एक ड्रोन कितना वजन उठा सकता है? - ek dron kitana vajan utha sakata hai?

ड्रोन बनाने में उपयोग की जाने वाली ब्रुश्लेस मोटर अपने साथ कितना वजन खीच के उड़ा ले जा सकती है इसकी testing इस video में है

  • 1400kv ब्रुश्लेस मोटर
  • 30amp इलेक्ट्रॉनिक स्पीड कंट्रोलर
  • 11.2 volt लिपो बैटरी
  • 6×4.5 propeller
  • 7×3.8 propeller
  • 10×4.5 propeller

इस टेस्टिंग के लिए सबसे पहले मैंने 3D प्रिंटर का उपयोग करके दो ब्लॉक बनाए जिनकी सहायता से ब्रशलैस मोटर और वजन तोलने वाला स्केल असेंबल हो सके और जब ब्रशलैस मोटर में प्रोपेलर लगाकर चलाया जाए तो वह मोटर कितना वजन खींच सकती है इसका पता वजन तोलने वाले स्केल से चल जाए

वीडियो को पूरा देखें और तीनों पंखुड़ियों से मापा गया वजन नोट कर ले यह आपके dual copter,single copter  बनाने में हेल्प कर सके

भारतीय नौसेना में इंसानों को लेकर उड़ने वाला ड्रोन शामिल होने जा रहा है। इस ड्रोन का नाम वरुण रखा गया है। ये 100 किलोग्राम के वजन के साथ उड़ान भर सकता है। 25 से 30 किमी. का सफर 30 मिनट में पूरा कर लेगा।

भारतीय नौसेना ने अपने बयान में बताया कि इस ड्रोन को पुणे में स्थित भारतीय स्टार्टअप सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है। इसे जल्द ही नौसेना में शामिल किया जाएगा।

एक ड्रोन कितना वजन उठा सकता है? - ek dron kitana vajan utha sakata hai?

ये 100 किलोग्राम के वजन के साथ उड़ान भर सकता है और 25 से 30 किमी. का सफर 30 मिनट में पूरा कर लेगा।

तकनीकी खराबी में पैराशूट के जरिए सुरक्षित लैंडिंग
कंपनी के फाउंडर निकुंज पाराशर ने बताया कि ड्रोन हवा में तकनीकी खराबी के बाद भी सुरक्षित लैंडिंग करने में सक्षम है। इसमें एक पैराशूट भी है, जो इमरजेंसी या खराबी के दौरान अपने आप खुल जाएगा और ड्रोन सुरक्षित लैंड हो जाएगा। इसके साथ ही वरुण का इस्तेमाल एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए किया जा सकता है।

एक ड्रोन कितना वजन उठा सकता है? - ek dron kitana vajan utha sakata hai?

वरुण का इस्तेमाल एयर एंबुलेंस और दूर के इलाकों में सामान के ट्रांसपोर्ट के लिए भी किया जा सकता है।

जुलाई में किया गया था ड्रोन का परीक्षण
ड्रोन का प्रदर्शन जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किया गया था, यहां उनके साथ केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट पर इसका वीडियो भी शेयर किया गया था।

निगरानी और सुरक्षा होगी मजबूत
रिपोर्ट के अनुसार, इससे देश की निगरानी और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकता है। इसके अलावा इसका उपयोग राहत और मेडिकल इमरजेंसी में भी किया जा सकता है।

एक ड्रोन कितना वजन उठा सकता है? - ek dron kitana vajan utha sakata hai?

इससे देश की निगरानी और सुरक्षा को मजबूत किया जा सकेगा।

ड्रोन का उपयोग किन-किन क्षेत्रों में होता है?
देश में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए बनी नॉन प्रोफिटेबल ऑर्गेनाइजेर​​​​​​शन ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर स्मित शाह के अनुसार ड्रोन के मुख्यत: तीन उपयोग होते हैं, सर्वे, निरीक्षण और डिलीवरी।

एरियल सर्वेक्षण के अलावा, पाइपलाइन, विंडमिल इत्यादि के निरीक्षण, डिफेंस के लिए और दूर दराज के इलाकों में दवाएं और जरूरी सामग्री पहुंचाने में ड्रोन काम आते हैं। इसके अलावा एरियल फोटोग्राफी, सिनेमेटोग्राफी में भी काम आते हैं। यही नहीं एयर टैक्सी के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल संभव है।

