गुलाम वंश (उर्दू: سلسله غلامان) मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। इस वंश का पहला शासक कुतुबुद्दीन ऐबक था जिसे मोहम्मद ग़ौरी ने पृथ्वीराज चौहान को हराने के बाद नियुक्त किया था। इस वंश ने दिल्ली की सत्ता पर 1206-1290(84वर्ष)ईस्वी तक राज किया । Show Gulam vans[संपादित करें]
इसने दिल्ली की सत्ता पर करीब ८४ वर्षों तक राज किया तथा भारत में इस्लामी शासन की नींव डाली। इससे पूर्व किसी भी मुस्लिम शासक ने भारत में लंबे समय तक प्रभुत्व कायम नहीं किया था। इसी समय चंगेज खाँ के नेतृत्व में भारत के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र पर मंगोलों का आक्रमण भी हुआ।
गुलाम वंश की स्थापना कब और किसने की?कुतुबुद्दीन ऐबक :- (1206-1210
इसी के साथ भारत में पहली बार गुलाम वंश की स्थापना हुई। कुतुबुद्दीन ऐबक का राज्य अभिषेक 12jun 1206 को हुआ। इसने अपनी राजधानी लाहौर को बनाया।
गुलाम वंश के संस्थापक कौन हैं?कुतुबुद्दीन ऐबक को गुलाम वंश का संस्थापक माना जाता है। कुतुबुद्दीन ऐबक ने भले ही अपने शासन काल की शुरूआत एक गुलाम के रूप में की परन्तु 1208 ई० में उसे दासता से मुक्ति मिल गई थी।
गुलाम वंश का दूसरा नाम क्या है?गुलाम वंश की स्थापना कुतबुद्दीन ऐबक ने की थी। इसे मामलूक वंश अथवा दास वंश के नाम से भी जाना जाता है।
गुलाम वंश कब से कब तक रहा?यह गुलाम वंश का 9वां सुल्तान था।
इसने 1266 से 1287 ई0 तक शासन किया। बलबन, इल्तुतमिश का गुलाम था। इसने अपनी पुत्री का विवाह नसीरूद्दीन से कर दिया था, जिसके कारण वह दिल्ली सल्तनत पर 1266 ई0 से शासन करने लगा।
|