बी नेगेटिव का मतलब क्या होता है? - bee negetiv ka matalab kya hota hai?

अलग-अलग ब्लड ग्रप होने से पहली गर्भावस्थ में आपके या आपके शिशु को कोई नुकसान पहुंचने की संभावना नहीं होती। मगर, यदि आप रीसस नेगेटिव हैं और पहली गर्भावस्था में आपके गर्भ में रीसस-पॉजिटिव शिशु है, तो आपका रीसस फैक्टर आपकी भविष्य की गर्भावस्थाओं पर असर डाल सकता है।

ब्लड ग्रुप मुख्यत: चार तरह के होते हैं: ए, बी, एबी और ओ। हर किसी का ब्लड ग्रुप इन चार समूहों में से ही होता है। यदि आपका और आपके पति का ब्लड ग्रुप अलग है, तो इससे फर्क नहीं पड़ता। फर्क आपके रीसस फैक्टर से पड़ता है - आप रीसस-पॉजिटिव (आरएचडी-पॉजिटिव) हैं या रीसस-नेगेटिव (आरएचडी-नेगेटिव)।

जो लोग आरएचडी-पॉजिटिव है, उनकी लाल रक्त कोशिकाओं में एक प्रोटीन होता है, जिसे डी एंटीजेन कहा जाता है। यदि आप आरएचडी-नेगेटिव हैं, तो यह प्रोटीन नहीं होता।

यदि आप आरएचडी-नेगेटिव हैं, तो इस बात की काफी संभावना होती है कि आपका खून आपके आरएचडी-पॉजिटिव शिशु के खून के प्रति प्रतिक्रिया कर सकता है। यदि गर्भावस्था या जन्म के दौरान आपके शिशु को थोड़ा बहुत खून आपके खून में मिल जाए, तो आपकी अगली गर्भावस्थाओं में शिशुओं को खतरा हो सकता है। आपकी रोग प्रतिरोधक प्रणाली (इम्यून सिस्टम) इस आरएच-पॉजिटिव खून के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाना शुरु कर देगी। यदि ऐसा हो, तो आप आरएच-संवेदनशील हो जाएंगी।

मान लीजिए कि भविष्य में आपके गर्भ में एक और आरएचडी-पॉजिटिव शिशु हो। ऐसे मामले में आपके शरीर में बनी एंटीबॉडीज आपके शिशु की लाल रक्त कोशिकाओं पर हमला कर सकती हैं। इससे शिशु को एनीमिया, पीलिया और दुर्भाग्यवश मस्तिष्क को भी नुकसान हो सकता है।

इसके खिलाफ सुरक्षा के लिए रीसस-नेगेटिव (आरएचडी-नेगेटिव) वाली सभी गर्भवती महिलाओं को 28 सप्ताह की गर्भावस्था से एंटी-डी इम्युनोग्लोबुलिन इंजेक्शन दिए जाते हैं। यह इंजेक्शन शिशु को रीसस असंगति से होने वाले नुकसान से सुरक्षा देगा।

रीसस फैक्टर आनुवांशिक होता है और यह माता-पिता से मिलता है। एशियाई मूल के करीब 90 प्रतिशत व्यक्ति आरएचडी-पॉजिटिव होते हैं।

