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आज हम गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त के बारे में जानेंगे। गर्भधारण मुहूर्त को गर्भाधान मुहूर्त की कहा जाता है। गर्भधारण किस मुहूर्त में करें। जिससे सर्वश्रेष्ठ बालक उत्पन्न हो। अगर आप एक श्रेष्ठ बालक की चाह रखते हैं। तो आपको चाहिए कि गर्भधारण के शुभ मुहूर्त में करें। शुभ मुहूर्त में गर्भ धारण करने से एक सर्वश्रेष्ठ बालक उत्पन्न होने की संभावना ज्यादा बन जाता है। यहां पर गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त दिया गया है। इस मुहूर्त में गर्भ धारण किया जाए, तो उत्पन्न होने वाला बालक सर्वश्रेष्ठ हो सकता है। इसलिए आप इस मुहूर्त का चुनाव कर सकते हैं।
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त मार्च 2022
गर्भाधान संस्कार मुहूर्त अप्रैल 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त मई 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त जुलाई 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त अगस्त 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त सितंबर 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त अक्टूबर 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त नवंबर 2022
गर्भधारण संस्कार मुहूर्त दिसंबर 2022
गर्भाधान मुहूर्त 2022गर्भाधान संस्कार हमारे सनातन धर्म का प्रथम संस्कार माना जाता है। क्योंकि देखा जाए तो गर्भाधान संस्कार से ही सभी संस्कार की उत्पत्ति होती है। क्योंकि जब तक किसी बच्चे का जन्म नहीं होता है। तब तक उस बच्चे के साथ कोई भी संस्कार नहीं किया जा सकता है। इसलिए सर्वप्रथम संस्कार गर्भाधान संस्कार होता है। गर्भाधान संस्कार सर्वश्रेष्ठ होने की वजह से, इसको विशेष तौर पर शुभ मुहूर्त में किया जाना उचित होगा। क्योंकि कोई भी कार्य का अगर आरंभ किया जाता है। तो उस समय शुभ मुहूर्त भी देखा जाता है। जिससे आगे चलकर वह कार्य शुभ फलदाई साबित हो। उसी प्रकार गर्भाधान भी एक ऐसा संस्कार है, जिसको शुभ मुहूर्त में ही या जाना चाहिए। पुत्र उत्पत्ति के लिए शुभ मुहूर्त कब है?वैसे तो हमारे ज्योति में गर्भाधान संस्कार के मुहूर्त के लिए एक जटिल प्रक्रिया है।
जिसको हम अगर आपको बताने लगे, कि आप कैसे गर्भाधान संस्कार के लिए बहुत निकालेंगे? तो आप इस प्रक्रिया में उलझ कर रह जाएंगे। इसलिए यहां पर हम आपको गर्भाधान संस्कार के शुभ मुहूर्त के बारे में बता देते हैं। जिससे आपका समय बच सके। गर्भ धारण करने का शुभ मुहूर्त कैसे देखें?यहां पर आपको बताया जा रहा है। कि कैसे आप स्वयं गर्भाधान संस्कार का मुहूर्त देखेंगे? और मुहूर्त देखकर अपने लिए एक शुभ मुहूर्त का चुनाव कैसे करेंगे? गर्भधारण संस्कार मुहूर्त के लिए नक्षत्र, वार और लग्न आदि को देखकर एक शुभ मुहूर्त का चयन किया जा सकता है। तो आज हम नक्षत्र, वार और लग्न आदि के बारे में जान लेते हैं। कि कौन-कौन से नक्षत्र, वार और लग्न शुभ होते हैं। नक्षत्र – गर्भधारण संस्कार के लिए तीनों उत्तरा, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा, रोहणी, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा आदि नक्षत्र शुभ होते हैं। वार – गर्भधारण संस्कार के लिए रविवार, मंगलवार और शनिवार को वर्जित माना गया है। तिथि – गर्भधारण संस्कार के लिए चतुर्थी, अष्टमी, नवमी और चतुर्दशी तिथि को वर्जित माना गया है। लग्न – गर्भधारण संस्कार के लिए मेष, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर लग्न शुभ होते हैं। नोट – गर्भधारण संस्कार कोई भी अशुभ योग और भद्रा में नहीं किया जाना चाहिए। किस महीने में गर्भ धारण करना चाहिए?गर्भाधारण संस्कारों को किसी भी शुभ समय में, किसी भी माह में किया जा सकता है। जिसके लिए केवल उस दिन का शुभ होना आवश्यक है। पुत्र प्राप्ति के लिए कौन से महीने में गर्भ धारण करना चाहिए?ऐसे कोई भी माह नहीं है। जिसमें केवल पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भधारण किया जाए। केवल इसके लिए शुभ मुहूर्त ही देखा जाता है। जिस में गर्भ धारण करने से होने वाली संतान उत्तम होती है। शनिवार को गर्भ धारण करने से क्या होता है?ज्योतिष शास्त्रों में शनिवार को निषेध माना गया है। शनिवार के दिन गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि शनिवार को शनि ग्रह का दिन माना जाता है। जो कि क्रुर और पापी होता है। इस दिन गर्भ धारण करने से होने वाला बालक कुल का नाश करता है। प्रेग्नेंट होने के लिए कौन सा दिन अच्छा है?गर्भधारण के लिए रजोदर्शन की 4 रात्रि छोड़कर सम रात्रि में अर्थात 6, 8, 10, 12, 14, 16 पुत्र प्राप्ति के लिए गर्भ धारण करना शुभ माना जाता है। कौन सी तिथि को गर्भधारण नहीं करना चाहिए?ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गर्भधारण के लिए 4, 6, 8, 9, 14, 15, 30 तिथि या अशुभ मानी गई है। इन तिथियों में गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। गर्भधारण करने के लिए कौन सा महीना अच्छा होता है?दिसंबर या जनवरी का महीना गर्भधारण के लिए आदर्श समय इसलिए है, क्योंकि आपकी गर्भावस्था की तीसरी तिमाही गर्मियों के महीनों में होगी।
पूर्णिमा के दिन गर्भधारण करने से क्या होता है?अगर कोई गर्भवती स्त्री पूर्णिमा के दिन जब तक बच्चे का जन्म नहीं हो जाता तब तक प्रत्येक पूर्णिमा के पूर्ण चन्द्रमा का प्रकाश सीधे 15 से 25 मिनट तक (रात में) अपने गर्भ एवं अपनी नाभि पर पड़ने दे तो गर्भस्थ शिशु आजीवन स्वस्थ रहता है ।
पुत्र की प्राप्ति के लिए गर्भाधान कब करना चाहिए?गर्भाधान के संबंध में आयुर्वेद में लिखा है कि गर्भाधान ऋतुकाल (मासिक धर्म) की आठवीं, दसवीं और बारहवीं रात्रि को ही किया जाना चाहिए। जिस दिन मासिक ऋतु स्राव शुरू हो, उस दिन तथा रात को प्रथम दिन या रात मानकर गिनती करना चाहिए।
कौन से नक्षत्र में गर्भ धारण करना चाहिए?नक्षत्र – गर्भधारण संस्कार के लिए तीनों उत्तरा, मृगशिरा, हस्त, अनुराधा, रोहणी, स्वाति, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा आदि नक्षत्र शुभ होते हैं।
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