एलआईसी बीमा कंपनी - elaeesee beema kampanee

कॉपीराइट और कॉपी; 2021 - सर्वाधिकार सुरक्षित - भारतीय जीवन बीमा निगम की आधिकारिक वेबसाइट।

इस वेबसाइट की सामग्री भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा प्रकाशित और प्रबंधित की जाती है।

कार्पोरेट कार्यालय: कार्पोरेट कार्यालय: भारतीय जीवन बीमा निगम, योगक्षेम बिल्डिंग, जीवन बीमा मार्ग, पोस्ट बॉक्स नंबर 19953, मुंबई - 400 021 भारतीय जीवन बीमा निगम २०१५ IRDAI - पंजीकरण संख्या : ५१२

भारतीय जीवन बीमा निगम, प्रशासनिक अधिकारी, कॉर्पोरेट संचार विभाग।

कॉपीराइट और कॉपी; 2021 - सर्वाधिकार सुरक्षित - भारतीय जीवन बीमा निगम की आधिकारिक वेबसाइट।

इस वेबसाइट की सामग्री भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा प्रकाशित और प्रबंधित की जाती है।

कार्पोरेट कार्यालय: कार्पोरेट कार्यालय: भारतीय जीवन बीमा निगम, योगक्षेम बिल्डिंग, जीवन बीमा मार्ग, पोस्ट बॉक्स नंबर 19953, मुंबई - 400 021 भारतीय जीवन बीमा निगम २०१५ IRDAI - पंजीकरण संख्या : ५१२

भारतीय जीवन बीमा निगम, प्रशासनिक अधिकारी, कॉर्पोरेट संचार विभाग।

स्टोरी हाइलाइट्स

  • LIC के शेयरों में लगातार 9वें दिन गिरावट
  • दूसरी इंश्योरेंस कंपनियों का और बुरा हाल

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर लिस्टिंग (Listing) के दिन से ही गिर रहे हैं. LIC के आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई को हुई थी. अब तक शेयर अपने इश्यू प्राइस (Issue Price) से करीब 30 फीसदी टूट चुका है. अब निवेशक घबराए हुए हैं. उनका एक ही सवाल है कि और ये कितना गिरेगा? हालांकि इस सवाल का जवाब फिलहाल कोई नहीं दे सकता है. लेकिन किसी को ये उम्मीद भी नहीं थी कि महज 25 दिन में LIC के शेयर 30 फीसदी तक गिर जाएंगे. 

दरअसल, LIC देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है, घर-घर में एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स मिल जाएंगे. इसलिए LIC के IPO में बड़े पैमाने पर LIC बीमाधारकों ने भी पैसे लगाए, उन्हें विश्वास था कि नुकसान नहीं होगा. क्योंकि कंपनी मुनाफे में है और इसका फायदा शेयरधारकों को मिलेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. 

इंश्योरेंस कंपनियों पर कैसे करें भरोसा?

सम्बंधित ख़बरें

अब निवेशक जानना चाहते हैं कि LIC के शेयर कहां जाकर रुकेगा? अगर आपने ये सोचकर निवेश किया है कि यह एक सरकारी इंश्योरेंस कंपनी (Government Inssurance Company) है, इसमें ज्यादा गिरावट नहीं आएगी तो आप दूसरी सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के हाल को देख सकते हैं. 

आप जब General Insurance Corporation (GIC) और New India Assurance Company के शेयर पर नजर डालेंगे, तो तस्वीर साफ हो जाएगी. ये दोनों भी सरकारी इंश्योरेंस कंपनी है. लेकिन इनके IPO की लिस्टिंग से लेकर अब तक के भाव को देखेंगे, तो सोचने के लिए मजबूर हो जाएंगे कि निवेशकों को किस तरह का चूना लगा है. 

General Insurance Corporation (GIC): GIC का आईपीओ अक्टूबर-2017 में आया था. उस समय IPO का प्राइस बैंड (Price Band) 855-912 रुपये के बीच तय किया गया था. अभी यानी 13 जून को 114.80 रुपये पर शेयर कारोबार कर रहा है. आप नुकसान का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 912 रुपये वाला शेयर गिरकर 114.80 रुपये पर पहुंच गया है. 

