरण और आवंटन करना |
  • गाँव के गरीब परिवार व बुजर्गो के लिए पेंशन और अन्य सुविधा का लाभ देना |
  • राशन या सार्वजानिक वितरण प्रणालीद्वारा सस्ते मूल्य पर खाद्य का लाभ देना |
  • प्रावधानानुसार ग्राम सभा की नियमित बैठक बुलाना |

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निगरानी समिति

ग्राम पंचायत की निगरानी का कार्य ग्राम सभा की समितियों द्वारा किया जाता है | इसके लिए ग्राम सभा के ऐसे सदस्य जो ग्राम पंचायत के सदस्य नहीं है, समिति द्वारा ग्राम पंचायत के कार्य पर नज़र रखते है और किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकते है | यही समिति ग्राम सभा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करती है जिस पर खुलकर चर्चा की जाती है |

उम्मीद है कि हमारे प्रिय पाठको को आज ग्राम सभा और ग्राम पंचायत के विषय में सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त हुआ होगा और उन्हें ग्राम सभा व पंचायत के कार्य व अधिकार के विषय में भी अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त हुआ होगा | कृप्या लेख अच्छा लगने पर hindiraj.com को आगे शेयर करे |

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उत्तर प्रदेश में ग्राम सभा की बैठक वर्ष में कितनी बार होती है?

उत्तर: ग्राम सभा की अनिवार्य बैठकों की संख्या राज्य पेसा नियम, राज्य पंचायती राज अधिनियम और राज्य पंचायती राज नियम के अनुसार होगी। कई राज्यों में एक वर्ष में ग्राम सभा की न्यूनतम चार अनिवार्य बैठकों का आयोजन करना अनिवार्य है।

भारत में ग्राम पंचायत की संख्या कितनी है?

संपूर्ण भारत में ग्राम पंचायतों की संख्या 255780 है. यह डाटा भारत सरकार के वेबसाइट से लिया गया है. तीनों प्रकार के पंचायतों को मिलाकर कुल योग 263,274 है.

राजस्थान में ग्राम सभा की बैठक कब कब होती है?

बैठक की अवधि एक कैलेण्डर वर्ष (1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक) में न्यूनतम चार ग्राम सभा आयोजित किया जाना अनिवार्य है। आवश्यकतानुसार ग्राम सभा चार से अधिक आयोजित किया जा सकता है।