Show
एलर्जी की होम्योपैथिक दवा और इलाज - Homeopathic medicine and treatment for Allergy in Hindiशेयर करें February 24, 2021 कई बार आवाज़ आने में कुछ क्षण का विलम्ब हो सकता है! एलर्जी त्वचा की प्रतिक्रिया होती है। एलर्जी उत्पन्न करने वाले पदार्थ को एलर्जन यानी एलर्जी पैदा करने वाले कारक कहते हैं। यह आमतौर पर किसी विशेष भोजन, कपड़े या ड्रग्स की वजह से होती है। जब कोई व्यक्ति पहली बार एलर्जन के संपर्क में आता है तो उसके शरीर में आईजीई (इम्युनोग्लोबुलिन ई) एंटीबॉडी का उत्पादन होता है। ये एंटीबॉडी रक्तप्रवाह में एलर्जन का पता लगाते हैं और इन्हें खत्म करने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं की ओर ले जाते हैं। इस प्रक्रिया में, हिस्टामाइन नामक एक रसायन जारी होता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के ऊतकों में सूजन (जलन), खुजली, शरीर में तरल पदार्थ का स्राव बढ़ जाना और वायुमार्ग (ब्रोन्कोस्पाज्म) में संकुचन की समस्या होती है। अधिकांश लोगों को एक ही बार में एक से अधिक पदार्थों से एलर्जी हो सकती है। सामान्य एलर्जेंस में पराग शामिल है जो 'हे फीवर' या मौसमी एलर्जिक राइनाइटिस, धूल, पालतू जानवरों की रूसी, भोजन, कीट के काटने और दवाओं का कारण बनता है। एलर्जी के कारणों में आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यदि किसी माता या पिता में एलर्जी की समस्या है तो मुमकिन है कि उनके बच्चे में भी यह समस्या पारित हो जाए। हालांकि, ऐसा हमेशा नहीं होता है। एलर्जी के प्रकार के आधार पर व्यक्ति को खुजली, चकत्ते (पित्ती), सूजन, छींक, नाक बहना और सांस फूलने जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है। एलर्जी के निदान में स्किन और ब्लड टेस्ट मदद करते हैं। एलर्जिक रिएक्शन का एक गंभीर रूप एनाफिलेक्सिस है, जिसमें आंखों में तेज खुजली और गले में सूजन की समस्या होती है। इस स्थिति में निगलने में कठिनाई, सांस लेने से दिक्कत, पेट में दर्द, दस्त, उल्टी, पित्ती, भ्रम और चक्कर आना शामिल हैं। अगर आपातकालीन चिकित्सा देखभाल नहीं दी जाती है तो कई बार यह स्थिति घातक हो सकती है। होम्योपैथी में एक्यूट रेमेडी (तेज असर करने वाले उपाय) एलर्जी के लक्षणों से राहत दिलाती है, जबकि लंबे समय तक चलने वाले उपचार के तहत बाद में होने वाली परेशानियों की आवृत्ति और तीव्रता कम हो जाती है। होम्योपैथी उपाय रोगी में बीमारी के लक्षणों और मरीज की शारीरिक और मानसिक स्थिति की जांच के बाद निर्धारित किया जाता है। सामान्य उपचारों में एपिस, आर्सेनिकम एल्बम, अरुंडो , नैट्रियम म्यूरिएटिकम, नक्स वोमिका, पल्सेटिला, सबडिला, ट्यूबरक्यूलिनम और अर्टिका यूरेंस शामिल हैं। इन उपायों की खुराक मरीज की स्थिति के अनुसार तय की जाती है।
एलर्जी के लिए होम्योपैथिक दवाएं - Allergy ke liye homeopathic medicineएलर्जी से छुटकारा दिलाने में मदद करने वाले होम्योपैथिक उपचार निम्नलिखित हैं। एपिस
यह लक्षण गर्मी और छूने से बदतर हो जाते हैं जबकि खुली हवा में रहने और कोल्ड एप्लीकेशन (ठंडी सिकाई) से लक्षणों में सुधार होता है। आर्सेनिकम एल्बम
यह लक्षण आमतौर पर खुली हवा में, रात में और ठंडी हवा में खराब हो जाते हैं, लेकिन व्यक्ति घर के अंदर और ठंडी सिकाई से बेहतर महसूस करता है। अरुंडो मॉरिटेनिका
नैट्रियम म्यूरिएटिकम
यह लक्षण सुबह सुबह 10 से 11 बजे के बीच, गर्मी से और समुद्र के किनारे बदतर हो जाते हैं, लेकिन ठंडे पानी में नहाने के बाद लक्षणों से आराम मिलता है। नक्स वोमिका
यह लक्षण मानसिक थकान, छूने, मसालेदार भोजन करने और शुष्क मौसम में बिगड़ जाते हैं। आराम करने और नींद लेने के बाद इन लक्षणों से राहत मिलती है। पल्सेटिला
प्रेटेंसिस
पेस्ट्री, आइसक्रीम, फल, वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने के बाद पेट की शिकायतें हो सकती है। सबडिला
यह लक्षण ठंडे भोजन और पेय से बिगड़ जाते हैं, जबकि गर्म भोजन और पेय से बेहतर हो जाते हैं। ट्यूबरक्यूलिनम बोविनम
यह लक्षण लगातार बदलते रहते हैं। यह शरीर के एक हिस्से और फिर दूसरे हिस्से को प्रभावित करते हैं और अचानक आते-जाते हैं। होम्योपैथी के अनुसार एलर्जी के रोगी के लिए आहार और जीवनशैली में बदलाव - homeopathy ke anusar allergy patient ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlavहोम्योपैथिक दवाओं को बेहद घुलनशील रूप में दिया जाता है और यही वजह है कि कुछ आहार और जीवनशैली की आदतें इन दवाइयों के असर को प्रभावित कर सकती हैं। होम्योपैथी के संस्थापक डॉ. हैनिमैन ने उचित आहार और जीवनशैली के बारे में बताया है, जिसके जरिये इन दवाइयों से सर्वोत्तम लाभ उठाया जा सकता है। क्या करना चाहिए