New India Assurance Company: GIC के आईपीओ लॉन्च होने ठीक अगले महीने यानी नवंबर-2017 में New India Assurance Company का आईपीओ आया था. जिसका प्राइस बैंड 770 रुपये से 800 रुपये के बीच तय किया गया था. आईपीओ को ही बेहद ठंडा रिस्पॉन्स मिला था. अब 5 साल में शेयर गिरकर 91 रुपये पर पहुंच गया है. यानी अपने इश्यू प्राइस 800 रुपये से गिरकर 91 रुपये पर शेयर आ गया है. नुकसान का आंकलन खुद कर लीजिए, किस कदर सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों का कहर निवेशकों पर बरपा है.

LIC निवेशक घबराए हुए

इन दोनों सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों ने 5 साल में निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है. कंपनी के आईपीओ में पैसे लगाने वाले निवेशक करीब 90% अपनी पूंजी गवां चुके हैं. गौरतलब है कि LIC के IPO का प्राइस बैंड 902 रुपये से 949 रुपये बीच था, और 25 दिन में शेयर गिरकर 678 रुपये पर पहुंच गया है. ऐसे में LIC के शेयरों को लेकर अनुमान लगाना फिलहाल काफी मुश्किल है. 

ये भी पढ़ें:

  • Amazon को बड़ा झटका, फ्यूचर ग्रुप केस में लगा 200 करोड़ का जुर्माना, 45 दिन का अल्टीमेटम
  • Share Market Crash: अमेरिका ने हिला दिया भारतीय बाजार, ये पांच शेयर सबसे ज्यादा गिरे

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी)

भारतीय जीवन बीमा निगम को बीमा अधिनियम, 1956 नामक संसद के अधिनियम द्वारा 243 कंपनियों के विलय से 1 सितम्ब र, 1956 को निगमित किया गया था। एलआईसी बीमा अधिनियम, 1938, एलआईसी अधिनियम, 1956, एलआईसी विनियमन, 1956, और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 द्वारा शासि‍त होती है। 31 मार्च, 2016 की स्थिति के अनुसार, भारत में एलआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय, 113 डिवीजनल कार्यालय, 2048 शाखा कार्यालय, 73 ग्राहक क्षेत्र, 1401 सैटेलाइट कार्यालय और 1240 छोटे कार्यालय हैं।

निगम के फिजी में, मॉरीशस में और यूनाइटेड किंगडम में शाखा कार्यालय हैं। यह विदेशी बीमा बाजार जैसे मनामा (बहरीन में पंजीकृत) जीवन बीमा निगम (अंतर्राष्ट्री य) बी.एस.सी.(सी), नैरोबी में पंजीकृत केनइंडिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड; काठमाण्डूम में पंजीकृत लाइफ इंश्योररेंस कार्पोरेशन (लंका) और रियाद में पंजीकृत सऊदी इंडियन कंपनी फॉर कारपोरेटिव इंश्योनरेंस (एसआईसीसीआई) में संयुक्तक उद्यम (जेवी) कंपनियों द्वारा भी परिचालित की जाती हैं। एलआईसी ने भारतीय जीवन बीमा निगम, स्ट्रैंटेजिक इक्विटी मैंनेजमेंट लिमिटेड और म्यूीचुअल ट्रस्टर बैंक लिमिटेड के मध्य दिनांक 14.12.2015 को बांग्ला देश लिमिटेड की संयुक्त‍ उद्यम कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भी बनाया है। पूर्ण स्वांमित्वे वाली सहायक जीवन बीमा निगम (सिंगापुर) प्राइवेट लिमिटेड की स्थाहपना दिनांक 30.04.2012 को की गई है। उपर्युक्तय में से दो संयुक्तल उद्यम (जेवी), केनइंडिया एश्यो।रेंस कंपनी लिमिटेड, नैरोबी, केन्याउ और सऊदी इंडियन कंपनी फॉर को-ऑपरेटिव इंश्यो2रेंस (एसआईसीसीआई), रियाद, किंगडम ऑफ सऊदी अरब संयुक्तन कंपनी हैं जो जीवन और गैर-जीवन व्यइवसाय का संचालन करती हैं; और दो जेवी, एलआईसी (नेपाल) लिमिटेड और एसआईसीसीआई उनके संबंधित स्टॉाक एक्स चेंज पर सूचीबद्ध हैं।