अधिकांश लोगों के आरएचडी-पॉजिटिव होने का कारण यह है कि हम रीसस वंशाणु (जीन) की दो प्रतियां या कॉपी विरासत में प्राप्त करते हैं, एक माता से और एक पिता से। ये वंशाणु या तो पॉजिटिव होते हैं या नेगेटिव। पॉजिटिव वंशाणु प्रबल होता है और हमेशा वही सफल होता है।
  • अगर आपका शिशु दो पॉजिटिव वंशाणु प्राप्त करता है, तो वह भी आरएचडी-पॉजिटिव ही होगा।
  • अगर आपका शिशु एक पॉजिटिव और एक नेगेटिव वंशाणु प्राप्त करता है, तो भी वह आरएचडी-पॉजिटिव होता है।
  • अगर आपका शिशु दो नेगेटिव वंशाणु प्राप्त करता है, तो वह आरएचडी-नेगेटिव होगा।
शिशु के आरएचडी-पॉजिटिव होने की संभावना निम्नांकित है:
  • यदि दोनों माता और पिता आरएचडी-पॉजिटिव हैं (++ और ++ या ++ और +-), तो उनका शिशु भी आरएचडी-पॉजिटिव होगा। क्योंकि चाहे माता या पिता में से किसी एक का वंशाणु नेगेटिव है, तो भी यह दूसरे के पॉजिटिव वंशाणु से हार जाता है।
  • यदि माता और पिता दोनों ही आरएचडी-पॉजिटिव है, मगर दोनों में एक पॉजिटिव और एक नेगेटिव वंशाणु है (+- और +-), तो ऐसे में चार में से तीन संभावना होती है कि शिशु भी आरएचडी-पॉजिटिव होगा। हालांकि, यदि माता और पिता दोनों ही शिशु को नेगेटिव वंशाणु पारित करें, तो ऐसे कुछ माता-पिता की संतान भी आरएचडी-नेगेटिव होगी।
  • यदि माता या पिता में से किसी एक का वंशाणु आरएचडी-नेगेटिव है और दूसरा आरएचडी-पॉजिटिव है, मगर उनमें नेगेटिव वंशाणु भी है (-- और +-), तो ऐसे में 50/50 संभावना होती है कि शिशु आरएचडी-पॉजिटिव भी हो सकता है और आरएचडी-नेगेटिव भी।
  • यदि दोनों माता-पिता आरएचडी-नेगेटिव हैं  (-- और --), तो आपके किसी भी शिशु के आरएचडी-पॉजिटिव होने की कोई संभावना नहीं होती है। क्योंकि माता-पिता दोनों में से कोई भी पॉजिटिव वंशाणु पारित नहीं करेगा।
ब्लड ग्रुप का पता लगाने के लिए गर्भावस्था की शुरुआत में ही खून की जांचें करवाई जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रीसस फैक्टर से उत्पन्न होने वाली जटिलताओं को रोका जा सकता है। यदि जरुरी हुआ तो डॉक्टर आपको एंटी-डी इंजेक्शन दे देंगी।

यदि इस बारे में आपके कोई भी सवाल या चिंताएं हों, तो डॉक्टर से बात करने से न हिचकिचाएं।

अंग्रेजी के इस लेख से अनुवादित: Is there a "wrong combination" of blood groups and can it harm my baby?

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मनुष्य में शरीर में 4 तरह के ब्लड ग्रुप पाए जाते हैं. जिसमें A, B, AB और O ब्लड ग्रुप होते हैं. इनमें से ही निगेटिव (Negative) और पॉजिटिव (Positive) ब्लड ग्रुप बांटे होते है. आपको जानकर हैरानी होगी कि अलग-अलग ब्लड ग्रुप के हिसाब से लोगों का स्वभाव भी अलग- अलग होता है. आज हम आपको सभी ब्लड ग्रुप वाले लोगों के स्वभाव से जुड़ी खास बातें आपको बता रहे हैं.

O ब्लड ग्रुप से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

O+ ब्लड ग्रुप (O Positive blood group)

ऐसे लोग दूसरों की मदद करने में विश्वास रखते है. इनका मन हमेशा साफ और ये स्वभाव में काफी मिलनसार होते है. इस ब्लड ग्रुप के लोग हंसमुख होने के साथ काफी बातें करने वाले और मस्त मौला इंसान होते हैं.

O- ब्लड ग्रुप (O Negative blood group )

इस ब्लड ग्रुप के व्यक्ति भी मददगार होने साथ शांत स्वभाव के होते हैं. ये लोग मिलनसार और खुली सोच-विचारों वाले होते हैं. इनका स्वभाव हंसमुख होता है.

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A ब्लड ग्रुप से जुड़ी रोचक बातें

A+ ब्लड ग्रुप (A Positive Blood Group)

इस ब्लड ग्रुप के लोगों की नेतृत्व क्षमता (Leadership Ability) अच्छी होती है. इनमें लीडर क्वालिटी होती हैं. ये लोग काफी बुद्धिमान प्रवृति के होते हैं और सभी का विश्वास हासिल करने में सर्वश्रेष्ठ होते हैं.

