एड्स के मरीज कैसे होते हैं? - eds ke mareej kaise hote hain?

दुनिया भर में लोगों को एड्स के बारे में कई गलत धारणाएं हैं। ये भ्रांतियां केवल अनपढ़ जनता तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि दुनिया भर के शिक्षित और साक्षर लोग भी एड्स के बारे में विभिन्न मिथकों में विश्वास करते हैं। इसके परिणामस्वरूप एड्स से पीड़ित लोगों के साथ अनुचित भेदभाव हुआ है।

2018 तक, दुनिया भर में 37.9 मिलियन लोग एचआईवी से ग्रसित थे।  हालांकि एड्स का इलाज अभी तक नहीं खोजा जा सका है, लेकिन स्वास्थ्य सेवा में बढ़ती प्रगति के साथ, अब दुनिया भर में यह संभव है कि अच्छी चिकित्सा के साथ मरीज लंबे समय तक और स्वस्थ जीवन जी सकता है।

तो, आइए हम इसके बारे में कुछ सामान्य गलतफहमियों को दूर करते हैं और जानते हैं कि यह कैसे संभव हो सकता है और सबसे महत्वपूर्ण बात कि कैसे इसे प्रसारित होने से रोका जा सकता है, ताकि बहुत सारी समस्याओं से बचा जा सके।

  • एड्स और एचआईवी एक ही हैं

हालांकि दोनों को एक दूसरे से जोड़ा जा सकता है, लेकिन दोनों निश्चित रूप से अलग हैं। जब को रोगी एचआईवी के जी रहा है के रूप में कहा जाता है, तो इसका मतलब है कि उनके शरीर में एचआईवी (मानव प्रतिरक्षा विकार) है। जबकि एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिसिएंसी सिंड्रोम) एचआईवी संक्रमण का उन्नत चरण है। यहां शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर या विफल हो जाती है।

  • कीड़ों के काटने से एचआईवी का संक्रमण हो सकता है

जब कोई कीड़ा काटता है, विशेष रूप से कोई मच्छर, तो यह आपके खून को चूसता है ना कि आपके शरीर में आपके पहले काटे हुए व्यक्ति से चूसे गए खून को इंजेक्ट करता है। इस तरह, कीड़ों के काटने से एचआईवी फैलने का लगभग कोई खतरा नहीं रहता है।

  • भोजन, कटलरी और कपड़े एक-दूसरे से लेने-देने से एड्स फैलता है

एचआईवी एक वायरस है और इसे छूने से संक्रमण नहीं हो सकता। इसलिए, यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं, तो संक्रमित होने की कोई संभावना नहीं है। यही बात पानी और हवा पर लागू होती है, क्योंकि वायरस उनके माध्यम से फैल नहीं सकता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति की मौजूदगी में हवा में सांस लेने या पानी में तैरने से वायरस नहीं फैल सकता है। एक ही वॉशरूम, टॉयलेट, कटलरी और यहां तक कि खांसने, छींकने या थूकने के इस्तेमाल से भी वायरस नहीं फैलता है।

  • चुंबन करना और शारीरिक संपर्क बनाना सुरक्षित नहीं है

चुंबन के माध्यम से एचआईवी फैलने का एकमात्र संभावित तरीका अगर है अगर दोनों लोगों में से किसी के मसूड़ों से खून बह रहा हो और दोनों के बीच खून का अदान-प्रदान हो। नहीं तो एचआईवी पसीने, मूत्र या मल से भी नहीं फैलता है।

  • ओरल सेक्स, हस्तमैथुन असुरक्षित है

मौखिक सेक्स के माध्यम से एचआईवी के प्रसार की संभावना उतना ही कम है कितना चुंबन से होता है लेकिन अपवादों के साथ। चूंकि वायरस शरीर के बाहर जीवित नहीं रह सकता, इसलिए हस्तमैथुन भी सुरक्षित है। यौन उपकरणों का उपयोग करने के मामले में, हर समय सुरक्षा का उपयोग करना सुनिश्चित करें। ऐसे उपकरणों को साझा करने से बीमारी फैल सकती है।

  • संक्रमित व्यक्ति के साथ सेक्स नहीं करें

कंडोम एचआईवी और अन्य एसटीडी (यौन संचारित रोगों) को रोकने में प्रभावी होते है। यदि उचित तरीके से सुरक्षा ली जाती है, तो एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ भी सेक्स किया जा सकता है। यदि व्यक्ति का इलाज चल रहा है और उसके पास अनिर्दिष्ट वायरल लोड है, तो संचरण की संभावना कम या नगण्य होती है।

  • यह केवल एलजीबीटीक्यू समुदाय के बीच की एक बीमारी है

हालांकि यह सच है कि एलजीबीटीक्यू समुदाय के रोगियों की संख्या अधिक है, लेकिन इससे ये नहीं कहा जा सकता कि यह सिर्फ उनके बीच की ही बीमारी है तथा इसे केवल गलत धारणा के रूप में कहा जा सकता है। कोई भी एचआईवी से संक्रमित हो सकता है अगर वे कईयों के साथ असुरक्षित यौन संबंध रखते हैं या ड्रग्स इंजेक्ट करते समय सुइयों को साझा करते हैं।