भारतीय साधारण बीमा निगम

साधारण बीमा उद्योग 1972 में राष्ट्री यकृत किया गया था और 107 बीमाकर्ता चार कंपनियों – नेशनल इंश्यो रेंस कंपनी लिमिटेड, दि-न्यू इंडिया एश्यो रेंस कंपनी लिमिटेड, दि ओरियंटल इंश्योेरेंस कंपनी लिमिटेड, और यूनाइटेड इंडिया इंश्योेरेंस कंपनी लिमिटेड में समूहीकृत और एकीकृत किए गए थे। जीआईसी वर्ष 1972 में निगमित की गई थी और अन्ये चार कंपनी इसकी सहायक कंपनियां बनायी गयी थीं। नवंबर 2000 में जीआईसी को भारतीय पुनर्बीमाकर्ता के रूप में अधिसूचित किया गया था और इसकी सहायक कंपनियों पर इसकी पर्यवेक्षी के रूप में भूमिका का अंत कर दिया गया था। 21 मार्च 2003 से, जीआईसी की इसके सहायक कम्पानियों पर होल्डिंग की भूमिका को भी समाप्त कर दिया गया था और इसका स्वारमित्व भारत सरकार को स्थामनांतरित कर दिया गया था। निगम का प्रधान कार्यालय मुम्ब्ई में है और 3 संपर्क कार्यालय भारत में (दिल्लीन, कोलकाता और चैन्न ई) हैं, 3 शाखाएं विदेश में (लंदन, दुबई और कुआलालमपुर) हैं और 1 प्रतिनिधि कार्यालय मास्कोत में है। इसकी दो विदेशी सहायक कम्प(नियां (जीआईसी रे साउथ अफ्रीका और जीआईसी रे इंडिया कारपोरेट मेम्ब र लिमिटेड यू.के. में) भी हैं। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, निगम के कर्मचारियों की संख्यास 558 है। प्राधिकृत पूंजी 1000 करोड़ रूपये है जबकि कंपनी की पेड-अप इक्विटी पूंजी 430 करोड़ रूपये है।

न्यूप इंडिया एश्यो0रेंस कंपनी लिमिटेड

यह कंपनी सर दोराब जी द्वारा 23 जुलाई, 1919 में स्था पित की गई थी और 1973 में भारतीय कंपनियों के विलय से राष्ट्री यकृत की गयी थी। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, कंपनी के 2329 कार्यालय हैं और 18783 कर्मचारी हैं। यह कंपनी 170 से अधिक उत्पाादों के साथ साधारण बीमा व्यायपार के लगभग सभी खंडों में ग्राहकों को बीमा सेवा उपलब्ध कराती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी क्रमश: 300 करोड़ रूपये है और 200 करोड़ रूपये है।

यूनाइटेड इंडिया इंश्योवरेंस कंपनी लिमिटेड

यूनाइटेड इंडिया इंश्योयरेंस कंपनी लिमिटेड 1938 में निगमित की गई थी। भारत में साधारण बीमा व्यावसाय के राष्ट्री यकरण के साथ, 12 भारतीय बीमा कंपनियां, 4 कारपोरेटिव इंश्योहरेंस सोसाइटी और 5 विदेशी बीमाकर्ताओं के विदेशी परिचालन, भारतीय जीवन बीमा निगम के दक्षिणी क्षेत्र के साधारण बीमा परिचालन को छोड़कर ये सभी कंपनियां यूनाइटेड इंडिया इंश्योवरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ विलय कर दी गई थीं। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, कंपनी के 2080 कार्यालय और 16345 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्याभपार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं उपलब्धं कराती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी क्रमश: 200 करोड़ रूपये है और 150 करोड़ रूपये है।