ड्रोन बनाने वाले गावं फूलां के अश्वनी सिहाग ने बताया है कि यह ड्रोन तैयार किया है जो 30 से 40 किलो वजन उठाकर 30 किलोमीटर दूर तक जा सकता है। उन्होंने दावा करते हुए बताया है कि अब तक दुबई में 90 किलो वजन उठाने की क्षमता यूएसए में 80 किलो वजन उठाने की क्षमता के साथ उड़ने वाला ड्रोन बना है। वह भी ऐसा ही ड्रोन तैयार करना चाहते थे। जो दुर्गम क्षेत्र सेना के लिए मददगार हो सके, आपातकालीन समय में कुछ भारी सामान मुश्किल जगह तक तुरंत पहुंचा सके। इसी लक्ष्य के चलते उन्होंने हवाई ड्रोन तैयार कर दिया।

अश्वनीसिहाग है सॉफ्टवेयर इंजीनियर

अश्वनीसिहाग ने सैनिक स्कूल कुंजपुरा से पढ़ाई करने वाले साॅफ्टवेयर इंजीनियर है। अश्वनी सिहाग काफी समय से ऐसा ड्रोन तैयार करना चाह रहे थे। उन्होंने हवाई ड्रोन बनाने का निर्णय इसलिए लिया कि क्योंकि अश्वनी सिहाग के पिता भरत सिंह सिहाग एयरफोर्स में आईटी डिपार्टमेंट में नौकरी कर चुके हैं और इसलिए सेना की इन जरूरत को समझते हुए उन्होंने ऐसा ड्रोन तैयार करने की ठानी।

5 लाख की कीमत से तैयार किया गया ड्रोन

ड्रोनबनाने वाले अश्वनी सिहाग ने बताया है कि वह काफी समय से करीब 40 किलो वाला ड्रोन बनाने में लगे हुए है। यू-ट्यूब के जरिए पहले जानकारी हासिल की। फिर उसने ड्रोन बनाने के लिए मेहनत करना शुरू कर दी। इस ड्रोन बनाने में 5 लाख रुपए का खर्चा किया गया है। ड्रोन में लगा फ्रेम उन्होंने भारत में ही तैयार किया जबकि बाकी कलपुर्जे इंग्लैंड, अमेरिका, चाइना जैसे अन्य कुछ देशों से मंगवाए हैं। ड्रोन की उड़ने की ऊंचाई की क्षमता करीब 2 किलोमीटर की है जबकि चलने की गति 60 किलोमीटर प्रति घंटा की है जो 30 किलोमीटर का सफर एक बार में तय कर सकता है। रविवार को ड्रोन को परीक्षण भी किया गया।

उपलब्धि

फतेहाबाद। अपने द्वारा बनाए गए ड्रोन को डेमो दिखाते गांव फूलां निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्वनी सिहाग।

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ड्रोन कितना वजन लेकर उड़ सकता है?

अमेरिका ने 2016 में तैयार कर लिया था पहला ड्रोन एक छोटा पर्सनल हेलिकॉप्टर है, जो केवल सिंगल पैसेंजर को ले जाने में सक्षम है। ये 100 किलो तक का वजन लेकर जा सकता है।

ड्रोन कितनी ऊंचाई तक उड़ सकता है?

स्मार्ट फीचर से लैस ये ड्रोन कैमरे 50 मीटर की ऊंचाई तक उड़ कर सकते हैं

ड्रोन की स्पीड क्या होती है?

यह अधिकतम 222 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकता है. शाहपर-2 ड्रोन की क्रूज स्पीड यानी सामान्य उड़ान के समय गति 158 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है. सर्विलांस के समय यह लगातार 14 घंटे और हमला करते समय यह लगातार सात घंटे उड़ान भरने में सक्षम है. शाहपर-2 ड्रोन अधिकतम 20 हजार फीट की ऊंचाई तक कजा सकता है.

एक अच्छे ड्रोन की कीमत कितनी है?

(1) DJI Tello Nano Drone Camera DJI Drones की प्राइस 10 हजार से 3 लाख तक की होती है।