A- ब्लड ग्रुप (A Negative Blood Group)

इस ग्रुप के लोग काफी मेहनती होते हैं. ये किसी भी तरह की परेशानियों से दूर नहीं भागते हैं. ये लोग पूरी प्लानिंग के साथ किसी काम को करते हैं और सफल होते हैं. ये लोग काफी एक्ट्रैक्टिव और स्टॉग प्रवृति के होते हैं.

B ब्लड ग्रुप से जुड़ी खास बातें

B+ ब्लड ग्रुप (B Positive Blood Group)

इस ब्लड ग्रुप के लोग इमोशनल होते हैं और दूसरों की हमेशा मदद करते हैं. ये लोग काफी सुंदर और स्मार्ट होते हैं. रिश्तों की अहमियत को समझते हैं.

B- ब्लड ग्रुप (B Negative Blood Group)

B निगेटिव ब्लड ग्रुप के लोग काफी खुबसूरत और स्मार्ट होते हैं. ये काफी मेहनती स्वभाव के होते हैं, जो मेहनत से हर चीज आसानी से हासिल कर लेते हैं.

AB+ ब्लड ग्रुप से जुड़ी खास बातें

AB+ ब्लड ग्रुप (AB Positive Blood Group)

इस ब्लड ग्रुप के लोग काफी बुद्धिमान होते हैं. ये स्वभाव से जेंटलमेन और केयरिंग टाइप के होते हैं. हालांकि ये लोग खुद को काफी रिजर्व रखना पसंद करते हैं.

AB- ब्लड ग्रुप (AB Negative Blood Group)

AB- ब्लड ग्रुप निगेटिव इस ग्रुप के लोगों का दिमाग काफी तेज चलता है. ये काफी बुद्धिमान होते हैं.ऐसे लोग बहुत जल्दी सभी बातें को समझ लेते हैं.

Disclaimer: इस लेख में बताई गई बातों का प्रभात खबर पुष्टि नहीं करता है. ये केवल सुझाव के रूप में लिया जा सकता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

बी नेगेटिव ब्लड ग्रुप क्या होता है?

B negative blood type facts: बी नेगेटिव रक्त सबसे दुर्लभ रक्त प्रकारों में से एक है क्योंकि रक्त दाताओं में से केवल 2% रक्तदाताओं के पास है। इसकी तुलना में, 36% दाताओं का ब्लड ओ पॉजिटिव है जो कि सबसे सामान्य प्रकार है।

बी नेगेटिव वाले लोग कैसे होते हैं?

जिन लोगों का ब्लड ग्रुप बी नेगेटिव होता है उन्हें स्वार्थी माना जाता है. कहा जाता है इस ब्लड ग्रुप के लोग खुद के बारे में ज्यादा सोचते हैं. ऐसे लोग किसी की मदद करने में विश्वास नहीं करते और इनका नजरिया भी नकारात्मक ही होता है. इस ग्रुप वाले लोगों को बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव वालों का ही रक्त चढ़ाया जा सकता है.

बी नेगेटिव को कौन खून दे सकता है?

A- ब्लड ग्रुप वाला डोनर A+, AB+, A- और AB- ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना रक्त दे सकता है। B+ ब्लड ग्रुप वाला व्यक्ति B+ और AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को अपना रक्तदान कर सकता है। B- ब्लड ग्रुप वाला डोनर B-, B+, AB- और AB+ ब्लड ग्रुप वाले लोगों को डोनेट कर सकता है

बी नेगेटिव ब्लड ग्रुप वालों को क्या खाना चाहिए?

इस ब्लड ग्रुप वाले लोगों के लिए 'A' और 'B' दोनों ब्लड ग्रुप वाले लोगों की डायट फायदेमंद होती है। इनका डायजेस्टिव सिस्टम स्लो और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। इस ब्लड ग्रुप के लोग अपनी डायट में सी फूड, डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, साग सब्जी, टोफू और मांस शामिल कर सकते हैं।