दि ओरियंटल इंश्योतरेंस कंपनी लिमिटेड

दि ओरियंटल इंश्योपरेंस कंपनी लिमिटेड 1947 में निगमित की गई थी। 2003 में भारतीय साधारण बीमा निगम द्वारा रखे जाने वाले कंपनी के शेयर भारत सरकार को स्थाेनांतरित कर दिए गए थे। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, देश में कंपनी के 1924 कार्यालय और 13923 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्या पार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं उपलब्ध9 कराती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी 200 करोड़ रूपये है।

नेशनल इंश्योारेंस कंपनी लिमिटेड

यह कंपनी 1906 में निगमित की गई थी। राष्ट्री यकरण के बाद यह 21 विदेशी और 11 भारतीय कंपनियों के साथ नेशनल इंश्योिरेंस कंपनी लिमिटेड बनाने के लिए विलय कर दी गई थी। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, पूरे भारत में इस कंपनी के 1998 कार्यालय और 15079 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्याइपार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी क्रमश: 200 करोड़ रूपये है और 100 करोड़ रूपये है।

एग्रीकल्चूर इंश्योवरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड

'एग्रीकल्चकर इंश्यो।रेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एआईसी) को 20 दिसम्ब र, 2002 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत भारत में कृषि और इससे संबंधित गतिविधियां करने वाले उन व्यएक्तियों को बीमा की आवश्य5कता की पूर्ति करने के लिए निगमित किया गया था। भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी), नाबार्ड और चार सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों ने कंपनी की शेयर पूंजी में योगदान दिया है। कंपनी की 200 करोड़ रूपये की प्रारम्भिक पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी के साथ प्राधिकृत शेयर पूंजी 1500 करोड़ रूपये है।

कंपनी ने बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) से अनुमोदन प्राप्त होने पर 1 अप्रैल, 2003 से इसके व्यमवसाय परिचालन की शुरूआत कर दी थी। 31 मार्च, 2015 की स्थिति के अनुसार, पूरे देश में इसके कुल कर्मचारियों की संख्याक 274 है। इसका प्रधान कार्यालय नई दिल्ली में है, विभिन्ने राज्योंर की राजधानियों मे 17 क्षेत्रीय कार्यालय और जिला स्त।र पर 3 एक कर्मचारी कार्यालय हैं।

LIC में कितना जमा करने पर कितना मिलेगा?

जीवन लाभ का मैच्योरिटी लाभ अब हम जीवन लाभ पॉलिसी के मैच्योरिटी लाभ के बारे में जानते हैं. पॉलिसी की मैच्योरिटी पर उमंग को सम एस्योर्ड का 2,00,000 रुपये, वेस्टेड सिंपल रिविजनरी बोनस का 2,35,000 रुपये और फाइनल एडिश्नल बोनस का 90,000 रुपये मिलेंगे.

अपनी LIC कैसे चेक करें?

यदि आप अपनी पॉलिसी का स्टेटस चेक करना चाहते है, तो इसके लिए आपको अपनें मोबाइल से 56677 पर एसएमएस करना होगा।

एलआईसी का सबसे अच्छा प्लान कौन सा है 2022?

भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक नया इंश्योरेंस प्लान (Insurance Plan) लॉन्च किया है, जिसका नाम बीमा रत्न रखा गया है. यह इंश्योरेंस प्लान 27 मई 2022 से प्रभावी हो गया है. यह एक नॉन-लिंक्ड इंडीविजुअल सेविंग्स (Savings) लाइफ इंश्योरेंस प्लान है, जिसमें सुरक्षा और बचत दोनों का फायदा मिलता है.

एलआईसी का सबसे सस्ता प्लान कौन सा है?

LIC jeevan lakshya policy : एलआईसी के सबसे सस्ते प्लान में अच्छे रिटर्न की बात करें तो जीवन लक्ष्य पॉलिसी सबसे बेस्ट है। jeevan lakshya policy के तहत आपको प्रति दिन के हिसाब से महज 172 रुपये का भुगतान करना होगा और मैच्योरिटी पर आप साढ़े 28 लाख रुपये का रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।