  • यदि दोनों भागीदारों को एचआईवी हो, तो सुरक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है

सुरक्षा हमेशा आवश्यक है क्योंकि एड्स एक घातक बीमारी है। यद्यपि थेरेपी एचआईवी के वायरल लोड को कम करेगी, यह हमेशा शरीर में मौजूद होती है और इसे आसानी से दूसरों को प्रेषित किया जा सकता है। बहुप्रतीक्षित एंटी-रेट्रो वायरल ड्रग्स भी इसे दूसरों को पारित करने से रोक नहीं सकते हैं। इसलिए, हमेशा सुरक्षा का उपयोग करें। प्रतिरोधी वायरस संचरित हो सकता है जिससे उपचार विफलता हो सकती है।

  • संक्रमित मां शिशु को हमेशा एचआईवी से संक्रमित करती है

स्वास्थ्य सेवा में हालिया प्रगति के साथ, मां से भ्रूण तक एचआईवी के संचरण को सफलतापूर्वक रोका जा सकता है। अध्ययनों के अनुसार, यदि एचआईवी से ग्रसित मां वायरस को दबाने वाली दवाओं को लेती है, तो वायरस को प्रसारित करने की संभावना 100 मामलों में 1 को या उससे भी कम को हो सकता है। इसलिए, यह कहना सही नहीं है कि संक्रमित मां हमेशा शिशु को एचआईवी से संक्रमित करेगी।

  • एड्स होने का मतलब है मौत

पहले, उचित निदान और उपचार की कमी के कारण एड्स को एक जानलेवा बीमारी माना जाता था। स्वास्थ्य सेवा में प्रगति और एआरटीएस दवा की शुरूआत के साथ, देखभाल, सहायता और जीवन प्रत्याशा बेहतर हो रही है। आज, संक्रमित व्यक्ति की भी गैर-संक्रमित लोगों की तरह सामान्य जीवन जी सकता है।

डॉ. कार्तिक, सलाहकार – आंतरिक चिकित्सा, नारायणा मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, एचएसआर बैंगलोर

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यौन रोग एड्स के लक्षण और इलाज क्या हैं?

Authored by karan | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Jun 22, 2021, 5:25 PM

जानलेवा यौन रोग एड्स क्या है, कैसे होता है, इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या है, जानिए डॉक्टर से।

एड्स के मरीज कैसे होते हैं? - eds ke mareej kaise hote hain?
सांकेतिक तस्वीर

डॉ. अशोक गुप्ता,
सेक्स एक्सपर्ट, चांदनी चौक, नई दिल्ली।

सवाल: मैं 25 वर्षीय एक नौकरीपेशा युवक हूं। मैंने यौन रोग एड्स (AIDS) के बारे में काफी सुना है। मैं जानना चाहता हूं कि एड्स रोग क्या होता है और इसके लक्षण कैसे पता चलते हैं? इससे बचाव के क्या तरीके हैं?

जवाब : एड्स (AIDS) का पूरा नाम एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एक संक्रामक यौन रोग है। जिस वायरस से यह पैदा होता है, उसे ह्यूमन इम्यून डेफिशिएंसी वायरस अर्थात संक्षिप्त रूप में एच.आई.वी. कहते हैं।

एड्स फैलता है
एड्स के वायरस एच.आई.वी. किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से संभोग के दौरान वीर्य से, चुम्बन के दौरान लार से, रोगग्रस्त व्यक्ति के खून से और ब्लड चढ़ाने के दौरान या नशे के लिए शिराओं में प्रयुक्त एक ही सिरिंज की निडिल की प्रयोग से पहुंच जाते हैं।

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एड्स के लक्षण
एड्स के शुरुआती दौर में यह पहचान पाना कठिन होता है कि एच.आई.वी. शरीर में प्रवेश कर चुके हैं या नहीं, क्योंकि इसके लक्षण 5 से 10 वर्ष के बाद भी उभर सकते हैं। हालांकि डॉक्टरों की राय में मुंह में सफेद चकत्तेदार धब्बे उभरना, शरीर से अधिक पसीना निकलना; बार-बार थकान की शिकायत होना; अचानक वजन कम होने लगना; तेज बुखार रहना; बार-बार दस्त लगना; लगातार खांसी आना; गले, जांघों और बगलों की लसिका ग्रंथियों की सूजन से गांठें पड़ना; सारे शरीर में खुजली और जलन होना, निमोनिया, टीबी, स्किन कैंसर जैसी तकलीफें होने लगे, तो एड्स का टेस्ट करवाने में देर नहीं करनी चाहिए।

