पीएम नरेंद्र मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली पहुंचे. पीएम 16 नवंबर तक बाली में रहेंगे. अपने प्रवास के दौरान पीएम मोदी दुनिया के दिग्गज 20 देशों के समूह जी-20 के प्रमुखों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा 10 देशों के प्रमुखों से द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे. Udaipur News | G20 सम्मेलन का आगाज़, उदयपुर में पहली बार G-20 शिखर सम्मेलन की शेरपा बैठकUdaipur G-20 Summit: भारत के पास अध्यक्षता आने के बाद पहली बार आयोजित हो रहे G-20 शेरपा बैठक सम्मेलन का आगाज उदयपुर में हो गया है. देखें पूरी खबर- Show नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। इंडोनेशिया में जी20 शिखर सम्मेलन का आज समापन हो गया है। अगले साल जी20 सम्मेलन की मेजबानी भारत करेगा। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारत को इसकी अध्यक्षता सौंपी। पीएम मोदी ने आश्वस्त करते हुए कहा कि भारत में तिथियों को देश की अद्भुदता, विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। भारत कौ सौंपी गई अध्यक्षताइंडोनेशिया ने जी20 की अध्यक्षता भारत को सौंप दी है। हैंडओवर समारोह बाली में रखा गया था। India-Bangladesh Border Haats : भारत-बांग्लादेश सीमा हाट जल्द ही फिर से खुलेंगे- ढाका के वाणिज्य मंत्री यह भी पढ़ेंPM Modi की द्विपक्षीय वार्तापीएम मोदी ने यहां आए कई वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी की। मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्विपक्षीय वार्ता की। नेपाल की नई सरकार का भारत और चीन को लेकर कैसा रहेगा दृष्टिकोण, ओली के आगे क्या झुकेंगे 'प्रचंड' यह भी पढ़ेंपीएम मोदी ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की। मोदी ने कहा कि इस साल ये हमारी तीसरी मुलाकात है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य जी20 नेताओं ने सम्मेलन के दूसरे दिन बाली में मैंग्रोव वन का दौरा किया। मैंग्रोव वन में प्लांटिंग से पहले पीएम मोदी, मैक्रों समेत कई नेता हल्के मूड में दिखे। गर्मजोशी से मिले पीएम मोदी और बाइडन कई वैश्विक नेताओं ने तमन हुतन राया मैंग्रोव वन का दौरा किया। इस दौरान पीएम मोदी और बाइडन के बीच शानदार केमिस्ट्री देखने को मिली। दोनों नेता एक-दूसरे को सैल्यूट करते नजर आए। बता दें कि अगला जी20 सम्मेलन भारत में होने जा रहा है। मोदी ने कहा कि विश्व जी20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। पीएम मोदी 15-16 नवंबर को जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14 नवंबर को बाली के लिए रवाना हुए। बता दें, यह सम्मेलन इंडोनेशियाई शहर में हो रहा है। इस सम्मेलन में खाद्य, ऊर्जा सुरक्षा एवं कोविड-19 के बाद के स्वास्थ्य जैसे मुद्दे सत्र के एजेंडे में सबसे ऊपर होंगे। यह सम्मेलन विशेष रूप से इसलिए भी विशेष है क्योंकि इसमें भारत को आगामी सम्मेलन की अध्यक्षता सौंपी जाएगी। आइए अब 10 पॉइंट्स में समझते हैं कि आखिर क्या है G20 शिखर सम्मेलन और इसका महत्व क्या है…? G20 शिखर सम्मेलन से जुड़े 10 प्रमुख पॉइंट1. बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंपेंगे जिसे भारत आधिकारिक रूप से ग्रहण करेगा। ऐसे में यह हमारे देश और नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित होगा। 2. 1 दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता को लेकर पीएम मोदी ने सोमवार को कहा कि अगले साल हमारे जी20 शिखर सम्मेलन में जी20 के सदस्य और अन्य आमंत्रित लोगों को मैं अपना व्यक्तिगत निमंत्रण भी दूंगा।” 3. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे विश्व नेता नवंबर 15-16 को शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। 4. इस शिखर सम्मेलन के दौरान, विश्व के नेता समसामयिक प्रासंगिक मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिनमें अर्थव्यवस्था की स्थिति, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य सहित अन्य मुद्दों से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। ” विदेश मंत्रालय (MEA) के सचिव विनय क्वात्रा, ने रविवार को एक ब्रीफिंग के दौरान इस बारे में बताया। उन्होंने यह भी बताया कि सम्मेलन के दौरान खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन एवं स्वास्थ्य पर होने वाले तीन महत्वपूर्ण सत्रों में पीएम मोदी भाग लेंगे। 5. 24 नवंबर को यूक्रेन युद्ध अपने 9 महीने पूरे करने वाला है। ऐसे में शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर भी चर्चा की संभावना है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष इस सम्मेलन के दौरान प्रमुख चर्चा का बिंदु भी बन सकता है। 6. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच ताइवान सहित विभिन्न मुद्दों पर बहुप्रतीक्षित वार्ता करने की भी उम्मीद है। 7. पिछले हफ्ते, पीएम मोदी ने भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण करते हुए कहा था “भारत के पास G20 की अध्यक्षता दुनिया में संकट और अराजकता के समय आ रही है। दुनिया सदी में एक बार आने वाली विघटनकारी महामारी, संघर्षों और बहुत सारी आर्थिक अनिश्चितता के दुष्प्रभावों से गुजर रही है। इसी बीच भारत हमारी राष्ट्रीय विरासत के प्रतीक कमल को भारत में होने वाले जी-20 के लोगो के रूप में भेजने का अहम कार्य कर रहा है, जिसका संदेश है- “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य”। 8. पीएम मोदी मंगलवार को भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। इस संबंध में उन्होंने अपने प्रस्थान से पूर्व दिए गए बयान में कहा “मैं बाली शिखर सम्मेलन में आयोजित स्वागत समारोह में भारतीय को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं।” 9. G20 सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, कोरिया गणराज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, संयुक्त किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। 10. शिखर सम्मेलन ऐसे समय में होने वाला है जब मिस्र में महत्वपूर्ण COP27 शिखर सम्मेलन हो रहा है। विश्व के नेताओं को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जी 20 शिखर सम्मेलन क्या है?G20 शिखर सम्मेलन क्या है
G20 शिखर सम्मेलन के दौरान दुनिया के कई देशों के शीर्ष नेता हर साल सयुंक्त मंच पर मुलाकात करते हैं। शिखर सम्मेलन में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर चर्चा की जाती है। क्योंकि G20 में शामिल सदस्य देशों की कुल जीडीपी में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 85 फीसदी का योगदान है।
वर्ष 2022 में जी 20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कौन सा देश करेगा?जिसका प्रतिनिधित्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया है। १७ वें जी -२० शिखर सम्मेलन का आयोजन १५ और १६ जुलाई २०२२ को बाली { इंडोनेशिया } में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
G20 2022 की अध्यक्षता कौन करेगा?Updated: Thu, Nov 17, 2022 12:02 am
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (Indonesia President Joko Widodo) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi G20) को बाली में G20 की अध्यक्षता सौंपी.
G20 क्या है in Hindi?जी20 को ग्रुप ऑफ ट्वेंटी भी कहा जाता है. यह यूरोपियन यूनियन एवं 19 देशों का एक अनौपचारिक समूह है. जी20 शिखर सम्मेलन में इसके नेता हर साल जुटते हैं और वैश्विक अर्थव्यवस्था को कैसे आगे बढ़ाया जाए इस पर चर्चा करते हैं. इसका गठन साल 1999 में हुआ था.
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