गुरु ग्रह: बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन व्रत रखना बहुत ही फलदायी होता है। - फोटो : अमर उजाला Show विस्तारज्योतिष में बृहस्पति ग्रह वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी 9 ग्रहों में देवगुरु बृहस्पति सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने गए हैं। बृहस्पति ग्रह को ज्योतिष में सुख, वैभव, धन, वैवाहिक जीवन, संतान और विवाह के कारक ग्रह माने गए हैं। जिन जातको की कुंडली में गुरु ग्रह उच्च भाव में विराजमान होते हैं वे सदैव अच्छा और शुभ फल देते हैं। वहीं दूसरी तरह अगर कुंडली में गुरु ग्रह की दशा कमजोर है तो जातक के जीवन में विद्या, मान-सम्मान और धन की सदैव कमी रहती है। कुंडली में गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति को कैंसर या लीवर सें सबंधित बीमारियां रहती हैं।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करने से भगवान विष्णु जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं वहीं बृहस्पति देव की कृपा से आराधक के सारे कार्य सम्पन्न हो जाते हैं। कुंडली में गुरु ग्रह हमेशा मजबूत रहे और अच्छा फल देते रहें तो इसके लिए ज्योतिष में कुछ उपाय बताए गए हैं। गुरु ग्रह से संबंधित उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ जाती है। गुरु ग्रह को प्रबल करने के उपाय 1. सुखी वैवाहिक जीवन के लिए
2. धन लाभ के लिए उपाय 3. गुरुवार के दिन न करें ये काम 4. कलह दूर करने के उपाय 5. अच्छी सेहत के उपाय 6. शिक्षा में सफलता के लिए Janam Kundli: ज्योतिष में गुरु को एक शुभ ग्रह माना गया है. ये आमतौर पर ये अशुभ फल कम ही प्रदान करते हैं. लेकिन जब अशुभ फल प्रदान करते हैं तो व्यक्ति को बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. गुरु को ज्ञान का कारक ग्रह माना गया है. गुरु देवतओं के भी आचार्य हैं इसीलिए इन्हें देव गुरु भी कहा जाता है. जन्मकुंडली में गुरु किस अवस्था में हैं इसका पता लगाया जा सकता है. जब ये लक्षण दिखाई देने लगें तो समझ लेना चाहिए कि गुरु नाराज हैं. अशुभ गुरु के लक्षण पेट संबंधी रोग: गुरु अशुभ होने से व्यक्ति को पेट के रोग प्रदान करते हैं. व्यक्ति को जब कोई पेट संबंधी दिक्कत हो तो समझ लेना चाहिए कि गुरु ठीक नहीं हैं. इसलिए गुरु का तुरंत उपाय करना चाहिए. देरी करने पर ये पेट के गंभीर रोग भी दे सकते हैं. ताज़ा वीडियो मान सम्मान में कमी: गुरु को पद प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जाता है. गुरु जब शुभ होते हैं तो व्यक्ति को पुरस्कार, मान सम्मान दिलाते हैं. लेकिन जब इसमें कमी महसूस होने लगे तो समझ लेना चाहिए गुरु अशुभ फल दे रहे हैं. उच्च पद प्राप्त करने में बाधा: जब उच्च पद प्राप्त करने में बाधा आने लगे तो समझ जाना चाहिए कि गुरु शुभ नहीं है. इस तरह की दिक्कत आने पर गुरु का उपाय करना चाहिए. गुरु के उपाय
गुरु को प्रसन्न करने के मंत्र ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:। ॐ गुं गुरवे नम:। ॐ बृं बृहस्पतये नम:। ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:। 29 मार्च को गुरु अपनी नीच राशि मकर में कर रहे हैं प्रवेश, जानें सभी राशियों का राशिफल गुरु ग्रह से कौन कौन सी बीमारी होती है?गुरु की बीमारी-
उसी प्रकार व्यक्ति के शरीर की हवा भी बुरा प्रभाव देने लगती है. - 'इससे श्वास रोग, वायु विकार, फेफड़ों में दर्द आदि होने लगता है. - कुंडली में गुरु-शनि, गुरु-राहु और गुरु-बुध जब मिलते हैं तो अस्थमा, दमा, श्वास आदि के रोग, गर्दन, नाक या सिर में दर्द भी होने लगता है.
गुरु ग्रह खराब हो तो क्या करना चाहिए?उपाय : यदि आपका गुरु अशुभ या कमजोर है तो आप नित्य पीपल में जल चढ़ाएं, सदा सत्य बोलें और अपने आचरण को शुद्ध रखें तो गुरु शुभ फल देने लगेगा। इसके अलावा गुरु को शुभ करने के लिए सदा पिता, दादा और गुरु का आदर कर उनके पैर छुएं। गुरु बनाएं। इसके अलावा अन्य अचूक उपाय यह कि गुरुवार के दिन पीली वस्तु का सेवन करें।
गुरु ग्रह कमजोर होने पर क्या होता है?पीड़ित गुरु के कारण व्यक्ति की वृद्धि थम जाती है और उसके मूल्यों का ह्लास होता है। पीड़ित गुरु व्यक्ति को शारीरिक कष्ट भी देता है। साथ ही ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह अगर अशुभ हो तो व्यक्ति को पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, कमज़ोर पाचन तंत्र, कैंसर जैसी बीमारी होने का ख़तरा रहता है।
बृहस्पति खराब होने से क्या होता है?Guru Grah Ke Upay: कुंडली में गुरु की खराब स्थिति होने से व्यक्ति शिक्षा पूरी नहीं कर पाता है। सांस या फेफड़े की बीमारी, गले में दर्द, आंखों में तकलीफ, मकान और मशीनों की खराबी आदि भी इसके खराब स्थिति के कारण ही होता है।
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