एड्स शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम कर देता है
एड्स स्त्री-पुरुष दोनों को होता है। हमारे शरीर में होने वाले जीवाणुओं के संक्रमण से लड़ने के लिए व्हाइट ब्लड सेल्स होते हैं, जिससे शरीर हानिकारक जीवाणुओं के प्रभाव से सुरक्षित रहता है। शरीर की जीवाणुओं से लड़ने की अपनी इस स्वाभाविक शक्ति को इम्यूनिटी सिस्टम कहा जाता है। एड्स के वायरस इन व्हाइट ब्लड सेल्स को भी क्रियाहीन करके हमारी रोग प्रतिरोधक शक्ति को कम कर देते हैं, जिससे वायरस से लड़ने की हमारे शरीर की शक्ति खत्म हो जाती है और रोग शरीर में अपना अधिकार जमा लेता है। यही कारण है कि इसे इम्यून डेफिशिएंसी यानी रोग प्रतिरोधक शक्ति का कम होना कहते हैं।

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एड्स से बचाव ही सबसे बेहतरीन इलाज
एड्स एक जानलेवा बीमारी है। दुनिया भर के डॉक्टर और चिकित्सा वैज्ञानिक इसके कारगर इलाज की तलाश में लगातार रिसर्च किए जा रहे हैं। एड्स को कोई समुचित इलाज उपलब्ध नहीं है। इसलिए इस रोग से दूर रहने के लिए बचाव करना ही सबसे बेहतरीन इलाज है।

  • एड्स से पीड़ित व्यक्ति को संभोग से दूर रहना चाहिए।
  • असुरक्षित सेक्स संबंध, समलैंगिक सेक्स संबंध और वेश्याओं से सेक्स करने से बचें। पत्नी को छोड़कर पर-स्त्रीगमन की आदत से परहेज करें।
  • संभोग के बाद मूत्र त्याग करके अपने गुप्तांगों को साफ पानी से अच्छी तरह धोएं।
  • होठों पर घाव, खून का रिसाव हो तो चुम्बन से बचें। क्योंकि इस बीमारी के वायरस लार के माध्यम से आपके खून में पहुंचकर आपको इस रोग से पीड़ित कर सकते हैं।
  • सैलूनों में शेविंग करवाते समय नई ब्लेड का उपयोग करने को कहें। एंटीसेप्टिक लोशन का इस्तेमाल हर बार करें। अन्य व्यक्तियों के ब्लेड या रेजर का उपयोग न करें।
  • ब्लड को शरीर में लेने के पहले उसकी एच.आई.वी. मुक्त होने की जांच अवश्य करवा लें। अपने परिजनों, परिचितों और निकट संबंधियों का ब्लड ही उपयोग में लेने की कोशिश करें। प्रोफेशनल ब्लड डोनर के ब्लड को न खरीदें।
  • इंजेक्शन लगवाते समय डिस्पोजेबल सिरिंज और निडिल का ही प्रयोग करें।
  • एड्स से संक्रमित महिलाएं गर्भधारण न करें, क्योंकि यह रोग उनके शिशुओं में भी संक्रमित हो जाता है।
  • यदि किसी अविवाहित पुरुष या स्त्री एड्स से संक्रमित हो जाए तो उन्हें विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि एड्स उनके जीवनसाथी और बच्चों को संक्रमित करके उनका जीवन बर्बाद कर देगा।

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धन्यवाद

एड्स की शुरुआत कैसे होती है?

एड्स फैलता है एड्स के वायरस एच. आई. वी. किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से संभोग के दौरान वीर्य से, चुम्बन के दौरान लार से, रोगग्रस्त व्यक्ति के खून से और ब्लड चढ़ाने के दौरान या नशे के लिए शिराओं में प्रयुक्त एक ही सिरिंज की निडिल की प्रयोग से पहुंच जाते हैं।

एड्स होने के बाद क्या होता है?

एड्स प्रभावित लोगों में हुए कई संक्रमण, जो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं या जानलेवा हो सकते हैं, को शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नियंत्रित करती है। एड्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना दुष्प्रभावित कर देता है कि इस गंभीर बीमारी की रोकथाम या इसका उपचार करना आवश्यक हो जाता है।

एड्स होने से क्या होता है?

एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है, पर एड्स से पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं, के प्रति अपनी प्राकृतिक प्रतिरोधी शक्ति खो बैठता है क्योंकि एच. आई. वी (वह वायरस जिससे कि एड्स होता है) रक्त में उपस्थित प्रतिरोधी पदार्थ लसीका-कोशो पर आक्रमण करता है।

एड्स होने में कितना समय लगता है?

एचआईवी वायरस से एड्स होने में कितना समय लगता है ? किसी इंसान में एक बार एचआईवी वायरस आ जाए तो वह धीरे-धीरे उसे एड्स की ओर ले जाता है। भारत में एचआईवी पॉजटिव इंसान 8 से 10 वर्षों में एड्स से ग्रसित हो जाता है।