क्या नहीं करना चाहिए होम्योपैथिक दवाओं की कार्रवाई के साथ निम्नलिखित चीजें प्रतिक्रिया कर सकती हैं और इसलिए इनसे बचना चाहिए :
एलर्जी के लिए होम्योपैथिक दवाएं और उपचार कितने प्रभावी हैं - homeopathy ke anusar allergy ke liye khanpan aur jeevan shaili me badlavक्रोनिक या बार-बार होने वाली एलर्जी से ग्रस्त मरीजों को अक्सर एंटीहिस्टामाइन और स्टेरॉयड के बार-बार उपयोग से निराशा हाथ लगती है क्योंकि इनके विभिन्न दुष्प्रभाव होते हैं और उनकी स्थिति का स्थायी समाधान नहीं होता है। होम्योपैथी इस तरह की स्थितियों के प्रबंधन के लिए सरल और सुरक्षित तरीका है और स्थिति का गहराई से उपचार करता है, जिससे बहुत सारे मामलों में दीर्घकालिक राहत मिलती है। होम्योपैथिक दवाएं लक्षणों को दबाने के बजाय शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करती है ताकि शरीर अपने आप चिकित्सकीय स्थितियों से लड़ सके। सही होम्योपैथिक दवा शरीर में आईजीई स्तर और हिस्टामिन प्रतिक्रिया को नियंत्रित करती है। इन दवाओं को एलर्जी को ठीक करने के लिए उचित उपाय के रूप में निर्धारित किया जा सकता है। वास्तव में, होम्योपैथिक उपचार न केवल बीमारी के लक्षणों को ठीक करती है, बल्कि यह समग्र स्वास्थ में भी सुधार करती है। एलर्जी के लिए होम्योपैथिक दवा के दुष्प्रभाव और जोखिम - Allergy ke liye homeopathic medicine ke nuksanहोम्योपैथिक दवाएं अत्यधिक गुणकारी हैं। इन्हें उपयोग में लाए जाने से पहले घुलनशील रूप दिया जाता है, इसलिए इन्हें सुरक्षित माना जाता हैं और इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। इसके अलावा, इन दवाओं को बेहद नियंत्रित तरीके से और छोटी खुराक में दिया जाता है, जिससे वे सभी आयु वर्ग के लिए सुरक्षित हो जाती हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि एक सही और वास्तविक होम्योपैथिक उपचार और इसकी खुराक के लिए किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से मदद लेनी चाहिए। एलर्जी के लिए होम्योपैथिक उपचार से संबंधित टिप्स - Allergy ke liye homeopathic treatment se jude tipsएलर्जी तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली किसी बाहरी पदार्थों के खिलाफ प्रतिक्रिया करती है। इन पदार्थों को एलर्जेन कहा जाता है। सामान्य एलर्जेंस में धूल, पराग, पालतू जानवरों की रूसी इत्यादि शामिल है। एलर्जी या तो आनुवंशिक या पर्यावरणीय कारकों के कारण हो सकती है। एक एलर्जी प्रतिक्रिया हल्के से लेकर मध्यम या गंभीर रूप ले सकती है। कई मामलों में यह जानलेवा भी हो सकती है। परंपरागत या प्रमाणिक रूप से, एलर्जी का उपचार इसके लक्षणों का प्रबंधन करके किया जाता है जबकि होम्योपैथी में इसे जड़ से खत्म किया जाता है ताकि भविष्य में यह दोबारा से प्रभावित न करे। होम्योपैथिक दवाएं एलर्जी के तेज एपिसोड पुनरावृत्ति को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। संदर्भ
सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ एलर्जी की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?नीम में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो एलर्जी के कारण त्वचा में हुई खुजली, रेडनेस और सूजन को कम करते हैं। इसमें प्राकृतिक एंटीहिस्टामाइन गुण भी होता हैं, जो स्किन एलर्जी के इलाज में असरदार माना जाता है। नीम के पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें और त्वचा पर लगा कर 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
एलर्जी की होम्योपैथिक दवा क्या है?इसमें मरीज को आर्सेनिक एलबम, एपिकॉप, लोबोलिया व स्टायर आदि दवाएं दी जाती हैं। सप्ताह में दो-तीन बार एस्थाइट को गर्म पानी में डालकर उसका भाप लेने या उसे पीने से रोग अवरोधक क्षमता बढ़ती है।
एलर्जी को जड़ से खत्म करने के लिए क्या करें?एलोवेरा को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है। कुछ लोग जूस के तौर पर भी इसका इस्तेमाल करते हैं। स्किन एलर्जी से छुटकारा पाने का भी यह सबसे बेहतरीन उपाय है। अगर आपको एलर्जी के कारण शरीर में खुजली और त्वचा के सूखने की समस्या हो रही है तो एलोवेरा के औषधीय गुणों से जल्दी ही जलन और खुजली से राहत मिलती है।
होम्योपैथिक दवा का असर कितने दिनों में होता है?यह ज्ञात है कि होम्योपैथी रोगी का इलाज करती है, रोग का नहीं। इस प्रकार, इन मामलों में होम्योपैथी के सिद्धांतों का पालन करते हुए, आंतरिक दवा के माध्यम से त्वचा के रोगों का इलाज किया गया था। और, परिणाम बेहद उत्साहवर्द्धक हैं।
|